ශ්‍රී ඉන්ද්‍රාක්‍ෂී ස්තෝත්‍රම්

|| ශ්‍රී ඉන්ද්‍රාක්‍ෂී ස්තෝත්‍රම් (Shri Indrakshi Stotram Sinhala PDF) || නාරද උවාච . ඉන්ද්‍රාක්‍ෂීස්තෝත්‍රමාඛ්‍යාහි නාරායණ ගුණාර්ණව . පාර්වත්‍යෛ ශිවසම්ප්‍රෝක්තං පරං කෞතූහලං හි මේ .. නාරායණ උවාච . ඉන්ද්‍රාක්‍ෂී ස්තෝත්‍ර මන්ත්‍රස්‍ය මාහාත්ම්‍යං කේන වෝච්‍යතේ . ඉන්ද්‍රේණාදෞ කෘතං ස්තෝත්‍රම් සර්වාපද්විනිවාරණම් .. තදේවාහං බ්‍රවීම්‍යද්‍ය පෘච්ඡතස්තව නාරද . අස්‍ය ශ්‍රී ඉන්ද්‍රාක්‍ෂීස්තෝත්‍රමහාමන්ත්‍රස්‍ය, ශචීපුරන්දර ඍෂිඃ, අනුෂ්ටුප්ඡන්දඃ, ඉන්ද්‍රාක්‍ෂී දුර්ගා දේවතා, ලක්‍ෂ්මීර්බීජං, භුවනේශ්වරී…

Indrakshi Shaktipeeth – जब श्रीलंका में प्रकट हुई इंद्राक्षी, जानिए छिपा हुआ रहस्य, क्यों माना जाता है इसे संकटहारी?

Mysterious Temples of India

श्रीलंका के जाफना में स्थित इंद्राक्षी शक्तिपीठ के रहस्य और महत्व को जानें। यह क्यों माना जाता है कि यहाँ माता सती के पायल गिरे थे और कैसे भगवान राम और रावण दोनों ने यहाँ पूजा कर विजय प्राप्त की थी। हिंदू धर्म में, 51 शक्तिपीठों (Shakti Peethas) का विशेष महत्व है। ये वे पवित्र…

श्री इन्द्राक्षी स्तोत्रम्

श्री इन्द्राक्षी स्तोत्रम् देवी शक्ति का एक अद्भुत और दुर्लभ स्तोत्र है, जिसकी उत्पत्ति श्रीलंका से मानी जाती है। यह स्तोत्र देवी आदिशक्ति के इन्द्राक्षी रूप की स्तुति करता है और साधक को दैवीय आशीर्वाद प्रदान करता है। श्री इन्द्राक्षी स्तोत्रम् एक अद्भुत और शक्तिशाली स्तोत्र है जिसे देवी इन्द्राक्षी की आराधना के लिए विशेष…

कांचीपुरम के कामाक्षी अम्मन मंदिर की अद्वितीय कहानी – जानें क्या है कामाक्षी देवी का रहस्य? क्यों है मंदिर इतना खास?

venkateshwar

तमिलनाडु का कांचीपुरम (Kanchipuram) शहर, जिसे “हजार मंदिरों का शहर” (City of a Thousand Temples) भी कहा जाता है, अपनी रेशम साड़ियों और प्राचीन मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ के हर मंदिर में एक अनूठी कहानी और आध्यात्मिक ऊर्जा (spiritual energy) छिपी हुई है। लेकिन इन सब में जो सबसे खास है, वह…

List of 16 Sanskaras in Hinduism – हिंदू धर्म के 16 संस्कार और उनका आध्यात्मिक महत्व

16 Sanskaras in Hinduism

हिंदू धर्म में मानव जीवन को पवित्र और सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 16 संस्कारों की व्यवस्था की गई है। ये संस्कार व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक की विभिन्न अवस्थाओं को पवित्र और धार्मिक रूप से संरचित करते हैं। इन संस्कारों का उद्देश्य जीवन को आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिक रूप से…

Reality of Rebirth or Punarjanma – क्या पुनर्जन्म का सिद्धांत सत्य है? हिंदू धर्म के प्रमाणिक तथ्य

Punarjanma

पुनर्जन्म का सिद्धांत हिंदू धर्म का एक प्रमुख आधारभूत विश्वास है। यह विचार केवल धार्मिक ग्रंथों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे दर्शन, विज्ञान और आध्यात्मिक अनुभवों से भी समर्थन मिलता है। इस लेख में हम पुनर्जन्म के सिद्धांत को विस्तार से समझेंगे और हिंदू धर्म के प्रमाणिक तथ्यों के आधार पर इसका विश्लेषण करेंगे।…

Kartik Month 2025 – कार्तिक मास में क्या करें, क्या न करें? कार्तिक माह क्यों है विशेष?

kartik mass

कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र महीना माना जाता है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान और व्रत किए जाते हैं। आइए जानते हैं कार्तिक मास 2025 में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, साथ ही इस महीने के महत्व और पौराणिक कथाओं के…

गोवर्धन महाराज आरती

Govardhan Pooja

गोवर्धन महाराज को गिरिराज के नाम से भी जाना जाता है। वे भगवान कृष्ण के सबसे प्रिय भक्तों में से एक हैं। गोवर्धन पर्वत को भगवान कृष्ण का ही स्वरूप माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को सात दिनों तक उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के…

श्री विश्वकर्मा आरती

श्री विश्वकर्मा’ सृष्टि के महान वास्तुकार, देवता और शिल्पकार हैं। हिंदू धर्म में उन्हें सभी यंत्रों, कलाओं और विज्ञान के जनक के रूप में पूजा जाता है। यह माना जाता है कि उन्होंने ब्रह्मा के कहने पर सृष्टि के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। देवताओं के लिए महलों, अस्त्रों और रथों का निर्माण करने…

पिठोरी अमावस्या व्रत 2025 – जानिए पोलाला अमावस्या व्रत का महत्व, नियम और पूजा विधान

Polala-Amavasya

साल 2025 में पिठोरी अमावस्या 22 अगस्त, शुक्रवार को पड़ रही है। भाद्रपद मास की इस अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन देवी दुर्गा की पूजा करने से संतान से जुड़ी सभी मनोकामनाएं…

अन्वाधान व्रत की कथा

|| अन्वाधान व्रत की कथा (Anvadhan Vrat Katha PDF) || प्राचीन समय की बात है। एक ब्राह्मण थे जो नित्य अग्निहोत्र, यज्ञ और देवताओं की पूजा करते थे। वे अत्यंत धर्मनिष्ठ, संयमी और सत्यवादी थे। उनकी पत्नी भी अत्यंत धार्मिक और पति के व्रतों में सहयोग करने वाली थी। एक दिन ब्राह्मण ने अन्वाधान व्रत…

प्रदक्षिणा का महत्व – मंदिरों में परिक्रमा क्यों होती है जरूरी? जानिए किस देवता की कितनी परिक्रमा है आवश्यक

mandir parikarma

हिंदू धर्म में पूजा-अर्चना के साथ-साथ परिक्रमा का भी विशेष महत्व है। इसे प्रदक्षिणा भी कहा जाता है। मंदिर या देव प्रतिमा के चारों ओर घूमकर पूजा-अर्चना करने की प्रक्रिया को परिक्रमा कहते हैं। परिक्रमा को आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करने और जीवन के चक्र को समझने का एक माध्यम माना गया है। भारतीय संस्कृति…

Akshaya Navami 2025 – क्यों कहलाती है अक्षय नवमी अमर फलदायिनी तिथि? क्यों की जाती है आंवले के वृक्ष की पूजा?

अक्टूबर 31, 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी अक्षय नवमी। (Akshaya Navami) यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आती है और इसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन को “आंवला नवमी” (Amla Navami) भी कहते हैं। यह तिथि इतनी खास है कि इसे अमरता, संपन्नता और सौभाग्य का प्रतीक माना…

2025 पितृ दोष से मुक्ति – जानिए लक्षण, कारण और कारगर उपाय

pitra dosh

ज्योतिष शास्त्र में, पितृ दोष को एक ऐसा दोष माना जाता है जो हमारे पूर्वजों (पितरों) के अधूरे कर्मों या उनके प्रति हमारे गलत व्यवहार के कारण होता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की बाधाएं और समस्याएं पैदा कर सकता है पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए धार्मिक, आध्यात्मिक, और…

श्री शान्तिनाथ चालीसा

भगवान शांतिनाथ जैन धर्म के 16वें तीर्थंकर हैं। उनकी पूजा और चालीसा का पाठ भक्तों के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाता है। श्री शान्तिनाथ चालीसा का पाठ करने से मन शांत होता है, नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस चालीसा में भगवान शांतिनाथ के गुणों,…

श्री महावीर चालीसा

प्रभु महावीर का जीवन और उपदेश आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। श्री महावीर चालीसा के माध्यम से हम उनकी महिमा का गुणगान करते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। यह चालीसा हमें त्याग, तपस्या, अहिंसा और सत्य के महत्व को समझाती है। इसे पढ़कर मन में शांति, धैर्य…

लाभ पंचमी 2025 – क्यों है लाभ पंचमी का दिन खास? जानिए पूजन, कथा और फायदे

Labh Panchami

भारत, जहां हर दिन एक नया उत्सव और हर त्योहार एक नई कहानी लेकर आता है, उन अनमोल त्योहारों में से एक है “लाभ पंचमी”। यह पर्व विशेष रूप से गुजरात और महाराष्ट्र में दीपावली के पांचवें दिन मनाया जाता है, लेकिन इसका महत्व (significance) पूरे देश में है। अगर आप सोच रहे हैं कि…

श्री जगन्नाथ चालीसा

श्री जगन्नाथ चालीसा भगवान जगन्नाथ को समर्पित एक भक्तिमय स्तोत्र है। इसमें 40 छंद हैं जो भगवान की महिमा, लीलाओं और अद्भुत शक्तियों का वर्णन करते हैं। चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह चालीसा भगवान जगन्नाथ के भक्तों के लिए एक शक्तिशाली माध्यम है, जिसके…

पितर चालीसा

पितर चालीसा का पाठ पितरों की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन माना जाता है। हमारे पूर्वजों का आशीर्वाद जीवन में सुख, समृद्धि और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। जो साधक श्रद्धा और भक्ति से पितर चालीसा का पाठ करता है, उसके जीवन से पितृदोष दूर होता है और परिवार में शांति स्थापित होती…

श्री नवग्रह चालीसा

श्री नवग्रह चालीसा नौ ग्रहों को समर्पित एक शक्तिशाली भक्ति गीत है। इसमें सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु की स्तुति की गई है। यह चालीसा हर ग्रह के गुणों और महत्व का वर्णन करती है और उनसे आशीर्वाद और कृपा की प्रार्थना करती है। || श्री नवग्रह चालीसा (Navagrah Chalisa…

श्री कुन्थनाथ चालीसा

श्री कुन्थनाथ चालीसा भगवान कुन्थनाथ, जैन धर्म के 17वें तीर्थंकर, को समर्पित एक भक्तिमय पाठ है। इसका पाठ करने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति, मानसिक स्थिरता और जीवन में सकारात्मकता की प्राप्ति होती है। यह चालीसा भगवान कुन्थनाथ के गुणों और शिक्षाओं का स्मरण कराती है, जिससे व्यक्ति के भीतर धर्म और सदाचार के प्रति…

श्री प्रेतराज चालीसा

जय जय प्रेतराज बलवंता, जन-कल्याण हेतु संता। यह पंक्ति श्री प्रेतराज चालीसा का सार है, जो भगवान श्री प्रेतराज की महिमा का गुणगान करती है। यह चालीसा उन लोगों के लिए एक शक्तिशाली और प्रभावी भक्तिपूर्ण पाठ है जो भूत-प्रेत बाधा, नकारात्मक ऊर्जा और मानसिक कष्टों से पीड़ित हैं। श्री प्रेतराज चालीसा का नियमित पाठ…

श्री यमुना चालीसा

यमुना चालीसा का पाठ करने से माँ यमुना की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह चालीसा पापों का नाश करने वाली और मोक्ष प्रदान करने वाली मानी जाती है। || श्री यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa PDF) || ॥ दोहा ॥ प्रियसंग क्रीड़ा करत नित, सुखनिधि वेद को सार। दरस परस…

श्री रविदास चालीसा

श्री रविदास चालीसा को संत रविदास की महिमा, शिक्षाओं और जीवन को याद करने का एक सशक्त माध्यम माना जाता है। यह चालीस चौपाइयों का एक संग्रह है, जो उनके आध्यात्मिक ज्ञान, सामाजिक समरसता और भक्ति भाव को दर्शाता है। संत रविदास, जिन्हें गुरु रविदास के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने दोहों…

श्री गिरिराज चालीसा

गोवर्धन पर्वत, जिन्हें गिरिराज महाराज भी कहा जाता है, भगवान श्रीकृष्ण के लीलाधाम हैं। गिरिराज चालीसा उनके महिमा और गुणों का वर्णन करती है। यह चालीस चौपाइयों का एक भक्तिमय स्तोत्र है, जिसके पाठ से गोवर्धन पर्वत की कृपा प्राप्त होती है। चालीसा का पाठ भक्तों को जीवन की बाधाओं से मुक्ति दिलाता है और…

श्री पार्शवनाथ चालीसा

श्री पार्शवनाथ चालीसा एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर, भगवान पार्शवनाथ को समर्पित है। यह चालीस चौपाइयों का संग्रह है जो भगवान की महिमा, गुणों और शिक्षाओं का वर्णन करता है। चालीसा का पाठ करने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति, मानसिक स्थिरता और जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती…

श्री नमिनाथ चालीसा

नमिनाथ चालीसा का पाठ भक्तों के लिए शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। जैन धर्म के २१वें तीर्थंकर, भगवान नमिनाथ, अहिंसा और तपस्या के प्रतीक हैं। इस चालीसा का पाठ करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और मन को एकाग्रता मिलती है। यह चालीसा भगवान नमिनाथ के गुणों का…

श्री वासुपूज्य चालीसा

श्री वासुपूज्य चालीसा के पाठ की एक विशेष विधि है, जिसका पालन करने से साधक को अधिकतम लाभ प्राप्त होता है। यहां हम आपको इसकी सही विधि और इसके पाठ से होने वाले लाभों के बारे में बता रहे हैं। || श्री वासुपूज्य चालीसा (Vasupujy Chalisa PDF) || ।। दोहा ।। वासु पूज्य महाराज का…

श्री विमलनाथ चालीसा

श्री विमलनाथ चालीसा जैन धर्म के 13वें तीर्थंकर भगवान विमलनाथ को समर्पित एक भक्तिमय पाठ है। यह चालीसा 40 छंदों का एक संग्रह है, जो भगवान विमलनाथ के जीवन, उनके गुणों और उनकी शिक्षाओं का वर्णन करता है। इस चालीसा का पाठ करने से मन को शांति, शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। || श्री…

श्री अजितनाथ चालीसा

श्री अजितनाथ चालीसा, जैन धर्म के दूसरे तीर्थंकर, भगवान अजितनाथ को समर्पित एक शक्तिशाली पाठ है। इसमें 40 छंद हैं, जो भगवान के जीवन, उपदेशों और महिमा का वर्णन करते हैं। चालीसा का पाठ करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह दुख, भय और संकटों को दूर करता है। यह एक…

श्री सुमतिनाथ चालीसा

श्री सुमतिनाथ चालीसा का पाठ करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है। यह चालीसा जैन धर्म के पांचवें तीर्थंकर, भगवान सुमतिनाथ को समर्पित है। इसका नियमित पाठ करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं और आत्म-विश्वास में वृद्धि होती है। यह चालीसा विशेष रूप से…

श्री शीतलनाथ चालीसा

श्री शीतलनाथ चालीसा के पाठ से जीवन में शीतलता, शांति और स्थिरता आती है। भगवान शीतलनाथ जैन धर्म के दसवें तीर्थंकर हैं, जिनका नाम ही शीतलता का प्रतीक है। उनकी चालीसा का पाठ करने से मन शांत होता है, क्रोध और अहंकार दूर होता है। यह चालीसा भक्तों को मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाकर जीवन…

श्री बड़े बाबा कुण्डलपुर चालीसा

बड़े बाबा के नाम से प्रसिद्ध, भगवान आदिनाथ दिगम्बर जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर हैं। उनका जन्म अयोध्या में इक्ष्वाकु वंश में हुआ था और वे राजा नाभिराज और रानी मरुदेवी के पुत्र थे। जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में उनका स्थान सबसे प्रमुख है। || श्री बड़े बाबा कुण्डलपुर चालीसा (Bade Baba Kundalpur Chalisa…

श्री चन्द्रप्रभु चालीसा

श्री चन्द्रप्रभु चालीसा का पाठ जैन धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह चालीस चौपाइयों का संग्रह है जो आठवें तीर्थंकर, भगवान चंद्रप्रभु की स्तुति करता है। इस चालीसा का नियमित पाठ करने से मन को शांति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। || श्री चन्द्रप्रभु चालीसा (Chandraprabhu Chalisa PDF) || ।।…

श्री मल्लिनाथ चालीसा

यह चालीसा जैन धर्म के 19वें तीर्थंकर, श्री मल्लिनाथ जी, को समर्पित है। इसका पाठ करने से मन में शांति और शुद्धता का भाव आता है। यह चालीसा भगवान मल्लिनाथ के जीवन और उनकी शिक्षाओं का सार प्रस्तुत करती है। इसमें करुणा, अहिंसा और आत्म-नियंत्रण जैसे गुणों का वर्णन है, जो भक्तों को सही मार्ग…

श्री अभिनन्दन नाथ चालीसा

श्री अभिनन्दन नाथ चालीसा जैन धर्म के चौथे तीर्थंकर भगवान अभिनन्दन स्वामी को समर्पित है। इस चालीसा का पाठ करने से मनुष्य के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। || श्री अभिनन्दन नाथ चालीसा (Abhinandan Nath Chalisa PDF) || ऋषभ–अजित–सम्भव अभिनन्दन, दया करे सब पर दुखभंजन जनम–मरन के टुटे बन्धन, मन मन्दिर तिष्ठें…

श्री राणी सती दादी चालीसा

श्री राणी सती दादी चालीसा का पाठ करना दादी जी के भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अभ्यास है। इसे करने से मन को शांति मिलती है और जीवन की कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति प्राप्त होती है। चालीसा में 40 छंद होते हैं, जिनमें दादी जी की महिमा, त्याग और उनके प्रति श्रद्धा…

माँ छिन्‍नमस्‍तका चालीसा

माँ छिन्नमस्तिका, दस महाविद्याओं में से एक हैं, जिनकी पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। इनकी आराधना से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और भक्तों को शक्ति, ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माँ छिन्नमस्तिका चालीसा का पाठ इस साधना का एक महत्वपूर्ण अंग है। || माँ छिन्‍नमस्‍तका चालीसा (Maa Chhinnamastaka Chalisa…

श्री शाकंभरी चालिसा

शाकंभरी माता, जिन्हें दुर्गा का एक रूप माना जाता है, संसार को अपने शाक यानी वनस्पतियों से पोषण देती हैं। उनकी महिमा का गुणगान करने के लिए ‘श्री शाकंभरी चालिसा’ एक श्रेष्ठ और सरल साधन है। इस चालिसा का पाठ करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। यह 40 चौपाइयों…

श्री परशुराम चालीसा

श्री परशुराम चालीसा भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी को समर्पित एक भक्तिमय रचना है। इस चालीसा का पाठ करने से भक्तों को भगवान परशुराम का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह चालीसा भगवान परशुराम के दिव्य गुणों, वीरता और न्यायप्रियता का बखान करती है। || श्री परशुराम चालीसा (Parshuram Chalisa PDF) || ॥ दोहा…

श्री धन्वंतरी चालीसा

श्री धन्वंतरी चालीसा भगवान धन्वंतरी को समर्पित एक पवित्र स्तोत्र है। इस चालीसा के माध्यम से भक्त भगवान धन्वंतरी की महिमा का गुणगान करते हैं, जो आयुर्वेद के जनक और देवताओं के वैद्य माने जाते हैं। इस चालीसा का पाठ करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह विभिन्न रोगों, बीमारियों और…

श्री अरहनाथ चालीसा

श्री अरहनाथ चालीसा जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर भगवान अरहनाथ को समर्पित एक पावन स्तुति है। इस चालीसा के पाठ से साधक को आंतरिक शांति, सद्बुद्धि और मोक्षमार्ग की प्रेरणा मिलती है। भगवान अरहनाथ के जीवन में त्याग, तपस्या और सत्य का अद्वितीय उदाहरण मिलता है। श्री अरहनाथ चालीसा के 40 चौपाई और 2 दोहे,…

श्री पुष्पदंत चालीसा

श्री पुष्पदंत चालीसा का पाठ भगवान पुष्पदंत की महिमा का गुणगान करता है। वे जैन धर्म के नवें तीर्थंकर थे, जिन्होंने कठोर तपस्या और साधना से केवलज्ञान प्राप्त किया। यह चालीसा उनके जीवन के महत्वपूर्ण पड़ावों और आध्यात्मिक गुणों को श्रद्धापूर्वक दर्शाती है। इसका नियमित पाठ करने से भक्तों को मन की शांति, आध्यात्मिक शक्ति…

वीरभद्र चालीसा

श्री वीरभद्र चालीसा भगवान शिव के रौद्र स्वरूप, वीरभद्र को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र है। यह चालीसा 40 छंदों का संग्रह है जिसमें वीरभद्र के शौर्य, पराक्रम और महिमा का गुणगान किया गया है। इसका पाठ करने से भक्तों को भय से मुक्ति मिलती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। यह चालीसा भक्तों…

कामाख्या देवी चालीसा

कामाख्या देवी चालीसा का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह चालीसा माँ कामाख्या की कृपा प्राप्त करने का एक सरल और शक्तिशाली माध्यम है। इसके नियमित पाठ से भक्तों के जीवन से सभी कष्ट और बाधाएँ दूर हो जाती हैं। || कामाख्या देवी चालीसा (Kamakhya Chalisa PDF) || ॥ दोहा ॥ सुमिरन कामाख्या…

विनय चालीसा (नीम करौरी बाबा)

विनय चालीसा का पाठ नीम करौरी बाबा के भक्तों के लिए एक विशेष साधन है, जिससे वे उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह चालीसा बाबा की महिमा, उनके जीवन और उनके चमत्कारों का वर्णन करती है। इसका नियमित पाठ करने से मन को शांति मिलती है, जीवन में आने वाली बाधाएं दूर…

श्री गायत्री चालीसा

श्री गायत्री चालीसा हिंदू धर्म का एक प्रमुख भक्ति ग्रंथ है, जो देवी गायत्री को समर्पित है। गायत्री माता को वेदों की जननी और सभी देवों की शक्ति माना जाता है। इस चालीसा के नियमित पाठ से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। || श्री गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa PDF)…

श्री मुनिसुव्रतनाथ चालीसा

श्री मुनिसुव्रतनाथ चालीसा जैन धर्म में 20वें तीर्थंकर, भगवान मुनिसुव्रतनाथ की स्तुति में गाई जाने वाली 40 चौपाइयों की एक भक्तिमय रचना है। इस चालीसा का पाठ करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। || श्री मुनिसुव्रतनाथ चालीसा (Munisuvratnaath Chalisa PDF) || ।। दोहा ।। अरिहंत सिद्ध आचार्य को निसदिन करुं प्रणाम…

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