भगवान श्री विश्वकर्मा की कथा

|| भगवान श्री विश्वकर्मा की कथा || पहला अध्याय कई ऋषि एक दिन धर्मक्षेत्र में इकट्ठे हुए और उन्होंने सूत जी से पूछा, “हे महात्मा, आप हमें यह बताइए कि विष्णु के कई रूपों में से कौन सा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण है?” सूत जी बोले, “हे ऋषियो, आपने बहुत अच्छा सवाल पूछा है, जो…

परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। परिवर्तिनी एकादशी पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। भगवान की आरती करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान को भोग लगाएं। इस…

अनंत चतुर्दशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। अनंत चतुर्दशी पूजा विधि ।। इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें। इसके बाद कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगाएं। एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं, इसमें 14 गांठें लगी होनी चाहिए। इस सूत्रो भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें।…

సర్వపితృ అమావస్యా పౌరాణిక కథా

|| సర్వపితృ అమావస్యా పౌరాణిక కథా || శ్రాద్ధ పక్ష మేం సర్వపితృ అమావస్యా కా విశేష మహత్వ హై. ఇసే పితరోం కో విదా కరనే కీ అంతిమ తిథి మానా జాతా హై. యది కిసీ కారణవశ వ్యక్తి శ్రాద్ధ కీ నిర్ధారిత తిథి పర శ్రాద్ధ నహీం కర పాయా హో యా ఉసే తిథి జ్ఞాత న హో, తో సర్వపితృ అమావస్యా పర శ్రాద్ధ కర సకతా హై. ఇస…

ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா பௌராணிக கதா²

|| ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா பௌராணிக கதா² || ஶ்ராத்³த⁴ பக்ஷ மேம்ʼ ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா கா விஶேஷ மஹத்வ ஹை. இஸே பிதரோம்ʼ கோ விதா³ கரனே கீ அந்திம திதி² மானா ஜாதா ஹை. யதி³ கிஸீ காரணவஶ வ்யக்தி ஶ்ராத்³த⁴ கீ நிர்தா⁴ரித திதி² பர ஶ்ராத்³த⁴ நஹீம்ʼ கர பாயா ஹோ யா உஸே திதி² ஜ்ஞாத ந ஹோ, தோ ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா பர ஶ்ராத்³த⁴ கர ஸகதா ஹை. இஸ…

ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ

|| ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ || ಶ್ರಾದ್ಧ ಪಕ್ಷ ಮೇಂ ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಕಾ ವಿಶೇಷ ಮಹತ್ವ ಹೈ. ಇಸೇ ಪಿತರೋಂ ಕೋ ವಿದಾ ಕರನೇ ಕೀ ಅಂತಿಮ ತಿಥಿ ಮಾನಾ ಜಾತಾ ಹೈ. ಯದಿ ಕಿಸೀ ಕಾರಣವಶ ವ್ಯಕ್ತಿ ಶ್ರಾದ್ಧ ಕೀ ನಿರ್ಧಾರಿತ ತಿಥಿ ಪರ ಶ್ರಾದ್ಧ ನಹೀಂ ಕರ ಪಾಯಾ ಹೋ ಯಾ ಉಸೇ ತಿಥಿ ಜ್ಞಾತ ನ ಹೋ, ತೋ ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಪರ ಶ್ರಾದ್ಧ ಕರ ಸಕತಾ ಹೈ. ಇಸ…

സർവപിതൃ അമാവസ്യാ പൗരാണിക കഥാ

|| സർവപിതൃ അമാവസ്യാ പൗരാണിക കഥാ || ശ്രാദ്ധ പക്ഷ മേം സർവപിതൃ അമാവസ്യാ കാ വിശേഷ മഹത്വ ഹൈ. ഇസേ പിതരോം കോ വിദാ കരനേ കീ അന്തിമ തിഥി മാനാ ജാതാ ഹൈ. യദി കിസീ കാരണവശ വ്യക്തി ശ്രാദ്ധ കീ നിർധാരിത തിഥി പര ശ്രാദ്ധ നഹീം കര പായാ ഹോ യാ ഉസേ തിഥി ജ്ഞാത ന ഹോ, തോ സർവപിതൃ അമാവസ്യാ പര ശ്രാദ്ധ കര സകതാ ഹൈ. ഇസ…

सर्वपित्री अमावस्येची कथा

|| सर्वपित्री अमावस्येची कथा || श्राद्ध पक्षात सर्वपितृ अमावस्येला विशेष महत्त्व आहे. याला पितरांना विदा करण्याची शेवटची तारीख मानली जाते. जर एखाद्या व्यक्तीने कोणत्याही कारणास्तव श्राद्धाच्या ठरलेल्या दिवशी श्राद्ध करू शकले नाही किंवा त्याला ती तारीख माहीत नसेल, तर तो सर्वपितृ अमावस्येला श्राद्ध करू शकतो. या दिवसाच्या महत्त्वावर एक पुरातन पौराणिक कथा आधारित आहे. देवांचे…

सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा

|| सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा || श्राद्ध पक्ष में सर्वपितृ अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे पितरों को विदा करने की अंतिम तिथि माना जाता है। यदि किसी कारणवश व्यक्ति श्राद्ध की निर्धारित तिथि पर श्राद्ध नहीं कर पाया हो या उसे तिथि ज्ञात न हो, तो सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर सकता है। इस…

आंवला नवमी (अक्षय नवमी) की व्रत कथा व पूजा विधि

।। आंवला नवमी की पूजा विधि ।। अक्षय नवमी के दिन आंवला वृक्ष की पूजा की जाती है। वृक्ष की हल्दी कुमकुम आदि से पूजा करके उसमें जल और कच्चा दूध अर्पित करें। इसके बाद आंवले के पेड़ की परिक्रमा करते हुए तने में कच्चा सूत या मौली आठ बार लपेटी जाती है। पूजा के…

बैकुंठ चतुर्दशीच्या कथा

|| बैकुंठ चतुर्दशीच्या कथा || एकदा भगवान विष्णू काशीला भगवान शिवाची पूजा करण्यासाठी आले. त्यांनी मणिकर्णिका घाटावर स्नान केलं आणि 1000 सुवर्ण कमळाच्या फुलांनी भगवान विश्वनाथाची पूजा करण्याचं ठरवलं. अभिषेकानंतर पूजा सुरू केली, तेव्हा भगवान शिवांनी त्यांच्या भक्तीची परीक्षा घेण्यासाठी एक फूल कमी केलं. भगवान विष्णूला 1000 कमळाची फुलं अर्पण करायची होती. फुलं कमी असल्याचं…

वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रचलित पौराणिक कथा

।।वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रचलित पौराणिक कथा।। पौराणिक मतानुसार एक बार भगवान विष्णु देवाधिदेव महादेव का पूजन करने के लिए काशी आए। वहाँ मणिकर्णिका घाट पर स्नान करके उन्होंने एक हजार कमल पुष्पों से भगवान विश्वनाथ के पूजन का संकल्प किया। अभिषेक के बाद जब वे पूजन करने लगे तो शिवजी ने उनकी भक्ति की परीक्षा के…

ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା ପୌରାଣିକ କଥା

|| ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା ପୌରାଣିକ କଥା || ଶ୍ରାଦ୍ଧ ପକ୍ଷ ମେଂ ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା କା ବିଶେଷ ମହତ୍ୱ ହୈ। ଇସେ ପିତରୋଂ କୋ ବିଦା କରନେ କୀ ଅନ୍ତିମ ତିଥି ମାନା ଜାତା ହୈ। ଯଦି କିସୀ କାରଣବଶ ବ୍ୟକ୍ତି ଶ୍ରାଦ୍ଧ କୀ ନିର୍ଧାରିତ ତିଥି ପର ଶ୍ରାଦ୍ଧ ନହୀଂ କର ପାୟା ହୋ ଯା ଉସେ ତିଥି ଜ୍ଞାତ ନ ହୋ, ତୋ ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା ପର ଶ୍ରାଦ୍ଧ କର ସକତା ହୈ। ଇସ…

श्री राधा अष्टमी व्रत कथा

|| राधा अष्टमी महत्व || राधा अष्टमी का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन राधा रानी की पूजा की जाती है और व्रत किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि राधा अष्टमी का व्रत करने से साधक कभी भी धन की कोई कमी नहीं होती है। जो भी राधा अष्टमी का व्रत निष्ठा…

राधाकुण्ड और अहोई अष्टमी से जुड़ी कथा

|| अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा || बहुत समय पहले झाँसी के निकट एक नगर में चन्द्रभान नामक एक साहूकार रहता था। उसकी पत्नी चन्द्रिका अत्यंत सुंदर, सर्वगुण सम्पन्न, सती-साध्वी, शीलवान और बुद्धिमान थी। उनके कई पुत्र-पुत्रियाँ थीं, लेकिन वे सभी वयस्क होने से पहले ही परलोक सिधार गए थे। संतान की मृत्यु…

स्कन्द षष्ठी व्रत कथा व पूजा विधि

।। स्कन्द षष्ठी व्रत पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और भगवान कार्तिकेय की बालस्वरूप प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें। ऐसा करने के बाद भगवान कार्तिकेय को चंदन, धूप, दीप, पुष्प, वस्त्र इत्यादि अर्पित करें। फिर उन्हें एक मिष्ठान का भोग लगाएं। आज के दिन माता…

श्री गणेश व्रत कथा

|| श्री गणेश जी पूजन विधि || भगवान श्री गणेश जी की पूजन में वेद मंत्र का उच्चारण किया जाता है। पर जिन्हें वेद मंत्र न आता हो, वो नाम – मंत्रों से भी पूजन कर सकते है। सबसे पहले आप स्नान करले और उसके पश्चात अपने पास पूजा सम्बंधित समस्त सामग्री रख लें फिर…

हरतालिकेची कहाणी व्रताची कथा

।। हरतालिकेची कहाणी कथा (हरतालिका तीज व्रत कथा मराठी) ।। एके दिवशी शंकरपार्वती कैलास पर्वतावर बसली होती. पार्वतीनं शंकराला विचारलं, महाराज सर्व व्रतात चांगलं असं व्रत कोणते? श्रम थोडे आणि फळ पुष्कळ असं एखादं व्रत असलं तर मला सांगा. मी कोणत्या पुण्याईनं आपले पदरी पडले हेही मला सांगा. तेव्हा शंकर म्हणाले, जसा नक्षत्रांत चंद्र श्रेष्ठ,…

हरतालिका तीज व्रत कथा

|| हरतालिका तीज व्रत कथा || एक कथा के अनुसार माँ पार्वती ने अपने पूर्व जन्म में भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हिमालय पर गंगा के तट पर अपनी बाल्यावस्था में अधोमुखी होकर घोर तप किया। इस दौरान उन्होंने अन्न का सेवन नहीं किया। काफी समय सूखे पत्ते चबाकर ही…

श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा

|| बृहस्पतिवार व्रत का महत्व || गुरुवार (बृहस्पतिवार) का व्रत बड़ा ही फलदायी माना जाता है। गुरुवार के दिन श्री हरि विष्णुजी की पूजा का विधान है। कई लोग बृहस्पतिदेव और केले के पेड़ की भी पूजा करते हैं। बृहस्पतिदेव को बुद्धि का कारक माना जाता है। केले के पेड़ को हिन्दू धर्मानुसार बेहद पवित्र…

वराह अवतार की कथा

।। वराह अवतार की कथा ।। हिरण्याक्ष नामक एक दश्यू के अत्याचारों से पृथ्वी को मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु ने वराह रूप में अवतार लिया था। आज हम आपको इसी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। जब कश्यप ऋषि की पत्नी दिती की गर्भ से हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप नाम के दो जुड़वां…

हलषष्ठी सम्पूर्ण व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| हलषष्ठी व्रत पूजा विधि || भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी से ही व्रत का नियम शुरू करें अर्थात् एक समय का भोजन कर हलषष्ठी व्रत करने का संकल्प करें। षष्ठी के दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। एक बार का धोया अर्थात् नवीन स्वच्छ वस्त्र धारण करें। माताएँ सौभाग्य का सारा…

श्री रोहिणी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| रोहिणी व्रत पूजा विधि || रोहिणी व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए। नए वस्त्र धारण करने के बाद व्रत का संकल्प लें। सूर्य देव को अर्घ्य देते हुए ॐ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर मां लक्ष्मी…

अजा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ अजा एकादशी पूजा विधि ॥ अजा एकादशी का व्रत करने वाले जातक ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य क्रिया से निपटने के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजा से पहले घट स्थापना की जाती है, जिसमें घड़े पर लाल रंग का वस्त्र सजाया जाता है और उसकी पूजा…

कृष्णाच्या जन्माची कहाणी

॥ जन्माष्टमीचे व्रत कसे करावे ॥ जन्माष्टमीचे व्रत हे अष्टमीच्या दिवशी एकभुक्त राहून करावे. मध्यरात्री शुचिर्भूत होऊन संकल्प करावा. यानंतर बाळकृष्णाची मूर्ती किंवा प्रतिमा स्थापन करावी. यानंतर सपरिवार श्रीकृष्णाची षोडशोपचार पूजा करावी. धूप, दीप, नैवेद्य दाखवावा. श्रीकृष्णाची आरती करावी. पूजा करून पुरुषसूक्त, विष्णूसूक्ताचे स्तवन करावे. वाद्यांचा घोष, गीतांचे मंगल स्वर, पुराण, इतिहासातील निरनिराळ्या सत्कथा ऐकत…

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

|| कृष्णा जन्माष्टमी व्रत कथा || द्वापर युग में जब पृथ्वी पाप तथा अत्याचारों से तपने लगी| तब वह गाय का रूप बनाकर सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी के पास गई| ब्रह्मा जी ने जब सभी देवताओं के साथ पृथ्वी जी की दुख भरी कथा सुनी तब सभी देवताओं ने ब्रह्मा जी से कहा यह तो अत्यंत…

मासिक कार्तिगाई व्रत कथा

|| कार्तिगाई व्रत कथा || कार्तिगाई दीपम का त्योहार दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव की पूजा को समर्पित है और दीपों के प्रज्वलन द्वारा अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। कार्तिगाई दीपम की कथा भगवान मुरुगन (जिन्हें कार्तिकेय…

श्रावण संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| श्रावण श्री गणेश संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा || धर्मराज युधिष्ठिर ने इस व्रत को किया था। जब पूर्वकाल में राजच्युत होकर अपने भाइयों के साथ वे वनवास में थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें इस व्रत के बारे में बताया। युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से अपने कष्टों के शमन के लिए उपाय पूछा था।…

कजरी तीज व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| कजरी तीज पूजा विधि || कजरी तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। फिर घर के मंदिर में एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद चौकी पर मां पार्वती और शिवजी की प्रतिमा स्थापित करें। अब माता पार्वती को 16 श्रृंगार…

भानु सप्तमी व्रत कथा व पूजा विधि

।। भानु सप्तमी व्रत पूजा विधि ।। सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और उसके बाद तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें लाल चन्दन, चावल, लाल फूल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। जल चढ़ाते समय सूर्य के वरूण रूप को प्रणाम करते हुए ऊं रवये नम: मंत्र का जाप करें। अंत में…

ସୁଦଶା ବ୍ରତ କଥା

|| ସୁଦଶା ବ୍ରତ କଥା || ବୈବସ୍ଵତ୍ ମନ୍ ପୁଚ୍ଛାକଲେ, ଭୋ ଅଗସ୍ତି ମୋତେ ପଦ୍ମ ପୁରାଣକଥା କହିବା ହେଉ ଅଗସ୍ତି କହିଲେ, ମହାଲକ୍ଷ୍ମୀ କଥା ଶୁଣିଲେ ବହୁତ ପୁଣ୍ୟ ହେବ। ଧନଜନ, ଆୟୁବଳ ପ୍ରାପ୍ତ ହେବ । ସ୍ତ୍ରୀ ସୁଲକ୍ଷଣୀ ହୋଇବ। ସୂତମୁନି କହିଲେ, ସେ କଥା ମୋତେ କୁହନ୍ତୁ । ଅଗସ୍ତି କହିଲେ ସତ୍ୟଯୁଗେ ବାର ବିକ୍ରମ ନାମେ ଜଣେ ରାଜା ଥିଲେ । ରାଣୀ ନାମ ରତ୍ନାବତା । ମନ୍ତ୍ରୀଙ୍କ ନାମ ତ୍ରୀକୁଟେଶ୍ଵର…

राखीची कथा – रक्षाबंधनाची गोष्ट

|| राखीची कथा || रक्षा बंधनाची कथा हिंदू पौराणिक कथांमध्ये आहे. ही कथा पीढ्यानुपिढ्या सांगितली गेली आहे. हिंदू पौराणिक कथांनुसार, या सणाची सुरुवात भगवान श्रीकृष्णांनी आपल्या बहिण सुभद्राला दिलेल्या प्रेम आणि संरक्षणाच्या सन्मानार्थ केली होती. सुभद्रा एक तरुण मुलगी होती जी युद्धासाठी जात असलेल्या आपल्या भाऊ भगवान श्रीकृष्णाबद्दल चिंतित होती. तिला त्यांचे रक्षण करायचे होते…

રક્ષાબંધન કી કહાની

|| રાખી કી કહાની || રક્ષા બંધન કી કથા હિંદૂ પૌરાણિક કથાઓં મેં હૈં. યહ પીઢ઼ી દર પીઢ઼ી નીચે પારિત કી ગઈ હૈ. હિંદૂ પૌરાણિક કથાઓં કે અનુસાર, ઇસ ત્યોહાર કી શુરુઆત ભગવાન કૃષ્ણ દ્વારા અપની બહન સુભદ્રા કો દિએ ગએ પ્યાર ઔર સુરક્ષા કો મનાને કે લિએ કી ગઈ થી. સુભદ્રા એક યુવા લડ઼કી…

వరలక్ష్మి వ్రతానికి పూజ సామగ్రి

|| వరలక్ష్మి వ్రతానికి పూజ సామగ్రి || పసుపు 100 గ్రాములు కుంకుమ100 గ్రాములు. ఒక డబ్బ గంధం విడిపూలు,పూల దండలు – 6 తమల పాకులు -30 వక్కలు వంద గ్రాముల ఖర్జూరములు 50 గ్రాముల అగరవత్తులు కర్పూరము – 50 గ్రాములు ౩౦ రూపాయి నాణాలు ఒక తెల్ల టవల్ జాకెట్ ముక్కలు మామిడి ఆకులు ఒక డజన్ అరటిపండ్లు ఇతర ఐదు రకాల పండ్లు అమ్మవారి ఫోటో కలశం కొబ్బరి కాయలు తెల్లదారము…

ವರಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತ ಕಥೆ

|| ವರಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತ ಕಥೆ || ವರಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತದ ದಂತಕಥೆಯನ್ನು ಇಲ್ಲಿ ವಿವರಿಸಲಾಗಿದೆ. ಶ್ರಾವಣ ಮಾಸದಲ್ಲಿ ಶ್ರಾವಣ ಪೂರ್ಣಿಮೆಯ ಮೊದಲು ಬರುವ ಶುಕ್ರವಾರದಂದು ವರಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತವನ್ನು ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಕುಂಡಿನ ಪಟ್ಟಣದಲ್ಲಿ ಚಾರುಮತಿ ಎಂಬ ಬ್ರಾಹ್ಮಣ ಮಹಿಳೆ ವಾಸಿಸುತ್ತಿದ್ದಳು. ಅವಳು ಅತ್ಯಂತ ವಿನಮ್ರ ಮತ್ತು ಕರುಣಾಮಯಿ ಸ್ವಭಾವದವಳಾಗಿದ್ದಳು. ಚಾರುಮತಿ ತನ್ನ ಪತಿ ಮತ್ತು ಕುಟುಂಬದವರಿಗೆ ಅತ್ಯಂತ ಭಕ್ತಿಯಿಂದ ಹತ್ತಿರವಾಗಿದ್ದಳು. ಒಂದು ರಾತ್ರಿ, ಲಕ್ಷ್ಮಿ ದೇವಿಯು ಚಾರುಮತಿಯ ಕನಸಿನಲ್ಲಿ ಕಾಣಿಸಿಕೊಂಡು, ವರಲಕ್ಷ್ಮಿಯನ್ನು ಆರಾಧಿಸಲು ಮತ್ತು ಅವಳ ಆಶೀರ್ವಾದವನ್ನು ಪಡೆಯಲು ಸೂಚಿಸಿದಳು….

पुत्रदा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ प्रातः काल पति – पत्नी संयुक्त रूप से विष्णु की उपासना करें। उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें। मंत्र जाप के बाद पति पत्नी संयुक्त रूप से प्रसाद ग्रहण करें। अगर इस दिन उपवास रखकर…

वरलक्ष्मी व्रत कथा व पूजा विधि

।। वरलक्ष्मी व्रत पूजा विधि ।। वरलक्ष्मी व्रत रखने वाली महिलाओं और पुरुषों को इस दिन प्रातः काल स्नान कर लेना चाहिए। सबसे पहले पूजा वाले स्थान पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र करने के बाद व्रत रखने का संकल्प करें। मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति को लाल कपड़े के ऊपर स्थापित कर लें। इसके…

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा

|| मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा || पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में असुर दंभ को महिषासुर नाम का एक पुत्र हुआ। महिषासुर में बचपन से ही अमर होने की प्रबल इच्छा थी। इस इच्छा को पूरा करने के लिए उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या शुरू की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी…

मंशा महादेव व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| पूजन विधि || भगवान शिव का यह व्रत चार वर्ष का रहता है। हर वर्ष यह व्रत सिर्फ चार महीने ही करना रहता है। इस व्रत को करने से भगवान शिव बड़ी से बड़ी मन की इच्छा की पूर्ति करते है। श्रावण से कार्तिक माह तक के हर सोमवार को शिवलिंग की पूजा करें।…

मंगला गौरी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| पूजा विधि || श्रावण मास के मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें। नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा नए वस्त्र धारण कर व्रत करें। मां मंगला गौरी (पार्वती जी) का एक चित्र अथवा प्रतिमा लें। फिर निम्न मंत्र के साथ व्रत करने का संकल्प लें। ‘मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं…

సంకట హర చతుర్థి వ్రత కథ

|| సంకట హర చతుర్థి వ్రత కథ || ఒకానొక రోజున, ఇంద్రుడు తన విమానంలో బృఘండి అనే వినాయకుని భక్తుడైన ఋషి దగ్గర నుంచి ఇంద్రలోకానికి తిరుగు ప్రయాణంలో ఉన్నాడు. ఆ సమయంలో, ఘర్‌సేన్ అనే రాజు యొక్క రాజ్యం మీదుగా వెళ్ళేటప్పుడు, పాపం చేసిన ఒక వ్యక్తి ఆ విమానాన్ని చూసి కన్నేసాడు. ఆ వ్యక్తి దృష్టి సోకగానే, ఆ విమానం అకస్మాత్తుగా భూమిపై ఆగిపోయింది. ఈ అద్భుత దృశ్యాన్ని చూసి ఆ రాజు…

નાગ પંચમી વ્રત કથા

|| નાગ પંચમી વ્રત કથા || પ્રાચીન સમયમાં એક શેઠજીને સાત પુત્રો હતા, જેમણે વિવાહ કર્યા હતા. સૌથી નાના પુત્રની પત્ની ખૂબ જ બુદ્ધિશાળી અને ઉમદા વર્તણૂક ધરાવતી હતી, પરંતુ તેના પોતાના ભાઈ નહોતો. એક દિવસ, મોટી પુત્રવધૂએ અન્ય વહુઓને પીળી માટી લાવવા માટે સાથે જવાનું કહ્યું. તેઓએ ઘરની મીઠી માટી ખોદવાનું શરૂ કર્યું અને…

हरियाली तीज व्रत कथा

|| हरियाली तीज व्रत कथा || भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का एक अद्भुत पर्व है हरियाली तीज। इस पर्व से जुड़ी कथा में जानेंगे कि किस प्रकार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में प्राप्त किया। हरियाली तीज व्रत कथा के अनुसार, इस कथा का वाचन स्वयं भगवान…

દિવાસો વ્રત કથા

|| દિવાસો વ્રત કથા || એવરત-જીવરતનું વ્રત અષાઢ વદ તેરસથી અમાસ સુધી ત્રણ દિવસ કરવાનું વિધાન છે. વ્રતકર્તાએ મીઠા વિનાનું ભોજન લઈ એકટાણું કરવુું. જાગરણ કરી માતાજીના ગરબા ગાવા અને માતાજી સમક્ષ અખંડ દીવો પ્રગટાવેલો રાખવો. એવરત-જીવરતની કથા આ મુજબ છે. એક જમાનો એવો હતો કે જો સ્ત્રી નિઃસંતાન હોય તો કોઈ તેનું મોઢું ન…

नाग पंचमी पौराणिक कथा

।। नाग पंचमी पौराणिक कथा ।। प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था। एक दिन बड़ी बहू ने घर लीपने को पीली मिट्टी लाने के लिए सभी बहुओं को साथ…

सोमवती अमावस्या व्रत कथा

|| सोमवती अमावस्या व्रत कथा || सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था जिसमें पति, पत्नी और उनकी एक पुत्री थी। उनकी पुत्री समय के साथ-साथ बड़ी होने लगी और उसमें सभी स्त्रियोचित सगुणों का विकास होने लगा। वह सुंदर, संस्कारी और गुणवान थी, लेकिन गरीबी के कारण उसका विवाह नहीं…

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

|| मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा || धार्मिक पौराणिक कथा के अनुसार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि…

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || एक समय राक्षसराज रावण कैलास पर्वत पर भक्तिभावपूर्वक भगवान शिव की आराधना कर रहा था। बहुत दिनों तक आराधना करने के बाद भी जब भगवान शिव उस पर प्रसन्न नहीं हुए, तब वह दूसरी विधि से तप-साधना करने लगा। उसने हिमालय पर्वत से दक्षिण की ओर सघन वृक्षों…

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || शिव पुराण के अनुसार, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का प्रथम ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना से सम्बंधित कथा इस प्रकार है: प्रजापति दक्ष ने अपनी सभी सत्ताइस पुत्रियों का विवाह चन्द्रमा के साथ कर दिया, जिससे वे बहुत प्रसन्न हुए। चन्द्रमा को पत्नी के रूप में दक्ष…

हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || द्वादश ज्योतिर्लिंगों के अतिरिक्त अनेक हिरण्यगर्भ शिवलिंग हैं, जिनका बड़ा अद्भुत महातम्य है। इनमें से कई शिवलिंग चमत्कारी हैं और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले हैं तथा सिद्धपीठों में स्थापित हैं। इन्हीं सिद्धपीठों में से एक है श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर, जहां स्वयंभू हिरण्यगर्भ दूधेश्वर…