अखुरथ संकष्टी चतुर्थी – साल की आखिरी चतुर्थी पर मनोकामना पूरी करने की अचूक पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

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हिंदू धर्म में भगवान गणेश (Lord Ganesha) को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता माना जाता है। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ‘संकष्टी चतुर्थी’ का व्रत रखा जाता है, लेकिन मार्गशीर्ष (अगहन) मास में आने वाली इस चतुर्थी का विशेष नाम है: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी (Akhurath Sankashti Chaturthi)। ‘अखुरथ’ नाम स्वयं भगवान गणेश का…

Margashirsha Purnima Vrat – मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात करें ये 4 सरल उपाय, दूर होगी हर बाधा और मिलेगी सफलता

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हिंदू पंचांग (Hindu Calendar) के अनुसार, मार्गशीर्ष (अगहन) माह की पूर्णिमा तिथि का धार्मिक और आध्यात्मिक (Spiritual) दृष्टि से बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं इस माह को अपना स्वरूप बताया है, इसलिए यह माह पवित्रता और भक्ति का प्रतीक है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और भगवान सत्यनारायण (Lord Satyanarayan)…

क्या है जब भगवान शिव को भी मांगनी पड़ी थी भिक्षा? अन्नपूर्णा जयंती की अनसुनी कथा!

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भारतीय संस्कृति में अन्न को ‘ब्रह्म’ (Brahma) के समान पूजनीय माना गया है। यह सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि जीवन का आधार, ऊर्जा और साक्षात देवी का रूप है। और जब हम अन्न की बात करते हैं, तो अनायास ही ‘मां अन्नपूर्णा’ (Maa Annapurna) का नाम मुख पर आ जाता है। मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month) की…

किचन में रखें इन 7 बातों का ध्यान, अन्नपूर्णा जयंती पर बरसेगी माँ की कृपा और आएगी सुख-समृद्धि।

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हर घर की रसोई (Kitchen) सिर्फ भोजन बनाने का स्थान नहीं, बल्कि वह पवित्र कोना है जहाँ माँ अन्नपूर्णा (Maa Annapurna) निवास करती हैं। अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti) का दिन, जो मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इस बात का स्मरण कराता है कि भोजन का सम्मान और रसोई की पवित्रता कितनी आवश्यक…

मां अन्नपूर्णा को कैसे करें प्रसन्न? जयंती पर करें ये 5 अचूक काम, कभी खाली नहीं होगा अन्न का भंडार।

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मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month) की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाने वाली ‘अन्नपूर्णा जयंती’ (Annapurna Jayanti) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह दिन देवी अन्नपूर्णा के धरती पर अवतरण का प्रतीक है, जिन्हें माँ पार्वती (Maa Parvati) का ही एक स्वरूप माना जाता है और जो अन्न, समृद्धि और पोषण की देवी हैं। ऐसा…

दत्तात्रेय जयंती पर करें ये सरल पूजा विधि और मंत्र जाप – धन-समृद्धि और गुरु कृपा पाने का अचूक तरीका।

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मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को भगवान दत्तात्रेय (Lord Dattatreya) का जन्मोत्सव मनाया जाता है, जिसे दत्तात्रेय जयंती के नाम से जाना जाता है। भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश (Brahma, Vishnu, Mahesh) तीनों देवताओं का संयुक्त स्वरूप (Combined form) माना जाता है। इनमें गुरु और ईश्वर दोनों रूप समाहित हैं, इसलिए इन्हें ‘श्री…

काली चौदस 2025 – नरक चतुर्दशी का रहस्य, क्यों इस दिन होती है यमराज और काली मां की पूजा?

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दिवाली का पर्व रोशनी, खुशियां और उत्साह का प्रतीक है। पांच दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में हर दिन का अपना एक विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण दिन है, काली चौदस। जिसे हम नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) के नाम से भी जानते हैं। यह दिन केवल दिवाली की तैयारियों का हिस्सा…

यम दीपम 2025 का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि – यम दीपम का महत्व, क्यों कहते हैं इसे अकाल मृत्यु निवारण दीप (Yam Deepam)

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दीपावली का त्योहार (Diwali Festival) सिर्फ खुशियों और रोशनी का पर्व नहीं है, बल्कि यह सनातन संस्कृति (Sanatana Culture) के गहन आध्यात्मिक और वैज्ञानिक मूल्यों का भी प्रतीक है। पांच दिवसीय इस महापर्व की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) के दिन होती है, जिसे कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इसी…

धनतेरस 2025 शुभ मुहूर्त – सोना-चाँदी से बर्तन तक, धनतेरस के दिन क्या खरीदें? जाने पूजा विधि और खरीदारी से जुड़ी खास टिप्स

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दीपावली का त्यौहार 5 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और भाई दूज के दिन खत्म होता है। हर साल धनतेरस 2025 कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा होती है। इसके अगले दिन छोटी…

अन्नपूर्णा देवी कौन हैं? जानें उनके 108 नाम और जयंती का गहरा रहस्य। (Maa Annapurna, The Goddess of Food and Her Secrets)

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भारतीय संस्कृति में अन्न को ‘ब्रह्म’ (The Ultimate Reality) माना गया है, और इसी अन्न की अधिष्ठात्री देवी हैं – माता अन्नपूर्णा। उनका नाम दो शब्दों से मिलकर बना है: ‘अन्न’ (अनाज/भोजन) और ‘पूर्णा’ (पूर्ण, भरपूर)। यानी, वह देवी जो हर जीव के लिए भोजन के भंडार को हमेशा भरा रखती हैं। इनकी उपासना केवल…

त्रिपुर भैरवी जयन्ती – लाल फूल और गुड़ का भोग, तिजोरी में रखें ये चीज़ें, होगी धन वर्षा! (Tripura Bhairavi Jayanti)

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हिंदू धर्म (Hindu religion) में शक्ति की उपासना का विशेष महत्व है, और दस महाविद्याओं में से एक, मां त्रिपुर भैरवी (Maa Tripura Bhairavi) का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन्हें ‘भव-बन्ध-मोचन’ की देवी कहा जाता है, जो भक्तों को सभी बंधनों से मुक्त करती हैं। मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month) की पूर्णिमा तिथि को त्रिपुर भैरवी…

गोवत्स द्वादशी (Bach Baras) 2025 – पुत्र की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए अद्भुत व्रत

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हिंदू धर्म में, गाय को माता का दर्जा प्राप्त है और उनकी पूजा का विधान सदियों पुराना है। इसी परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है गोवत्स द्वादशी, जिसे आम बोलचाल की भाषा में बछ बारस के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान की मंगल कामना, दीर्घायु (Long life) और…

तुला संक्रान्ति पर क्या करें और क्या न करें? जानें शुभ-अशुभ कर्मों का प्रभाव

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हिन्दू पंचांग में संक्रान्ति (Sankranti) का विशेष महत्व है, जो सूर्य देव के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर (Transit) को दर्शाती है। वर्षभर में कुल 12 संक्रान्तियाँ होती हैं, और उनमें से एक है तुला संक्रान्ति। इस दिन सूर्य कन्या राशि से निकलकर तुला राशि (Libra) में प्रवेश करते हैं। ज्योतिष में, तुला…

शनि त्रयोदशी 2025 – शनि देव की कृपा पाने का सर्वोत्तम दिन, जानें पूजन विधि और महत्व

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शनि त्रयोदशी (Shani Trayodashi) हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पुण्यदायी तिथि है। जब त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन पड़ती है, तो इसे ‘शनि त्रयोदशी’ या ‘शनि प्रदोष व्रत’ कहा जाता है। यह दिन भगवान शिव (Lord Shiva), माता पार्वती और न्याय के देवता शनि देव (Lord Shani) की संयुक्त कृपा प्राप्त करने का…

गुरुवायुर एकादशी व्रत कैसे करें? सही पूजा सामग्री, मंत्र और पारण का समय, पाएं पूर्ण लाभ (Guruvayur Ekadashi Vrat Complete Guide)

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सनातन धर्म में एकादशी का व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है और इसका विशेष महत्व है। हर एकादशी अपने आप में पवित्र और फलदायी होती है, लेकिन केरल के प्रसिद्ध गुरुवायुर मंदिर (Guruvayur Temple) में मनाई जाने वाली गुरुवायुर एकादशी का महत्व असाधारण है। इसे दक्षिण भारत का “द्वारका” भी कहा जाता है।…

भौम प्रदोष व्रत – 100 जन्मों तक नहीं होगी दरिद्रता, इस विधि से शिव पूजा कर पाएं मंगल देव का आशीर्वाद

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प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि (Trayodashi Tithi) को आने वाला प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के समय की गई शिव पूजा (Lord Shiva Worship) अक्षय फल देती है। जब यह शुभ तिथि मंगलवार (Tuesday) को पड़ती है, तब इसे “भौम प्रदोष व्रत” कहा जाता…

भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि 2025 – शिव-पार्वती और हनुमान जी की एक साथ पूजा से पाएं अद्भुत लाभ, ज़रूर पढ़ें कथा

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क्या आप कर्ज (Debt) और आर्थिक संकट (Financial Crisis) से परेशान हैं? क्या जीवन में मंगल (Auspiciousness) की कमी महसूस हो रही है? तो यह ब्लॉग आपके लिए है! प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत रखा जाता है। जब यह शुभ तिथि मंगलवार (Tuesday) को पड़ती है, तो इसे…

भौम प्रदोष व्रत 2025 – इस दुर्लभ योग में करें शिव-शक्ति की आराधना, धन, सुख और संतान प्राप्ति का वरदान

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सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। जब यह पावन तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) कहा जाता है। ‘भौम’ मंगल ग्रह का पर्याय है, और इस दिन शिव-शक्ति की पूजा के साथ-साथ मंगल…

आज है भौम प्रदोष व्रत – प्रदोष काल में ऐसे करें रुद्राभिषेक, मनोकामना पूर्ति के लिए जपें ये प्रभावशाली मंत्र

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हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, और जब यह मंगलवार (Tuesday) के दिन पड़ता है, तो इसे ‘भौम प्रदोष व्रत’ कहा जाता है। यह दिन न केवल देवों के देव महादेव (Lord Shiva) को समर्पित है, बल्कि मंगल देव और पवनपुत्र हनुमान जी की कृपा पाने का भी अत्यंत शुभ अवसर होता…

Bhaum Pradosh Vrat – कर्ज़ और रोग से मुक्ति का महाउपाय! जानिए शिव और हनुमान जी की पूजा का रहस्य

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क्या आप कर्ज़ (Debt) के बोझ तले दबे हैं? क्या रोगों ने आपके जीवन को कष्टमय बना दिया है? हिंदू धर्म में, हर समस्या का समाधान है और उनमें से एक अत्यंत शक्तिशाली उपाय है – भौम प्रदोष व्रत। यह सिर्फ एक उपवास नहीं, बल्कि भगवान शिव और बजरंगबली हनुमान जी की संयुक्त कृपा प्राप्त…

Bhaum Pradosh Vrat Katha – बुढ़िया और हनुमान जी की यह कथा सुनने मात्र से मिलते हैं अनगिनत पुण्य

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सनातन धर्म में व्रतों का विशेष महत्व है, और इन्हीं में से एक है प्रदोष व्रत, जो हर महीने के दोनों पक्षों (शुक्ल और कृष्ण) की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। जब यह पवित्र तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत या मंगल प्रदोष…

भोलेनाथ और मंगल देव को प्रसन्न करने का चमत्कारी ‘भौम प्रदोष व्रत’ – इन 5 चीज़ों से करें अभिषेक, हर इच्छा होगी पूरी

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हिंदू धर्म में, भगवान शिव की आराधना के लिए प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का विशेष महत्व है। यह हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है और मान्यता है कि इस दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के लगभग 45 मिनट पहले और 45 मिनट बाद का समय) में कैलाशपति भगवान शिव प्रसन्न मुद्रा में होते…

मंगल ग्रह की शांति के लिए कब है भौम प्रदोष व्रत? नोट करें सही तिथि, व्रत नियम और हनुमान जी का विशेष मंत्र

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क्या आपके जीवन में बार-बार बाधाएं आ रही हैं? क्या आप कर्ज (debt) और रोग से परेशान हैं? ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में माना जाता है कि इन समस्याओं के पीछे मंगल ग्रह का अशुभ प्रभाव हो सकता है। ऐसे में भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह…

सौभाग्य और समृद्धि के लिए कब है भौम प्रदोष व्रत? कथा और पूजा विधि के साथ जानें इस व्रत का महत्व

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सनातन धर्म में व्रतों और त्योहारों का विशेष महत्व है, और इन्हीं में से एक अत्यंत फलदायी व्रत है भौम प्रदोष व्रत। यह व्रत भगवान शिव, माता पार्वती और मंगल ग्रह (Lord Shiva, Goddess Parvati, and Mars) के संयुक्त आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। माना जाता है कि जो…

Kartik Chaumasi Chaudas 2025 – कब है चौमासी चौदस? जानें जैनियों के वर्षावास की समाप्ति और इस दिन के 5 नियम

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जैन धर्म (Jainism) में त्योहारों और पर्वों का अपना एक विशेष महत्व होता है, जो आत्म-शुद्धि और अहिंसा (Non-violence) के सिद्धांतों पर आधारित होते हैं। इन्हीं महत्वपूर्ण दिनों में से एक है ‘कार्तिक चौमासी चौदस’। यह केवल एक तिथि नहीं, बल्कि चार माह के त्याग, तपस्या और साधना (Penance and spiritual practice) के बाद आत्म-चिंतन…

ज्ञान का महासागर ‘भगवद् गीता’ – क्यों मनाई जाती है गीता जयन्ती और क्या है इसका महत्व? (Gita Jayanti)

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भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के आकाश में ‘श्रीमद्भगवद् गीता’ (Shrimad Bhagavad Gita) एक ऐसे ध्रुव तारे के समान है, जो अनादि काल से मानव जाति को सही दिशा दिखाता रहा है। यह केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला (Art of living), प्रबंधन (Management) और मनोविज्ञान (Psychology) का एक अद्भुत संगम है।…

मत्स्य द्वादशी 2025 – इस दिन मछलियों को दाना खिलाने का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व! जानें आपकी राशि पर असर

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हर साल मार्गशीर्ष (Margashirsha) माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मत्स्य द्वादशी मनाई जाती है। यह दिन भगवान विष्णु के प्रथम अवतार, मत्स्य रूप को समर्पित है। मत्स्य द्वादशी 2025 की तिथि और मुहूर्त • तिथि: मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी • साल 2025 में मत्स्य द्वादशी: 2 दिसंबर, 2025 (मंगलवार) • द्वादशी तिथि प्रारम्भ:…

मत्स्य द्वादशी 2025 – भगवान विष्णु ने क्यों लिया था मत्स्य अवतार? जानें तिथि, पूजा विधि और वेदों की रक्षा की पूरी कथा!

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क्या आप जानते हैं कि सृष्टि के पहले जल प्रलय (First Deluge) के दौरान किस अवतार ने वेदों की रक्षा की थी? यह थे भगवान विष्णु के प्रथम अवतार, ‘मत्स्य’ (Fish) रूप! मत्स्य द्वादशी का पावन पर्व इसी अद्भुत और कल्याणकारी अवतार को समर्पित है। हर साल मार्गशीर्ष मास (अगहन) के शुक्ल पक्ष की द्वादशी…

रोली-घी का दीपक और तुलसी की माला – मत्स्य द्वादशी पर धन लाभ के लिए करें ये 3 गुप्त उपाय (Secret Remedies)

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हिंदू धर्म में, मार्गशीर्ष (अगहन) मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि का विशेष महत्व है, जिसे मत्स्य द्वादशी (Matsya Dwadashi) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के प्रथम अवतार, मत्स्य रूप को समर्पित है, जिन्होंने वेदों की रक्षा की थी। यह केवल धर्म की रक्षा का पर्व नहीं, बल्कि आर्थिक…

तैलंग स्वामी जयंती – 300 साल जीने वाले काशी के ‘जीवित शिव’ के अलौकिक चमत्कार और रहस्य

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भारत की आध्यात्मिक (spiritual) भूमि पर ऐसे कई योगी हुए हैं, जिनका जीवन किसी रहस्य से कम नहीं रहा। इन्हीं में से एक थे श्री तैलंग स्वामी, जिन्हें वाराणसी (काशी) के लोग साक्षात ‘जीवित शिव’ (Walking Shiva) मानते थे। पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को उनकी जयंती मनाई जाती है, जो हमें इस…

केवल 41 दिनों के मंडला पूजा उत्सव में आने वाली गुरुवायुर एकादशी! इस दिन क्या करें और क्या नहीं?

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केरल की धरती पर स्थित “भूलोक वैकुंठ” (पृथ्वी पर स्वर्ग) कहे जाने वाले गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर (Guruvayur Sree Krishna Temple) में एक अत्यंत विशेष पर्व मनाया जाता है – गुरुवायुर एकादशी! यह एकादशी केवल एक धार्मिक तिथि मात्र नहीं, बल्कि यह 41 दिनों तक चलने वाले प्रसिद्ध मंडला पूजा उत्सव (Mandala Pooja Festival) के…

वैकुण्ठ एकादशी – जब श्री विष्णु के शरीर से हुआ ‘एकादशी देवी’ का जन्म! जानें रोचक कथा।

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प्रत्येक वर्ष पौष माह (Paush Month) के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को वैकुण्ठ एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसे मोक्षदा एकादशी और दक्षिण भारत में मुक्कोटी एकादशी भी कहते हैं। हिंदू धर्म में इस एकादशी का महत्व (Significance) सबसे अधिक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और…

कर्ज़ से मुक्ति दिलाएगा भौम प्रदोष व्रत – जानें अचूक पूजा विधि, व्रत कथा और शुभ मुहूर्त, मंगल दोष होगा शांत

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क्या आप कर्ज़ के बोझ से परेशान हैं? क्या मंगल दोष आपके जीवन में बाधाएं उत्पन्न कर रहा है? (Are you worried about debts?) तो यह लेख आपके लिए एक वरदान साबित हो सकता है! त्रयोदशी तिथि पर आने वाला भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) भगवान शिव और हनुमान जी की कृपा से आपको…

पुत्रदा एकादशी पर तुलसी का अद्भुत उपाय – धन, संतान और वैकुण्ठ धाम की प्राप्ति (Exclusive Tips)

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हर महीने आने वाली एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है, लेकिन इन सबमें पुत्रदा एकादशी का महत्व (Importance) कुछ खास है। वर्ष में यह दो बार आती है – एक पौष मास के शुक्ल पक्ष में और दूसरी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में। शास्त्रों में इसे ‘वैकुण्ठ एकादशी’ के नाम से भी…

वैकुण्ठ एकादशी की संपूर्ण पूजा विधि – 5 सरल चरणों में करें श्री हरि को प्रसन्न और पाएं बैकुंठ धाम।

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हिंदू धर्म में, एकादशी तिथि का अपना एक विशेष महत्व है, और जब बात वैकुण्ठ एकादशी की आती है, तो इसका आध्यात्मिक मूल्य (Spiritual value) कई गुना बढ़ जाता है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को ‘मोक्षदा एकादशी’ और ‘पुत्रदा एकादशी’ (यदि यह पौष माह में पड़े) के नाम से भी जाना…

जानें क्यों खास है धनुर्मास की वैकुण्ठ एकादशी? पूजा और दान से बदल जाएगी आपकी किस्मत!

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सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, और जब यह एकादशी धनुर्मास (तमिल पंचांग में ‘मार्गाज्ही मास’) में आती है, तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इस एकादशी को वैकुण्ठ एकादशी या मुक्कोटी एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि साक्षात मोक्ष (Salvation) का द्वार…

वैकुण्ठ एकादशी व्रत – मोक्ष का महाद्वार खोलने वाला पावन दिन, चावल क्यों हैं वर्जित? जानें 7 जरूरी नियम और शुभ मुहूर्त

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सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, और जब बात वैकुण्ठ एकादशी (Vaikuntha Ekadashi) की हो, तो इसका माहात्म्य कई गुना बढ़ जाता है। इसे ‘मोक्षदा एकादशी’ और ‘मुरवैकादशी’ के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के लिए…

जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति दिलाएगी वैकुण्ठ एकादशी, ये 5 काम करना न भूलें!

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सनातन धर्म में एकादशी (Ekadashi) का व्रत विशेष महत्व रखता है, लेकिन इन सबमें भी वैकुण्ठ एकादशी (Vaikuntha Ekadashi) का स्थान सर्वोपरि है। इसे ‘मोक्षदा एकादशी’ या पौष पुत्रदा एकादशी (Pausha Putrada Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस पावन दिन स्वर्ग के द्वार (Swarg Dwar) खुल जाते हैं,…

कूर्म द्वादशी का रहस्य – श्रीहरि विष्णु का कच्छप अवतार क्यों है इतना खास? महत्व और पूजन के नियम

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हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के दस अवतारों (दशावतार) का विशेष महत्व है, और इन्हीं में से एक है उनका दूसरा अवतार – कूर्म अवतार (Kurma Avatar)। कूर्म, जिसका अर्थ संस्कृत में ‘कछुआ’ होता है, इस बात का प्रतीक है कि सृष्टि के संतुलन को बनाए रखने के लिए स्वयं श्रीहरि विष्णु ने कितना विराट…

अष्टधातु का कछुआ रखने से क्या होता है लाभ? कूर्म द्वादशी के दिन जानें सही दिशा और उपाय

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क्या आपके जीवन में स्थिरता (Stability) और समृद्धि (Prosperity) की कमी है? क्या आप अपने करियर या व्यापार में तरक्की (Progress) चाहते हैं? अगर हां, तो अष्टधातु का कछुआ (Ashtadhatu Tortoise) आपके लिए एक चमत्कारी उपाय (Miraculous remedy) हो सकता है। हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) दोनों में ही कछुए को अत्यंत शुभ…

कूर्म द्वादशी 2025 – भगवान विष्णु ने क्यों लिया था कछुआ अवतार? जानें समुद्र मंथन की पूरी कथा और पूजा विधि

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हिंदू धर्म में, भगवान विष्णु के दस अवतारों (Ten Avatars) का विशेष महत्व है। इनमें से एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण अवतार है कूर्म अवतार (कछुआ रूप)। कूर्म द्वादशी का पावन पर्व इसी अवतार को समर्पित है। हर साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को यह व्रत और पूजन किया जाता है। आइए,…

घर में चांदी का कछुआ कब और क्यों लाएं? कूर्म द्वादशी पर करें ये अचूक उपाय, बरसेगी लक्ष्मी कृपा! (Silver Turtle – Vastu Tips)

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सनातन धर्म और वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में कछुए (Tortoise) को अत्यंत शुभ और चमत्कारी माना गया है। यह न केवल लंबी आयु, स्थिरता (Stability) और धैर्य का प्रतीक है, बल्कि इसे धन और समृद्धि (Wealth and Prosperity) का कारक भी माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सभी धातुओं के कछुओं में,…

Kartik Month 2025 – कार्तिक मास में क्या करें, क्या न करें? कार्तिक माह क्यों है विशेष?

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कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र महीना माना जाता है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान और व्रत किए जाते हैं। आइए जानते हैं कार्तिक मास 2025 में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, साथ ही इस महीने के महत्व और पौराणिक कथाओं के…

रमा एकादशी व्रत 2025 – जानिए व्रत विधि, कथा, पारण का समय और महत्व

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रमा एकादशी हिंदू धर्म के पवित्र व्रतों में से एक है। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष रमा एकादशी का व्रत 17 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा। रमा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु की कृपा…

Ahoi Ashtami 2025 – अहोई अष्टमी व्रत, जाने तिथि, नियम और पूजा विधि सहित संपूर्ण जानकारी

Ahoi Ashtami

Ahoi Ashtami 2025 – अहोई अष्टमी का व्रत हर साल माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन माताएं पूरे दिन बिना पानी पिए व्रत रखती हैं और शाम को तारों को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा।…

Diwali 2025 लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि – जाने दिवाली का महत्व, क्यों जलाते हैं दीप और क्या है इसकी खासियत?

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इस बार दिवाली की तारीख को लेकर थोड़ा कन्फ्यूजन है क्योंकि अमावस्या तिथि दो दिन पड़ रही है – 20 अक्टूबर और 21 अक्टूबर। ऐसे में लोग सोच रहे हैं कि दिवाली किस दिन मनाई जाए और लक्ष्मी पूजन का सही समय क्या है। दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म में भगवान राम से जुड़ा एक…

तमिल दीपावली 2025 – क्यों होती है तमिल दीपावली अनोखी? जानें दक्षिण भारत की दिवाली के रीति-रिवाज़ और महत्व

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भारत त्योहारों का देश है, और ‘प्रकाश पर्व’ दीपावली (Diwali) इनमें सबसे महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि खुशियों, समृद्धि और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हालांकि, उत्तर भारत (North India) में दीपावली मनाने का तरीका दक्षिण भारत (South India) से काफी अलग है। विशेष रूप से तमिलनाडु (Tamil Nadu)…

चोपड़ा पूजा 2025 शुभ मुहूर्त – जानिए कब करें खाता-बही पूजन और मां लक्ष्मी का आह्वान

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दिवाली (Diwali) का त्योहार न केवल दीपों का पर्व है, बल्कि यह व्यापार और समृद्धि का भी उत्सव है। इस दिन देशभर में माँ लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) और भगवान गणेश का पूजन कर नए कार्यों और नए वित्त वर्ष (New Financial Year) की शुरुआत की जाती है। इसी महत्वपूर्ण पूजन को गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र…

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