क्या आपने सुनी है संपदा शुक्रवार व्रत की यह चमत्कारी कथा? घर में आती है लक्ष्मी, जाती है दरिद्रता

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संपदा शुक्रवार व्रत, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी को समर्पित एक विशेष व्रत है। यह व्रत शुक्रवार के दिन रखा जाता है और मान्यता है कि जो व्यक्ति इसे श्रद्धापूर्वक करता है, उसके घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है और दरिद्रता दूर होती है। इस…

शुक्रवार प्रदोष व्रत 2025 – जब शिव-लक्ष्मी दोनों करते हैं कृपा, जानें शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व और चमत्कार

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नमस्कार दोस्तों! हमारे सनातन धर्म में हर व्रत और त्यौहार का अपना एक विशेष महत्व होता है। इनमें से कुछ व्रत ऐसे होते हैं, जो हमें न केवल आध्यात्मिक शांति देते हैं, बल्कि हमारे जीवन की भौतिक परेशानियों को भी दूर करते हैं। ऐसा ही एक अद्भुत और शक्तिशाली व्रत है ‘शुक्र प्रदोष व्रत’। यह…

शुक्रवार के ये उपाय बदल सकते हैं आपकी किस्मत – देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने की विधि

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हर किसी की चाहत होती है कि उनके घर में सुख-समृद्धि और धन का आगमन हो। भारतीय परंपरा में, शुक्रवार का दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी को समर्पित है, जिन्हें धन, वैभव, और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए कुछ विशेष उपाय और पूजा-अर्चना से…

2025 में इष्टि और अन्वाधान व्रत कब और कैसे करें? जानिए तिथि, विधि और महत्व की पूरी सूची

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इष्टि और अन्वाधान वैदिक परंपरा के महत्वपूर्ण अनुष्ठान हैं जो अग्निहोत्र से संबंधित हैं। ‘इष्टि’ का अर्थ है यज्ञ या आहुति, जबकि ‘अन्वाधान’ अग्नि स्थापित करने की प्रक्रिया है। ये कर्मकांड वैदिक ऋचाओं और मंत्रों के साथ किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य देवताओं का आह्वान करना और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना है। इन अनुष्ठानों का…

दत्तात्रेय जयंती पर करें ये सरल पूजा विधि और मंत्र जाप – धन-समृद्धि और गुरु कृपा पाने का अचूक तरीका।

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मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को भगवान दत्तात्रेय (Lord Dattatreya) का जन्मोत्सव मनाया जाता है, जिसे दत्तात्रेय जयंती के नाम से जाना जाता है। भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश (Brahma, Vishnu, Mahesh) तीनों देवताओं का संयुक्त स्वरूप (Combined form) माना जाता है। इनमें गुरु और ईश्वर दोनों रूप समाहित हैं, इसलिए इन्हें ‘श्री…

Dattatreya Jayanti – कब है दत्तात्रेय जयंती? जानें शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और ‘श्री गुरुदेव दत्त’ नाम जप के लाभ

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हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक दत्तात्रेय जयंती (Datta Jayanti) हर साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। भगवान दत्तात्रेय को त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) का संयुक्त अवतार माना जाता है। इस दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना करने से तीनों देवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह दिन गुरु-शिष्य परंपरा…

क्या है जब भगवान शिव को भी मांगनी पड़ी थी भिक्षा? अन्नपूर्णा जयंती की अनसुनी कथा!

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भारतीय संस्कृति में अन्न को ‘ब्रह्म’ (Brahma) के समान पूजनीय माना गया है। यह सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि जीवन का आधार, ऊर्जा और साक्षात देवी का रूप है। और जब हम अन्न की बात करते हैं, तो अनायास ही ‘मां अन्नपूर्णा’ (Maa Annapurna) का नाम मुख पर आ जाता है। मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month) की…

Margashirsha Purnima Vrat – मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात करें ये 4 सरल उपाय, दूर होगी हर बाधा और मिलेगी सफलता

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हिंदू पंचांग (Hindu Calendar) के अनुसार, मार्गशीर्ष (अगहन) माह की पूर्णिमा तिथि का धार्मिक और आध्यात्मिक (Spiritual) दृष्टि से बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं इस माह को अपना स्वरूप बताया है, इसलिए यह माह पवित्रता और भक्ति का प्रतीक है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और भगवान सत्यनारायण (Lord Satyanarayan)…

भौम प्रदोष व्रत – 100 जन्मों तक नहीं होगी दरिद्रता, इस विधि से शिव पूजा कर पाएं मंगल देव का आशीर्वाद

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प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि (Trayodashi Tithi) को आने वाला प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के समय की गई शिव पूजा (Lord Shiva Worship) अक्षय फल देती है। जब यह शुभ तिथि मंगलवार (Tuesday) को पड़ती है, तब इसे “भौम प्रदोष व्रत” कहा जाता…

भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि 2025 – शिव-पार्वती और हनुमान जी की एक साथ पूजा से पाएं अद्भुत लाभ, ज़रूर पढ़ें कथा

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क्या आप कर्ज (Debt) और आर्थिक संकट (Financial Crisis) से परेशान हैं? क्या जीवन में मंगल (Auspiciousness) की कमी महसूस हो रही है? तो यह ब्लॉग आपके लिए है! प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत रखा जाता है। जब यह शुभ तिथि मंगलवार (Tuesday) को पड़ती है, तो इसे…

भौम प्रदोष व्रत 2025 – इस दुर्लभ योग में करें शिव-शक्ति की आराधना, धन, सुख और संतान प्राप्ति का वरदान

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सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। जब यह पावन तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) कहा जाता है। ‘भौम’ मंगल ग्रह का पर्याय है, और इस दिन शिव-शक्ति की पूजा के साथ-साथ मंगल…

भोलेनाथ और मंगल देव को प्रसन्न करने का चमत्कारी ‘भौम प्रदोष व्रत’ – इन 5 चीज़ों से करें अभिषेक, हर इच्छा होगी पूरी

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हिंदू धर्म में, भगवान शिव की आराधना के लिए प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का विशेष महत्व है। यह हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है और मान्यता है कि इस दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के लगभग 45 मिनट पहले और 45 मिनट बाद का समय) में कैलाशपति भगवान शिव प्रसन्न मुद्रा में होते…

कर्ज़ से मुक्ति दिलाएगा भौम प्रदोष व्रत – जानें अचूक पूजा विधि, व्रत कथा और शुभ मुहूर्त, मंगल दोष होगा शांत

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क्या आप कर्ज़ के बोझ से परेशान हैं? क्या मंगल दोष आपके जीवन में बाधाएं उत्पन्न कर रहा है? (Are you worried about debts?) तो यह लेख आपके लिए एक वरदान साबित हो सकता है! त्रयोदशी तिथि पर आने वाला भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) भगवान शिव और हनुमान जी की कृपा से आपको…

मत्स्य द्वादशी 2025 – इस दिन मछलियों को दाना खिलाने का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व! जानें आपकी राशि पर असर

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हर साल मार्गशीर्ष (Margashirsha) माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मत्स्य द्वादशी मनाई जाती है। यह दिन भगवान विष्णु के प्रथम अवतार, मत्स्य रूप को समर्पित है। मत्स्य द्वादशी 2025 की तिथि और मुहूर्त • तिथि: मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी • साल 2025 में मत्स्य द्वादशी: 2 दिसंबर, 2025 (मंगलवार) • द्वादशी तिथि प्रारम्भ:…

मत्स्य द्वादशी 2025 – भगवान विष्णु ने क्यों लिया था मत्स्य अवतार? जानें तिथि, पूजा विधि और वेदों की रक्षा की पूरी कथा!

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क्या आप जानते हैं कि सृष्टि के पहले जल प्रलय (First Deluge) के दौरान किस अवतार ने वेदों की रक्षा की थी? यह थे भगवान विष्णु के प्रथम अवतार, ‘मत्स्य’ (Fish) रूप! मत्स्य द्वादशी का पावन पर्व इसी अद्भुत और कल्याणकारी अवतार को समर्पित है। हर साल मार्गशीर्ष मास (अगहन) के शुक्ल पक्ष की द्वादशी…

रोली-घी का दीपक और तुलसी की माला – मत्स्य द्वादशी पर धन लाभ के लिए करें ये 3 गुप्त उपाय (Secret Remedies)

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हिंदू धर्म में, मार्गशीर्ष (अगहन) मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि का विशेष महत्व है, जिसे मत्स्य द्वादशी (Matsya Dwadashi) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के प्रथम अवतार, मत्स्य रूप को समर्पित है, जिन्होंने वेदों की रक्षा की थी। यह केवल धर्म की रक्षा का पर्व नहीं, बल्कि आर्थिक…

सौभाग्य और समृद्धि के लिए कब है भौम प्रदोष व्रत? कथा और पूजा विधि के साथ जानें इस व्रत का महत्व

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सनातन धर्म में व्रतों और त्योहारों का विशेष महत्व है, और इन्हीं में से एक अत्यंत फलदायी व्रत है भौम प्रदोष व्रत। यह व्रत भगवान शिव, माता पार्वती और मंगल ग्रह (Lord Shiva, Goddess Parvati, and Mars) के संयुक्त आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। माना जाता है कि जो…

मंगल ग्रह की शांति के लिए कब है भौम प्रदोष व्रत? नोट करें सही तिथि, व्रत नियम और हनुमान जी का विशेष मंत्र

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क्या आपके जीवन में बार-बार बाधाएं आ रही हैं? क्या आप कर्ज (debt) और रोग से परेशान हैं? ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में माना जाता है कि इन समस्याओं के पीछे मंगल ग्रह का अशुभ प्रभाव हो सकता है। ऐसे में भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह…

आज है भौम प्रदोष व्रत – प्रदोष काल में ऐसे करें रुद्राभिषेक, मनोकामना पूर्ति के लिए जपें ये प्रभावशाली मंत्र

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हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, और जब यह मंगलवार (Tuesday) के दिन पड़ता है, तो इसे ‘भौम प्रदोष व्रत’ कहा जाता है। यह दिन न केवल देवों के देव महादेव (Lord Shiva) को समर्पित है, बल्कि मंगल देव और पवनपुत्र हनुमान जी की कृपा पाने का भी अत्यंत शुभ अवसर होता…

Gita Upadesha – गीता उपदेश, जीवन से दुख को करें दूर, कठिन समय में अपनाएं ये सीख

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भगवद गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक अद्भुत कला भी है। यह हमें कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की प्रेरणा देती है और जीवन के हर पहलू को संतुलित रूप से समझने की क्षमता प्रदान करती है। जब जीवन में दुख, कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ आती हैं, तो गीता के…

Bhagwat Geeta Lifechangable Slok – श्रीमद्भगवद गीता के 10 अनमोल उपदेश जो जीवन बदल सकते हैं

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श्रीमद्भगवद गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक जीवनदर्शन है। इसमें जीवन के हर पहलू के लिए महत्वपूर्ण उपदेश दिए गए हैं, जो हमें धर्म, कर्म, ज्ञान और भक्ति का सही मार्ग दिखाते हैं। इस लेख में हम गीता के 10 अनमोल उपदेशों को समझेंगे, जो हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते…

ज्ञान का महासागर ‘भगवद् गीता’ – क्यों मनाई जाती है गीता जयन्ती और क्या है इसका महत्व? (Gita Jayanti)

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भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के आकाश में ‘श्रीमद्भगवद् गीता’ (Shrimad Bhagavad Gita) एक ऐसे ध्रुव तारे के समान है, जो अनादि काल से मानव जाति को सही दिशा दिखाता रहा है। यह केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला (Art of living), प्रबंधन (Management) और मनोविज्ञान (Psychology) का एक अद्भुत संगम है।…

गुरुवायुर एकादशी व्रत कैसे करें? सही पूजा सामग्री, मंत्र और पारण का समय, पाएं पूर्ण लाभ (Guruvayur Ekadashi Vrat Complete Guide)

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सनातन धर्म में एकादशी का व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है और इसका विशेष महत्व है। हर एकादशी अपने आप में पवित्र और फलदायी होती है, लेकिन केरल के प्रसिद्ध गुरुवायुर मंदिर (Guruvayur Temple) में मनाई जाने वाली गुरुवायुर एकादशी का महत्व असाधारण है। इसे दक्षिण भारत का “द्वारका” भी कहा जाता है।…

केवल 41 दिनों के मंडला पूजा उत्सव में आने वाली गुरुवायुर एकादशी! इस दिन क्या करें और क्या नहीं?

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केरल की धरती पर स्थित “भूलोक वैकुंठ” (पृथ्वी पर स्वर्ग) कहे जाने वाले गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर (Guruvayur Sree Krishna Temple) में एक अत्यंत विशेष पर्व मनाया जाता है – गुरुवायुर एकादशी! यह एकादशी केवल एक धार्मिक तिथि मात्र नहीं, बल्कि यह 41 दिनों तक चलने वाले प्रसिद्ध मंडला पूजा उत्सव (Mandala Pooja Festival) के…

मोक्षदा एकादशी 2025 में कब है यह खास व्रत? जानिए व्रत कथा और मोक्ष पाने का तरीका

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हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। साल में 24 एकादशियां आती हैं, जिनमें से कुछ का विशेष महत्व होता है। मोक्षदा एकादशी 2025 भी उन्हीं में से एक है। यह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत…

सिंदूर लगाने के बाद महिलाएं क्यों नहीं देखती अपना चेहरा? जानें इसका धार्मिक (Religious) कनेक्शन और वैज्ञानिक (Scientific) कारण

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क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय संस्कृति में सिंदूर लगाने के बाद महिलाएं अक्सर आईने (mirror) में अपना चेहरा देखने से क्यों बचती हैं? यह एक ऐसा रीति-रिवाज है जिसे सदियों से निभाया जा रहा है, लेकिन इसके पीछे का गहरा (deep) धार्मिक और आध्यात्मिक (spiritual) रहस्य क्या है? सिंदूर, भारतीय सुहागिन महिलाओं (married…

मंदिर से घर लौटकर हाथ-पैर क्यों धोए जाते हैं? क्या आप जानते हैं इसके पीछे का अहम कारण?

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भारतीय परिवारों में बचपन से ही हमें कुछ आदतें (Habits) सिखाई जाती हैं। जैसे “जूते बाहर उतारो,” “बड़ों के पैर छुओ,” और एक बहुत ही सामान्य नियम – “बाहर से आए हो, तो पहले हाथ-पैर धो लो।” लेकिन जब बात मंदिर (Temple) की आती है, तो थोड़ी दुविधा (Confusion) होती है। हम मंदिर जाते समय…

पीपल के पेड़ को ही क्यों मानते हैं ‘देवता’? पूजा के पीछे का असली सच और साइंस जानकर हैरान रह जाएंगे आप

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भारत के किसी भी गांव या शहर के मंदिर के पास जाइए, आपको एक पेड़ जरूर मिलेगा जिसके तने पर लाल धागे (Kalawa) बंधे होंगे, नीचे दीये जल रहे होंगे और लोग सिर झुकाकर प्रार्थना कर रहे होंगे। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं पीपल के पेड़ (Peepal Tree) की। बचपन से हम सुनते…

दरवाजे और गाड़ियों पर ‘नींबू-मिर्च’ क्यों लटकाते हैं? बुरी नजर का डर या कीड़ों का इलाज?

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भारत में आप चाहे किसी भी शहर में चले जाएं, एक चीज़ आपको हर जगह देखने को मिलेगी – दुकानों के शटर पर, नई चमचमाती कारों के बंपर पर, और घरों के मुख्य दरवाज़े पर लटका हुआ नींबू और 7 हरी मिर्च। हम अक्सर इसे “बुरी नज़र” (Evil Eye) से बचने का ‘टोटका’ मानते हैं।…

रात में नाखून काटना – अंधविश्वास या कोई बड़ी वजह? जानिए क्या कहते हैं शास्त्र और साइंस

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“अरे बेटा! सूरज ढल गया है, अब नेल कटर (Nail Cutter) रख दो, रात को नाखून नहीं काटते!” क्या आपने भी बचपन में अपनी दादी या नानी से यह डांट सुनी है? मुझे यकीन है कि भारत के लगभग हर घर में यह वाक्य कभी न कभी गूंजा होगा। हम में से कई लोग इसे…

सूरज ढलते ही क्यों छिन ली जाती है हाथ से झाड़ू? क्या सच में रूठ जाती हैं माँ लक्ष्मी?

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भारत के हर घर की कहानी – घड़ी में शाम के 6 या 7 बजे और अगर गलती से आपने झाड़ू (Broom) उठा ली, तो घर की बड़ों की आवाज़ गूंज उठती है: “रहने दे! सूरज डूब गया है, अब झाड़ू नहीं लगाते, लक्ष्मी चली जाएगी!” हम में से कई लोग इसे मानते हैं, तो…

सुब्रहमन्य षष्ठी 2025 – तारीख, शुभ मुहूर्त और व्रत करने के अद्भुत लाभ (Subrahmanya Shashti Date, Shubh Muhurat)

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भारतीय संस्कृति में त्योहारों और व्रतों का एक विशेष स्थान है। हर पर्व अपने साथ एक नई ऊर्जा और आध्यात्मिकता लेकर आता है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण पर्व है ‘सुब्रहमन्य षष्ठी’। यह दिन भगवान सुब्रह्मण्यम (Murugan) को समर्पित है, जिन्हें दक्षिण भारत में कार्तिकेय (Kartikeya) के नाम से भी जाना जाता है। स्कंद षष्ठी…

महिलाओं के लिए मंगलवार और शनिवार को बाल धोना क्यों माना जाता है अशुभ? जानें इसका धार्मिक पहलू

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भारत में, विशेषकर हिंदू धर्म में, सप्ताह के हर दिन का अपना एक विशिष्ट महत्व और उससे जुड़े नियम होते हैं। ये नियम हमारी दिनचर्या (Routine), खान-पान और यहाँ तक कि हमारे शरीर की साफ-सफाई से भी जुड़े होते हैं। इन्हीं में से एक नियम है महिलाओं द्वारा कुछ विशेष दिनों, जैसे मंगलवार और शनिवार…

मंदिर में प्रवेश से पहले घंटी क्यों बजाई जाती है? जानें इसके पीछे छिपा गहरा रहस्य

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भारत में, मंदिर (temple) केवल ईंट और पत्थरों से बनी संरचनाएं नहीं हैं; वे ऊर्जा के केंद्र (energy centers) और हमारी आस्था (faith) और संस्कृति के प्रतीक हैं। किसी भी मंदिर में प्रवेश करते समय, सबसे पहला कार्य जो हम करते हैं, वह है गर्भगृह के सामने लटकी हुई घंटी (bell) को बजाना। क्या आपने…

घर में तुलसी का पौधा सूखना क्यों माना जाता है अशुभ? (Why is a Dry Tulsi Plant Considered Inauspicious?) जानें वैज्ञानिक और धार्मिक संकेत

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भारतीय संस्कृति में, तुलसी (Holy Basil) के पौधे को केवल एक जड़ी बूटी (herb) ही नहीं, बल्कि साक्षात् देवी का स्वरूप माना जाता है। लगभग हर हिंदू घर के आँगन या बालकनी में इसकी उपस्थिति अनिवार्य होती है। मान्यता है कि जहाँ तुलसी होती है, वहाँ सकारात्मकता (positivity), सुख और समृद्धि (prosperity) का वास होता…

पूजा में घी का दीपक और रुई की बाती – क्यों है यह ज़रूरी? जानें इसके पीछे का गुप्त रहस्य!

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भारतीय संस्कृति में पूजा-पाठ (Worship Rituals) का एक विशेष स्थान है। और जब भी हम किसी देवी-देवता के सामने नतमस्तक होते हैं, तो सबसे पहले एक दीप प्रज्वलित करते हैं। यह दीपक केवल प्रकाश का स्रोत नहीं, बल्कि ज्ञान, शुद्धता और सकारात्मकता (Positivity) का प्रतीक है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि घी का…

सुबह उठकर धरती माँ को प्रणाम क्यों किया जाता है? जानें इसके पीछे का अद्भुत ऊर्जा कनेक्शन

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सुबह आँख खुलते ही हमारा पहला स्पर्श धरती से होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे बड़े-बुजुर्ग हमें क्यों सिखाते हैं कि बिस्तर से उतरने से पहले धरती माँ को स्पर्श कर उन्हें प्रणाम (Touch and Salute) करना चाहिए? यह मात्र एक धार्मिक रिवाज़ (Religious Ritual) नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरा आध्यात्मिक…

विवाह पंचमी 2025 – जानिए श्रीराम-सीता विवाह की अद्भुत कथा, महत्व और पूजा विधि

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क्या आप जानते हैं कि हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को एक ऐसा पर्व मनाया जाता है, जो हमें प्रेम, समर्पण और मर्यादा की अनूठी गाथा याद दिलाता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं विवाह पंचमी की, जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह का पावन उत्सव…

माघ मेला 2026 – प्रयागराज के संगम तट पर फिर सजेगा आस्था का महाकुंभ! (Magh Mela 2026 Dates & Guide)

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आज हम जानेंगे कि 2026 में माघ मेला कब शुरू हो रहा है, नहाने की प्रमुख तारीखें (Snan Dates) क्या हैं और आपको अपनी यात्रा (Trip) की प्लानिंग कैसे करनी चाहिए। तो चलिए, संगम की रेती पर एक मानसिक डुबकी लगाते हैं! अगर आप भी मेरी तरह धर्म और आध्यात्म (Spirituality) में विश्वास रखते हैं, तो…

क्या रविवार और एकादशी को तुलसी को पानी देना अशुभ है? जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक कारण!

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हिंदू धर्म में तुलसी को अत्यंत पवित्र माना जाता है। तुलसी की पूजा की जाती है और यह विश्वास है कि जिस घर में तुलसी होती है, वहाँ लक्ष्मी जी का वास होता है। ऐसे घर पर हमेशा भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। तुलसी में अनेक औषधीय गुण होते हैं और यह स्वास्थ्य…

Chandra Darshan 2025 List – चंद्र दर्शन 2025 की पूरी लिस्ट जानें तिथि, पूजा विधि और आध्यात्मिक रहस्य

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अमावस्या के अगले दिन को चंद्र दर्शन दिवस के रूप में जाना जाता है। इस दिन चंद्रमा पहली बार अमावस्या के बाद दिखाई देता है। जब चंद्रमा पृथ्वी से पूरी तरह अदृश्य होता है, उसे अमावस्या कहा जाता है। चंद्र दर्शन दिवस पर सूर्यास्त के तुरंत बाद चंद्रमा थोड़े समय के लिए ही दिखाई देता है।…

Chandra Darshan 2025 – चन्द्र दर्शन क्यों है शुभ? चन्द्र दर्शन के समय क्या करें और क्या न करें?

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चंद्र दर्शन हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण प्रथा है, जिसमें अमावस्या के बाद पहली बार दिखने वाले चंद्रमा के दर्शन किए जाते हैं। इसे बहुत शुभ माना जाता है और इसके कई धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक कारण हैं। चन्द्र दर्शन का भारतीय संस्कृति और धर्म में अत्यधिक महत्व है। चन्द्रमा को शांत, सौम्य और मन…

शनि चालीसा – शनि की साढ़ेसाती और ढैया में रामबाण उपाय, क्या है शनि की साढ़ेसाती/ शनि की ढैया?

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क्या आप शनि की साढ़ेसाती, ढैया, या शनि दोष से परेशान हैं? इस लेख में जानिए कैसे ‘शनि चालीसा’ पढ़कर आप शनिदेव की कृपा पा सकते हैं और जीवन की बाधाओं से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफल दाता कहा गया है। शनिदेव हर व्यक्ति को…

शनिदेव के पूजन में कौन से रंग और वस्तुएं हैं शुभ? जानें इनका ज्योतिषीय महत्व

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शनिदेव, जिन्हें न्याय के देवता और कर्मफलदाता के रूप में पूजा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनकी आराधना और कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त कई प्रकार के उपाय करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव से संबंधित कुछ विशेष रंग और वस्तुएं बताई गई हैं, जिन्हें उनका प्रिय माना जाता…

जीवन का टर्निंग पॉइंट शनि साढ़ेसाती – साढ़ेसाती एक ‘बोनस पीरियड’ क्यों है?

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ज्योतिष में ग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव माना जाता है। इनमें से शनि ग्रह का एक विशेष स्थान है, जो न्याय, कर्म और अनुशासन का प्रतिनिधित्व करते हैं। शनि जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में चंद्रमा से बारहवें, पहले और दूसरे भाव से गुजरते हैं, तो इस अवधि को ‘शनि साढ़ेसाती’ कहा…

10 Mysterious Temples of India – इन 10 मंदिरों का रहस्य कोई नहीं जानता! भारत के चमत्कारी और अद्भुत मंदिर।

Mysterious Temples of India

भारत एक आध्यात्मिक भूमि है, जहां हजारों प्राचीन मंदिर स्थित हैं। इनमें से कुछ मंदिर अपनी दिव्यता और चमत्कारी शक्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में विज्ञान भी कई रहस्यों का उत्तर नहीं खोज पाया है। इस लेख में हम भारत के 10 ऐसे रहस्यमयी मंदिरों के बारे में जानेंगे, जिनकी गूढ़ शक्ति और…

Ramcharitmanas mantra – रामचरितमानस के सिद्ध मंत्र रोग, शोक और शत्रु नाश के लिए अचूक उपाय

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रामचरितमानस, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित एक महाकाव्य, न केवल भगवान राम के जीवन और गुणों का वर्णन करता है, बल्कि इसमें ऐसी चौपाइयाँ और दोहे भी शामिल हैं जो साधकों के लिए रोग, शोक और शत्रु नाश के अचूक उपाय माने जाते हैं। इन मंत्रों का नियमित जाप व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का…

दत्तात्रेय के 24 गुरु कौन थे? जानिए भगवान दत्तात्रेय के 24 गुरुओं के नाम और उनसे मिली सीख

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भगवान दत्तात्रेयजी हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं, जिन्हें त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर) का अवतार माना जाता है। वे एक सिद्ध पुरुष, योगी और संत के रूप में भी पूजित हैं। वे प्रकृति से सीखने के प्रबल समर्थक थे। उनके जीवन में 24 गुरु थे, जिनमें से अधिकांश प्राकृतिक तत्व थे। इनमें से…

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