हनुमानजी का शाबर मंत्र

।। हनुमानजी का शाबर मंत्र ।। आत्म सुरक्षा हेतु श्री हनुमानजी का शाबर मंत्र ॐ नमः वज्र का कोठा । जिसमे पिण्ड हमारो पेठा । ईश्वर कुंजी । ब्रह्मा का ताला । मेरे आठो धाम का यति हनुमंत रखवाला ॥ शत्रु दमन हेतु श्री हनुमानजी का शाबर मंत्र हनुमान पहलवान बारह बरस का जवान मुख…

भौम प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

।। मंगल (भौम) प्रदोष व्रत कथा ।। एक नगर में एक वृद्धा निवास करती थी। उसके मंगलिया नामक एक पुत्र था। वृद्धा की हनुमान जी पर गहरी आस्था थी। वह प्रत्येक मंगलवार को नियमपूर्वक व्रत रखकर हनुमान जी की आराधना करती थी। उस दिन वह न तो घर लीपती थी और न ही मिट्टी खोदती…

शरद पूर्णिमा व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| शरद पूर्णिमा व्रत कथा || एक साहूकार के दो पुत्रियां थी। दोनों पुत्रियां पूर्णिमा का व्रत रखती थी, परन्तु बड़ी पुत्री विधिपूर्वक पूरा व्रत करती थी जबकि छोटी पुत्री अधूरा व्रत ही किया करती थी। परिणामस्वरूप साहूकार के छोटी पुत्री की संतान पैदा होते ही मर जाती थी। उसने पंडितों से अपने संतानों के…

Shri Buddha Ji Ki Aarti

|| Shri Buddha Ji Ki Aarti || Vo Gautam Gyaani, Dhany Ho Gautam Gyaani Janm Maran Ka Tumne Bhed Liya Jaani Dhany Ho Gautam Gyaani Pita Shuddhodhan, Mata Mahamaya Rani Janm Liya Lumbini Van, Sakyamuni Saani Dhany Ho Gautam Gyaani Jag Ka Ran Grih Tyaga, Van Ki Khaak Chaani Dukh Ka Kaaran Khoja, Driddhata Dee…

श्री बुद्ध जी की आरती

|| श्री बुद्ध जी की आरती || वो गौतम ज्ञानी, धन्य हो गौतम ज्ञानी । जन्म मरण का तुमने भेद लिया जानी।। धन्य हो गौतम ज्ञानी। पिता शुद्दोधन माता महामाया रानी। जन्म लिया लुम्बिनी वन, साक्य मुनि सानी।। धन्य हो गौतम ज्ञानी। जग का रण गृह त्यागा, वन की खाक छानी। दुःख का कारन खोजा,…

विजयादशमी की कथा (दशहरा व्रत कथा)

|| विजयादशमी की कथा (दशहरा व्रत कथा) || आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को ‘विजयादशमी’ कहा जाता है, और इसके नाम के पीछे कई पौराणिक और ज्योतिषीय कारण बताए गए हैं। इस दिन को ‘विजयादशमी’ कहे जाने का एक प्रमुख कारण देवी भगवती के ‘विजया’ नाम से जुड़ा हुआ है। इसके साथ…

विजयादशमीची कथा (दसरा व्रत कथा)

|| विजयादशमीची कथा (दसरा व्रत कथा) || आश्विन महिन्याच्या शुक्ल पक्षातील दशमी तिथीला ‘विजयादशमी’ असे म्हटले जाते, आणि यामागे अनेक पौराणिक आणि ज्योतिषशास्त्रीय कारणे सांगितली जातात. या दिवशी देवी भगवतीच्या ‘विजया’ या नावाशी संबंधित असलेल्या कारणामुळे या तिथीला ‘विजयादशमी’ असे म्हणतात. या दिवशी भगवान श्रीराम यांनी लंकेवर विजय मिळवला होता, त्यामुळेही याला विजयादशमी असे म्हटले…

విజయాదశమీ కీ కథా (దశహరా వ్రత కథా)

|| విజయాదశమీ కీ కథా (దశహరా వ్రత కథా) || ఆశ్విన మాస కీ శుక్ల పక్ష కీ దశమీ తిథి కో ‘విజయాదశమీ’ కహా జాతా హై, ఔర ఇసకే నామ కే పీఛే కఈ పౌరాణిక ఔర జ్యోతిషీయ కారణ బతాఏ గఏ హైం. ఇస దిన కో ‘విజయాదశమీ’ కహే జానే కా ఏక ప్రముఖ కారణ దేవీ భగవతీ కే ‘విజయా’ నామ సే జుడా హుఆ హై. ఇసకే సాథ…

விஜயாத³ஶமீ கீ கதா² (த³ஶஹரா வ்ரத கதா²)

|| விஜயாத³ஶமீ கீ கதா² (த³ஶஹரா வ்ரத கதா²) || ஆஶ்வின மாஸ கீ ஶுக்ல பக்ஷ கீ த³ஶமீ திதி² கோ ‘விஜயாத³ஶமீ’ கஹா ஜாதா ஹை, ஔர இஸகே நாம கே பீசே² கஈ பௌராணிக ஔர ஜ்யோதிஷீய காரண ப³தாஏ க³ஏ ஹைம்ʼ. இஸ தி³ன கோ ‘விஜயாத³ஶமீ’ கஹே ஜானே கா ஏக ப்ரமுக² காரண தே³வீ ப⁴க³வதீ கே ‘விஜயா’ நாம ஸே ஜுஃடா² ஹுஆ ஹை. இஸகே ஸாத²…

ವಿಜಯಾದಶಮೀ ಕೀ ಕಥಾ (ದಶಹರಾ ವ್ರತ ಕಥಾ)

|| ವಿಜಯಾದಶಮೀ ಕೀ ಕಥಾ (ದಶಹರಾ ವ್ರತ ಕಥಾ) || ಆಶ್ವಿನ ಮಾಸ ಕೀ ಶುಕ್ಲ ಪಕ್ಷ ಕೀ ದಶಮೀ ತಿಥಿ ಕೋ ‘ವಿಜಯಾದಶಮೀ’ ಕಹಾ ಜಾತಾ ಹೈ, ಔರ ಇಸಕೇ ನಾಮ ಕೇ ಪೀಛೇ ಕಈ ಪೌರಾಣಿಕ ಔರ ಜ್ಯೋತಿಷೀಯ ಕಾರಣ ಬತಾಏ ಗಏ ಹೈಂ. ಇಸ ದಿನ ಕೋ ‘ವಿಜಯಾದಶಮೀ’ ಕಹೇ ಜಾನೇ ಕಾ ಏಕ ಪ್ರಮುಖ ಕಾರಣ ದೇವೀ ಭಗವತೀ ಕೇ ‘ವಿಜಯಾ’ ನಾಮ ಸೇ ಜುಡ಼ಾ ಹುಆ ಹೈ. ಇಸಕೇ ಸಾಥ…

सिद्धिदात्री माता व्रत कथा पूजा विधि

।। सिद्धिदात्री माता कथा ।। मां दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्रि-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में…

मां सिद्धिदात्री आरती

।। सिद्धिदात्री आरती ।। जय सिद्धिदात्री मां तू सिद्धि की दाता । तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता ।। तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि । तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि ।। कठिन काम सिद्ध करती हो तुम । जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम ।। तेरी…

Mahagauri Mata Aarti

॥ Mahagauri Mata Aarti ॥ Jay Mahagauri Jagat Ki Maya । Jaya Uma Bhavani Jay Mahamaya ॥ Haridwar Kankhal Ke Pasa । Mahagauri Teri Wahan Nivasa ॥ Chandrakali Or Mamta Ambe । Jay Shakti Jay Jay Maa Jagdambe ॥ Bhima Devi Vimla Mata । Koushiki Devi Jag Vikhyata ॥ Himachal Ke Ghar Gauri Rup Tera…

Shri Siddhidaatri Mata Aarti

|| Shri Siddhidaatri Mata Aarti || Jai Siddhidaatri Tu Siddhi Ki Daata, Tu Bhakton Ki Rakshak Tu Dason Ki Mata. Tera Naam Lete Hi Milti Hai Siddhi, Tere Naam Se Man Ki Hoti Hai Shuddhi. Kathin Kaam Siddh Karaati Ho Tum, Haath Sevak Ke Sar Dharti Ho Tum. Teri Pooja Mein Na Koi Vidhi Hai,…

महागौरी माता आरती

॥ महागौरी माता आरती ॥ जय महागौरी जगत की माया। जया उमा भवानी जय महामाया॥ हरिद्वार कनखल के पासा। महागौरी तेरी वहां निवासा॥ चंद्रकली ओर ममता अंबे। जय शक्ति जय जय माँ जगंदबे॥ भीमा देवी विमला माता। कौशिकी देवी जग विख्यता॥ हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा। महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥ सती सत हवन…

महागौरी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। महागौरी माता कथा ।। नवरात्रि में आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है। नाम से प्रकट है कि इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई है। इनके सभी आभूषण और…

Vindhyeshwari Mata Stotram

|| Vindhyeshwari Mata Stotram || Nishumbhashumbhamardinim Prachandamundakhandinim। Vane Rane Prakashinim Bhajami Vindhyavasinim॥1॥ Trishularatnadharinim Dharavighataharinim। Grihe Grihe Nivasinim Bhajami Vindhyavasinim॥2॥ Daridraduhkhaharinim Satam Vibhutikarinim। Viyogashokaharinim Bhajami Vindhyavasinim॥3॥ Lasatsulolalochanam Latam Sadavarapradam। Kapalashuladharinim Bhajami Vindhyavasinim॥4॥ Kare Muda Gadadharam Shivam Shivapradayinim। Varavarananam Shubham Bhajami Vindhyavasinim॥5॥ Rishindrajaminapradam Tridhasyarupadharinim। Jale Sthale Nivasinim Bhajami Vindhyavasinim॥6॥ Vishishtasrishtikarinim Vishalarupadharinim। Mahodaram Vishalinim Bhajami Vindhyavasinim॥7॥ Purandaradisevitam Muradivanshakhandinim।…

विन्ध्येश्वरी माता स्तोत्रम्

|| विन्ध्येश्वरी माता स्तोत्रम् || निशुम्भशुम्भमर्दिनीं प्रचण्डमुण्डखण्डिनीम्। वने रणे प्रकाशिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥1॥ त्रिशूलरत्नधारिणीं धराविघातहारिणीम्। गृहे गृहे निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥2॥ दरिद्रदुःखहारिणीं सतां विभूतिकारिणीम्। वियोगशोकहारिणीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥3॥ लसत्सुलोललोचनां लतां सदावरप्रदाम्। कपालशूलधारिणीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥4॥ करे मुदा गदाधरां शिवां शिवप्रदायिनीम्। वरावराननां शुभां भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥5॥ ऋषीन्द्रजामिनप्रदां त्रिधास्यरूपधारिणीम्। जले स्थले निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥6॥ विशिष्टसृष्टिकारिणीं विशालरूपधारिणीम्। महोदरां विशालिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥7॥ पुरन्दरादिसेवितां मुरादिवंशखण्डिनीम्।…

अन्नपूर्णा माता स्तोत्रम्

|| अन्नपूर्णा माता स्तोत्रम् || नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी। प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी॥1॥ नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी मुक्ताहारविलम्बमान-विलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी। काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरे काशीपुराधीश्वर भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी॥2॥ योगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्मार्थनिष्ठाकरी चन्द्रार्कानलभासमानलहरी त्रैलोक्यरक्षाकरी। सर्वैश्वर्यसमस्तवाञ्छितकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी॥3॥ कैलासाचलकन्दरालयकरी गौरी उमा शङ्करी कौमारी निगमार्थगोचरकरी ओङ्कारबीजाक्षरी। मोक्षद्वारकपाटपाटनकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी॥4॥ दृश्यादृश्यविभूतिवाहनकरी ब्रह्माण्डभाण्डोदरी लीलानाटकसूत्रभेदनकरी विज्ञानदीपाङ्कुरी। श्रीविश्वेशमनःप्रसादनकरी काशीपुराधीश्वरी…

श्री काली सहस्त्रनाम

।। श्री काली सहस्त्रनाम ।। श्मशान-कालिका काली भद्रकाली कपालिनी । गुह्य-काली महाकाली कुरु-कुल्ला विरोधिनी ।। कालिका काल-रात्रिश्च महा-काल-नितम्बिनी । काल-भैरव-भार्या च कुल-वत्र्म-प्रकाशिनी ।। कामदा कामिनीया कन्या कमनीय-स्वरूपिणी । कस्तूरी-रस-लिप्ताङ्गी कुञ्जरेश्वर-गामिनी ।। ककार-वर्ण-सर्वाङ्गी कामिनी काम-सुन्दरी । कामात्र्ता काम-रूपा च काम-धेनुु: कलावती ।। कान्ता काम-स्वरूपा च कामाख्या कुल-कामिनी । कुलीना कुल-वत्यम्बा दुर्गा दुर्गति-नाशिनी ।। कौमारी कुलजा कृष्णा…

देवी काली सहस्रनामावली

।। देवी काली सहस्रनामावली ।। ॐ अचिन्त्यायै नमः। ॐ अट्टहासायै नमः। ॐ अणिम्ने नमः। ॐ अतिमत्तायै नमः। ॐ अतिवेगिन्यै नमः। ॐ अतिशुक्रिण्यै नमः। ॐ अद्वैतायै नमः। ॐ अधिष्ठायै नमः। ॐ अनङ्गकुसुमायै नमः। ॐ अनङ्गमदनायै नमः। ॐ अनङ्गमालिन्यै नमः। ॐ अनङ्गमेखलायै नमः। ॐ अनङ्गमेखलायै नमः। ॐ अनङ्गरूपिण्यै नमः। ॐ अनङ्गरेखायै नमः। ॐ अनङ्गाङ्कुशेश्वर्यै नमः। ॐ अनन्तगुणिन्यै…

माँ काली मंत्र

॥ माँ काली मंत्र ॥ एकाक्षरी काली मंत्र क्रीं तीन अक्षरी काली मंत्र क्रीं ह्रुं ह्रीं॥ पांच अक्षरी काली मंत्र क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्॥ षडाक्षरी काली मंत्र क्रीं कालिके स्वाहा॥ सप्ताक्षरी काली मंत्र हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा॥ श्री दक्षिणकाली मंत्र ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं…

मां काली की कथा

|| मां काली की कथा || हिंदू धर्म में मां काली का प्रमुख स्थान है काली का अर्थ है समय और काल ऐसा माना जाता है कि इनकी उत्पत्ति समय और काल पापियों के नाश के लिए हुई थी| समय और काल से कोई भी नहीं बच सकता यह सभी को निगल जाता है माता…

श्री काली माँ आरती

|| श्री काली माँ आरती || जय काली माता, मा जय महा काली माँ | रतबीजा वध कारिणी माता | सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ || दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ शुभ निशूंभ हरलि | मधु और कैितभा नासिनी माता | महेशासुर मारदिनी …ओ माता जय महा काली माँ || हे हीमा…

श्री काली माँ चालीसा

|| श्री काली माँ चालीसा || ॥ दोहा ॥ जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥ ॥ चौपाई॥ अरि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥ अष्टभुजी सुखदायक माता । दुष्टदलन जग में विख्याता ॥ भाल विशाल मुकुट छवि छाजै । कर में शीश शत्रु का साजै…

गंगा माता स्तोत्रम्

|| गंगा माता स्तोत्रम् || देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गेत्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे। शङ्करमौलिविहारिणि विमले मममतिरास्तां तव पदकमले॥1॥ भागीरथिसुखदायिनि मातस्तवजलमहिमा निगमे ख्यातः। नाहं जाने तव महिमानंपाहि कृपामयि मामज्ञानम्॥2॥ हरिपदपाद्यतरङ्गिण गङ्गेहिमविधुमुक्ताधवलतरङ्गे। दूरीकुरु मम दुष्कृतिभारंकुरु कृपया भवसागरपारम्॥3॥ तव जलममलं येन निपीतंपरमपदं खलु तेन गृहीतम्। मातर्गंगे त्वयि यो भक्तःकिल तं द्रष्टुं न यमः शक्तः॥4॥ पतितोद्धारिणि जाह्नविगङ्गे खण्डितगिरिवरमण्डितभङ्गे। भीष्मजननि हे मुनिवरकन्येपतितनिवारिणि त्रिभुवनधन्ये॥5॥…

Ganga Mata Stotram

|| Ganga Mata Stotram || Devi Sureshvari Bhagavati GangeTribhuvanatarini Taralatarange। Shankaramauli-viharini Vimale MamaMatirastam Tava Padakamale॥1॥ Bhagirathi Sukhadayini MatastavaJalamahima Nigame Khyatah। Naham Jane Tava MahimanamPahi Kripamayi Mamagyanam॥2॥ Haripadapadhatarangini GangeHimavidhumukta-dhavala-tarange। Darikuru Mama DuskritibharamKuru Kripaya Bhavasagaraparam॥3॥ Tava Jalamamalam Yena NipitamParamapadam Khalu Tena Grahitam। Matargange Tvayi Yo BhaktahKila Tama Drastum Na Yamah Shaktah॥4॥ Patitoddharini JahnaviGange Khanditagirivara-manditabhange। Bhismajanani He MunivarakanyePatitanivarini…

हनुमान जी के मंत्र

।। हनुमान जी के मंत्र ।। किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए: ॐ हनुमते नमः शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए: ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा। प्रेत आदि की बाधा निवृति…

तुलसी माता स्तोत्रम्

|| तुलसी माता स्तोत्रम् || जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे। यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन्तकारिणः॥1॥ नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे। नमो मोक्षप्रदे देवि नमः सम्पत्प्रदायिके॥2॥ तुलसी पातु मां नित्यं सर्वापद्भ्योऽपि सर्वदा। कीर्तितापि स्मृता वापि पवित्रयति मानवम्॥3॥ नमामि शिरसा देवीं तुलसीं विलसत्तनुम्। यां दृष्ट्वा पापिनो मर्त्या मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषात्॥4॥ तुलस्या रक्षितं सर्वं जगदेतच्चराचरम्। या विनिहन्ति पापानि दृष्ट्वा वा पापिभिर्नरैः॥5॥…

Tulasi Mata Stotram

|| Tulasi Mata Stotram || Jagaddhatri Namastubhyam Vishnoshcha Priyavallabhe। Yato Brahmadayo Devah Srishtisthityantakarinah॥1॥ Namastulasi Kalyani Namo Vishnupriye Shubhe। Namo Mokshaprade Devi Namah Sampatpradayike॥2॥ Tulasi Patu Maa Nityam Sarvapadbhyoapi Sarvada। Kirtitapi Smrita Vapi Pavitrayati Manavam॥3॥ Namami Shirasa Devim Tulasim Vilasattanam। Yam Drishtva Papino Matrya Muchyante Sarvakilbishat॥4॥ Tulasya Rakshitam Sarvam Jagadetachcharacharam। Ya Vinihanti Papani Drishtva Va Papinibhirnaraih॥5॥…

कालरात्रि माता व्रत कथा पूजा विधि

।। कालरात्रि माता व्रत कथा ।। जैसा कि नाम से अभिव्यक्त होता है कि मां दुर्गा की यह सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है अर्थात जिनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। नाम से ही जाहिर है कि इनका रूप भयानक है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं…

Kalratri Mata Aarti

॥ Kalratri Mata Aarti ॥ Kalaratri Jai-jai-mahakali। Kaal Ke Muh Se Bachane Wali॥ Dusht Sangharak Naam Tumhara। Mahachandi Tera Avtar॥ Prithvi Aur Aakash Pe Sara। Mahakali Hai Tera Pasara॥ Khadag Khappar Rakhne Wali। Dushton Ka Lahoo Chakhane Wali॥ Kalkatta Sthan Tumhara। Sab Jagah Dekhoon Tera Najara॥ Sabhi Devta Sab Nar-nari। Gawen Stuti Sabhi Tumhari॥ Raktdanta…

कालरात्रि माता आरती

॥ कालरात्रि माता आरती ॥ कालरात्रि जय जय महाकाली। काल के मुंह से बचाने वाली॥ दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतारा॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा। महाकाली है तेरा पसारा॥ खड्ग खप्पर रखनेवाली। दुष्टों का लहू चखने वाली॥ कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखूं तेरा नजारा॥ सभी देवता सब नर-नारी। गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥…

हनुमान चालीसा कब, क्यों और कैसे पढ़ें? जानिए हनुमान चालीसा के लाभ और सही समय

hanuman chalisa

हनुमान चालीसा हिंदू धर्म में एक बहुत ही प्रसिद्ध स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र न केवल भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करता है बल्कि मन को शांत और आत्मविश्वास से भर देता है। हनुमान चालीसा, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण भक्ति स्तोत्र है, जिसमें भगवान हनुमान…

पापांकुशा एकादशी 2024 कब है? कैसे करें व्रत? क्या है महत्व?

papankusha ekadashi

पापांकुशा एकादशी हिंदू धर्म में आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। पापांकुशा एकादशी एक पवित्र अवसर है जब हम अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यदि…

2024 Navratri Bhog 9 Days List – नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी को लगाएं इन वस्तुओं का भोग, देखें पूरी सूची

navratri bhog list

नवरात्रि, हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण और श्रद्धापूर्ण त्योहारों में से एक है, जो भक्तिभाव, उपवास और उल्लास का समय होता है। इस नौ दिवसीय उत्सव में भक्त देवी दुर्गा के नौ विभिन्न स्वरूपों की पूजा करते हैं, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है। इस साल 2024 में नवरात्रि का प्रारंभ गुरुवार, 3 अक्टूबर से हो…

पापांकुशा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ पापंकुशा एकादशी पूजा विधि ॥ सुबह जल्दी उठें, नहाएं और साफ कपड़े पहनें। भगवान पद्मनाभ की पूजा करें, पहले तिलक करें और फिर फूल, अगरबत्ती, प्रसाद आदि चढ़ाएं। मंत्रों का जाप करें, विष्णु पुराण और कथा का पाठ करें। भगवान विष्णु जी की आरती कर पूजा का समापन करें। ॥ पापांकुशा एकादशी व्रत कथा…

పితృ స్తోత్రం – ౧ (రుచి కృతం)

|| పితృ స్తోత్రం – ౧ (రుచి కృతం) || రుచిరువాచ | నమస్యేఽహం పితౄన్ భక్త్యా యే వసన్త్యధిదేవతాః | దేవైరపి హి తర్ప్యంతే యే శ్రాద్ధేషు స్వధోత్తరైః || ౧ || నమస్యేఽహం పితౄన్ స్వర్గే యే తర్ప్యంతే మహర్షిభిః | శ్రాద్ధైర్మనోమయైర్భక్త్యా భుక్తిముక్తిమభీప్సుభిః || ౨ || నమస్యేఽహం పితౄన్ స్వర్గే సిద్ధాః సంతర్పయంతి యాన్ | శ్రాద్ధేషు దివ్యైః సకలైరుపహారైరనుత్తమైః || ౩ || నమస్యేఽహం పితౄన్ భక్త్యా యేఽర్చ్యంతే గుహ్యకైర్దివి…

ಪಿತೃ ಸ್ತೋತ್ರಂ – ೧ (ರುಚಿ ಕೃತಂ)

|| ಪಿತೃ ಸ್ತೋತ್ರಂ – ೧ (ರುಚಿ ಕೃತಂ) || ರುಚಿರುವಾಚ | ನಮಸ್ಯೇಽಹಂ ಪಿತೄನ್ ಭಕ್ತ್ಯಾ ಯೇ ವಸನ್ತ್ಯಧಿದೇವತಾಃ | ದೇವೈರಪಿ ಹಿ ತರ್ಪ್ಯಂತೇ ಯೇ ಶ್ರಾದ್ಧೇಷು ಸ್ವಧೋತ್ತರೈಃ || ೧ || ನಮಸ್ಯೇಽಹಂ ಪಿತೄನ್ ಸ್ವರ್ಗೇ ಯೇ ತರ್ಪ್ಯಂತೇ ಮಹರ್ಷಿಭಿಃ | ಶ್ರಾದ್ಧೈರ್ಮನೋಮಯೈರ್ಭಕ್ತ್ಯಾ ಭುಕ್ತಿಮುಕ್ತಿಮಭೀಪ್ಸುಭಿಃ || ೨ || ನಮಸ್ಯೇಽಹಂ ಪಿತೄನ್ ಸ್ವರ್ಗೇ ಸಿದ್ಧಾಃ ಸಂತರ್ಪಯಂತಿ ಯಾನ್ | ಶ್ರಾದ್ಧೇಷು ದಿವ್ಯೈಃ ಸಕಲೈರುಪಹಾರೈರನುತ್ತಮೈಃ || ೩ || ನಮಸ್ಯೇಽಹಂ ಪಿತೄನ್ ಭಕ್ತ್ಯಾ ಯೇಽರ್ಚ್ಯಂತೇ ಗುಹ್ಯಕೈರ್ದಿವಿ…

பித்ரு ஸ்தோத்ரம் – 1 (ருசி க்ருதம்)

|| பித்ரு ஸ்தோத்ரம் – 1 (ருசி க்ருதம்) || ருசிருவாச । நமஸ்யே(அ)ஹம் பித்ரூன் ப⁴க்த்யா யே வஸந்த்யதி⁴தே³வதா꞉ । தே³வைரபி ஹி தர்ப்யந்தே யே ஶ்ராத்³தே⁴ஷு ஸ்வதோ⁴த்தரை꞉ ॥ 1 ॥ நமஸ்யே(அ)ஹம் பித்ரூன் ஸ்வர்கே³ யே தர்ப்யந்தே மஹர்ஷிபி⁴꞉ । ஶ்ராத்³தை⁴ர்மனோமயைர்ப⁴க்த்யா பு⁴க்திமுக்திமபீ⁴ப்ஸுபி⁴꞉ ॥ 2 ॥ நமஸ்யே(அ)ஹம் பித்ரூன் ஸ்வர்கே³ ஸித்³தா⁴꞉ ஸந்தர்பயந்தி யான் । ஶ்ராத்³தே⁴ஷு தி³வ்யை꞉ ஸகலைருபஹாரைரனுத்தமை꞉ ॥ 3 ॥ நமஸ்யே(அ)ஹம் பித்ரூன் ப⁴க்த்யா யே(அ)ர்ச்யந்தே கு³ஹ்யகைர்தி³வி…

Ruchi Kruta Pitru Stotram

|| Ruchi Kruta Pitru Stotram || ruciruvāca | namasyē:’haṁ pitr̥̄n bhaktyā yē vasantyadhidēvatāḥ | dēvairapi hi tarpyantē yē śrāddhēṣu svadhōttaraiḥ || 1 || namasyē:’haṁ pitr̥̄n svargē yē tarpyantē maharṣibhiḥ | śrāddhairmanōmayairbhaktyā bhuktimuktimabhīpsubhiḥ || 2 || namasyē:’haṁ pitr̥̄n svargē siddhāḥ santarpayanti yān | śrāddhēṣu divyaiḥ sakalairupahārairanuttamaiḥ || 3 || namasyē:’haṁ pitr̥̄n bhaktyā yē:’rcyantē guhyakairdivi | tanmayatvēna…

पितृ स्तोत्रम् – १ (रुचि कृतम्)

|| पितृ स्तोत्रम् – १ (रुचि कृतम्) || रुचिरुवाच । नमस्येऽहं पितॄन् भक्त्या ये वसन्त्यधिदेवताः । देवैरपि हि तर्प्यन्ते ये श्राद्धेषु स्वधोत्तरैः ॥ १ ॥ नमस्येऽहं पितॄन् स्वर्गे ये तर्प्यन्ते महर्षिभिः । श्राद्धैर्मनोमयैर्भक्त्या भुक्तिमुक्तिमभीप्सुभिः ॥ २ ॥ नमस्येऽहं पितॄन् स्वर्गे सिद्धाः सन्तर्पयन्ति यान् । श्राद्धेषु दिव्यैः सकलैरुपहारैरनुत्तमैः ॥ ३ ॥ नमस्येऽहं पितॄन् भक्त्या येऽर्च्यन्ते गुह्यकैर्दिवि…

नवरात्रि में क्यों होता है माता का जागरण? जाने महत्व, समय, अन्य रोचक बातें

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नवरात्रि में माता का जागरण, भक्ति और आस्था का संगम होता है। यह न केवल देवी दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति और मनोरंजन का भी साधन है। नवरात्रि में माता का जागरण, भक्ति, आस्था, और सामाजिक जुड़ाव का प्रतीक है। यह देवी दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण…

పితృ స్తోత్రం – ౨ (రుచి కృతం)

|| పితృ స్తోత్రం – ౨ (రుచి కృతం) || రుచిరువాచ | అర్చితానామమూర్తానాం పితౄణాం దీప్తతేజసామ్ | నమస్యామి సదా తేషాం ధ్యానినాం దివ్యచక్షుషామ్ || ౧ || ఇంద్రాదీనాం చ నేతారో దక్షమారీచయోస్తథా | సప్తర్షీణాం తథాన్యేషాం తాన్నమస్యామి కామదాన్ || ౨ || మన్వాదీనాం చ నేతారః సూర్యాచంద్రమసోస్తథా | తాన్నమస్యామ్యహం సర్వాన్ పితౄనప్యుదధావపి || ౩ || నక్షత్రాణాం గ్రహాణాం చ వాయ్వగ్న్యోర్నభసస్తథా | ద్యావాపృథివ్యోశ్చ తథా నమస్యామి కృతాంజలిః ||…

ಪಿತೃ ಸ್ತೋತ್ರಂ – ೨ (ರುಚಿ ಕೃತಂ)

|| ಪಿತೃ ಸ್ತೋತ್ರಂ – ೨ (ರುಚಿ ಕೃತಂ) || ರುಚಿರುವಾಚ | ಅರ್ಚಿತಾನಾಮಮೂರ್ತಾನಾಂ ಪಿತೄಣಾಂ ದೀಪ್ತತೇಜಸಾಮ್ | ನಮಸ್ಯಾಮಿ ಸದಾ ತೇಷಾಂ ಧ್ಯಾನಿನಾಂ ದಿವ್ಯಚಕ್ಷುಷಾಮ್ || ೧ || ಇಂದ್ರಾದೀನಾಂ ಚ ನೇತಾರೋ ದಕ್ಷಮಾರೀಚಯೋಸ್ತಥಾ | ಸಪ್ತರ್ಷೀಣಾಂ ತಥಾನ್ಯೇಷಾಂ ತಾನ್ನಮಸ್ಯಾಮಿ ಕಾಮದಾನ್ || ೨ || ಮನ್ವಾದೀನಾಂ ಚ ನೇತಾರಃ ಸೂರ್ಯಾಚಂದ್ರಮಸೋಸ್ತಥಾ | ತಾನ್ನಮಸ್ಯಾಮ್ಯಹಂ ಸರ್ವಾನ್ ಪಿತೄನಪ್ಯುದಧಾವಪಿ || ೩ || ನಕ್ಷತ್ರಾಣಾಂ ಗ್ರಹಾಣಾಂ ಚ ವಾಯ್ವಗ್ನ್ಯೋರ್ನಭಸಸ್ತಥಾ | ದ್ಯಾವಾಪೃಥಿವ್ಯೋಶ್ಚ ತಥಾ ನಮಸ್ಯಾಮಿ ಕೃತಾಂಜಲಿಃ ||…

பித்ரு ஸ்தோத்ரம் – 2 (ருசி க்ருதம்)

|| பித்ரு ஸ்தோத்ரம் – 2 (ருசி க்ருதம்) || ருசிருவாச । அர்சிதாநாமமூர்தானாம் பித்ரூணாம் தீ³ப்ததேஜஸாம் । நமஸ்யாமி ஸதா³ தேஷாம் த்⁴யானினாம் தி³வ்யசக்ஷுஷாம் ॥ 1 ॥ இந்த்³ராதீ³னாம் ச நேதாரோ த³க்ஷமாரீசயோஸ்ததா² । ஸப்தர்ஷீணாம் ததா²ன்யேஷாம் தாந்நமஸ்யாமி காமதா³ன் ॥ 2 ॥ மன்வாதீ³னாம் ச நேதார꞉ ஸூர்யாசந்த்³ரமஸோஸ்ததா² । தாந்நமஸ்யாம்யஹம் ஸர்வான் பித்ரூனப்யுத³தா⁴வபி ॥ 3 ॥ நக்ஷத்ராணாம் க்³ரஹாணாம் ச வாய்வக்³ன்யோர்னப⁴ஸஸ்ததா² । த்³யாவாப்ருதி²வ்யோஶ்ச ததா² நமஸ்யாமி க்ருதாஞ்ஜலி꞉ ॥…

Ruchi Kruta Pitru Stotram 2

|| Ruchi Kruta Pitru Stotram 2 || ruciruvāca | arcitānāmamūrtānāṁ pitr̥̄ṇāṁ dīptatējasām | namasyāmi sadā tēṣāṁ dhyānināṁ divyacakṣuṣām || 1 || indrādīnāṁ ca nētārō dakṣamārīcayōstathā | saptarṣīṇāṁ tathānyēṣāṁ tānnamasyāmi kāmadān || 2 || manvādīnāṁ ca nētāraḥ sūryācandramasōstathā | tānnamasyāmyahaṁ sarvān pitr̥̄napyudadhāvapi || 3 || nakṣatrāṇāṁ grahāṇāṁ ca vāyvagnyōrnabhasastathā | dyāvāpr̥thivyōśca tathā namasyāmi kr̥tāñjaliḥ || 4…

पितृ स्तोत्रम् – २ (रुचि कृतम्)

|| पितृ स्तोत्रम् – २ (रुचि कृतम्) || रुचिरुवाच । अर्चितानाममूर्तानां पितॄणां दीप्ततेजसाम् । नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम् ॥ १ ॥ इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा । सप्तर्षीणां तथान्येषां तान्नमस्यामि कामदान् ॥ २ ॥ मन्वादीनां च नेतारः सूर्याचन्द्रमसोस्तथा । तान्नमस्याम्यहं सर्वान् पितॄनप्युदधावपि ॥ ३ ॥ नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा । द्यावापृथिव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलिः ॥…

పితృ స్తోత్రం – ౩ (బ్రహ్మ కృతం)

|| పితృ స్తోత్రం – ౩ (బ్రహ్మ కృతం) || బ్రహ్మోవాచ | నమః పిత్రే జన్మదాత్రే సర్వదేవమయాయ చ | సుఖదాయ ప్రసన్నాయ సుప్రీతాయ మహాత్మనే || ౧ || సర్వయజ్ఞస్వరూపాయ స్వర్గాయ పరమేష్ఠినే | సర్వతీర్థావలోకాయ కరుణాసాగరాయ చ || ౨ || నమః సదాఽఽశుతోషాయ శివరూపాయ తే నమః | సదాఽపరాధక్షమిణే సుఖాయ సుఖదాయ చ || ౩ || దుర్లభం మానుషమిదం యేన లబ్ధం మయా వపుః | సంభావనీయం ధర్మార్థే…

ಪಿತೃ ಸ್ತೋತ್ರಂ – ೩ (ಬ್ರಹ್ಮ ಕೃತಂ)

|| ಪಿತೃ ಸ್ತೋತ್ರಂ – ೩ (ಬ್ರಹ್ಮ ಕೃತಂ) || ಬ್ರಹ್ಮೋವಾಚ | ನಮಃ ಪಿತ್ರೇ ಜನ್ಮದಾತ್ರೇ ಸರ್ವದೇವಮಯಾಯ ಚ | ಸುಖದಾಯ ಪ್ರಸನ್ನಾಯ ಸುಪ್ರೀತಾಯ ಮಹಾತ್ಮನೇ || ೧ || ಸರ್ವಯಜ್ಞಸ್ವರೂಪಾಯ ಸ್ವರ್ಗಾಯ ಪರಮೇಷ್ಠಿನೇ | ಸರ್ವತೀರ್ಥಾವಲೋಕಾಯ ಕರುಣಾಸಾಗರಾಯ ಚ || ೨ || ನಮಃ ಸದಾಽಽಶುತೋಷಾಯ ಶಿವರೂಪಾಯ ತೇ ನಮಃ | ಸದಾಽಪರಾಧಕ್ಷಮಿಣೇ ಸುಖಾಯ ಸುಖದಾಯ ಚ || ೩ || ದುರ್ಲಭಂ ಮಾನುಷಮಿದಂ ಯೇನ ಲಬ್ಧಂ ಮಯಾ ವಪುಃ | ಸಂಭಾವನೀಯಂ ಧರ್ಮಾರ್ಥೇ…

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