శ్రీ హరిహర అష్టోత్తరశతనామ స్తోత్రం

|| శ్రీ హరిహర అష్టోత్తరశతనామ స్తోత్రం || గోవిన్ద మాధవ ముకున్ద హరే మురారే శమ్భో శివేశ శశిశేఖర శూలపాణే | దామోదరాఽచ్యుత జనార్దన వాసుదేవ త్యాజ్యా భటా య ఇతి సన్తతమామనన్తి || ౧ || గఙ్గాధరాఽన్ధకరిపో హర నీలకణ్ఠ వైకుణ్ఠ కైటభరిపో కమఠాఽబ్జపాణే | భూతేశ ఖణ్డపరశో మృడ చణ్డికేశ త్యాజ్యా భటా య ఇతి సన్తతమామనన్తి || ౨ || విష్ణో నృసింహ మధుసూదన చక్రపాణే గౌరీపతే గిరిశ శఙ్కర చన్ద్రచూడ |…

श्री हरिहर अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्

|| श्री हरिहर अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् || गोविन्द माधव मुकुन्द हरे मुरारे शम्भो शिवेश शशिशेखर शूलपाणे । दामोदराऽच्युत जनार्दन वासुदेव त्याज्या भटा य इति सन्ततमामनन्ति ॥ १ ॥ गङ्गाधराऽन्धकरिपो हर नीलकण्ठ वैकुण्ठ कैटभरिपो कमठाऽब्जपाणे । भूतेश खण्डपरशो मृड चण्डिकेश त्याज्या भटा य इति सन्ततमामनन्ति ॥ २ ॥ विष्णो नृसिंह मधुसूदन चक्रपाणे गौरीपते गिरिश शङ्कर चन्द्रचूड…

श्री बृहस्पतिदेव चालीसा

|| श्री बृहस्पतिदेव चालीसा || || दोहा || प्रन्वाऊ प्रथम गुरु चरण, बुद्धि ज्ञान गुन खान | श्रीगणेश शारदसहित, बसों ह्रदय में आन || अज्ञानी मति मंद मैं, हैं गुरुस्वामी सुजान | दोषों से मैं भरा हुआ हूं तुम हो कृपा निधान। || चौपाई || जय नारायण जय निखिलेशवर, विश्व प्रसिद्ध अखिल तंत्रेश्वर | यंत्र-मंत्र…

श्री बृहस्पति देव आरती

॥ श्री बृहस्पति देव आरती ॥ जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ, कदली फल मेवा ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥ तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी । जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥ चरणामृत निज निर्मल, सब पातक…

बुधवार व्रत कथा

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित किया गया है। ऐसी मान्यता है जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से विघ्नहर्ता गणपति जी की उपासना और उपवास करता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति आती है। इस व्रत…

Shri Brihaspati Kavacham

|| Shri Brihaspati Kavacham || || Om Gan Ganapataye Namah || Asya Shri Brihaspatikavacha Stotramantrasya Ishvara Rishi, Anushtup Chhandah, Gururdevata, Gam Beejam, Shri Shaktih, Kleem Keelakam, Gurupretyartham Jape Viniyogah। Abhishtaphaladam Devam Sarvajnam Surapujitam। Akshamaladharam Shantam Pranamami Brihaspatim॥ Brihaspatih Shirah Patu Lalatam Patu Me Guruḥ। Karnau Suraguruh Patu Netre Me’bhishṭadayakah॥ Jihvam Patu Suracharyo Nasam Me Vedaparagah।…

बुधवार व्रत करने की विधि और नियम – जानें क्या खाएं, क्या न खाएं

budhvaar vrat

हिंदू धर्म में, बुधवार का व्रत, जिसे बुधवार व्रत के नाम से जाना जाता है, बुद्धि, धन और सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह व्रत बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है, जिसे ज्योतिष में बुद्धि, संचार, व्यापार और वाणी का कारक माना जाता है बुधवार व्रत करने से…

श्री बुधवार आरती

|| श्री बुधवार आरती || आरती युगलकिशोर की कीजै। तन मन धन न्यौछावर कीजै॥ गौरश्याम मुख निरखन लीजै। हरि का रूप नयन भर पीजै॥ रवि शशि कोटि बदन की शोभा। ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥ ओढ़े नील पीत पट सारी। कुजबिहारी गिरिवरधारी॥ फूलन सेज फूल की माला। रत्न सिंहासन बैठे नन्दलाला॥ कंचन थार कपूर की…

श्री बुध कवचम्

॥ श्री बुध कवचम् ॥ ॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥ अस्य श्रीबुधकवचस्तोत्रमन्त्रस्य कश्यप ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः बुधो देवता, बुधप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः। बुधस्तु पुस्तकधरः कुङ्कुमस्य समद्युतिः । पीताम्बरधरः पातु पीतमाल्यानुलेपनः ॥ कटिं च पातु मे सौम्यः शिरोदेशं बुधस्तथा । नेत्रे ज्ञानमयः पातु श्रोत्रे पातु निशाप्रियः ॥ घ्राणं गन्धप्रियः पातु जिह्वां विद्याप्रदो मम । कण्ठं पातु…

नवरात्रों के नौ दिन का पाठ (Navratron Ke Nau Din Ka Path)

नवरात्रों के नौ दिन का पाठ (Navratron Ke Nau Din Ka Path)

नवरात्रों के नौ दिन का पाठ एक ऐसी पुस्तक है जो नवरात्रि के दौरान देवी उपासना और पाठ की विधियों को सरल और व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करती है। नवरात्रि, देवी दुर्गा की आराधना का पावन पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक शक्ति की नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। यह पुस्तक भक्तों…

श्री कालिका अर्गल स्तोत्रम्

|| श्री कालिका अर्गल स्तोत्रम् || अस्य श्री कालिकार्गल स्तोत्रस्य भैरव ऋषिरनुष्टुप् छन्दः श्रीकालिका देवता मम सर्वसिद्धिसाधने विनियोगः । ओं नमस्ते कालिके देवि आद्यबीजत्रय प्रिये । वशमानय मे नित्यं सर्वेषां प्राणिनां सदा ॥ १ ॥ कूर्चयुग्मं ललाटे च स्थातु मे शववाहिना । सर्वसौभाग्यसिद्धिं च देहि दक्षिण कालिके ॥ २ ॥ भुवनेश्वरि बीजयुग्मं भ्रूयुगे मुण्डमालिनी ।…

श्री कालिका कीलक स्तोत्रम्

|| श्री कालिका कीलक स्तोत्रम् || अस्य श्री कालिका कीलकस्य सदाशिव ऋषिः अनुष्टुप् छन्दः श्री दक्षिणकालिका देवता सर्वार्थसिद्धिसाधने कीलकन्यासे जपे विनियोगः । अथातः सम्प्रवक्ष्यामि कीलकं सर्वकामदम् । कालिकायाः परं तत्त्वं सत्यं सत्यं त्रिभिर्ममः ॥ १ ॥ दुर्वासाश्च वशिष्ठश्च दत्तात्रेयो बृहस्पतिः । सुरेशो धनदश्चैव अङ्गिराश्च भृगूद्वाहः ॥ २ ॥ च्यवनः कार्तवीर्यश्च कश्यपोऽथ प्रजापतिः । कीलकस्य प्रसादेन…

हनुमान जी की व्रत कथा

|| मंगलवार व्रत विधि || सर्व प्रकार के सुख, रक्त विकार, राज्य में सम्मान और पुत्र प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत अत्यंत उत्तम माना गया है। इस व्रत में केवल गेहूं और गुड़ का ही भोजन करना चाहिए। भोजन दिन या रात में केवल एक बार ही ग्रहण करना उचित है। व्रत को 21…

हनुमान जी आरती

|| हनुमान जी आरती || आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥ आरती कीजै हनुमान लला की। दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात…

सुवर्णद्वीपीय रामकथा (Suvarnadwipiya Ramkatha)

सुवर्णद्वीपीय रामकथा (Suvarnadwipiya Ramkatha)

सुवर्णद्वीपीय रामकथा राजेंद्र मिश्र द्वारा रचित एक अनूठी कृति है, जिसमें रामकथा के उस संस्करण का वर्णन किया गया है जो भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर, विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रों में प्रचलित है। यह पुस्तक रामकथा के विविध रूपों और उनकी सांस्कृतिक विविधताओं को समझने के लिए एक अद्वितीय दर्पण है। सुवर्णद्वीपीय रामकथा…

स्रष्टा का अस्तित्व सृष्टि के कण – कण से प्रमाणित (Srastha Ka Astitva Srishti Ke Kan Kan Se Pramanit)

स्रष्टा का अस्तित्व सृष्टि के कण - कण से प्रमाणित (Srastha Ka Astitva Srishti Ke Kan Kan Se Pramanit)

स्रष्टा का अस्तित्व सृष्टि के कण-कण से प्रमाणित पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित एक गहन और प्रेरणादायक पुस्तक है, जो ईश्वर के अस्तित्व और सृष्टि के रहस्यों को विज्ञान और अध्यात्म के संगम के माध्यम से प्रस्तुत करती है। इस ग्रंथ में लेखक ने यह समझाने का प्रयास किया है कि ब्रह्मांड का हर…

Sri Hayagriva Ashtottara Shatanama Stotram

|| Sri Hayagriva Ashtottara Shatanama Stotram || dhyānam | jñānānandamayaṁ dēvaṁ nirmalaṁ sphaṭikākr̥tim | ādhāraṁ sarvavidyānāṁ hayagrīvamupāsmahē || stōtram | hayagrīvō mahāviṣṇuḥ kēśavō madhusūdanaḥ | gōvindaḥ puṇḍarīkākṣō viṣṇurviśvambharō hariḥ || 1 || ādityaḥ sarvavāgīśaḥ sarvādhāraḥ sanātanaḥ | [ādīśaḥ] nirādhārō nirākārō nirīśō nirupadravaḥ || 2 || nirañjanō niṣkalaṅkō nityatr̥ptō nirāmayaḥ | cidānandamayaḥ sākṣī śaraṇyaḥ sarvadāyakaḥ ||…

ஶ்ரீ ஹயக்ரீவ அஷ்டோத்தரஶதனாம ஸ்தோத்ரம்

|| ஶ்ரீ ஹயக்ரீவ அஷ்டோத்தரஶதனாம ஸ்தோத்ரம் || த்⁴யாநம் । ஜ்ஞாநாநந்த³மயம் தே³வம் நிர்மலம் ஸ்ப²டிகாக்ருதிம் । ஆதா⁴ரம் ஸர்வவித்³யாநாம் ஹயக்³ரீவமுபாஸ்மஹே ॥ ஸ்தோத்ரம் । ஹயக்³ரீவோ மஹாவிஷ்ணு꞉ கேஶவோ மது⁴ஸூத³ந꞉ । கோ³விந்த³꞉ புண்ட³ரீகாக்ஷோ விஷ்ணுர்விஶ்வம்ப⁴ரோ ஹரி꞉ ॥ 1 ॥ ஆதி³த்ய꞉ ஸர்வவாகீ³ஶ꞉ ஸர்வாதா⁴ர꞉ ஸநாதந꞉ । [ஆதீ³ஶ꞉] நிராதா⁴ரோ நிராகாரோ நிரீஶோ நிருபத்³ரவ꞉ ॥ 2 ॥ நிரஞ்ஜநோ நிஷ்கலங்கோ நித்யத்ருப்தோ நிராமய꞉ । சிதா³நந்த³மய꞉ ஸாக்ஷீ ஶரண்ய꞉ ஸர்வதா³யக꞉ ॥ 3…

ಶ್ರೀ ಹಯಗ್ರೀವ ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮ ಸ್ತೋತ್ರಂ

|| ಶ್ರೀ ಹಯಗ್ರೀವ ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮ ಸ್ತೋತ್ರಂ || ಧ್ಯಾನಮ್ | ಜ್ಞಾನಾನಂದಮಯಂ ದೇವಂ ನಿರ್ಮಲಂ ಸ್ಫಟಿಕಾಕೃತಿಮ್ | ಆಧಾರಂ ಸರ್ವವಿದ್ಯಾನಾಂ ಹಯಗ್ರೀವಮುಪಾಸ್ಮಹೇ || ಸ್ತೋತ್ರಮ್ | ಹಯಗ್ರೀವೋ ಮಹಾವಿಷ್ಣುಃ ಕೇಶವೋ ಮಧುಸೂದನಃ | ಗೋವಿಂದಃ ಪುಂಡರೀಕಾಕ್ಷೋ ವಿಷ್ಣುರ್ವಿಶ್ವಂಭರೋ ಹರಿಃ || ೧ || ಆದಿತ್ಯಃ ಸರ್ವವಾಗೀಶಃ ಸರ್ವಾಧಾರಃ ಸನಾತನಃ | [ಆದೀಶಃ] ನಿರಾಧಾರೋ ನಿರಾಕಾರೋ ನಿರೀಶೋ ನಿರುಪದ್ರವಃ || ೨ || ನಿರಂಜನೋ ನಿಷ್ಕಲಂಕೋ ನಿತ್ಯತೃಪ್ತೋ ನಿರಾಮಯಃ | ಚಿದಾನಂದಮಯಃ ಸಾಕ್ಷೀ ಶರಣ್ಯಃ ಸರ್ವದಾಯಕಃ || ೩…

శ్రీ హయగ్రీవ అష్టోత్తరశతనామ స్తోత్రం

|| శ్రీ హయగ్రీవ అష్టోత్తరశతనామ స్తోత్రం || ధ్యానమ్ | జ్ఞానానందమయం దేవం నిర్మలం స్ఫటికాకృతిమ్ | ఆధారం సర్వవిద్యానాం హయగ్రీవముపాస్మహే || స్తోత్రమ్ | హయగ్రీవో మహావిష్ణుః కేశవో మధుసూదనః | గోవిందః పుండరీకాక్షో విష్ణుర్విశ్వంభరో హరిః || ౧ || ఆదిత్యః సర్వవాగీశః సర్వాధారః సనాతనః | [ఆదీశః] నిరాధారో నిరాకారో నిరీశో నిరుపద్రవః || ౨ || నిరంజనో నిష్కలంకో నిత్యతృప్తో నిరామయః | చిదానందమయః సాక్షీ శరణ్యః సర్వదాయకః || ౩…

श्री हयग्रीव अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्

|| श्री हयग्रीव अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् || ध्यानम् । ज्ञानानन्दमयं देवं निर्मलं स्फटिकाकृतिम् । आधारं सर्वविद्यानां हयग्रीवमुपास्महे ॥ स्तोत्रम् । हयग्रीवो महाविष्णुः केशवो मधुसूदनः । गोविन्दः पुण्डरीकाक्षो विष्णुर्विश्वम्भरो हरिः ॥ १ ॥ आदित्यः सर्ववागीशः सर्वाधारः सनातनः । [आदीशः] निराधारो निराकारो निरीशो निरुपद्रवः ॥ २ ॥ निरञ्जनो निष्कलङ्को नित्यतृप्तो निरामयः । चिदानन्दमयः साक्षी शरण्यः सर्वदायकः ॥ ३…

Sri Satyanarayana Ashtottara Shatanamavali 2

|| Sri Satyanarayana Ashtottara Shatanamavali 2 || ōṁ nārāyaṇāya namaḥ | ōṁ narāya namaḥ | ōṁ śaurayē namaḥ | ōṁ cakrapāṇayē namaḥ | ōṁ janārdanāya namaḥ | ōṁ vāsudēvāya namaḥ | ōṁ jagadyōnayē namaḥ | ōṁ vāmanāya namaḥ | ōṁ jñānapañjarāya namaḥ | 10 ōṁ śrīvallabhāya namaḥ | ōṁ jagannāthāya namaḥ | ōṁ caturmūrtayē namaḥ…

ரீ ஸத்யனாராயண அஷ்டோத்தர ஶதனாமாவளி꞉ 2

|| ரீ ஸத்யனாராயண அஷ்டோத்தர ஶதனாமாவளி꞉ 2 || ஓம் நாராயணாய நம꞉ | ஓம் நராய நம꞉ | ஓம் ஶௌரயே நம꞉ | ஓம் சக்ரபாணயே நம꞉ | ஓம் ஜனார்த³னாய நம꞉ | ஓம் வாஸுதே³வாய நம꞉ | ஓம் ஜக³த்³யோனயே நம꞉ | ஓம் வாமனாய நம꞉ | ஓம் ஜ்ஞானபஞ்ஜராய நம꞉ | 10 ஓம் ஶ்ரீவல்லபா⁴ய நம꞉ | ஓம் ஜக³ன்னாதா²ய நம꞉ | ஓம் சதுர்மூர்தயே நம꞉…

ಶ್ರೀ ಸತ್ಯನಾರಾಯಣ ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ 2

|| ಶ್ರೀ ಸತ್ಯನಾರಾಯಣ ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ 2 || ಓಂ ನಾರಾಯಣಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ನರಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಶೌರಯೇ ನಮಃ | ಓಂ ಚಕ್ರಪಾಣಯೇ ನಮಃ | ಓಂ ಜನಾರ್ದನಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ವಾಸುದೇವಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಜಗದ್ಯೋನಯೇ ನಮಃ | ಓಂ ವಾಮನಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಜ್ಞಾನಪಞ್ಜರಾಯ ನಮಃ | ೧೦ ಓಂ ಶ್ರೀವಲ್ಲಭಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಜಗನ್ನಾಥಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಚತುರ್ಮೂರ್ತಯೇ ನಮಃ |…

శ్రీ సత్యనారాయణ అష్టోత్తరశతనామావళిః 2

|| శ్రీ సత్యనారాయణ అష్టోత్తరశతనామావళిః 2 || ఓం నారాయణాయ నమః | ఓం నరాయ నమః | ఓం శౌరయే నమః | ఓం చక్రపాణయే నమః | ఓం జనార్దనాయ నమః | ఓం వాసుదేవాయ నమః | ఓం జగద్యోనయే నమః | ఓం వామనాయ నమః | ఓం జ్ఞానపఞ్జరాయ నమః | ౧౦ ఓం శ్రీవల్లభాయ నమః | ఓం జగన్నాథాయ నమః | ఓం చతుర్మూర్తయే నమః |…

श्री सत्यनारायण अष्टोत्तरशतनामावली २

|| श्री सत्यनारायण अष्टोत्तरशतनामावली २ || ओं नारायणाय नमः । ओं नराय नमः । ओं शौरये नमः । ओं चक्रपाणये नमः । ओं जनार्दनाय नमः । ओं वासुदेवाय नमः । ओं जगद्योनये नमः । ओं वामनाय नमः । ओं ज्ञानपञ्जराय नमः । १० ओं श्रीवल्लभाय नमः । ओं जगन्नाथाय नमः । ओं चतुर्मूर्तये नमः ।…

Sri Satyanarayana Ashtottara Shatanamavali

|| Sri Satyanarayana Ashtottara Shatanamavali || ōṁ satyadēvāya namaḥ | ōṁ satyātmanē namaḥ | ōṁ satyabhūtāya namaḥ | ōṁ satyapuruṣāya namaḥ | ōṁ satyanāthāya namaḥ | ōṁ satyasākṣiṇē namaḥ | ōṁ satyayōgāya namaḥ | ōṁ satyajñānāya namaḥ | ōṁ satyajñānapriyāya namaḥ | 9 ōṁ satyanidhayē namaḥ | ōṁ satyasambhavāya namaḥ | ōṁ satyaprabhavē namaḥ |…

ஶ்ரீ ஸத்யனாராயண அஷ்டோத்தர ஶதனாமாவளி꞉

|| ஶ்ரீ ஸத்யனாராயண அஷ்டோத்தர ஶதனாமாவளி꞉ || ஓம் ஸத்யதே³வாய நம꞉ | ஓம் ஸத்யாத்மனே நம꞉ | ஓம் ஸத்யபூ⁴தாய நம꞉ | ஓம் ஸத்யபுருஷாய நம꞉ | ஓம் ஸத்யனாதா²ய நம꞉ | ஓம் ஸத்யஸாக்ஷிணே நம꞉ | ஓம் ஸத்யயோகா³ய நம꞉ | ஓம் ஸத்யஜ்ஞானாய நம꞉ | ஓம் ஸத்யஜ்ஞானப்ரியாய நம꞉ | 9 ஓம் ஸத்யனித⁴யே நம꞉ | ஓம் ஸத்யஸம்ப⁴வாய நம꞉ | ஓம் ஸத்யப்ரப⁴வே நம꞉ |…

ರೀ ಸತ್ಯನಾರಾಯಣ ಅಷ್ಟೋತ್ತರ ಶತನಾಮಾವಳಿಃ

|| ರೀ ಸತ್ಯನಾರಾಯಣ ಅಷ್ಟೋತ್ತರ ಶತನಾಮಾವಳಿಃ || ಓಂ ಸತ್ಯದೇವಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಸತ್ಯಾತ್ಮನೇ ನಮಃ | ಓಂ ಸತ್ಯಭೂತಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಸತ್ಯಪುರುಷಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಸತ್ಯನಾಥಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಸತ್ಯಸಾಕ್ಷಿಣೇ ನಮಃ | ಓಂ ಸತ್ಯಯೋಗಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಸತ್ಯಜ್ಞಾನಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಸತ್ಯಜ್ಞಾನಪ್ರಿಯಾಯ ನಮಃ | ೯ ಓಂ ಸತ್ಯನಿಧಯೇ ನಮಃ | ಓಂ ಸತ್ಯಸಂಭವಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಸತ್ಯಪ್ರಭವೇ ನಮಃ |…

శ్రీ సత్యనారాయణ అష్టోత్తరశతనామావళిః – 1

|| శ్రీ సత్యనారాయణ అష్టోత్తరశతనామావళిః – 1 || ఓం సత్యదేవాయ నమః | ఓం సత్యాత్మనే నమః | ఓం సత్యభూతాయ నమః | ఓం సత్యపురుషాయ నమః | ఓం సత్యనాథాయ నమః | ఓం సత్యసాక్షిణే నమః | ఓం సత్యయోగాయ నమః | ఓం సత్యజ్ఞానాయ నమః | ఓం సత్యజ్ఞానప్రియాయ నమః | ౯ ఓం సత్యనిధయే నమః | ఓం సత్యసంభవాయ నమః | ఓం సత్యప్రభవే నమః…

श्री सत्यनारायण अष्टोत्तर शतनामावलिः

|| श्री सत्यनारायण अष्टोत्तर शतनामावलिः || ओं सत्यदेवाय नमः । ओं सत्यात्मने नमः । ओं सत्यभूताय नमः । ओं सत्यपुरुषाय नमः । ओं सत्यनाथाय नमः । ओं सत्यसाक्षिणे नमः । ओं सत्ययोगाय नमः । ओं सत्यज्ञानाय नमः । ओं सत्यज्ञानप्रियाय नमः । ९ ओं सत्यनिधये नमः । ओं सत्यसम्भवाय नमः । ओं सत्यप्रभवे नमः ।…

Sri Vishnu Ashtottara Shatanamavali

|| Sri Vishnu Ashtottara Shatanamavali || ōṁ viṣṇavē namaḥ | ōṁ jiṣṇavē namaḥ | ōṁ vaṣaṭkārāya namaḥ | ōṁ dēvadēvāya namaḥ | ōṁ vr̥ṣākapayē namaḥ | ōṁ dāmōdarāya namaḥ | ōṁ dīnabandhavē namaḥ | ōṁ ādidēvāya namaḥ | ōṁ aditēstutāya namaḥ | 9 ōṁ puṇḍarīkāya namaḥ | ōṁ parānandāya namaḥ | ōṁ paramātmanē namaḥ |…

ஶ்ரீ விஷ்ணு அஷ்டோத்தர ஶதனாமாவளி꞉

|| ஶ்ரீ விஷ்ணு அஷ்டோத்தர ஶதனாமாவளி꞉ || ஓம் விஷ்ணவே நம꞉ | ஓம் ஜிஷ்ணவே நம꞉ | ஓம் வஷட்காராய நம꞉ | ஓம் தே³வதே³வாய நம꞉ | ஓம் வ்ருஷாகபயே நம꞉ | ஓம் தா³மோத³ராய நம꞉ | ஓம் தீ³னப³ந்த⁴வே நம꞉ | ஓம் ஆதி³தே³வாய நம꞉ | ஓம் அதி³தேஸ்துதாய நம꞉ | 9 ஓம் புண்ட³ரீகாய நம꞉ | ஓம் பரானந்தா³ய நம꞉ | ஓம் பரமாத்மனே நம꞉ |…

ಶ್ರೀ ವಿಷ್ಣು ಅಷ್ಟೋತ್ತರ ಶತನಾಮಾವಳಿಃ

|| ಶ್ರೀ ವಿಷ್ಣು ಅಷ್ಟೋತ್ತರ ಶತನಾಮಾವಳಿಃ || ಓಂ ವಿಷ್ಣವೇ ನಮಃ | ಓಂ ಜಿಷ್ಣವೇ ನಮಃ | ಓಂ ವಷಟ್ಕಾರಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ದೇವದೇವಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ವೃಷಾಕಪಯೇ ನಮಃ | ಓಂ ದಾಮೋದರಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ದೀನಬಂಧವೇ ನಮಃ | ಓಂ ಆದಿದೇವಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಅದಿತೇಸ್ತುತಾಯ ನಮಃ | ೯ ಓಂ ಪುಂಡರೀಕಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಪರಾನಂದಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಪರಮಾತ್ಮನೇ ನಮಃ |…

శ్రీ విష్ణు అష్టోత్తరశతనామావళిః

|| శ్రీ విష్ణు అష్టోత్తరశతనామావళిః || ఓం విష్ణవే నమః | ఓం జిష్ణవే నమః | ఓం వషట్కారాయ నమః | ఓం దేవదేవాయ నమః | ఓం వృషాకపయే నమః | ఓం దామోదరాయ నమః | ఓం దీనబంధవే నమః | ఓం ఆదిదేవాయ నమః | ఓం అదితేస్తుతాయ నమః | ౯ ఓం పుండరీకాయ నమః | ఓం పరానందాయ నమః | ఓం పరమాత్మనే నమః | ఓం…

श्री विष्णु अष्टोत्तरशतनामावली

|| श्री विष्णु अष्टोत्तरशतनामावली || ओं विष्णवे नमः । ओं जिष्णवे नमः । ओं वषट्काराय नमः । ओं देवदेवाय नमः । ओं वृषाकपये नमः । ओं दामोदराय नमः । ओं दीनबन्धवे नमः । ओं आदिदेवाय नमः । ओं अदितेस्तुताय नमः । ९ ओं पुण्डरीकाय नमः । ओं परानन्दाय नमः । ओं परमात्मने नमः । ओं…

Sri Vishnu Ashtottara Shatanama Stotram

|| Sri Vishnu Ashtottara Shatanama Stotram || aṣṭōttaraśataṁ nāmnāṁ viṣṇōratulatējasaḥ | yasya śravaṇamātrēṇa narō nārāyaṇō bhavēt || 1 || viṣṇurjiṣṇurvaṣaṭkārō dēvadēvō vr̥ṣākapiḥ | [*vr̥ṣāpatiḥ*] dāmōdarō dīnabandhurādidēvō:’ditēstutaḥ || 2 || puṇḍarīkaḥ parānandaḥ paramātmā parātparaḥ | paraśudhārī viśvātmā kr̥ṣṇaḥ kalimalāpahā || 3 || kaustubhōdbhāsitōraskō narō nārāyaṇō hariḥ | harō harapriyaḥ svāmī vaikuṇṭhō viśvatōmukhaḥ || 4 || hr̥ṣīkēśō:’pramēyātmā…

ஶ்ரீ விஷ்ணு அஷ்டோத்தர ஶதனாம ஸ்தோத்ரம்

|| ஶ்ரீ விஷ்ணு அஷ்டோத்தர ஶதனாம ஸ்தோத்ரம் || அஷ்டோத்தரஶதம் நாம்னாம் விஷ்ணோரதுலதேஜஸ꞉ | யஸ்ய ஶ்ரவணமாத்ரேண நரோ நாராயணோ ப⁴வேத் || 1 || விஷ்ணுர்ஜிஷ்ணுர்வஷட்காரோ தே³வதே³வோ வ்ருஷாகபி꞉ | [*வ்ருஷாபதி꞉*] தா³மோத³ரோ தீ³னப³ந்து⁴ராதி³தே³வோ(அ)தி³தேஸ்துத꞉ || 2 || புண்ட³ரீக꞉ பரானந்த³꞉ பரமாத்மா பராத்பர꞉ | பரஶுதா⁴ரீ விஶ்வாத்மா க்ருஷ்ண꞉ கலிமலாபஹா || 3 || கௌஸ்துபோ⁴த்³பா⁴ஸிதோரஸ்கோ நரோ நாராயணோ ஹரி꞉ | ஹரோ ஹரப்ரிய꞉ ஸ்வாமீ வைகுண்டோ² விஶ்வதோமுக²꞉ || 4 || ஹ்ருஷீகேஶோ(அ)ப்ரமேயாத்மா…

ಶ್ರೀ ವಿಷ್ಣು ಅಷ್ಟೋತ್ತರ ಶತನಾಮ ಸ್ತೋತ್ರಂ

|| ಶ್ರೀ ವಿಷ್ಣು ಅಷ್ಟೋತ್ತರ ಶತನಾಮ ಸ್ತೋತ್ರಂ || ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತಂ ನಾಮ್ನಾಂ ವಿಷ್ಣೋರತುಲತೇಜಸಃ | ಯಸ್ಯ ಶ್ರವಣಮಾತ್ರೇಣ ನರೋ ನಾರಾಯಣೋ ಭವೇತ್ || ೧ || ವಿಷ್ಣುರ್ಜಿಷ್ಣುರ್ವಷಟ್ಕಾರೋ ದೇವದೇವೋ ವೃಷಾಕಪಿಃ | [*ವೃಷಾಪತಿಃ*] ದಾಮೋದರೋ ದೀನಬಂಧುರಾದಿದೇವೋಽದಿತೇಸ್ತುತಃ || ೨ || ಪುಂಡರೀಕಃ ಪರಾನಂದಃ ಪರಮಾತ್ಮಾ ಪರಾತ್ಪರಃ | ಪರಶುಧಾರೀ ವಿಶ್ವಾತ್ಮಾ ಕೃಷ್ಣಃ ಕಲಿಮಲಾಪಹಾ || ೩ || ಕೌಸ್ತುಭೋದ್ಭಾಸಿತೋರಸ್ಕೋ ನರೋ ನಾರಾಯಣೋ ಹರಿಃ | ಹರೋ ಹರಪ್ರಿಯಃ ಸ್ವಾಮೀ ವೈಕುಂಠೋ ವಿಶ್ವತೋಮುಖಃ || ೪ || ಹೃಷೀಕೇಶೋಽಪ್ರಮೇಯಾತ್ಮಾ…

శ్రీ విష్ణు అష్టోత్తర శతనామ స్తోత్రం

|| శ్రీ విష్ణు అష్టోత్తర శతనామ స్తోత్రం || అష్టోత్తరశతం నామ్నాం విష్ణోరతులతేజసః | యస్య శ్రవణమాత్రేణ నరో నారాయణో భవేత్ || ౧ || విష్ణుర్జిష్ణుర్వషట్కారో దేవదేవో వృషాకపిః | [*వృషాపతిః*] దామోదరో దీనబంధురాదిదేవోఽదితేస్తుతః || ౨ || పుండరీకః పరానందః పరమాత్మా పరాత్పరః | పరశుధారీ విశ్వాత్మా కృష్ణః కలిమలాపహా || ౩ || కౌస్తుభోద్భాసితోరస్కో నరో నారాయణో హరిః | హరో హరప్రియః స్వామీ వైకుంఠో విశ్వతోముఖః || ౪ || హృషీకేశోఽప్రమేయాత్మా…

श्री विष्णु अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्

|| श्री विष्णु अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् || अष्टोत्तरशतं नाम्नां विष्णोरतुलतेजसः । यस्य श्रवणमात्रेण नरो नारायणो भवेत् ॥ १ ॥ विष्णुर्जिष्णुर्वषट्कारो देवदेवो वृषाकपिः । [*वृषापतिः*] दामोदरो दीनबन्धुरादिदेवोऽदितेस्तुतः ॥ २ ॥ पुण्डरीकः परानन्दः परमात्मा परात्परः । परशुधारी विश्वात्मा कृष्णः कलिमलापहा ॥ ३ ॥ कौस्तुभोद्भासितोरस्को नरो नारायणो हरिः । हरो हरप्रियः स्वामी वैकुण्ठो विश्वतोमुखः ॥ ४ ॥ हृषीकेशोऽप्रमेयात्मा वराहो…

Sri Vishnu Shatanama Stotram

|| Sri Vishnu Shatanama Stotram || nārada uvāca | ōṁ vāsudēvaṁ hr̥ṣīkēśaṁ vāmanaṁ jalaśāyinam | janārdanaṁ hariṁ kr̥ṣṇaṁ śrīvakṣaṁ garuḍadhvajam || 1 || vārāhaṁ puṇḍarīkākṣaṁ nr̥siṁhaṁ narakāntakam | avyaktaṁ śāśvataṁ viṣṇumanantamajamavyayam || 2 || nārāyaṇaṁ gadādhyakṣaṁ gōvindaṁ kīrtibhājanam | gōvardhanōddharaṁ dēvaṁ bhūdharaṁ bhuvanēśvaram || 3 || vēttāraṁ yajñapuruṣaṁ yajñēśaṁ yajñavāhakam | cakrapāṇiṁ gadāpāṇiṁ śaṅkhapāṇiṁ narōttamam…

ஶ்ரீ விஷ்ணு ஶதனாம ஸ்தோத்ரம்

|| ஶ்ரீ விஷ்ணு ஶதனாம ஸ்தோத்ரம் || நாரத³ உவாச | ஓம் வாஸுதே³வம் ஹ்ருஷீகேஶம் வாமனம் ஜலஶாயினம் | ஜனார்த³னம் ஹரிம் க்ருஷ்ணம் ஶ்ரீவக்ஷம் க³ருட³த்⁴வஜம் || 1 || வாராஹம் புண்ட³ரீகாக்ஷம் ந்ருஸிம்ஹம் நரகாந்தகம் | அவ்யக்தம் ஶாஶ்வதம் விஷ்ணுமனந்தமஜமவ்யயம் || 2 || நாராயணம் க³தா³த்⁴யக்ஷம் கோ³விந்த³ம் கீர்திபா⁴ஜனம் | கோ³வர்த⁴னோத்³த⁴ரம் தே³வம் பூ⁴த⁴ரம் பு⁴வனேஶ்வரம் || 3 || வேத்தாரம் யஜ்ஞபுருஷம் யஜ்ஞேஶம் யஜ்ஞவாஹகம் | சக்ரபாணிம் க³தா³பாணிம் ஶங்க²பாணிம் நரோத்தமம்…

ಶ್ರೀ ವಿಷ್ಣು ಶತನಾಮ ಸ್ತೋತ್ರಂ

|| ಶ್ರೀ ವಿಷ್ಣು ಶತನಾಮ ಸ್ತೋತ್ರಂ || ನಾರದ ಉವಾಚ | ಓಂ ವಾಸುದೇವಂ ಹೃಷೀಕೇಶಂ ವಾಮನಂ ಜಲಶಾಯಿನಮ್ | ಜನಾರ್ದನಂ ಹರಿಂ ಕೃಷ್ಣಂ ಶ್ರೀವಕ್ಷಂ ಗರುಡಧ್ವಜಮ್ || ೧ || ವಾರಾಹಂ ಪುಂಡರೀಕಾಕ್ಷಂ ನೃಸಿಂಹಂ ನರಕಾಂತಕಮ್ | ಅವ್ಯಕ್ತಂ ಶಾಶ್ವತಂ ವಿಷ್ಣುಮನಂತಮಜಮವ್ಯಯಮ್ || ೨ || ನಾರಾಯಣಂ ಗದಾಧ್ಯಕ್ಷಂ ಗೋವಿಂದಂ ಕೀರ್ತಿಭಾಜನಮ್ | ಗೋವರ್ಧನೋದ್ಧರಂ ದೇವಂ ಭೂಧರಂ ಭುವನೇಶ್ವರಮ್ || ೩ || ವೇತ್ತಾರಂ ಯಜ್ಞಪುರುಷಂ ಯಜ್ಞೇಶಂ ಯಜ್ಞವಾಹಕಮ್ | ಚಕ್ರಪಾಣಿಂ ಗದಾಪಾಣಿಂ ಶಂಖಪಾಣಿಂ ನರೋತ್ತಮಮ್…

శ్రీ విష్ణు శతనామస్తోత్రం

|| శ్రీ విష్ణు శతనామస్తోత్రం || నారద ఉవాచ | ఓం వాసుదేవం హృషీకేశం వామనం జలశాయినమ్ | జనార్దనం హరిం కృష్ణం శ్రీవక్షం గరుడధ్వజమ్ || ౧ || వారాహం పుండరీకాక్షం నృసింహం నరకాంతకమ్ | అవ్యక్తం శాశ్వతం విష్ణుమనంతమజమవ్యయమ్ || ౨ || నారాయణం గదాధ్యక్షం గోవిందం కీర్తిభాజనమ్ | గోవర్ధనోద్ధరం దేవం భూధరం భువనేశ్వరమ్ || ౩ || వేత్తారం యజ్ఞపురుషం యజ్ఞేశం యజ్ఞవాహకమ్ | చక్రపాణిం గదాపాణిం శంఖపాణిం నరోత్తమమ్ ||…

श्री पवनसुत हनुमान आरती

॥ श्री पवनसुत हनुमान आरती ॥ जयति मंगलागार, संसार, भारापहर, वानराकार विग्रह पुरारी। राम-रोषानल, ज्वालमाला मिषध्वान्तचर-सलभ-संहारकारी॥ जयति मरुदन्जनामोद-मन्दिर, नतग्रीवसुग्रीव-दुःखैकबन्धो। यातुधानोद्धत-क्रुद्ध-कालाग्निहर, सिद्ध-सुर-सज्जनानन्दसिन्धो॥ जयति मंगलागार, संसार… जयति रुद्राग्रणी, विश्ववन्द्याग्रणी, विश्वविख्यात-भट-चक्रवर्ती। सामगाताग्रणी, कामजेताग्रणी, रामहित, रामभक्तानुवर्ती॥ जयति मंगलागार, संसार… जयति संग्रामजय, रामसन्देशहर, कौशला-कुशल-कल्याणभाषी। राम-विरहार्क-संतप्त-भरतादि नर-नारि-शीतलकरणकल्पशाषी॥ जयति मंगलागार, संसार… जयति सिंहासनासीन सीतारमण, निरखि निर्भर हरष नृत्यकारी। राम संभ्राज शोभा-सहित सर्वदा…

श्री विष्णु शतनाम स्तोत्रम्

|| श्री विष्णु शतनाम स्तोत्रम् || नारद उवाच । ओं वासुदेवं हृषीकेशं वामनं जलशायिनम् । जनार्दनं हरिं कृष्णं श्रीवक्षं गरुडध्वजम् ॥ १ ॥ वाराहं पुण्डरीकाक्षं नृसिंहं नरकान्तकम् । अव्यक्तं शाश्वतं विष्णुमनन्तमजमव्ययम् ॥ २ ॥ नारायणं गदाध्यक्षं गोविन्दं कीर्तिभाजनम् । गोवर्धनोद्धरं देवं भूधरं भुवनेश्वरम् ॥ ३ ॥ वेत्तारं यज्ञपुरुषं यज्ञेशं यज्ञवाहकम् । चक्रपाणिं गदापाणिं शङ्खपाणिं नरोत्तमम्…

श्री हनुमान अष्टक

|| हनुमान अष्टक || बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों । ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो । देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो । को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ बालि की त्रास कपीस…

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