शिव तंत्र पुस्तक से आप भगवान शिव की साधन का तरीका प्राप्त कर सकते हैं। शिव को तंत्र का जनक माना जाता है और इन साधना में ज्ञान, भक्ति, और कर्म का संतुलन साधना करने वाले को कुंडलिनी ऊर्जा जागरण और आत्मबोध की ओर ले जाता है। तंत्र साधना एक पूर्वाग्रह और आध्यात्मिक अभ्यास की एक प्रकार है, जिसमें विशेष मंत्र, मुद्रा, पूजा, और ध्यान के माध्यम से व्यक्ति अपनी आत्मज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में काम करता है।
भगवान बोलेनाथ की उपासना अधिक की जाती है। साधारण मनुष्य तो उनकी पहचान भी नहीं कर सकता। कठोर तप और साधना से ही शिव को प्रसन्न किया जाता है। जब भगवान शिव प्रसन्न होते हैं तो अपने भक्त अर्थात साधक को अपनी दिव्य शक्ति प्रदान करते हैं। इससे अविद्या के अंधकार का नाश हो जाता है और साधक को सिद्धि प्राप्त हो जाती है।