देवी तारा सहस्रनामावली

देवी तारा दस महाविद्याओं में दूसरी महाविद्या मानी जाती हैं। उनका स्वरूप करुणा, रक्षा और ज्ञान का प्रतीक है। देवी तारा को ‘नील सरस्वती’ के नाम से भी जाना जाता है। वे साधकों को अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान और आध्यात्मिक प्रकाश की ओर ले जाती हैं। तारा सहस्रनामावली में देवी के एक हजार…

देवी धूमावती सहस्रनामावली

देवी धूमावती महाविद्याओं में सातवीं महाविद्या हैं, जिन्हें विध्वंसी स्वरूप की देवी के रूप में पूजा जाता है। वे अद्वितीय, रहस्यमय और त्रिगुणात्मक शक्ति का प्रतीक हैं। देवी धूमावती का स्वरूप त्याग, वैराग्य, और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाता है। उनकी सहस्रनामावली में एक हजार नामों का संग्रह है, जो उनकी अपार शक्ति, करुणा, और कृपा…

देवी वाराही सहस्रनामावली

देवी वाराही शक्ति के सात मातृका रूपों में से एक हैं और वे सृष्टि, रक्षा और विनाश की देवी मानी जाती हैं। देवी वाराही का स्वरूप दिव्य शक्ति और साहस का प्रतीक है। वे भगवान विष्णु के वराह अवतार की शक्ति हैं और रात्रिचर शक्तियों का विनाश करती हैं। वाराही सहस्रनामावली में देवी के एक…

देवी भुवनेश्वरी सहस्रनामावली

देवी भुवनेश्वरी, आदि शक्ति के महाविद्या स्वरूपों में से एक हैं। उन्हें सृष्टि की अधिष्ठात्री और समस्त ब्रह्मांड की माता के रूप में पूजा जाता है। वे ब्रह्मांड को चलाने वाली शक्ति हैं और अपने भक्तों को ज्ञान, शक्ति और समृद्धि प्रदान करती हैं। भुवनेश्वरी सहस्रनामावली में देवी के एक हजार दिव्य नामों का उल्लेख…

महाकाल सहस्रनामावली

श्री महाकाल भगवान शिव का वह स्वरूप हैं जो समय, मृत्यु और सृष्टि के नियंता माने जाते हैं। उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को इनका निवास स्थान माना जाता है। श्री महाकाल सहस्रनामावली भगवान महाकाल के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी शक्ति, करुणा और महिमा का वर्णन करते हैं। यह सहस्रनामावली…

धन्वन्तरि सहस्रनामावली

श्री धन्वन्तरि भगवान को आयुर्वेद के जनक और स्वास्थ्य के देवता माना जाता है। उनका प्रकट होना समुद्र मंथन के समय अमृत कलश के साथ हुआ था। वे सभी रोगों के निवारणकर्ता और आरोग्य के संरक्षक माने जाते हैं। श्री धन्वन्तरि सहस्रनामावली में उनके एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनकी शक्ति, करुणा…

शिवा साधना (Shiva Sadhana)

शिवा साधना (Shiva Sadhana)

शिवा साधना एक अद्वितीय आध्यात्मिक पुस्तक है, जिसे श्री वेदामूर्ति संगमेश्वर द्वारा लिखा गया है। यह पुस्तक भगवान शिव की साधना और उनके माध्यम से आत्मिक शांति प्राप्त करने के मार्ग को दर्शाती है। शिवभक्तों और साधकों के लिए यह पुस्तक मार्गदर्शक का कार्य करती है, जिसमें शिव साधना के गूढ़ रहस्यों और विधियों का…

2024 में इष्टि एवं अन्वाधान व्रतों की विस्तृत सूची, महत्व और विधि सहित

Ishti and anvdhan

वेदिक परंपरा में यज्ञों का विशेष महत्व है, और इष्टि एवं अन्वाधान ऐसे ही दो महत्वपूर्ण यज्ञ हैं। आइए इन दोनों को समझते हैं। अन्वाधान हमेशा पहले किया जाता है। इसे यज्ञ की तैयारी माना जा सकता है, जहां देवता को आमंत्रित किया जाता है। अगले दिन, वास्तविक इष्टि अनुष्ठान होता है, जहां देवता को…

श्री गुरु सहस्रनामावली

गुरु को आध्यात्मिक मार्गदर्शक और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। वे व्यक्ति को अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। श्री गुरु सहस्रनामावली में गुरु के एक हजार नामों का वर्णन किया गया है, जो उनकी करुणा, ज्ञान, और मार्गदर्शन को दर्शाते हैं। यह सहस्रनामावली भक्त को गुरु तत्व…

श्री सुब्रमण्या सहस्रनामावली

श्री सुब्रमण्या स्वामी, जिन्हें भगवान कार्तिकेय, स्कंद, या मुरुगन के नाम से भी जाना जाता है, शक्ति और विजय के देवता हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं और देवताओं के सेनापति के रूप में उनकी पूजा की जाती है। श्री सुब्रमण्या सहस्रनामावली भगवान सुब्रमण्या के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

श्री गायत्री सहस्रनामावली

श्री गायत्री देवी को वेदों की माता और समस्त ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। वे त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त स्वरूप का प्रतिनिधित्व करती हैं। गायत्री मंत्र के साथ उनकी आराधना को सबसे श्रेष्ठ और शक्तिशाली माना गया है। गायत्री सहस्रनामावली में देवी गायत्री के एक हजार दिव्य और पवित्र नामों का…

ईश्वर प्रत्यभिज्ञा (Ishwar Pratyabhijnaa)

ईश्वर प्रत्यभिज्ञा (Ishwar Pratyabhijnaa)

ईश्वर प्रत्यभिज्ञा पुस्तक आचार्य कृष्णानंद सागर द्वारा लिखित एक अत्यंत प्रभावशाली और दार्शनिक ग्रंथ है, जो भारतीय आध्यात्मिकता और कश्मीर शैव दर्शन के गहरे रहस्यों को उजागर करता है। यह पुस्तक शैव दर्शन के प्रमुख सिद्धांत प्रत्यभिज्ञा दर्शन पर आधारित है, जो यह बताता है कि आत्मा और परमात्मा में कोई भेद नहीं है, और…

शिव रात्रि पूजा (Shiv Ratri Puja)

शिव रात्रि पूजा (Shiv Ratri Puja)

शिव रात्रि पूजा एक आध्यात्मिक और धार्मिक पुस्तक है, जिसे प्रसिद्ध लेखक प्रेम नाथ शास्त्री द्वारा लिखा गया है। यह पुस्तक भगवान शिव की आराधना और उनके महत्त्व को समझाने के लिए समर्पित है। शिव भक्तों के लिए यह एक उपयोगी मार्गदर्शिका है, जो उन्हें शिवरात्रि पर्व के दौरान पूजा-अर्चना करने की विधि और महत्व…

उत्तररामचरितम (Uttar Ramcharitam)

उत्तररामचरितम (Uttar Ramcharitam)

उत्तररामचरितम भारतीय साहित्य का एक अत्यंत महत्वपूर्ण नाटक है, जिसे संस्कृत के महान कवि भवभूति ने रचा था। यह नाटक रामायण की उत्तरकथा पर आधारित है और भगवान श्रीराम के जीवन के उन पहलुओं को उजागर करता है, जो वाल्मीकि रामायण में सीमित रूप से वर्णित हैं। उत्तररामचरितम में मुख्यतः श्रीराम और सीता के पुनर्मिलन…

श्री गायत्री मन्त्रम्

|| श्री गायत्री मन्त्रम् || ओं भूर्भुव॑स्सुवः॑ । तत्स॑वितु॒र्वरे”ण्य॒म् । भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धी॒महि । धियो॒ योनः॑ प्रचो॒दया”त् ॥

भगवान राम सहस्रनामावली

भगवान राम, जो धर्म, मर्यादा, और आदर्श जीवन का प्रतीक हैं, त्रेता युग में भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में अवतरित हुए। उनका जीवन और चरित्र “रामायण” में वर्णित है, जो मानवता के लिए धर्म और कर्तव्य का आदर्श प्रस्तुत करता है। भगवान राम सहस्रनामावली में उनके एक हजार पवित्र नामों का संकलन…

भगवान कार्तिकेय सहस्रनामावली

भगवान कार्तिकेय, जिन्हें मुरुगन, स्कंद, और सुब्रमण्य स्वामी के नाम से भी जाना जाता है, देवताओं के सेनापति और शक्ति के प्रतीक हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र तथा भगवान गणेश के भाई हैं। दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय की विशेष आराधना होती है। उनकी पूजा शक्ति, विजय, और ज्ञान प्राप्ति के…

भगवान गणेश सहस्रनामावली

भगवान गणेश, जिन्हें “विघ्नहर्ता” और “सिद्धिदायक” के रूप में जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रथम पूजनीय देवता हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश के स्मरण और पूजा के बिना अधूरी मानी जाती है। गणेश सहस्रनामावली भगवान गणेश के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी महिमा, शक्तियों और दिव्य…

देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली

देवी अन्नपूर्णा हिंदू धर्म में भोजन, समृद्धि और सुख-शांति की देवी मानी जाती हैं। वे भगवान शिव की अर्धांगिनी और जगत माता पार्वती का स्वरूप हैं। “अन्नपूर्णा” का अर्थ है “भोजन से परिपूर्ण”, और उनकी कृपा से भक्तों को जीवन में कभी भी भोजन या धन की कमी नहीं होती। देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली में उनके…

देवी मातंगी सहस्रनामावली

देवी मातंगी तंत्र साधना और विद्या की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। उन्हें “तंत्र स्वरूपिणी” और “सरस्वती का तांत्रिक रूप” भी कहा जाता है। देवी मातंगी सहस्रनामावली में उनके एक हजार पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनकी महिमा, शक्ति और अनुकंपा को प्रकट करते हैं। यह सहस्रनामावली देवी की कृपा प्राप्त करने और जीवन…

श्री शिव सहस्रनामावली

श्री शिव सहस्रनामावली भगवान शिव के हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी अनंत शक्तियों, दिव्य स्वरूपों और महिमा का वर्णन करता है। भगवान शिव, जिन्हें महादेव, भोलेनाथ और आदियोगी के नाम से भी जाना जाता है, सृष्टि के संहारक और पुनर्निर्माण के देवता हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ करने से भगवान शिव की…

श्री कृष्ण सहस्रनामावली

श्री कृष्ण सहस्रनामावली में भगवान श्रीकृष्ण के एक हजार पवित्र और दिव्य नामों का वर्णन है। यह नाम उनके विभिन्न स्वरूपों, लीलाओं, गुणों और महिमा को प्रकट करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण, जिन्हें योगेश्वर, मुरलीधर और गोविंद के नाम से भी जाना जाता है, प्रेम, करुणा और ज्ञान के प्रतीक हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ करने…

श्री राधिका सहस्रनामावली

श्री राधिका सहस्रनामावली में राधारानी के एक हजार दिव्य और पवित्र नामों का वर्णन है। यह सहस्रनामावली उनके अलौकिक प्रेम, दिव्यता और भक्तों पर उनकी अनुकंपा का गुणगान करती है। राधारानी भगवान श्रीकृष्ण की शक्ति और प्रेम का सर्वोच्च रूप हैं। उनका यह सहस्रनाम स्तोत्र हर उस भक्त के लिए है, जो सच्चे प्रेम, भक्ति…

देवी छिन्नमस्ता सहस्रनामावली

देवी छिन्नमस्ता दस महाविद्याओं में से एक हैं और उनका स्वरूप शक्ति, त्याग, और आत्मनियंत्रण का प्रतीक है। छिन्नमस्ता का अर्थ है “कटी हुई मस्तक वाली देवी”। यह स्वरूप इस बात का प्रतीक है कि अहंकार का त्याग और आत्मबलिदान से व्यक्ति सच्ची सिद्धि प्राप्त करता है। देवी छिन्नमस्ता सहस्रनामावली में उनके एक हजार पवित्र…

भगवान विष्णु सहस्रनामावली

भगवान विष्णु सहस्रनामावली में भगवान विष्णु के एक हजार पवित्र नामों का वर्णन है। भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता और समस्त ब्रह्मांड के संरक्षक हैं। उनका यह सहस्रनाम उनके दिव्य गुणों, स्वरूपों और महिमा का गुणगान करता है। विष्णु सहस्रनामावली का पाठ भक्तों को हर प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाने, आत्मिक शांति प्राप्त करने,…

श्री गायत्री चालीसा

|| श्री गायत्री चालीसा || दोहा – ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचंड । शांति कांति जागृति प्रगति रचना शक्ति अखंड ॥ जगत जननी मंगल करनि गायत्री सुखधाम । प्रणवो सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम ॥ चौपाई – भूर्भुवः स्वः ओं युत जननी । गायत्री नित कलिमल दहनी ॥ १ ॥ अक्षर चौबिस…

श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली

श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली भगवान शिव और माता पार्वती के अर्धनारीश्वर स्वरूप को समर्पित है। अर्धनारीश्वर का स्वरूप शिव और शक्ति का अद्वितीय संगम है, जो सृष्टि की संतुलित रचना और समस्त ब्रह्मांड की ऊर्जा के मूल रूप को दर्शाता है। सहस्रनामावली में अर्धनारीश्वर के हजार नामों का उल्लेख किया गया है, जो उनके विभिन्न गुणों…

दत्तात्रेय सहस्रनामावली

दत्तात्रेय सहस्रनामावली भगवान दत्तात्रेय को समर्पित एक अद्भुत स्तोत्र है। भगवान दत्तात्रेय त्रिमूर्ति के संयुक्त अवतार हैं, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियां समाहित हैं। वे गुरु तत्व के सर्वोच्च प्रतीक हैं और आत्मज्ञान, वैराग्य, और ज्ञान प्रदान करते हैं। इस सहस्रनामावली में भगवान दत्तात्रेय के हजार पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनके…

दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati)

दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati)

दुर्गा सप्तशती देवी दुर्गा की महिमा और शक्ति का एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है, जिसे गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह ग्रंथ देवी महात्म्य के रूप में भी प्रसिद्ध है और इसे मार्कंडेय पुराण के अंतर्गत शामिल किया गया है। दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं, जो मां दुर्गा के स्वरूप, उनकी…

श्री भवानी सहस्त्रनाम स्तवराजम (Shri Bhavani Sahastranam Stavarajam)

श्री भवानी सहस्त्रनाम स्तवराजम (Shri Bhavani Sahastranam Stavarajam)

श्री भवानी सहस्त्रनाम स्तवराजम देवी भवानी (मां दुर्गा) की महिमा का एक विशिष्ट ग्रंथ है, जिसे लेखक दुर्गा लाल शर्मा जी ने लिखा है। यह पुस्तक देवी के हजार नामों (सहस्त्रनाम) का संग्रह है, जो उनकी विभिन्न शक्तियों, गुणों और स्वरूपों को प्रकट करते हैं। यह ग्रंथ मां दुर्गा के भक्तों के लिए उनकी आराधना…

श्री लक्ष्मी सहस्रनामावली

श्री लक्ष्मी सहस्रनामावली माता लक्ष्मी के हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी अद्भुत महिमा और दिव्य स्वरूप को प्रकट करती है। माता लक्ष्मी धन, वैभव, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी हैं। यह सहस्रनामावली उनके गुणों, स्वरूपों और कृपा के विभिन्न आयामों का विस्तार से वर्णन करती है। इसका पाठ न केवल आर्थिक समृद्धि…

श्री गणेश सहस्त्रनाम (Shri Ganesh Sahastranam)

श्री गणेश सहस्त्रनाम (Shri Ganesh Sahastranam)

श्री गणेश सहस्त्रनाम भगवान गणेश के हजार नामों का अद्भुत संकलन है, जिसे पंडित गोविंद दत्त शर्मा जी ने लिखा है। यह पुस्तक भगवान गणेश के उन अनगिनत स्वरूपों और गुणों का वर्णन करती है, जो उनकी दिव्यता और शक्ति को प्रकट करते हैं। सहस्त्रनाम का पाठ भगवान गणेश की कृपा पाने और जीवन में…

दुर्गा आराधना (Durga Aaradhana)

दुर्गा आराधना (Durga Aaradhana)

दुर्गा आराधना एक अद्वितीय पुस्तक है, जो मां दुर्गा की पूजा, आराधना, और साधना के सभी आवश्यक पहलुओं को समर्पित है। इस पुस्तक का प्रकाशन राजौरी इन्वेस्टमेंट एंड सेविंग कॉर्प द्वारा किया गया है। यह पुस्तक देवी दुर्गा के प्रति भक्ति भाव को प्रकट करने, उनकी पूजा विधि समझने और उनके आशीर्वाद से जीवन को…

बटुक भैरव सहस्रनामावली

बटुक भैरव सहस्रनामावली भगवान भैरव को समर्पित एक अद्भुत स्तोत्र है जिसमें उनके हजार नामों का वर्णन किया गया है। भगवान भैरव को शिव जी का उग्र और रक्षक स्वरूप माना जाता है। उनका यह स्वरूप भक्तों को बुरी शक्तियों, कष्टों और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने वाला है। बटुक भैरव सहस्रनामावली में उनके प्रत्येक नाम…

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)

गणेश चतुर्थी नामक पुस्तक भगवान श्री गणेश की पूजा, व्रत विधि, कथा और उनके प्रति भक्तिभाव को समर्पित है। इस पुस्तक में गणेश चतुर्थी से संबंधित सभी प्रमुख जानकारियाँ दी गई हैं, जैसे व्रत का महत्व, पूजा विधि, गणेश चतुर्थी की कथाएँ और हर साल की गणेश चतुर्थी तिथियों की सूची। यह पुस्तक श्रद्धालुओं के…

श्री गणेश सहस्त्रनामावली (Shri Ganesh Sahasranamavali)

श्री गणेश सहस्त्रनामावली (Shri Ganesh Sahasranamavali)

श्री गणेश सहस्त्रनामावली भगवान गणेश की महिमा का अद्भुत ग्रंथ है, जिसे पंडित खेमा राज कृष्णदास जी ने लिखा है। यह पुस्तक भगवान गणेश के हजार नामों (सहस्त्रनाम) का संग्रह है, जो उनकी अनंत शक्तियों, गुणों और दिव्यता को प्रकट करते हैं। यह ग्रंथ भगवान गणेश के भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और प्रेरणादायक है।…

श्री दुर्गा स्तुति (Shri Durga Stuti)

श्री दुर्गा स्तुति (Shri Durga Stuti)

श्री दुर्गा स्तुति देवी दुर्गा की महिमा और स्तुतियों का संग्रह है। यह पुस्तक प्रदीप पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित की गई है और यह भक्तों के लिए देवी दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने और उनसे शक्ति, साहस, और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। इस पुस्तक में देवी दुर्गा की आराधना से…

दिसम्बर 2024 में आने वाले सभी हिन्दू त्यौहारों और व्रतों की सूची

december festival

दिसम्बर 2024 में हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्यौहार और व्रत बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाए जाएंगे। इस महीने की शुरुआत मोक्षदा एकादशी (11 दिसम्बर) से होती है, जो भगवान विष्णु की आराधना का प्रमुख दिन है। इसके बाद दत्तात्रेय जयंती (14 दिसम्बर) और प्रदोष व्रत (13 दिसम्बर) मनाए जाएंगे। मार्गशीर्ष पूर्णिमा (15 दिसम्बर)…

नवदुर्गा (Navdurga)

नवदुर्गा (Navdurga)

नवदुर्गा गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक विशेष पुस्तक है, जो हिंदू धर्म की नवदुर्गा परंपरा पर आधारित है। यह पुस्तक देवी दुर्गा के नौ रूपों का परिचय, उनकी उपासना पद्धतियों, और उनके आध्यात्मिक महत्व को विस्तार से समझाती है। इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य भक्तों को नवदुर्गा की महिमा और उनके पूजन विधानों की…

अमृत पर्व दशहरा (Amrit Parva Dussehra)

अमृत पर्व दशहरा (Amrit Parva Dussehra)

अमृत पर्व: दशहरा स्वामी सनातन श्री द्वारा लिखित एक अद्वितीय पुस्तक है जो भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता, और दशहरा उत्सव के गूढ़ रहस्यों पर प्रकाश डालती है। इस पुस्तक में दशहरा के ऐतिहासिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक पहलुओं को बेहद सरल और प्रभावी भाषा में प्रस्तुत किया गया है। स्वामी सनातन श्री ने इस पुस्तक को लिखने…

यन्त्र शक्ति (Yantra Shakti)

यन्त्र शक्ति (Yantra Shakti)

यंत्र शक्ति डॉ. रुद्रदेव त्रिपाठी द्वारा लिखी गई एक अद्भुत पुस्तक है, जो भारतीय आध्यात्मिक परंपरा और तंत्र विज्ञान में यंत्रों की महिमा और उपयोग को उजागर करती है। यह पुस्तक उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो तांत्रिक विधाओं, यंत्रों की शक्ति और उनके वैज्ञानिक व आध्यात्मिक महत्व को गहराई से…

गुरु प्रदोष व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि || सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें। अब भगवान शिव की धूप व आरती करें। भगवान शंकर को भोग लगाएं। फिर शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की आरती करें। || गुरु प्रदोष व्रत के लाभ ||…

सनातन दर्शन की पृष्ठभूमि (Sanaatan Darshan Kee Prshthabhoomi)

सनातन दर्शन की पृष्ठभूमि (Sanaatan Darshan Kee Prshthabhoomi)

सनातन दर्शन की पृष्ठभूमि पुस्तक भारतीय सनातन धर्म और उसके गूढ़ दार्शनिक सिद्धांतों को सरल और सुव्यवस्थित रूप में प्रस्तुत करती है। इसके लेखक स्वामी सनातन श्री, भारतीय दर्शन, धर्म और वेदांत के प्रख्यात विद्वान हैं। इस ग्रंथ में सनातन धर्म के मूल सिद्धांत, इसकी ऐतिहासिक यात्रा, और आधुनिक युग में इसकी प्रासंगिकता को विस्तार…

गृहस्थ धर्म की पूर्णता (Grhasth Dharm Kee Poornata)

गृहस्थ धर्म की पूर्णता (Grhasth Dharm Kee Poornata)

गृहस्थ धर्म की पूर्णता पुस्तक भारतीय संस्कृति में गृहस्थ जीवन के महत्व और आदर्शों को प्रस्तुत करने वाला एक विशेष ग्रंथ है। इसके लेखक/लेखिका राजेश्वरी शंकर ने गृहस्थ जीवन के कर्तव्यों, मूल्यों, और आध्यात्मिक पहलुओं का सुंदर वर्णन किया है। यह पुस्तक गृहस्थ जीवन को केवल भौतिक जिम्मेदारियों का निर्वहन मानने के बजाय इसे एक…

सकाम शिव पूजन (Sakam Shiv Pujan)

सकाम शिव पूजन (Sakam Shiv Pujan)

सकाम शिव पूजन पुस्तक भगवान शिव की पूजा और उनके अनुग्रह प्राप्त करने के इच्छुक साधकों के लिए एक मूल्यवान मार्गदर्शिका है। इसके लेखक पंडित दुर्गा प्रसाद शुक्ल एक प्रसिद्ध विद्वान और वैदिक परंपराओं के गहन ज्ञाता हैं। इस पुस्तक में भगवान शिव की पूजा के विभिन्न सकाम उपायों, विधियों, और महत्व का वर्णन किया…

राम राज्य (Ram Rajya)

राम राज्य (Ram Rajya)

राम राज्य पुस्तक भारतीय संस्कृति और आदर्श समाज व्यवस्था का चित्रण करती है। इसके लेखक श्री रामहर्षणदास जी महाराज, एक प्रख्यात संत और भारतीय धर्मशास्त्रों के मर्मज्ञ हैं। इस पुस्तक में राम राज्य की परिकल्पना, इसके नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों, और इसे आधुनिक समाज में लागू करने के उपायों का विस्तार से वर्णन किया गया…

नवग्रह एवं नक्षत्र शांति (Navagraha Evam Nakshatra Shanti)

नवग्रह एवं नक्षत्र शांति (Navagraha Evam Nakshatra Shanti)

नवग्रह एवं नक्षत्र शांति पुस्तक भारतीय ज्योतिष शास्त्र का एक प्रमुख ग्रंथ है, जिसमें नवग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव, उनकी शांति के उपाय, और उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का विस्तृत विवरण दिया गया है। इसके लेखक, पंडित रमेश चंद शर्मा, एक प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य और वैदिक परंपराओं के ज्ञाता हैं। यह ग्रंथ ज्योतिष विज्ञान…

मिथिला माधुरी (Mithila Madhuri)

मिथिला माधुरी (Mithila Madhuri)

मिथिला माधुरी पुस्तक भारतीय संस्कृति के गौरवशाली अंश, मिथिला की महान परंपराओं, साहित्य, और धार्मिक महत्व को दर्शाने वाला एक अनुपम ग्रंथ है। इसके लेखक श्री रामहर्षण दास जी, एक प्रसिद्ध संत, विद्वान, और मिथिला परंपरा के गहरे जानकार हैं। इस पुस्तक में मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर, रामायणकालीन संदर्भ, और वहां की धार्मिक व साहित्यिक…