श्री लक्ष्मीनृसिंह स्तोत्रम्

|| श्री लक्ष्मीनृसिंह स्तोत्रम् || श्रीमत्पयोनिधिनिकेतन चक्रपाणेभोगीन्द्रभोगमणिरञ्जितपुण्यमूर्ते। योगीश शाश्वत शरण्य भवाब्धिपोतलक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्बम्॥1॥ ब्रह्मेन्द्ररुद्रमरुदर्ककिरीटकोटिसङ्घट्टिताङ्घ्रिकमलामलकान्तिकान्त। लक्ष्मीलसत्कुचसरोरुहराजहंसलक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्बम्॥2॥ संसारघोरगहने चरतो मुरारेमारोग्रभीकरमृगप्रचुरार्दितस्य। आर्तस्य मत्सरनिदाघनिपीडितस्यलक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्बम्॥3॥ संसारकूपमतिघोरमगाधमूलंसम्प्राप्य दुःखशतसर्पसमाकुलस्य। दीनस्य देव कृपणापदमागतस्यलक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्बम्॥4॥ संसारसागरविशालकरालकालनक्रग्रहग्रसननिग्रहविग्रहस्य। व्यग्रस्य रागनिचयोर्मिनिपीडितस्यलक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्बम्॥5॥ संसारवृक्षमघबीजमनन्तकर्मशाखाशतं करणपत्रमनङ्गपुष्पम्। आरुह्य दुःखफलिनं पततो दयालोलक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्बम्॥6॥ संसारसर्पघनवक्त्रभयोग्रतीव्रदंष्ट्राकरालविषदग्धविनष्टमूर्तेः। नागारिवाहन सुधाब्धिनिवास शौरेलक्ष्मीनृसिंह मम…

श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम्

|| श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम् || अग्रे कुरूणामथ पाण्डवानांदुःशासनेनाहृतवस्त्रकेशा। कृष्णा तदाक्रोशदनन्यनाथागोविन्द दामोदर माधवेति॥1॥ श्रीकृष्ण विष्णो मधुकैटभारेभक्तानुकम्पिन् भगवन् मुरारे। त्रायस्व मां केशव लोकनाथगोविन्द दामोदर माधवेति॥2॥ विक्रेतुकामाखिलगोपकन्यामुरारिपादार्पितचित्तवृत्तिः। दध्यादिकं मोहवशादवोचद्गोविन्द दामोदर माधवेति॥3॥ उलूखले सम्भृततण्डुलांश्चसंघट्टयन्त्यो मुसलैः प्रमुग्धाः। गायन्ति गोप्यो जनितानुरागागोविन्द दामोदर माधवेति॥4॥ काचित्कराम्भोजपुटे निषण्णंक्रीडाशुकं किंशुकरक्ततुण्डम्। अध्यापयामास सरोरुहाक्षीगोविन्द दामोदर माधवेति॥5॥ गृहे गृहे गोपवधूसमूहःप्रतिक्षणं पिञ्जरसारिकाणाम्। स्खलद्गिरं वाचयितुं प्रवृत्तोगोविन्द दामोदर माधवेति॥6॥ पर्य्यङ्किकाभाजमलं…

श्री अहोई अष्टमी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि || प्रातः जल्दी स्नान किया जाता हैं। इसमें दिन भर का निर्जला व्रत किया जाता हैं। शाम में सूरज ढलने के बाद अहोई अष्टमी की पूजा की जाती हैं। इसमें अहोई अष्टमी माता का चित्र बनाया जाता हैं और विधि विधान से उनका पूजन किया जाता हैं। चौक बनाया…

अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम्

|| अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम् || जो इस विश्व की अधीश्वरी, जगत को धारण करने वाली, संसार का पालन और संहार करने वाली तथा तेजःस्वरुप भगवान विष्णु की अनुपम शक्ति हैं, उन्हीं भगवती निद्रा देवी की भगवान ब्रह्मा स्तुति करने लगे ब्रह्मा जी ने कहा – देवि! तुम्हीं स्वाहा, तुम्ही स्वधा और तुम्ही वषट्कार हो। स्वर…

हिंदू व्रत-त्यौहारों की पूरी सूची 2024, जानिए हिंदू व्रत-त्यौहार मासिक कैलेंडर

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हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व है। ये धार्मिक अनुष्ठान व्यक्ति को ईश्वर के करीब लाने और आध्यात्मिक विकास में सहायक होते हैं। 2024 में भी कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। 2024 में हिंदू व्रत-त्यौहारों की पूरी सूची और मासिक कैलेंडर आपके लिए प्रस्तुत है। यह कैलेंडर आपको वर्षभर के…

अथ वेदोक्तं रात्रिसूक्तम्

|| अथ वेदोक्तं रात्रिसूक्तम् || ॐ रात्रीत्याद्यष्टर्चस्य सूक्तस्यकुशिकः सौभरो रात्रिर्वा भारद्वाजो ऋषिः, रात्रिर्देवता,गायत्री छन्दः, देवीमाहात्म्यपाठे विनियोगः। ॐ रात्री व्यख्यदायती पुरुत्रा देव्यक्षभिः। विश्वा अधि श्रियोऽधित॥1॥ ओर्वप्रा अमर्त्यानिवतो देव्युद्वतः। ज्योतिषा बाधते तमः॥2॥ निरु स्वसारमस्कृतोषसं देव्यायती। अपेदु हासते तमः॥3॥ सा नो अद्य यस्या वयं नि ते यामन्नविक्ष्महि। वृक्षे न वसतिं वयः॥4॥ नि ग्रामासो अविक्षत नि पद्वन्तो नि पक्षिणः।…

महिषासुर मर्दिनि स्तोत्रम्

|| महिषासुर मर्दिनि स्तोत्रम् || अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते। भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥1॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥2॥ अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रियवासिनि हासरते शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमलय शृङ्गनिजालय मध्यगते। मधुमधुरे मधुकैटभगञ्जिनि…

अहोई माता आरती

॥ अहोई माता आरती ॥ जय अहोई माता, जय अहोई माता । तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता ॥ ॐ जय अहोई माता ॥ ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला, तू ही है जगमाता । सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय अहोई माता ॥ माता रूप निरंजन, सुख-सम्पत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्यावत, नित मंगल…

वर्ष 2024 में आने वाली सभी कालाष्टमी व्रत की सूची, महत्व और पूजा विधि

kalashatmi

कालाष्टमी एक पवित्र हिंदू त्योहार है जो काल भैरव को समर्पित है। कालाष्टमी के दिन भगवान शिव की भैरव रूप में पूजा की जाती है। वह समय के स्वामी हैं और समय को महत्व देने वाले को आशीर्वाद देते हैं। भगवान शिव (भोलेनाथ) के भैरव रूप के स्मरण से सभी प्रकार के पाप और कष्ट…

राधाकुण्ड और अहोई अष्टमी से जुड़ी कथा

|| अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा || बहुत समय पहले झाँसी के निकट एक नगर में चन्द्रभान नामक एक साहूकार रहता था। उसकी पत्नी चन्द्रिका अत्यंत सुंदर, सर्वगुण सम्पन्न, सती-साध्वी, शीलवान और बुद्धिमान थी। उनके कई पुत्र-पुत्रियाँ थीं, लेकिन वे सभी वयस्क होने से पहले ही परलोक सिधार गए थे। संतान की मृत्यु…

नवदुर्गा स्तोत्रम्

|| नवदुर्गा स्तोत्रम् || ॥ देवी शैलपुत्री ॥ वन्दे वाञ्छितलाभायचन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढाम् शूलधरांशैलपुत्री यशस्विनीम्॥1॥ ॥ देवी ब्रह्मचारिणी ॥ दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयिब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥2॥ ॥ देवी चन्द्रघण्टा ॥ पिण्डजप्रवरारूढाचन्दकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यम्चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥3॥ ॥ देवी कूष्माण्डा ॥ सुरासम्पूर्णकलशम्रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्याम्कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥4॥ ॥ देवी स्कन्दमाता ॥ सिंहासनगता नित्यम्पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवीस्कन्दमाता यशस्विनी॥5॥ ॥ देवी कात्यायनी…

श्री राधाकुण्डाष्टकम्

|| श्री राधाकुण्डाष्टकम् || वृषभदनुजनाशान्नर्मधर्मोक्तिरङ्गै- र्निखिलनिजसखीभिर्यत्स्वहस्तेन पूर्णम् । प्रकटितमपि वृन्दारण्यराज्ञा प्रमोदै- स्तदतिसुरभि राधाकुण्डमेवाश्रयो मे ॥ व्रजभुवि मुरशत्रोः प्रेयसीनां निकामै- रसुलभमपि तूर्णं प्रेमकल्पद्रुमं तम् । जनयति हृदि भूमौ स्नातुरुच्चैर्प्रियं य- त्तदतिसुरभि राधाकुण्डमेवाश्रयो मे ॥ अघरिपुरपि यत्नादत्र देव्याः प्रसाद- प्रसरकृतकताक्षप्राप्तिकामः प्रकामम् । अनुसरति यदुचाइः स्नानसेवानुबन्धै- स्तदतिसुरभि राधाकुण्डमेवाश्रयो मे ॥ व्रजभुवनसुधांशोः प्रेमभूमिर्निकामं व्रजमधुरकिशोरीमौलिरत्नप्रियेव । परिचितमपि नाम्ना या च…

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

|| कृष्णा जन्माष्टमी व्रत कथा || द्वापर युग में जब पृथ्वी पाप तथा अत्याचारों से तपने लगी| तब वह गाय का रूप बनाकर सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी के पास गई| ब्रह्मा जी ने जब सभी देवताओं के साथ पृथ्वी जी की दुख भरी कथा सुनी तब सभी देवताओं ने ब्रह्मा जी से कहा यह तो अत्यंत…

श्री अहोई माता की आरती

|| श्री अहोई माता की आरती || जय अहोई माता, जय अहोई माता । तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता ॥ ॐ जय अहोई माता ॥ ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला, तू ही है जगमाता । सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय अहोई माता ॥ माता रूप निरंजन, सुख-सम्पत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्यावत,…

ऋणहर्ता श्री गणेश स्तोत्रम्

|| ऋणहर्ता श्री गणेश स्तोत्रम् || कैलाशपर्वते रम्ये शम्भुं चन्द्रार्धशेखरम्। षडाम्नायसमायुक्तं पप्रच्छ नगकन्यका॥ ॥ पार्वत्युवाच ॥ देवश परमेशान सर्वशास्त्रार्थपारग। उपायमृणनाशस्य कृपया वद साम्प्रतम्॥ ॥ शिव उवाच ॥ सम्यक् पृष्टं त्वया भद्रे लोकानां हिकाम्यया। तत्सर्वं सम्प्रवक्ष्यामि सावधानावधारय॥ ॥ विनियोग ॥ ॐ अस्य श्रीऋणहरणकर्तृगणपतिस्तोत्रमन्त्रस्य सदाशिव ऋषिः अनुष्टुप् छन्दः श्रीऋणहरणकर्तृगणपतिर्देवता ग्लौं बीजम् गः शक्तिः गों कीलकम्मम सकलऋणनाशने जपे…

रमा एकादशी व्रत 2024 – जानिए व्रत विधि, कथा, पारण का समय और महत्व

rama ekadashi

रमा एकादशी हिंदू धर्म के पवित्र व्रतों में से एक है। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष रमा एकादशी का व्रत 28 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा। रमा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु की कृपा…

त्रिपुरा भारती स्तोत्र

|| त्रिपुरा भारती स्तोत्र || ऐन्द्रस्येव शरासनस्य दधती मध्ये ललाटं प्रभां शौक्लीं कान्तिमनुष्णगोरिव शिरस्यातन्वती सर्वतः । एषाऽसौ त्रिपुरा हृदि द्युतिरिवोष्णांशोः सदाहःस्थिता छिन्द्यान्नः सहसा पदैस्त्रिभिरघं ज्योतिर्मयी वाङ्मयी ॥ या मात्रा त्रपुसीलतातनुलसत्तन्तूत्थितिस्पर्द्धिनी वाग्बीजे प्रथमे स्थिता तव सदा तां मन्महे ते वयम् । शक्तिः कुण्डलिनीति विश्वजननव्यापारबद्धोद्यमा ज्ञात्वेत्थं न पुनः स्पृशन्ति जननीगर्भेऽर्भकत्वं नराः ॥ दृष्ट्वा सम्भ्रमकारि वस्तु सहसा ऐ…

श्री रोहिणी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| रोहिणी व्रत कथा || प्राचीन कथा के अनुसार चंपापुरी राज्य में राजा माधवा, और रानी लक्ष्मीपति का राज्य था। उनके सात बेटे और एक बेटी थी। एक बार राजा ने बेटी रोहिणी के बारे में ज्योतिषी से जानकारी ली तो उसने बताया कि रोहिणी का विवाह हस्तिनापुर के राजकुमार अशोक के साथ होगा। इस…

दिवाली व्रत कथा और पूजा विधि

।। दीपावली व्रत कथा ।। एक बार की बात है एक जंगल में एक साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल पर जल चढ़ाया करती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वह जल चढ़ाया करती थी उस पर पर मां लक्ष्मी निवास करती थी। एक दिन मां लक्ष्मी ने साहूकार की बेटी से कहा मैं…

धनतेरस के दिन क्या खरीदें? जाने धनतेरस 2024 शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और खरीदारी से जुड़ी खास टिप्स

Dhanteras

दीपावली का त्यौहार 5 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और भाई दूज के दिन खत्म होता है। हर साल धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा होती है। इसके अगले दिन छोटी दिवाली…

Ahoi Ashtami 2024 – अहोई अष्टमी व्रत, जाने तिथि, नियम और पूजा विधि सहित संपूर्ण जानकारी

Ahoi Ashtami

Ahoi Ashtami 2024 – अहोई अष्टमी का व्रत हर साल माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन माताएं पूरे दिन बिना पानी पिए व्रत रखती हैं और शाम को तारों को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा।…

करवा चौथ आरती

।। करवा चौथ आरती ।। ऊँ जय करवा मइया, माता जय करवा मइया । जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ।। ऊँ जय करवा मइया। सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी। यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी ।। ऊँ जय करवा मइया। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती। दीर्घायु पति…

मासिक कार्तिगाई व्रत कथा

|| कार्तिगाई व्रत कथा || कार्तिगाई दीपम का त्योहार दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव की पूजा को समर्पित है और दीपों के प्रज्वलन द्वारा अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। कार्तिगाई दीपम की कथा भगवान मुरुगन (जिन्हें कार्तिकेय…

करवा चौथ व्रत कथा और पूजन विधि

|| करवा चौथ व्रत कथा || एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी। एक बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी करवा चौथ का व्रत रखा। रात्रि के समय जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होंने अपनी…

अटला तड्डी व्रत कथा

|| अटला तड्डी व्रत कथा || एक राज्य में एक राजकुमारी थी जो अटला तड्डी नोमु व्रत का पालन कर रही थी। इस व्रत में, उसे पूरे दिन उपवास रखना होता था और केवल चाँद दिखने के बाद ही भोजन करना होता था। कुछ घंटों के उपवास के बाद, राजकुमारी बेहोश हो गई क्योंकि उसे…

कार्तिक संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| कार्तिक संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पार्वती जी कहती हैं, “हे भाग्यशाली लम्बोदर! भाषणकर्ताओं में श्रेष्ठ! कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को किस नाम वाले गणेश जी की पूजा किस प्रकार करनी चाहिए?” श्रीकृष्ण जी ने कहा, “अपनी माता की बात सुनकर गणेश जी ने कहा कि कार्तिक कृष्ण चतुर्थी का नाम संकटा है। उस…

कार्तिक मास में क्या करें, क्या न करें? कार्तिक 2024 माह क्यों है विशेष?

kartik mass

कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र महीना माना जाता है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान और व्रत किए जाते हैं। आइए जानते हैं कार्तिक मास 2024 में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, साथ ही इस महीने के महत्व और पौराणिक कथाओं के…

श्री कार्तिक मास कथा

|| कार्तिक मास की कथा || एक नगर में एक ब्राह्मण दंपत्ति रहते थे। वे दोनों प्रतिदिन 7 कोस दूर गंगा और यमुना नदी में स्नान करने जाते थे। इतनी दूर आने-जाने से ब्राह्मण की पत्नी थक जाती थी। एक दिन उसने अपने पति से कहा कि हमारा एक पुत्र होता तो कितना अच्छा रहता।…

श्री विष्णु सहस्र नाम स्तोत्रम्

||श्री विष्णु सहस्र नाम स्तोत्रम् || ॐ शुक्लांबरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशांतये ॥ 1 ॥ यस्यद्विरदवक्त्राद्याः पारिषद्याः परः शतम् । विघ्नं निघ्नंति सततं विष्वक्सेनं तमाश्रये ॥ 2 ॥ पूर्व पीठिका व्यासं वसिष्ठ नप्तारं शक्तेः पौत्रमकल्मषम् । पराशरात्मजं वंदे शुकतातं तपोनिधिम् ॥ 3 ॥ व्यासाय विष्णु रूपाय व्यासरूपाय विष्णवे । नमो वै ब्रह्मनिधये…

श्री राम रक्षा स्तोत्रम्

|| श्री राम रक्षा स्तोत्रम् || ॐ अस्य श्री रामरक्षा स्तोत्रमंत्रस्य बुधकौशिक ऋषिः श्री सीताराम चंद्रोदेवता अनुष्टुप् छंदः सीता शक्तिः श्रीमद् हनुमान् कीलकम् श्रीरामचंद्र प्रीत्यर्थे रामरक्षा स्तोत्रजपे विनियोगः ॥ ध्यानम् ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशर धनुषं बद्ध पद्मासनस्थं पीतं वासोवसानं नवकमल दलस्पर्थि नेत्रं प्रसन्नम् । वामांकारूढ सीतामुख कमलमिलल्लोचनं नीरदाभं नानालंकार दीप्तं दधतमुरु जटामंडलं रामचंद्रम् ॥ स्तोत्रम् चरितं रघुनाथस्य…

शनैश्चरस्तोत्रम्

|| शनैश्चरस्तोत्रम् || ॥ विनियोग ॥ श्रीगणेशाय नमः॥ अस्य श्रीशनैश्चरस्तोत्रस्य। दशरथ ऋषिः॥ शनैश्चरो देवता। त्रिष्टुप् छन्दः॥ शनैश्चरप्रीत्यर्थ जपे विनियोगः॥ ॥ दशरथ उवाच ॥ कोणोऽन्तको रौद्रयमोऽथ बभ्रुः कृष्णः शनिः पिंगलमन्दसौरिः। नित्यं स्मृतो यो हरते च पीडां तस्मै नमः श्रीरविनन्दनाय॥1॥ सुरासुराः किंपुरुषोरगेन्द्रा गन्धर्वविद्याधरपन्नगाश्च। पीड्यन्ति सर्वे विषमस्थितेन तस्मै नमः श्रीरविनन्दनाय॥2॥ नरा नरेन्द्राः पशवो मृगेन्द्रा वन्याश्च ये कीटपतंगभृङ्गाः। पीड्यन्ति…

रामभद्राचार्य हनुमान चालीसा

॥ हनुमान चालीसा रामभद्राचार्य ॥ ॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार। बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।। ॥ चौपाई ॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि–पुत्र…

धनतेरस की पौराणिक कथा

|| धनतेरस की पौराणिक कथा || धनतेरस का त्योहार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को बड़े श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है। इस दिन धनवंतरी, माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा होती है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जिसे जानना दिलचस्प है। कहानी कुछ इस तरह है…

रमा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। रमा एकादशी पूजा विधि ।। एकादशी के दिन सुबह स्नान करें और उसके बाद पूजा शुरू करें, पूजा में धूप, तुलसी के पत्तों, दीप, नैवेद्य, फूल और फल का आदि चीजों का ध्यान रखें । इस दिन भगवान विष्णु का पीले वस्त्र और फूलों से श्रृंगार करना चाहिए । एकादशी व्रत का पारण द्वादशी…

हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ सहित

|| हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ सहित || || दोहा || श्री गुरु चरण सरोज रज निज मन मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुवर बिमल जसु जो दायकु फल चारि। अर्थ- श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूं, जो चारों…

हनुमानजी का शाबर मंत्र

।। हनुमानजी का शाबर मंत्र ।। आत्म सुरक्षा हेतु श्री हनुमानजी का शाबर मंत्र ॐ नमः वज्र का कोठा । जिसमे पिण्ड हमारो पेठा । ईश्वर कुंजी । ब्रह्मा का ताला । मेरे आठो धाम का यति हनुमंत रखवाला ॥ शत्रु दमन हेतु श्री हनुमानजी का शाबर मंत्र हनुमान पहलवान बारह बरस का जवान मुख…

भौम प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

।। मंगल (भौम) प्रदोष व्रत कथा ।। एक नगर में एक वृद्धा निवास करती थी। उसके मंगलिया नामक एक पुत्र था। वृद्धा की हनुमान जी पर गहरी आस्था थी। वह प्रत्येक मंगलवार को नियमपूर्वक व्रत रखकर हनुमान जी की आराधना करती थी। उस दिन वह न तो घर लीपती थी और न ही मिट्टी खोदती…

शरद पूर्णिमा व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| शरद पूर्णिमा व्रत कथा || एक साहूकार के दो पुत्रियां थी। दोनों पुत्रियां पूर्णिमा का व्रत रखती थी, परन्तु बड़ी पुत्री विधिपूर्वक पूरा व्रत करती थी जबकि छोटी पुत्री अधूरा व्रत ही किया करती थी। परिणामस्वरूप साहूकार के छोटी पुत्री की संतान पैदा होते ही मर जाती थी। उसने पंडितों से अपने संतानों के…

श्री बुद्ध जी की आरती

|| श्री बुद्ध जी की आरती || वो गौतम ज्ञानी, धन्य हो गौतम ज्ञानी । जन्म मरण का तुमने भेद लिया जानी।। धन्य हो गौतम ज्ञानी। पिता शुद्दोधन माता महामाया रानी। जन्म लिया लुम्बिनी वन, साक्य मुनि सानी।। धन्य हो गौतम ज्ञानी। जग का रण गृह त्यागा, वन की खाक छानी। दुःख का कारन खोजा,…

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा

|| मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा || पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में असुर दंभ को महिषासुर नाम का एक पुत्र हुआ। महिषासुर में बचपन से ही अमर होने की प्रबल इच्छा थी। इस इच्छा को पूरा करने के लिए उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या शुरू की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी…

विजयादशमी की कथा (दशहरा व्रत कथा)

|| विजयादशमी की कथा (दशहरा व्रत कथा) || आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को ‘विजयादशमी’ कहा जाता है, और इसके नाम के पीछे कई पौराणिक और ज्योतिषीय कारण बताए गए हैं। इस दिन को ‘विजयादशमी’ कहे जाने का एक प्रमुख कारण देवी भगवती के ‘विजया’ नाम से जुड़ा हुआ है। इसके साथ…

सिद्धिदात्री माता व्रत कथा पूजा विधि

।। सिद्धिदात्री माता कथा ।। मां दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्रि-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में…

मां सिद्धिदात्री आरती

।। सिद्धिदात्री आरती ।। जय सिद्धिदात्री मां तू सिद्धि की दाता । तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता ।। तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि । तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि ।। कठिन काम सिद्ध करती हो तुम । जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम ।। तेरी…

महागौरी माता आरती

॥ महागौरी माता आरती ॥ जय महागौरी जगत की माया। जया उमा भवानी जय महामाया॥ हरिद्वार कनखल के पासा। महागौरी तेरी वहां निवासा॥ चंद्रकली ओर ममता अंबे। जय शक्ति जय जय माँ जगंदबे॥ भीमा देवी विमला माता। कौशिकी देवी जग विख्यता॥ हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा। महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥ सती सत हवन…

महागौरी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। महागौरी माता कथा ।। नवरात्रि में आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है। नाम से प्रकट है कि इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई है। इनके सभी आभूषण और…

विन्ध्येश्वरी माता स्तोत्रम्

|| विन्ध्येश्वरी माता स्तोत्रम् || निशुम्भशुम्भमर्दिनीं प्रचण्डमुण्डखण्डिनीम्। वने रणे प्रकाशिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥1॥ त्रिशूलरत्नधारिणीं धराविघातहारिणीम्। गृहे गृहे निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥2॥ दरिद्रदुःखहारिणीं सतां विभूतिकारिणीम्। वियोगशोकहारिणीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥3॥ लसत्सुलोललोचनां लतां सदावरप्रदाम्। कपालशूलधारिणीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥4॥ करे मुदा गदाधरां शिवां शिवप्रदायिनीम्। वरावराननां शुभां भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥5॥ ऋषीन्द्रजामिनप्रदां त्रिधास्यरूपधारिणीम्। जले स्थले निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥6॥ विशिष्टसृष्टिकारिणीं विशालरूपधारिणीम्। महोदरां विशालिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥7॥ पुरन्दरादिसेवितां मुरादिवंशखण्डिनीम्।…

नरक चतुर्दशी कथा

|| नरक चतुर्दशी कथा || कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रूप चौदस, नरक चतुर्दशी कहते हैं। बंगाल में इस दिन को मां काली के जन्मदिन के रूप में काली चौदस के तौर पर मनाया जाता है। इसे छोटी दीपावली भी कहते हैं। इस दिन स्नानादि से निवृत्त होकर यमराज का तर्पण कर…

अन्नपूर्णा माता स्तोत्रम्

|| अन्नपूर्णा माता स्तोत्रम् || नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी। प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी॥1॥ नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी मुक्ताहारविलम्बमान-विलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी। काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरे काशीपुराधीश्वर भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी॥2॥ योगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्मार्थनिष्ठाकरी चन्द्रार्कानलभासमानलहरी त्रैलोक्यरक्षाकरी। सर्वैश्वर्यसमस्तवाञ्छितकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी॥3॥ कैलासाचलकन्दरालयकरी गौरी उमा शङ्करी कौमारी निगमार्थगोचरकरी ओङ्कारबीजाक्षरी। मोक्षद्वारकपाटपाटनकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी॥4॥ दृश्यादृश्यविभूतिवाहनकरी ब्रह्माण्डभाण्डोदरी लीलानाटकसूत्रभेदनकरी विज्ञानदीपाङ्कुरी। श्रीविश्वेशमनःप्रसादनकरी काशीपुराधीश्वरी…

देवी काली सहस्रनामावली

।। देवी काली सहस्रनामावली ।। ॐ अचिन्त्यायै नमः। ॐ अट्टहासायै नमः। ॐ अणिम्ने नमः। ॐ अतिमत्तायै नमः। ॐ अतिवेगिन्यै नमः। ॐ अतिशुक्रिण्यै नमः। ॐ अद्वैतायै नमः। ॐ अधिष्ठायै नमः। ॐ अनङ्गकुसुमायै नमः। ॐ अनङ्गमदनायै नमः। ॐ अनङ्गमालिन्यै नमः। ॐ अनङ्गमेखलायै नमः। ॐ अनङ्गमेखलायै नमः। ॐ अनङ्गरूपिण्यै नमः। ॐ अनङ्गरेखायै नमः। ॐ अनङ्गाङ्कुशेश्वर्यै नमः। ॐ अनन्तगुणिन्यै…

माँ काली मंत्र

॥ माँ काली मंत्र ॥ एकाक्षरी काली मंत्र क्रीं तीन अक्षरी काली मंत्र क्रीं ह्रुं ह्रीं॥ पांच अक्षरी काली मंत्र क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्॥ षडाक्षरी काली मंत्र क्रीं कालिके स्वाहा॥ सप्ताक्षरी काली मंत्र हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा॥ श्री दक्षिणकाली मंत्र ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं…