अगस्त 2025 हिन्दू कैलेंडर – इस अगस्त में क्या है खास? जानिए अगस्त 2025 के सभी हिन्दू पर्व और उपवास की तिथियाँ

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अगस्त का महीना भारतीय संस्कृति में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। यह वह समय होता है जब वर्षा ऋतु अपने चरम पर होती है और वातावरण शुद्ध, पवित्र एवं भक्तिभाव से परिपूर्ण होता है। अगस्त 2025 हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, इस महीने में कई महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व, उपवास और देवी-देवताओं की पूजन तिथियाँ…

मासिक कार्तिगाई व्रत कथा

हर महीने पड़ने वाली मासिक कार्तिगाई व्रत कथा का पाठ और श्रवण भक्तों को विशेष पुण्य प्रदान करता है। यह व्रत भगवान शिव और முருக/कार्तिकेय को समर्पित है, जो शांति, समृद्धि और विजय के प्रतीक हैं। इस व्रत को करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भक्त…

Pitru Paksha 2025 – क्यों किया जाता है श्राद्ध? पितृ पक्ष की तिथियां, नियम, महत्व और मान्यताएं

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पितृपक्ष 08 सितंबर से शुरू हो रहा है। पितृपक्ष के समय लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और अन्य धार्मिक कार्य करते हैं। इस दौरान, लोग अपने पितरों की तृप्ति के लिए भोजन और जल अर्पित करते हैं। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराना, उन्हें दान-दक्षिणा देना और पितरों की…

7 Mukhi Rudraksha Secrets – 7 मुखी रुद्राक्ष के रहस्य, कौन पहन सकता है और क्या हैं इसके फायदे?

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7 मुखी रुद्राक्ष एक दिव्य और शक्तिशाली बीज होता है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और चमत्कारी माना जाता है। विभिन्न मुखी रुद्राक्षों का अलग-अलग देवी-देवताओं से संबंध होता है और वे भिन्न लाभ प्रदान करते हैं। 7 मुखी रुद्राक्ष का विशेष संबंध देवी महालक्ष्मी और भगवान शनि से है। इसे धारण करने से…

Sawan 2025 – शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने के नियम और संख्या – क्या कहते हैं शास्त्र?

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सावन 2025 में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। इस पवित्र माह में शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, बेलपत्र भगवान शिव को प्रिय है और इसे अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बेलपत्र अर्पित करते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। बेलपत्र…

मासिक दुर्गाष्टमी 2025 में कब-कब है विशेष तिथि? मासिक दुर्गाष्टमी क्यों मानी जाती है शुभ? जानिए इसकी रहस्यमयी शक्ति और व्रत की पूरी प्रक्रिया!

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जय माता दी! हर महीने जब दुर्गाष्टमी आती है, तो हमारे मन में एक अलग ही ऊर्जा और भक्ति का संचार होता है। साल में चार गुप्त नवरात्रि और दो प्रत्यक्ष नवरात्रि के अलावा, हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। यह दिन माँ दुर्गा को समर्पित होता है…

दुर्गा कवच पाठ – जब देवी स्वयं बनती हैं रक्षक, जानिए पाठ की विधि, महत्व और इसके दिव्य प्रभाव

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क्या आप जीवन में अजेय शक्ति और सुरक्षा की अनुभूति चाहते हैं? क्या आपको लगता है कि कोई अदृश्य शक्ति आपको हर विपत्ति से बचाए? यदि हाँ, तो दुर्गा कवच पाठ आपके लिए ही है। यह सिर्फ एक पाठ नहीं, बल्कि भगवती दुर्गा का अभेद्य सुरक्षा कवच है, जिसे धारण कर भक्त स्वयं को माँ…

लक्ष्मी पंचाली का पाठ क्यों है हर गृहस्थ के लिए आवश्यक? लक्ष्मी पंचाली से बदलें अपनी किस्मत – जानिए पाठ विधि और लाभ

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क्या आप अपने घर में सुख-समृद्धि, शांति और अटूट धन की कामना करते हैं? क्या आप चाहते हैं कि आपके जीवन से दरिद्रता का नाश हो और धन-धान्य की कभी कमी न हो? यदि हाँ, तो लक्ष्मी पंचाली का पाठ आपके लिए एक अचूक उपाय सिद्ध हो सकता है। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं,…

आद्याकाली जयंती 2025 विशेष – कौन हैं आद्याकाली? जानें पूजा विधि और महत्व

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भारतवर्ष देवी-देवताओं की भूमि है, जहाँ हर दिन कोई न कोई पर्व या जयंती मनाई जाती है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण पर्व है “आद्याकाली जयंती”। यह दिन माँ आद्याकाली को समर्पित है, जिनकी पूजा-अर्चना से भक्तों को असीम शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि प्राप्त होती है। 2025 में आद्याकाली जयंती का यह पावन अवसर भक्तों…

Gowri Habba 2025 – गौरी हब्बा क्यों है खास? जानें पूजा विधि, कथा और सुहागिनों के लिए इसका महत्व

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Gowri Habba 2025, भारतीय संस्कृति में त्योहारों का एक विशेष स्थान है, और इन्हीं में से एक बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है “गौरी हब्बा”। यह पर्व विशेष रूप से कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों में बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव की पत्नी,…

संवत्सरी पर्व 2025 – क्षमा और आत्मशुद्धि का पवित्र दिन, ‘मिच्छामि दुक्कड़म्’ का रहस्य, संवत्सरी क्यों है जैन धर्म का सबसे करुणामयी दिन?

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जैन धर्म में संवत्सरी पर्व (Samvatsari Parv) का एक विशेष और अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह दिन केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि आत्मचिंतन, क्षमा और शुद्धि का महापर्व है। वर्ष 2025 में, संवत्सरी पर्व, जैन समुदाय के लिए एक और अवसर लेकर आएगा जब वे अपने भीतर झांकेंगे, अपनी गलतियों को स्वीकार करेंगे और सबसे…

Damodar Dwadashi 2025 – दामोदर द्वादशी क्यों है विशेष? जानिए पूजन विधि, कथा और फल, जब यशोदा ने बांधा भगवान को प्रेम के बंधन में

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दामोदर द्वादशी यह एक ऐसा विशेष दिन है जो भगवान श्री कृष्ण के बचपन की लीलाओं और भक्त-भगवान के अनुपम प्रेम को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु के कृष्ण स्वरूप के दामोदर रूप की पूजा की जाती है। ‘दामोदर’ शब्द का अर्थ है ‘जिसके उदर (पेट) पर रस्सी (दाम) बंधी हो’। यह नाम भगवान…

श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम्

श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम् एक अत्यंत मधुर और भक्तिपूर्ण स्तोत्र है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न नामों और लीलाओं का सुंदर वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र श्री श्रीधर स्वामी द्वारा रचित है और इसे पढ़ने से ह्रदय में भक्ति, शांति और आनंद का संचार होता है। विशेष रूप से श्रीविष्णु और उनके अवतारों की…

श्री दामोदर अष्टकम

श्री दामोदर अष्टकम भगवान श्री कृष्ण के मनमोहक बाल रूप दामोदर को समर्पित एक अत्यंत पवित्र स्तुति है। कार्तिक मास में इसका पाठ विशेष फलदायी माना जाता है। इस अष्टकम के आठ श्लोक, माँ यशोदा द्वारा बाल कृष्ण को बाँधने की लीला का अद्भुत वर्णन करते हैं, जो भगवान के भक्तों के प्रति असीम प्रेम…

दामोदर द्वादशी की कथा

|| दामोदर द्वादशी की कथा PDF || दामोदर द्वादशी की कथा भगवान श्री कृष्ण की बचपन की एक अत्यंत प्रिय और मार्मिक लीला से जुड़ी है। यह कथा श्रीमद्भागवत पुराण में विस्तार से वर्णित है। एक समय की बात है, जब भगवान श्री कृष्ण गोकुल में बाल रूप में निवास कर रहे थे। वे अपनी…

हरतालिका तीज व्रत कथा

हरतालिका तीज 2025 में मंगलवार, 26 अगस्त को मनाई जाएगी। यह पावन व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु और अविवाहित कन्याओं द्वारा मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। हरतालिका तीज व्रत कथा भगवान शिव और माता पार्वती के अटूट प्रेम की गाथा है। इस कथा का श्रवण और पठन करने…

अजा एकादशी 2025 – क्यों है यह एकादशी विशेष? जानें व्रत, पूजा और आरती का रहस्य

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अजा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, 2025 में अजा एकादशी 19 अगस्त, रविवार को पड़ रही है। यह एकादशी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि यह व्यक्ति को जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति दिलाती है।…

सूर्य देव जी की आरती

सूर्य देव समस्त संसार के पालक और ऊर्जा के अक्षय स्रोत हैं। उनकी आरती का गायन मन को शांति और सकारात्मकता से भर देता है। यह पवित्र क्षण हमें सूर्य के दिव्य प्रकाश और उनकी असीम कृपा का स्मरण कराता है। “ॐ जय कश्यप नंदन, प्रभु जय आदित्य नंदन” के स्वरों में उनकी महिमा का…

मंगलागौरी अष्टोत्तर शतनामावलि

मंगलागौरी अष्टोत्तर शतनामावलि देवी मंगलागौरी को समर्पित 108 नामों का एक पवित्र संग्रह है, जो सौभाग्य और समृद्धि की देवी हैं। यह नामावलि भक्तों को देवी के विभिन्न गुणों और रूपों का स्मरण कराती है, जिससे आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इस दिव्य स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से मंगलवार के दिन,…

वरलक्ष्मी व्रत कथा व पूजा विधि

वरलक्ष्मी व्रत, देवी लक्ष्मी को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो 2025 में भी भक्तों द्वारा पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। यह व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा अपने परिवार की समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य और पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। इस दिन, भक्त देवी वरलक्ष्मी की पूजा करते हैं, जो धन,…

पुत्रदा एकादशी (वैकुण्ठ एकादशी) व्रत कथा और पूजा विधि

पुत्रदा एकादशी, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, संतान प्राप्ति की कामना करने वाले दंपत्तियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है। यह पावन एकादशी 2025 में भी भक्तों द्वारा पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, और मान्यता है कि सच्चे मन से व्रत…

वैभव लक्ष्मी आरती

महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए वैभव लक्ष्मी आरती का पाठ अत्यंत शुभ माना जाता है। यह आरती देवी लक्ष्मी को समर्पित है, जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं। इस आरती का नियमित पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। आप आसानी…

मंगला गौरी व्रत कथा एवं पूजा विधि

मंगला गौरी व्रत कथा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे श्रावण मास के प्रत्येक मंगलवार को सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं। यह व्रत विशेष रूप से मां पार्वती को समर्पित है, जिन्हें मंगला गौरी के रूप में पूजा जाता है। इस व्रत को करने…

मंगला गौरी आरती

मंगला गौरी आरती, माँ गौरी की भक्ति का एक अनुपम साधन है, जो विशेष रूप से सावन मास के मंगलवार को उनके भक्तों द्वारा गाई जाती है। यह आरती माँ पार्वती के उस स्वरूप को समर्पित है, जो सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य प्रदान करता है। मंगला गौरी आरती के माध्यम से भक्त अपनी श्रद्धा और…

अहोई माता आरती

अहोई अष्टमी का पावन पर्व, संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन माताएँ अहोई माता आरती गाकर देवी का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। अहोई माता की महिमा अपरंपार है और उनकी कृपा से सूनी गोद भी भर जाती है। यदि आप अहोई माता की संपूर्ण आरती और पूजन विधि…

श्री राधा आरती

श्री राधा रानी की आरती उनके भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आरती राधा जी के दिव्य स्वरूप, उनकी कृपा और प्रेम को समर्पित है। “श्री राधा आरती PDF” के माध्यम से भक्तगण कभी भी, कहीं भी इस पावन आरती का पाठ कर सकते हैं, जिससे उन्हें मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतोष प्राप्त होता…

काली माता की आरती

काली माता की आरती देवी काली की महिमा का गुणगान करती है, जो अंधकार और अधर्म का विनाश करने वाली शक्ति हैं। यह आरती भक्तों को भयमुक्त करती है और आत्मबल प्रदान करती है। काली माता की उपासना विशेष रूप से अमावस्या, नवमी और तंत्र साधना के दिनों में की जाती है। काली माता की…

कजरी तीज व्रत कथा एवं पूजन विधि

कजरी तीज व्रत कथा का पठन सुहागिन स्त्रियों के लिए अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निराहार रहकर पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। कजरी तीज व्रत कथा PDF डाउनलोड…

Kajari Teej 2025 – कजरी तीज क्यों है सुहाग का प्रतीक? जानें कब है व्रत, क्या है पूजन विधि और लोक परंपराएं

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कजरी तीज, जिसे बूढ़ी तीज या सातुड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। यह पर्व विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए अत्यधिक महत्व रखता है। यह हरियाली तीज के लगभग 15 दिन बाद आता है और उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश,…

Hayagriva Jayanti 2025 – हयग्रीव जयंती का रहस्य, जब स्वयं विष्णु ने लिया घोड़े का रूप ज्ञान की रक्षा के लिए

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क्या आप जानते हैं कि भगवान विष्णु ने ज्ञान की रक्षा के लिए घोड़े का रूप धारण किया था? हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाई जाने वाली हयग्रीव जयंती, इसी अद्भुत अवतार और ज्ञान के महत्व को समर्पित है। यह पर्व सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि अज्ञानता पर ज्ञान की विजय का…

Sawan 2025 – सावन में कैसे करें भगवान शिव की पूजा? जानें व्रत के नियम, क्या करें और क्या न करें

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सावन मास, भगवान शिव का प्रिय महीना, 2025 में 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा। इस पवित्र महीने में, भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं, व्रत रखते हैं, और कावड़ यात्रा निकालते हैं। सावन माह हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की…

सावन सोमवार 2025 – भोलेनाथ के प्रिय भोग क्या हैं? शिव जी के मंत्र और पूजा विधि से करें मनोकामना पूर्ण

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सावन 2025 का पवित्र महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस महीने में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। कहा जाता है कि सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन विभिन्न…

Sawan Somvaar Vrat Diet Rules – सोमवार व्रत कैसे करें, क्या खाएं और क्या ना खाएं

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सावन सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है यह व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और मनोकामना पूर्ण करने के लिए रखा जाता है। सावन सोमवार को व्रत करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि सावन सोमवार का व्रत कैसे…

शीतला माता की आरती

शीतला माता की पूजा का विशेष महत्व है, खासकर चैत्र माह में पड़ने वाली शीतला अष्टमी के दिन। यह दिन देवी शीतला को समर्पित है, जो चेचक और अन्य बीमारियों से रक्षा करती हैं। शीतला माता की आरती इस पवित्र पूजा का एक अभिन्न अंग है, जिसके बिना कोई भी अनुष्ठान अधूरा माना जाता है।…

श्री छठ माता की आरती

छठ महापर्व, सूर्यदेव और छठी मैया को समर्पित एक अनुपम त्योहार है, जो बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व प्रकृति और सृष्टि के प्रति आभार व्यक्त करने का प्रतीक है। छठ मैया की आरती इस पवित्र अनुष्ठान का एक अभिन्न अंग…

करवा चौथ आरती

करवा चौथ का पावन पर्व, अखंड सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ आरती इस पवित्र अनुष्ठान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पूजा को पूर्णता प्रदान करती है। आरती के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है।…

श्री ललिता माता आरती

माँ ललिता त्रिपुरसुंदरी, दस महाविद्याओं में सर्वोच्च स्थान रखती हैं। उनकी आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि, ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्री ललिता माता आरती उनके भक्तों के लिए एक शक्तिशाली माध्यम है अपनी श्रद्धा अर्पित करने का। यह आरती माँ की महिमा, उनके दिव्य स्वरूप और आशीर्वाद का गुणगान करती है। श्री…

श्री दंतेश्वरी माता आरती

श्री दंतेश्वरी माता आरती छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में अत्यंत श्रद्धा के साथ गाई जाने वाली आरती है, जो माँ दंतेश्वरी की महिमा और शक्ति का गुणगान करती है। माँ दंतेश्वरी देवी शक्ति की अवतार मानी जाती हैं और बस्तर दशहरा में इनकी विशेष पूजा होती है। भक्तजन इस आरती के माध्यम से माँ से…

श्री हलषष्ठी माता आरती

श्री हलषष्ठी माता आरती का पाठ विशेष रूप से हलषष्ठी व्रत के अवसर पर किया जाता है, जो पुत्र सुख, संतान की दीर्घायु और समृद्धि की प्राप्ति हेतु मनाया जाता है। यह आरती मातृशक्ति की कृपा प्राप्त करने का एक श्रेष्ठ माध्यम है। मान्यता है कि श्री हलषष्ठी माता की आराधना करने से महिलाएं स्वस्थ…

श्री सप्तश्रृंगा अंबा आरती

श्री सप्तश्रृंगा अंबा आरती माँ सप्तश्रृंगी देवी की महिमा का वर्णन करने वाली एक भक्तिपूर्ण आरती है, जो महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित सप्तश्रृंगी देवी मंदिर में विशेष रूप से गाई जाती है। भक्तगण इस आरती के माध्यम से माँ की कृपा प्राप्त करते हैं और अपने जीवन के संकटों से मुक्ति पाते हैं।…

Varalakshmi Vratam 2025 – इस वरलक्ष्मी व्रत पर खोलिए लक्ष्मी कृपा के द्वार! वरलक्ष्मी व्रत क्यों है दक्षिण भारत की खास परंपरा? जानिए रहस्य

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2025 में, वरलक्ष्मी व्रत कब मनाया जाएगा, इसका क्या महत्व है, पूजा विधि क्या है और यह क्यों दक्षिण भारत की एक विशेष परंपरा है, आइए इन सभी रहस्यों से पर्दा उठाते हैं। भारत, विविधताओं का देश, जहाँ हर त्योहार अपने आप में एक अनूठी कहानी समेटे हुए है। इन्हीं में से एक है वरलक्ष्मी…

2025 में कब है श्रावण पुत्रदा एकादशी? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और लाभ, जानिए संतान कामना के लिए क्यों है यह एकादशी विशेष

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श्रावण मास में पड़ने वाली एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और यह माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इन्हीं एकादशियों में से एक है श्रावण…

आदि पेरुक्कू 2025 कब है? जानिए महिलाओं के लिए क्यों होता है यह दिन खास, आदि पेरुक्कू कैसे मनाएं?

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आदि पेरुक्कू, जिसे पद्मिनी एकादशी, पेरुक्कू उत्सव या पेरुक्कू पर्व के रूप में भी जाना जाता है, दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु में मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है। यह दिन नदी, जल स्रोत और स्त्री शक्ति की पूजा का प्रतीक माना जाता है। खासकर महिलाएं इस दिन का विशेष रूप से पालन करती हैं…

कर्क संक्रान्ति कथा

कर्क संक्रांति का पर्व सूर्य देव के कर्क राशि में प्रवेश का प्रतीक है। यह वह समय है जब सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश करते हैं, यानी दक्षिणी गोलार्ध की ओर अपनी यात्रा शुरू करते हैं। प्राचीन कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होकर सृष्टि के संचालन का कार्यभार संभालते हैं। यह…

श्रावण शिवरात्रि 2025 – अभिषेक से लेकर आरती तक, पूरी विधि

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श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है, और इस पवित्र महीने में आने वाली शिवरात्रि का महत्व अत्यधिक होता है। श्रावण शिवरात्रि, जिसे मासिक शिवरात्रि भी कहते हैं, भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने का एक अद्भुत अवसर है। इस दिन सच्चे मन से किया गया पूजन भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है। आइए जानते…

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी (मार्गशीर्ष संकष्टी गणेश चतुर्थी) व्रत कथा

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी, मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को मनाई जाती है। साल 2025 में यह पावन व्रत शुक्रवार, 19 दिसंबर को पड़ेगा। इस दिन भगवान गणेश के गणाधिप स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह…

(विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी) आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

आश्विन मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को ‘विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी’ के नाम से जाना जाता है। यह पावन दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जो विघ्नहर्ता और बुद्धि के दाता माने जाते हैं। 2025 में यह व्रत भक्तों के लिए विशेष फलदायी होगा। इस दिन भक्त सूर्योदय से चंद्रोदय तक व्रत रखते हैं और भगवान…

कृष्णापिंगला संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा

जुलाई 2025 में आने वाली कृष्णापिंगला संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। यह व्रत आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भक्त चंद्रमा के उदय होने तक उपवास रखते हैं और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत के…

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