आह्निककर्म्म सूत्रावली एक वैदिक और धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें दैनिक जीवन में किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों और कर्मकांडों का विधिवत वर्णन किया गया है। इस पुस्तक के लेखक पंडित शिवदत्त शर्मा एक विद्वान और वैदिक परंपराओं के गहन ज्ञाता हैं। उन्होंने इस ग्रंथ के माध्यम से प्राचीन भारतीय संस्कृति और धर्मशास्त्र के महत्वपूर्ण पक्षों को आधुनिक पाठकों के लिए सरल और व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत किया है।
आह्निककर्म्म सूत्रावली पुस्तक की विशेषताएँ
- इस ग्रंथ में आह्निक कर्म (दैनिक कर्तव्य) जैसे स्नान, संध्या, उपासना, और यज्ञादि कर्मों की विधियों का विस्तृत वर्णन है। यह गृहस्थ, ब्रह्मचारी, और साधु-संन्यासियों के लिए समान रूप से उपयोगी है।
- पुस्तक में वैदिक परंपराओं के साथ-साथ स्मृतियों और धर्मशास्त्रों के निर्देशों को भी स्थान दिया गया है। यह आह्निक कर्मों को वैदिक शास्त्रों के अनुरूप करने की प्रेरणा देती है।
- ग्रंथ में कर्मकांडों को सरल भाषा और विधिपूर्वक प्रस्तुत किया गया है, जिससे यह न केवल विद्वानों बल्कि सामान्य पाठकों के लिए भी उपयोगी है।
- पुस्तक में केवल कर्मकांडों का ही नहीं, बल्कि उनके पीछे छिपे आध्यात्मिक अर्थ और लाभ का भी उल्लेख है। यह व्यक्ति को धर्म और अध्यात्म का सही मार्ग दिखाती है।