छलकत हमरी गगरिया ये कान्हा - भजन PDF

छलकत हमरी गगरिया ये कान्हा – भजन PDF

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Shri RadhaBhajan (भजन संग्रह)हिन्दी

छलकत हमरी गगरिया ये कान्हा छलकत हमरी गगरिया ये कान्हा, छीनों ना मोरी चुनरियाँ नंदलाला, अब रोकूँ ना तोहरी डगरिया, हो बृज बाला || करे चुगली हज़ार मोरी माँ से बार बार, कहे लाला है तेरा बड़ो उत्पाती, सारी गोपी सरेआम मुझे करे बदनाम, और झगड़ा करण नही शरमाती, कन्हैयाँ रूठों ना, दिल में जो...

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छलकत हमरी गगरिया ये कान्हा – भजन
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