श्री गोरखनाथ चालीसा

॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को, सुमिरूँ बारम्बार । हाथ जोड़ बिनती करूँ, शारद नाम आधार ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय गोरख नाथ अविनासी । कृपा करो गुरु देव प्रकाशी ॥ जय जय जय गोरख गुण ज्ञानी । इच्छा रुप योगी वरदानी ॥ अलख निरंजन तुम्हरो नामा । सदा करो भक्तन हित कामा … Read more

गुरु गोरखनाथ आरती

|| आरती || जय गोरख देवा जय गोरख देवा। कर कृपा मम ऊपर नित्य करूँ सेवा॥ शीश जटा अति सुन्दर भालचन्द्र सोहे। कानन कुण्डल झलकत निरखत मन मोहे॥ गल सेली विच नाग सुशोभित तन भस्मी धारी। आदि पुरुष योगीश्वर सन्तन हितकारी॥ नाथ निरंजन आप ही घट-घट के वासी। करत कृपा निज जन पर मेटत यम … Read more