सदियों से भारत की भूमि पर अध्यात्म और गूढ़ विद्याओं (esoteric knowledge) का वास रहा है। जहाँ एक ओर वेदों और उपनिषदों में ज्ञान और मोक्ष की बात कही गई है, वहीं दूसरी ओर एक ऐसी रहस्यमय दुनिया भी है जिसके बारे में आम लोगों को बहुत कम जानकारी होती है। यह दुनिया है – तंत्र (Tantra)। जब भी हम “तंत्र” शब्द सुनते हैं, हमारे दिमाग में अक्सर काली शक्तियाँ, श्मशान साधना और डरावनी छवियाँ उभरती हैं। लेकिन क्या यह पूरा सच है? क्या तंत्र सिर्फ नकारात्मक ऊर्जाओं का खेल है? इस ब्लॉग में हम इसी रहस्यमयी दुनिया की गहराई में उतरेंगे और उन बातों को उजागर करेंगे जो आमतौर पर लोगों को नहीं बताई जातीं।
तंत्र क्या है – सिर्फ काला जादू नहीं
सबसे पहले, इस गलत धारणा को दूर करना ज़रूरी है कि तंत्र सिर्फ काला जादू (black magic) है। असल में, ‘तंत्र’ शब्द का अर्थ है ‘तनु + त्र’ यानी ‘शरीर को त्राण या मुक्ति दिलाना’। यह एक ऐसी पद्धति है जो शरीर, मन और आत्मा को एक साथ साधने का मार्ग
दिखाती है। तंत्र साधना के दो मुख्य पहलू होते हैं:
- दक्षिण मार्ग (Right-hand path) – यह सकारात्मक और सात्विक साधनाओं का मार्ग है। इसमें देवी-देवताओं की उपासना, मंत्र जप, योग और ध्यान के माध्यम से आत्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति का लक्ष्य होता है। यह एक पवित्र और शुद्ध मार्ग माना जाता है।
- वाम मार्ग (Left-hand path) – यह वह मार्ग है जिसे लोग अक्सर काली शक्तियों से जोड़ते हैं। इस मार्ग में पंचमकार (पंच-म) साधना का प्रयोग होता है, जिसमें मांस, मदिरा, मत्स्य, मुद्रा और मैथुन जैसी चीजों का प्रतीकात्मक या वास्तविक उपयोग किया जाता है। इसका उद्देश्य अपनी शारीरिक और मानसिक सीमाओं को तोड़कर चेतना के उच्च स्तर तक पहुँचना है। यही वह मार्ग है जहाँ शक्तियों का खेल शुरू होता है।
वाम मार्ग और काली शक्तियों का रहस्य
वाम मार्ग की साधनाएँ बेहद कठिन और खतरनाक मानी जाती हैं। एक साधारण व्यक्ति के लिए इन साधनाओं को समझना या करना लगभग असंभव है। इन साधनाओं का उद्देश्य ब्रह्मांड की उन छिपी हुई ऊर्जाओं (hidden energies) को जाग्रत करना है, जिन्हें आम जीवन में महसूस नहीं किया जाता। तांत्रिकों का मानना है कि ये ऊर्जाएँ सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकती हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा (Positive energy) – इसका उपयोग आत्मिक उन्नति, दूसरों के कल्याण और सिद्धियों (supernatural powers) को प्राप्त करने के लिए किया जाता है, जैसे किसी को रोगमुक्त करना या भविष्य देखना।
- नकारात्मक ऊर्जा (Negative energy) – यह वह हिस्सा है जिसे ‘काली शक्तियाँ’ कहा जाता है। इसका प्रयोग अक्सर दूसरों को हानि पहुँचाने, वश में करने या किसी कार्य को बाधित करने के लिए किया जाता है। इसे ही आम भाषा में ‘काला जादू’ या ‘अभिचार’ कर्म कहा जाता है।
तंत्र के षट्कर्म – वो जो आपको पता होने चाहिए
तंत्र के अनुसार, छह मुख्य कर्म होते हैं, जिन्हें षट्कर्म कहा जाता है। ये सभी कर्म वाम मार्ग के अंतर्गत आते हैं और इनका उपयोग किसी विशेष उद्देश्य के लिए किया जाता है। ये षट्कर्म हैं:
- शांति कर्म (Pacification): इसका उद्देश्य किसी रोग, कष्ट या नकारात्मक प्रभाव को शांत करना होता है। यह एक सकारात्मक क्रिया है।
- वशीकरण (Subjugation): इसका अर्थ है किसी व्यक्ति को अपने वश में करना या उसकी इच्छा को नियंत्रित करना। यह अक्सर प्रेम संबंधों या व्यापार में किया जाता है।
- स्तंभन (Paralysis): इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति की क्रियाओं, विचारों या शक्तियों को रोक देना होता है। जैसे किसी विरोधी को आगे बढ़ने से रोकना।
- उच्चाटन (Exorcism/Separation): किसी को एक स्थान से हटाने या दो लोगों के बीच अलगाव (separation) पैदा करने के लिए इसका प्रयोग होता है।
- विद्वेषण (Sowing Discord): इसका उद्देश्य दो लोगों या समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करना होता है।
- मारण (Killing): यह सबसे खतरनाक और घिनौना कर्म है, जिसका उद्देश्य किसी व्यक्ति की जान लेना या उसे गंभीर नुकसान पहुँचाना होता है। तंत्र शास्त्र में इसकी सख्त मनाही है और इसे घोर पाप माना गया है।
अघोरी और श्मशान – साधना का सबसे कठिन मार्ग
जब भी काली शक्तियों और तंत्र की बात होती है, अघोरियों और श्मशान साधनाओं का ज़िक्र ज़रूर होता है। अघोरी (Aghori) साधु शिव के भैरव स्वरूप के उपासक होते हैं। उनका मानना है कि इस दुनिया में कुछ भी अशुद्ध नहीं है। वे श्मशान भूमि में साधना करते हैं, क्योंकि यह स्थान जीवन और मृत्यु के चक्र का प्रतीक है।
श्मशान साधना का उद्देश्य डर और घृणा जैसी भावनाओं को समाप्त करके चेतना के उस स्तर तक पहुँचना है जहाँ द्वैत (duality) समाप्त हो जाता है। वे मृत शरीर की राख को लगाते हैं और कपाल (skull) में भोजन करते हैं ताकि वे हर प्रकार के मोह और बंधन से मुक्त हो सकें। हालाँकि, इस मार्ग पर चलकर कई तांत्रिक सिद्धियाँ भी प्राप्त करते हैं, जिनका दुरुपयोग काली शक्तियों के रूप में किया जा सकता है।
क्या काली शक्तियों का अस्तित्व है? – विज्ञान की दृष्टि से
आज के वैज्ञानिक युग में कई लोग इन बातों को अंधविश्वास मानते हैं। लेकिन कई वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ब्रह्मांड ऊर्जा का एक विशाल सागर है। हर वस्तु, हर विचार और हर भावना एक विशेष ऊर्जा उत्पन्न करती है। तंत्र इसी ऊर्जा को नियंत्रित करने का एक प्राचीन विज्ञान है।
जब कोई व्यक्ति अत्यधिक नकारात्मक भावनाएँ (negative emotions) जैसे ईर्ष्या, घृणा या क्रोध उत्पन्न करता है, तो वह एक नकारात्मक ऊर्जा क्षेत्र (negative energy field) बनाता है। तांत्रिक इसी ऊर्जा को चैनल (channel) करके किसी दूसरे व्यक्ति पर प्रभाव डाल सकते हैं। इसे वैज्ञानिक भाषा में “मनोवैज्ञानिक प्रभाव” (psychological impact) या “ऊर्जा का हेरफेर” (manipulation of energy) भी कहा जा सकता है।
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