Mahabharat Book Gita Press : महाभारत पौराणिक काल का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति के इतिहास वर्ग में आता है। इस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म में प वेद कहा गया है। यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक महागाथा है। महाभारत ग्रंथ में कुल 18 अध्याय हैं। भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को 18 दिन गीता का ज्ञान दिया था। महाभारत का युद्ध भी 18 दिन तक चला था।
महाभारत ग्रंथ को महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास रचयिता है। कृष्णद्वैपायन वेदव्यास महर्षि पराशर और सत्यवती के पुत्र थे। महाभारत ग्रंथ का लेखन भगवान् गणेश ने महर्षि वेदव्यास से सुन सुनकर किया था। वेदव्यास महाभारत के रचयिता ही नहीं, बल्कि उन घटनाओं के साक्षी भी रहे हैं, जो क्रमानुसार घटित हुई हैं।
महाभारत हिन्दी में
- जय, भारत और महाभारत यह तीनो नामो से प्रसिद्ध महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाकाव्य है। जो आज के युग में हम महाभारत के नाम से जानते है। वेदव्यास द्वारा “भारत” नाम के ग्रंथ की सबसे पहले रचना की जिसमे 1,00,000 श्लोक थे।
- भारत नाम के ग्रंथ में वेदव्यास ने भारतवंशियों के चरित्रों के साथ अन्य कई महान ऋषियों, चन्द्रवंशी, सूर्यवंशी राजाओं के उपाख्यानों सहित कई अन्य धार्मिक उपाख्यान भी लिखे है। इसके बाद महर्षि वेदव्यास द्वारा सिर्फ़ भारतवंशियों को केन्द्रित करके ‘भारत’ काव्य का निर्माण किया। यह दोनों काव्यों में अधर्म पर धर्म की विजय होने के कारण इसे ‘जय संहिता’ के नाम से जाना गया।
- महाभारत की एक कथानुसार देवताओ ने एक तराजू में चारो वेद रखे और दूसरे तराजू में भारत ग्रंथ को रखा गया, भारत सभी वेदो की तुलना में बहुत भारी सिद्ध हुआ। इसलिए भारत ग्रंथ की महानता को देखते हुए देवता और ऋषिओ द्वारा इस ग्रंथ का महाभारत नाम दिया गया। इस कारण आज भी हम इस महाकव्य को ‘महाभारत’ के नाम से जानते है।
- महाभारत को पंचम वेद भी माना जाता है, और हिन्दू धर्म का पवित्र ग्रंथ भागवत गीता महाभारत से ही मिलता है। सम्पूर्ण महाभारत में 1,10,000 श्लोक की संख्या है, और 18 पर्व, 100 उपपर्वो में विभाजित किया गया है।