महावीर कर्ण पुस्तक पंडित रामनारायण द्वारा लिखित एक अद्भुत महाकाव्य है जो महाभारत के महानायक कर्ण के जीवन, संघर्षों और उनके वीरता से भरे व्यक्तित्व को केंद्र में रखकर लिखा गया है। यह पुस्तक कर्ण के जीवन के उन पहलुओं को उजागर करती है, जो सामान्य रूप से महाभारत की मुख्य कथाओं में अनदेखे रह जाते हैं।
कर्ण महाभारत के उन चरित्रों में से एक हैं, जो अपने न्यायप्रियता, पराक्रम और बलिदान के लिए जाने जाते हैं। उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था—जन्म से ही समाज ने उन्हें “सूतपुत्र” मानकर तिरस्कार किया, लेकिन उन्होंने अपने अदम्य साहस और ज्ञान से खुद को श्रेष्ठ योद्धा साबित किया।
महावीर कर्ण पुस्तक की विशेषताएँ
- पंडित रामनारायण ने इस पुस्तक में कर्ण के संघर्षशील जीवन को बड़े ही मार्मिक और प्रेरणादायक तरीके से प्रस्तुत किया है।
- कर्ण के चरित्र में निहित सहनशीलता, दानवीरता और उनके अपने धर्म के प्रति निष्ठा को लेखक ने बहुत गहराई से चित्रित किया है।
- यह पुस्तक महाकाव्य शैली में लिखी गई है, जिसमें श्लोक और पद्य के माध्यम से कथा का वर्णन किया गया है।
- लेखक ने कर्ण की कहानी के माध्यम से समाज में व्याप्त असमानताओं और जातिगत भेदभाव पर सवाल उठाए हैं।