मारुति स्तोत्रम् PDF हिन्दी
Download PDF of Maruti Stotram Hindi
Hanuman Ji ✦ Stotram (स्तोत्र संग्रह) ✦ हिन्दी
मारुति स्तोत्रम् हिन्दी Lyrics
|| मारुति स्तोत्र की जप की विधि ||
- मारुति स्तोत्र का पाठ प्रातः के समय या फिर संध्या वंदन के समय करना चाहिए।
- इसके पाठ के लिए सबसे पहले स्वयं को शुद्ध कर लें।
- इसके बाद आसान हनुमान जी की प्रतिमा के आसन विछाकर बैठें।
- हनुमान जी की विधिवत पूजा करें।
- उसके पश्चात पाठ प्रारंभ करें।
- फल प्राप्ति के लिए पाठ को 1100 बार पढ़ें।
- पाठ करते समय मन में हनुमान जी का ध्यान अवश्य करें।
- पाठ एक स्वर में लयबद्ध तरीके से करें।
- अधिक ऊँची आवाज में चिल्लाकर पाठ न करें।
- पाठ करने वाले जातक को मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इसके अलावा उसे शराब, सिगरेट, पान-मसाला या अन्य मादक पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।
|| मारुति स्तोत्रम् ||
भीमरूपी महारुद्रा, वज्रहनुमान मारुती |
वनारी अंजनीसूता रामदूता प्रभंजना ||
महाबळी प्राणदाता, सकळां उठवी बळें |
सौख्यकारी दुःखहारी, दुत वैष्णव गायका ||
दीननाथा हरीरूपा, सुंदरा जगदांतरा|
पाताळदेवताहंता, भव्यसिंदूरलेपना ||
लोकनाथा जगन्नाथा, प्राणनाथा पुरातना |
पुण्यवंता पुण्यशीला, पावना परितोषका ||
ध्वजांगे उचली बाहो, आवेशें लोटला पुढें |
काळाग्नी काळरुद्राग्नी, देखतां कांपती भयें ||
ब्रह्मांडे माईलें नेणों, आवळे दंतपंगती |
नेत्राग्नीं चालिल्या ज्वाळा, भ्रुकुटी ताठिल्या बळें ||
पुच्छ ते मुरडिले माथा, किरीटी कुंडले बरीं |
सुवर्ण कटी कांसोटी, घंटा किंकिणी नागरा ||
ठकारे पर्वता ऐसा, नेटका सडपातळू |
चपळांग पाहतां मोठे, महाविद्युल्लतेपरी ||
कोटिच्या कोटि उड्डाणें, झेपावे उत्तरेकडे |
मंद्राद्रीसारिखा द्रोणू, क्रोधें उत्पाटिला बळें ||
आणिला मागुतीं नेला, आला गेला मनोगती |
मनासी टाकिलें मागें, गतीसी तुळणा नसे ||
अणूपासोनि ब्रह्मांडाएवढा होत जातसे |
तयासी तुळणा कोठे, मेरु मंदार धाकुटे ||
ब्रह्मांडाभोवतें वेढें, वज्रपुच्छें करू शकें |
तयासी तुळणा कैची, ब्रह्मांडी पाहता नसे ||
आरक्त देखिलें डोळा, ग्रासिलें सूर्यमंडळा |
वाढतां वाढतां वाढें, भेदिलें शून्यमंडळा ||
धनधान्य पशूवृद्धि, पुत्रपौत्र समग्रही |
पावती रूपविद्यादी, स्तोत्रपाठें करूनियां ||
भूतप्रेतसमंधादी, रोगव्याधी समस्तही |
नासती तूटती चिंता, आनंदे भीमदर्शनें ||
हे धरा पंधरा श्लोकी, लाभली शोभली बरी |
दृढदेहो निसंदेहो, संख्या चन्द्रकळागुणें ||
रामदासी अग्रगण्यू, कपिकुळासि मंडणू |
रामरूपी अंतरात्मा, दर्शनें दोष नासती ||
॥इति श्रीरामदासकृतं संकटनिरसनं मारुतिस्तोत्रं संपूर्णम्॥
|| मारुति स्तोत्र पाठ करने के लाभ ||
- मारुती स्तोत्र का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त को आशीर्वाद देते हैं।
- मारुती स्तोत्र के पाठ से भक्त के जीवन में सभी तरह की शुख शांति मिलती है।
- मारुती स्तोत्र के पाठ से भक्त के ह्रदय से भय का नाश होता है।
- मारुती स्तोत्र के पाठ से हनुमान जी अपने भक्त के सभी कष्टों का निवारण कर देते हैं।
- मारुती स्तोत्र के पाठ से जीवन में धन-धान्य की बृद्धि होती है.
- मारुती स्तोत्रम् के पाठ से साधक के चारों ओर स्थित सभी तरह की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
- मारुती स्तोत्र के पाठ से साधक के चारों तरफ़ सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता है।
- मारुती स्तोत्र का पाठ करने से हनुमान जी अपने भक्त के सभी रोग और कष्टों का निवारण करतें हैं।
- मारुती स्तोत्र के पाठ से भक्त के शारीरिक और मानसिक शक्ति में बृद्धि होती है।
Join HinduNidhi WhatsApp Channel
Stay updated with the latest Hindu Text, updates, and exclusive content. Join our WhatsApp channel now!
Join Nowमारुति स्तोत्रम्
READ
मारुति स्तोत्रम्
on HinduNidhi Android App