ஶ்ரீ ராஜராஜேஶ்வர்யஷ்டோத்தரஶதநாமாவளீ

|| ஶ்ரீ ராஜராஜேஶ்வர்யஷ்டோத்தரஶதநாமாவளீ || ஓம் பு⁴வநேஶ்வர்யை நம꞉ । ஓம் ராஜேஶ்வர்யை நம꞉ । ஓம் ராஜராஜேஶ்வர்யை நம꞉ । ஓம் காமேஶ்வர்யை நம꞉ । ஓம் பா³லாத்ரிபுரஸுந்த³ர்யை நம꞉ । ஓம் ஸர்வேஶ்வர்யை நம꞉ । ஓம் கல்யாண்யை நம꞉ । ஓம் ஸர்வஸங்க்ஷோபி⁴ண்யை நம꞉ । ஓம் ஸர்வலோகஶரீரிண்யை நம꞉ । 9 ஓம் ஸௌக³ந்தி⁴கபரிமளாயை நம꞉ । ஓம் மந்த்ரிணே நம꞉ । ஓம் மந்த்ரரூபிண்யை நம꞉ । ஓம் ப்ரக்ருத்யை…

ಶ್ರೀ ರಾಜರಾಜೇಶ್ವರ್ಯಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ

|| ಶ್ರೀ ರಾಜರಾಜೇಶ್ವರ್ಯಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ || ಓಂ ಭುವನೇಶ್ವರ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ರಾಜೇಶ್ವರ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ರಾಜರಾಜೇಶ್ವರ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಕಾಮೇಶ್ವರ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಬಾಲಾತ್ರಿಪುರಸುಂದರ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಸರ್ವೇಶ್ವರ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಕಳ್ಯಾಣ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಸರ್ವಸಂಕ್ಷೋಭಿಣ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಸರ್ವಲೋಕಶರೀರಿಣ್ಯೈ ನಮಃ | ೯ ಓಂ ಸೌಗಂಧಿಕಪರಿಮಳಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಮಂತ್ರಿಣೇ ನಮಃ | ಓಂ ಮಂತ್ರರೂಪಿಣ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಪ್ರಕೃತ್ಯೈ…

శ్రీ రాజరాజేశ్వర్యష్టోత్తరశతనామావళిః

|| శ్రీ రాజరాజేశ్వర్యష్టోత్తరశతనామావళిః || ఓం భువనేశ్వర్యై నమః | ఓం రాజేశ్వర్యై నమః | ఓం రాజరాజేశ్వర్యై నమః | ఓం కామేశ్వర్యై నమః | ఓం బాలాత్రిపురసుందర్యై నమః | ఓం సర్వేశ్వర్యై నమః | ఓం కళ్యాణ్యై నమః | ఓం సర్వసంక్షోభిణ్యై నమః | ఓం సర్వలోకశరీరిణ్యై నమః | ౯ ఓం సౌగంధికపరిమళాయై నమః | ఓం మంత్రిణే నమః | ఓం మంత్రరూపిణ్యై నమః | ఓం ప్రకృత్యై…

श्री राजराजेश्वर्यष्टोत्तरशतनामावली

|| श्री राजराजेश्वर्यष्टोत्तरशतनामावली || ओं भुवनेश्वर्यै नमः । ओं राजेश्वर्यै नमः । ओं राजराजेश्वर्यै नमः । ओं कामेश्वर्यै नमः । ओं बालात्रिपुरसुन्दर्यै नमः । ओं सर्वेश्वर्यै नमः । ओं कल्याण्यै नमः । ओं सर्वसङ्क्षोभिण्यै नमः । ओं सर्वलोकशरीरिण्यै नमः । ९ ओं सौगन्धिकपरिमलायै नमः । ओं मन्त्रिणे नमः । ओं मन्त्ररूपिण्यै नमः । ओं प्रकृत्यै…

पुत्रदा एकादशी (वैकुण्ठ एकादशी) व्रत कथा और पूजा विधि

॥ पुत्रदा एकादशी (वैकुण्ठ एकादशी) व्रत पूजा विधि ॥ प्रातः काल पति – पत्नी संयुक्त रूप से विष्णु की उपासना करें। उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें। मंत्र जाप के बाद पति पत्नी संयुक्त रूप से प्रसाद ग्रहण करें। अगर इस दिन…

कूर्म द्वादशी की पौराणिक कथा और पूजा विधि

|| कूर्म द्वादशी पौराणिक कथा || पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवराज इंद्र ने अहंकार में आकर दुर्वासा ऋषि द्वारा दी गई बहुमूल्य माला का अपमान कर दिया। इससे क्रोधित होकर दुर्वासा ऋषि ने इंद्र को श्राप दिया कि वे अपनी सारी शक्तियां और बल खो देंगे। इस श्राप का प्रभाव समस्त देवताओं पर…

हवन मन्त्राः (Hawan Mantras)

हवन मन्त्राः (Hawan Mantras)

हवन मंत्र पुस्तक एक अद्वितीय ग्रंथ है, जिसमें भारतीय वैदिक परंपरा के अनुसार हवन करने के लिए उपयोगी मंत्रों और विधियों का संग्रह किया गया है। इस पुस्तक के लेखक पं. वजीरचंद्र शर्मा ने हवन की महत्ता, उसके उद्देश्य, और उसके द्वारा प्राप्त होने वाले आध्यात्मिक एवं पर्यावरणीय लाभों को सरल और सुबोध भाषा में…

श्री गौराङ्ग महाप्रभु (Shri Gauranga Mahaprabhu)

श्री गौराङ्ग महाप्रभु (Shri Gauranga Mahaprabhu)

श्री गौराङ्ग महाप्रभु पुस्तक भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु के जीवन, व्यक्तित्व और शिक्षाओं का गहन वर्णन प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक के लेखक शिवनंदन सहाय ने श्री चैतन्य महाप्रभु के भक्तिमय जीवन और उनके द्वारा प्रचारित भक्ति आंदोलन को सरल और प्रेरणादायक भाषा में प्रस्तुत किया है। यह ग्रंथ श्री चैतन्य महाप्रभु के जीवन की…

2025 में महाशिवरात्रि कब मनाई जाएगी? व्रत और पूजा का सही समय जानें

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महाशिवरात्रि, भगवान शिव के भक्तों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है। यह फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में महाशिवरात्रि बुधवार, 26 फरवरी को मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि, भगवान शिव की आराधना का सबसे पावन पर्व है। साल 2025 में महाशिवरात्रि का पर्व कब मनाया जाएगा, शुभ मुहूर्त…

Mahakumbh 2025 – पहला महाकुंभ कब और क्यों हुआ आयोजन, जानिए इतिहास, तथ्य और छुपे रहस्य

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महाकुंभ, एक ऐसा धार्मिक आयोजन जो आस्था, परंपरा और संस्कृति का अद्भुत संगम है, 2025 में फिर से प्रयागराज में आयोजित होने जा रहा है। कुंभ मेला चार स्थानों – प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में लगता है। प्रत्येक स्थान पर यह मेला 12 वर्षों के अंतराल पर आयोजित होता है। जब 12 पूर्ण…

मकर संक्रांति व्रत कथा

|| मकर संक्रांति व्रत कथा || पौराणिक कथा के अनुसार, राजा सगर अपने परोपकार और पुण्य कर्मों के लिए तीनों लोकों में प्रसिद्ध हो गए थे। चारों ओर उनकी ही प्रशंसा हो रही थी। यह देख देवताओं के राजा इंद्र चिंतित हो गए कि कहीं राजा सगर स्वर्ग के राजा न बन जाएं। इसी दौरान…

वीरभद्र गायत्री मंत्र विधि और लाभ

॥ वीरभद्र मंत्र का जाप विधि ॥ सुबह सूर्योदय के साथ या सूर्यास्त बाद करें। बस्त्र रंग – लाल काधारण करे। दक्षिण दिशा के और बैठे सबसे पहले गणेश जी को अर्घ्य दें। घी का दीपक जलाएं। मन में वीरभद्र स्वामी का मानसिक चित्र बनाएं। रुद्राक्ष माला के सहारे मंत्र का 108 बार जाप करें।…

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं श्लोक (अर्थ सहित)

॥ अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं – श्लोक ॥ अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् । सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि ॥ हिंदी अर्थ: यह श्लोक भगवान हनुमान की महिमा का वर्णन करता है। जिनकी शक्ति अतुलनीय है, जिनका शरीर सोने के पहाड़ों की भाँति है। जिन्होंने दानवों को नष्ट किया, जो ज्ञानियों में अग्रणी हैं।जो समस्त गुणों के स्वामी…

Sri Ketu Ashtottara Shatanamavali

|| Sri Ketu Ashtottara Shatanamavali || ōṁ kētavē namaḥ | ōṁ sthūlaśirasē namaḥ | ōṁ śirōmātrāya namaḥ | ōṁ dhvajākr̥tayē namaḥ | ōṁ navagrahayutāya namaḥ | ōṁ siṁhikāsurīgarbhasambhavāya namaḥ | ōṁ mahābhītikarāya namaḥ | ōṁ citravarṇāya namaḥ | ōṁ piṅgalākṣakāya namaḥ | 9 ōṁ phalōdhūmrasaṅkāśāya namaḥ | ōṁ tīkṣṇadaṁṣṭrāya namaḥ | ōṁ mahōragāya namaḥ |…

ஶ்ரீ கேது அஷ்டோத்தரஶதனாமாவளி꞉

|| ஶ்ரீ கேது அஷ்டோத்தரஶதனாமாவளி꞉ || ஓம் கேதவே நம꞉ । ஓம் ஸ்தூ²லஶிரஸே நம꞉ । ஓம் ஶிரோமாத்ராய நம꞉ । ஓம் த்⁴வஜாக்ருதயே நம꞉ । ஓம் நவக்³ரஹயுதாய நம꞉ । ஓம் ஸிம்ஹிகாஸுரீக³ர்ப⁴ஸம்ப⁴வாய நம꞉ । ஓம் மஹாபீ⁴திகராய நம꞉ । ஓம் சித்ரவர்ணாய நம꞉ । ஓம் பிங்க³ளாக்ஷகாய நம꞉ । 9 ஓம் ப²லோதூ⁴ம்ரஸங்காஶாய நம꞉ । ஓம் தீக்ஷ்ணத³ம்ஷ்ட்ராய நம꞉ । ஓம் மஹோரகா³ய நம꞉ । ஓம்…

बुद्धिर् बलम् यशो धैर्यम् – श्लोक अर्थ सहित

॥ बुद्धिर् बलम् यशो धैर्यम् – श्लोक अर्थ सहित ॥ बुद्धिर् बलम् यशो धैर्यम् निर्भयत्वम् अरोगताम् अजाड्यम् वाक् पटुत्वम् च हनुमत् स्मरणात् भवेत् ॥ हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: बुद्धि (विवेक), बल (शक्ति), यश (कीर्ति), धैर्य (धीरज), निर्भयता (निडरता), अरोग्यता (आरोग्य), आलस्य से मुक्त (अजाद्यम्), और वाणी में कुशलता…

ಶ್ರೀ ಕೇತು ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ

|| ಶ್ರೀ ಕೇತು ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ || ಓಂ ಕೇತವೇ ನಮಃ | ಓಂ ಸ್ಥೂಲಶಿರಸೇ ನಮಃ | ಓಂ ಶಿರೋಮಾತ್ರಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಧ್ವಜಾಕೃತಯೇ ನಮಃ | ಓಂ ನವಗ್ರಹಯುತಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಸಿಂಹಿಕಾಸುರೀಗರ್ಭಸಂಭವಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಮಹಾಭೀತಿಕರಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಚಿತ್ರವರ್ಣಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಪಿಂಗಳಾಕ್ಷಕಾಯ ನಮಃ | ೯ ಓಂ ಫಲೋಧೂಮ್ರಸಂಕಾಶಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ತೀಕ್ಷ್ಣದಂಷ್ಟ್ರಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಮಹೋರಗಾಯ ನಮಃ | ಓಂ…

శ్రీ కేతు అష్టోత్తరశతనామావళిః

|| శ్రీ కేతు అష్టోత్తరశతనామావళిః || ఓం కేతవే నమః | ఓం స్థూలశిరసే నమః | ఓం శిరోమాత్రాయ నమః | ఓం ధ్వజాకృతయే నమః | ఓం నవగ్రహయుతాయ నమః | ఓం సింహికాసురీగర్భసంభవాయ నమః | ఓం మహాభీతికరాయ నమః | ఓం చిత్రవర్ణాయ నమః | ఓం పింగళాక్షకాయ నమః | ౯ ఓం ఫలోధూమ్రసంకాశాయ నమః | ఓం తీక్ష్ణదంష్ట్రాయ నమః | ఓం మహోరగాయ నమః | ఓం…

श्री केतु अष्टोत्तरशतनामावली

|| श्री केतु अष्टोत्तरशतनामावली || ओं केतवे नमः । ओं स्थूलशिरसे नमः । ओं शिरोमात्राय नमः । ओं ध्वजाकृतये नमः । ओं नवग्रहयुताय नमः । ओं सिंहिकासुरीगर्भसम्भवाय नमः । ओं महाभीतिकराय नमः । ओं चित्रवर्णाय नमः । ओं पिङ्गलाक्षकाय नमः । ९ ओं फलोधूम्रसङ्काशाय नमः । ओं तीक्ष्णदंष्ट्राय नमः । ओं महोरगाय नमः । ओं…

Sri Rahu Ashtottara Shatanamavali

|| Sri Rahu Ashtottara Shatanamavali || ōṁ rāhavē namaḥ | ōṁ saiṁhikēyāya namaḥ | ōṁ vidhuntudāya namaḥ | ōṁ suraśatravē namaḥ | ōṁ tamasē namaḥ | ōṁ phaṇinē namaḥ | ōṁ gārgyāyaṇāya namaḥ | ōṁ surāgavē namaḥ | ōṁ nīlajīmūtasaṅkāśāya namaḥ | 9 ōṁ caturbhujāya namaḥ | ōṁ khaḍgakhēṭakadhāriṇē namaḥ | ōṁ varadāyakahastakāya namaḥ |…

ஶ்ரீ ராஹு அஷ்டோத்தரஶதனாமாவளி꞉

|| ஶ்ரீ ராஹு அஷ்டோத்தரஶதனாமாவளி꞉ || ஓம் ராஹவே நம꞉ । ஓம் ஸைம்ஹிகேயாய நம꞉ । ஓம் விது⁴ந்துதா³ய நம꞉ । ஓம் ஸுரஶத்ரவே நம꞉ । ஓம் தமஸே நம꞉ । ஓம் ப²ணிநே நம꞉ । ஓம் கா³ர்க்³யாயணாய நம꞉ । ஓம் ஸுராக³வே நம꞉ । ஓம் நீலஜீமூதஸங்காஶாய நம꞉ । 9 ஓம் சதுர்பு⁴ஜாய நம꞉ । ஓம் க²ட்³க³கே²டகதா⁴ரிணே நம꞉ । ஓம் வரதா³யகஹஸ்தகாய நம꞉ । ஓம்…

अधरं मधुरं वदनं मधुरं – श्लोक अर्थ सहित

॥ अधरं मधुरं वदनं मधुरं – श्लोक ॥ अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम् । हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: श्री मधुराधिपति (श्री कृष्ण) का सभी कुछ मधुर है। उनके अधर (होंठ) मधुर है, मुख मधुर है, नेत्र मधुर है,…

ಶ್ರೀ ರಾಹು ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ

|| ಶ್ರೀ ರಾಹು ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ || ಓಂ ರಾಹವೇ ನಮಃ | ಓಂ ಸೈಂಹಿಕೇಯಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ವಿಧುಂತುದಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಸುರಶತ್ರವೇ ನಮಃ | ಓಂ ತಮಸೇ ನಮಃ | ಓಂ ಫಣಿನೇ ನಮಃ | ಓಂ ಗಾರ್ಗ್ಯಾಯಣಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಸುರಾಗವೇ ನಮಃ | ಓಂ ನೀಲಜೀಮೂತಸಂಕಾಶಾಯ ನಮಃ | ೯ ಓಂ ಚತುರ್ಭುಜಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಖಡ್ಗಖೇಟಕಧಾರಿಣೇ ನಮಃ | ಓಂ ವರದಾಯಕಹಸ್ತಕಾಯ ನಮಃ | ಓಂ…

శ్రీ రాహు అష్టోత్తరశతనామావళిః

|| శ్రీ రాహు అష్టోత్తరశతనామావళిః || ఓం రాహవే నమః | ఓం సైంహికేయాయ నమః | ఓం విధుంతుదాయ నమః | ఓం సురశత్రవే నమః | ఓం తమసే నమః | ఓం ఫణినే నమః | ఓం గార్గ్యాయణాయ నమః | ఓం సురాగవే నమః | ఓం నీలజీమూతసంకాశాయ నమః | ౯ ఓం చతుర్భుజాయ నమః | ఓం ఖడ్గఖేటకధారిణే నమః | ఓం వరదాయకహస్తకాయ నమః | ఓం…

एकोनविंशे विंशतिमे – श्लोक अर्थ सहित

॥ एकोनविंशे विंशतिमे – श्लोक ॥ एकोनविंशे विंशतिमे वृष्णिषु प्राप्य जन्मनी । रामकृष्णाविति भुवो भगवानहरद्भरम् ॥ हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: वृष्णिवंशी कुल में उन्नीसवें तथा बीसवें अवतारों में भगवान कृष्ण के रूप में अवतरित हुए और इस तरह उन्होंने संसार के भार को दूर किया। Ekona-vinse vinsatim vrsnisu…

श्री राहु अष्टोत्तरशतनामावली

|| श्री राहु अष्टोत्तरशतनामावली || ओं राहवे नमः । ओं सैंहिकेयाय नमः । ओं विधुन्तुदाय नमः । ओं सुरशत्रवे नमः । ओं तमसे नमः । ओं फणिने नमः । ओं गार्ग्यायणाय नमः । ओं सुरागवे नमः । ओं नीलजीमूतसङ्काशाय नमः । ९ ओं चतुर्भुजाय नमः । ओं खड्गखेटकधारिणे नमः । ओं वरदायकहस्तकाय नमः । ओं…

कृष्णाय वासुदेवाय देवकी नन्दनाय – श्लोक अर्थ सहित

॥ कृष्णाय वासुदेवाय देवकी नन्दनाय – श्लोक ॥ कृष्णाय वासुदेवाय देवकी नन्दनाय च । नन्दगोप कुमाराय गोविन्दाय नमो नमः ॥ हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: वासुदेव के पुत्र श्रीकृष्ण को, और देवकी नंदन है अर्थात देवकी के पुत्र को, ग्वाल नंद के पुत्र को, जो स्वयं भगवान श्री गोविंद…

अर्हत पुराण (Arhat Puran)

अर्हत पुराण (Arhat Puran)

अर्हत पुराण जैन धर्म के धार्मिक और दार्शनिक मूल्यों पर आधारित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसे स्वतन्त्र जैन ने रचा है। यह ग्रंथ जैन धर्म के तीर्थंकरों, उनकी शिक्षाओं, और उनके जीवन के प्रेरक प्रसंगों का विस्तृत वर्णन करता है। इसके माध्यम से पाठकों को जैन धर्म की गहरी समझ और उसके आदर्शों को अपनाने…

अर्हत रामायण (Arhat Ramayan)

अर्हत रामायण (Arhat Ramayan)

अर्हत रामायण एक विशेष ग्रंथ है, जो रामायण की कथा को जैन धर्म के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। इस पुस्तक के लेखक स्वतन्त्र जैन ने भगवान राम के चरित्र को अहिंसा, धर्म, और संयम के आदर्शों के साथ जोड़ा है। यह ग्रंथ रामायण की कथा का एक अनूठा और प्रेरक रूप है, जिसमें जैन…

पवनपुत्र हनुमान (Pavanputra Hanuman)

पवनपुत्र हनुमान (Pavanputra Hanuman)

पवनपुत्र हनुमान ग्रंथ भगवान हनुमान की अद्भुत शक्तियों, उनकी भक्ति, और उनके जीवन की प्रेरक कथाओं को समर्पित है। इस पुस्तक के लेखक स्वतन्त्र जैन ने भगवान हनुमान के चरित्र और उनके अलौकिक गुणों को इस प्रकार प्रस्तुत किया है कि यह हर पाठक के मन में भक्ति और श्रद्धा का संचार करता है। इस…

सुबोध – बाल भागवत (Subodh – Baal Bhagvat)

सुबोध - बाल भागवत (Subodh - Baal Bhagvat)

सुबोध – बाल भागवत श्रीमद्भागवत महापुराण का सरल और सुबोध रूपांतरण है, जिसे रूपनारायण पाण्डेय जी ने विशेष रूप से बालकों और सामान्य पाठकों के लिए प्रस्तुत किया है। यह ग्रंथ भागवत कथा के गूढ़ और गहन तत्वों को सरल भाषा में समझाने का प्रयास है, ताकि हर उम्र का व्यक्ति इससे लाभान्वित हो सके।…

कृष्णाश्रयस्तोत्रम् (Krishnashrayastotram)

कृष्णाश्रयस्तोत्रम् (Krishnashrayastotram)

कृष्णाश्रयस्तोत्रम् महान वैष्णव संत और आचार्य वल्लभाचार्य द्वारा रचित एक प्रसिद्ध स्तोत्र है। यह ग्रंथ भगवान श्रीकृष्ण के प्रति पूर्ण भक्ति और समर्पण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। वल्लभाचार्य ने इसे अपनी भावनाओं और भक्ति को व्यक्त करने के लिए लिखा, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप, गुण, और कृपा का सुंदर वर्णन किया गया है।…

षट्खंडागम (Shatkhandagam)

षट्खंडागम (Shatkhandagam)

षट्खंडागम जैन धर्म के दिगंबर परंपरा का एक अत्यंत प्राचीन और महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसकी रचना महान जैन आचार्यों पुष्पदंत और भूतबली ने की है। यह ग्रंथ जैन धर्म के दर्शन, सिद्धांतों, और कर्म सिद्धांत का विस्तृत वर्णन करता है। षट्खंडागम को जैन धर्म के आगम साहित्य में सबसे महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसे द्रव्य…

हिन्दू कैलंडर फरवरी 2025 में कौन-कौन से हिन्दू त्यौहार और व्रत आएंगे? जानिए यहाँ

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फरवरी 2025 में कई महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार और व्रत मनाए जाएंगे। इस महीने में विशेष धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा-पाठ और व्रतों का महत्व है। यह माह धार्मिक दृष्टि से बहुत खास होता है क्योंकि इसमें श्रद्धालु अपनी आस्था के अनुसार देवताओं की उपासना करते हैं। महीने की शुरुआत माघ पूर्णिमा (12 फरवरी) से होगी, जो स्नान…

महाभारतम उद्योग पर्व (Mahabharat Udyog Parv)

महाभारतम उद्योग पर्व (Mahabharat Udyog Parv)

महाभारतम उद्योग पर्व महाभारत के प्रमुख अठारह पर्वों में से एक है। यह महाकाव्य के तीसरे पर्व के रूप में आता है और इसमें कुल 10 उपपर्व एवं 199 अध्याय हैं। यह पर्व धर्म, राजनीति, कूटनीति, और युद्ध की तैयारी के विषय में गहन चर्चा करता है। इसके रचयिता महर्षि वेदव्यास हैं, जिन्होंने महाभारत की संपूर्ण…

आर्यासप्तशती (Aaryasaptashati)

आर्यासप्तशती (Aaryasaptashati)

आर्यासप्तशती भारतीय संस्कृत साहित्य का एक प्रसिद्ध और उत्कृष्ट ग्रंथ है, जिसकी रचना महान कवि गोवर्धनाचार्य ने की है। यह ग्रंथ संस्कृत काव्य परंपरा का एक अद्वितीय उदाहरण है और इसे भारतीय साहित्य के रत्नों में गिना जाता है। गोवर्धनाचार्य संस्कृत साहित्य के महान कवि थे। उनकी लेखनी में गहरी विद्वता और काव्य कला का…

रामायण के रास्ते (Ramayan Ke Raste)

रामायण के रास्ते (Ramayan Ke Raste)

रामायण के रास्ते एक प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक पुस्तक है, जो भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े आदर्शों और शिक्षाओं को सरल व व्यावहारिक तरीके से प्रस्तुत करती है। यह ग्रंथ रामायण के प्रमुख प्रसंगों और घटनाओं के माध्यम से जीवन के मार्गदर्शन, नैतिकता, और धर्म का संदेश देती है। रामायण के रास्ते पुस्तक की विशेषताएँ…

महाकुंभ 2025 में कितने शाही स्नान है जानें डेट

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हिन्दू धर्म के अनुसार महाकुंभ मेला प्रत्येक 12 वर्ष आयोजित होता है। यह कुंभ मेला हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है, जो उज्जैन, नासिक, हरिद्वार और प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। इस प्रकर यह मेला इन 4 पवित्र स्थलों पर प्रत्येक 3 वर्षों में लगता है। इस साल 2025 में में यह…

साल 2025 में पोंगल पर्व कब ? जानें तिथि और कहाँ मनाया जाता हैं

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पोंगल पर्व भारत के दक्षिण राज्य तमिलनाडु में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसी समय पूरे उत्तर भारत में मकर संक्रांति का पर्व भी मनाया जाता हैं। इस पर्व के मनाने के लिए तमिलनाडु राज्य के लोग गायों और बैलों की पूजा करते हैं और उन्हें रंग-बिरंगे आभूषणों से सजाते…

सनातन धर्म

सनातन धर्म

सनातन धर्म मूल रूप हिन्दू धर्म के वैकल्पिक नाम से जाना जाता है। वैदिक काल में भारतीय उपमहाद्वीप के धर्म के लिये ‘सनातन धर्म’ नाम मिलता है। ‘सनातन’ का अर्थ है – शाश्वत या ‘हमेशा बना रहने वाला’, अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म मूलत: भारतीय धर्म है, जो किसी ज़माने में…

Ekamra Purana (एकाम्रपुराणम्)

Ekamra Purana (एकाम्रपुराणम्)

The Ekamra Purana is a 13th-century Sanskrit treatise and one of the oldest works of Orissa. It is a Shivaite text that highlights the Ekamra Kshetra, a well-known Shaiva Kshetra in Bhubaneswar, India. Ekamra Purana consists of 70 Adhyayas and claims to have six thousand verses. The work is divided into five Amshas or parts;…

Sri Tulasi Ashtottara Shatanamavali

|| Sri Tulasi Ashtottara Shatanamavali || ōṁ tulasyai namaḥ | ōṁ pāvanyai namaḥ | ōṁ pūjyāyai namaḥ | ōṁ br̥ndāvananivāsinyai namaḥ | ōṁ jñānadātryai namaḥ | ōṁ jñānamayyai namaḥ | ōṁ nirmalāyai namaḥ | ōṁ sarvapūjitāyai namaḥ | ōṁ satyai namaḥ | 9 ōṁ pativratāyai namaḥ | ōṁ br̥ndāyai namaḥ | ōṁ kṣīrābdhimathanōdbhavāyai namaḥ |…

ஶ்ரீ துலஸீ அஷ்டோத்தரஶதனாமாவளி꞉

|| ஶ்ரீ துலஸீ அஷ்டோத்தரஶதனாமாவளி꞉ || ஓம் துலஸ்யை நம꞉ । ஓம் பாவந்யை நம꞉ । ஓம் பூஜ்யாயை நம꞉ । ஓம் ப்³ருந்தா³வநநிவாஸிந்யை நம꞉ । ஓம் ஜ்ஞாநதா³த்ர்யை நம꞉ । ஓம் ஜ்ஞாநமய்யை நம꞉ । ஓம் நிர்மலாயை நம꞉ । ஓம் ஸர்வபூஜிதாயை நம꞉ । ஓம் ஸத்யை நம꞉ । 9 ஓம் பதிவ்ரதாயை நம꞉ । ஓம் ப்³ருந்தா³யை நம꞉ । ஓம் க்ஷீராப்³தி⁴மத²நோத்³ப⁴வாயை நம꞉ । ஓம்…

ಶ್ರೀ ತುಲಸೀ ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ

|| ಶ್ರೀ ತುಲಸೀ ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ || ಓಂ ತುಲಸ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಪಾವನ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಪೂಜ್ಯಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಬೃಂದಾವನನಿವಾಸಿನ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಜ್ಞಾನದಾತ್ರ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಜ್ಞಾನಮಯ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ನಿರ್ಮಲಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಸರ್ವಪೂಜಿತಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಸತ್ಯೈ ನಮಃ | ೯ ಓಂ ಪತಿವ್ರತಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಬೃಂದಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಕ್ಷೀರಾಬ್ಧಿಮಥನೋದ್ಭವಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ…

శ్రీ తులసీ అష్టోత్తరశతనామావళిః

|| శ్రీ తులసీ అష్టోత్తరశతనామావళిః || ఓం తులస్యై నమః | ఓం పావన్యై నమః | ఓం పూజ్యాయై నమః | ఓం బృందావననివాసిన్యై నమః | ఓం జ్ఞానదాత్ర్యై నమః | ఓం జ్ఞానమయ్యై నమః | ఓం నిర్మలాయై నమః | ఓం సర్వపూజితాయై నమః | ఓం సత్యై నమః | ౯ ఓం పతివ్రతాయై నమః | ఓం బృందాయై నమః | ఓం క్షీరాబ్ధిమథనోద్భవాయై నమః | ఓం…

श्री तुलसी अष्टोत्तरशतनामावलिः

|| श्री तुलसी अष्टोत्तरशतनामावलिः || ओं तुलस्यै नमः । ओं पावन्यै नमः । ओं पूज्यायै नमः । ओं बृन्दावननिवासिन्यै नमः । ओं ज्ञानदात्र्यै नमः । ओं ज्ञानमय्यै नमः । ओं निर्मलायै नमः । ओं सर्वपूजितायै नमः । ओं सत्यै नमः । ९ ओं पतिव्रतायै नमः । ओं बृन्दायै नमः । ओं क्षीराब्धिमथनोद्भवायै नमः । ओं…

Sri Shani Ashtottara Shatanamavali 2

|| Sri Shani Ashtottara Shatanamavali 2 || ōṁ saurayē namaḥ | ōṁ śanaiścarāya namaḥ | ōṁ kr̥ṣṇāya namaḥ | ōṁ nīlōtpalanibhāya namaḥ | ōṁ śanayē namaḥ | ōṁ śuṣkōdarāya namaḥ | ōṁ viśālākṣāya namaḥ | ōṁ durnirīkṣyāya namaḥ | ōṁ vibhīṣaṇāya namaḥ | 9 ōṁ śitikaṇṭhanibhāya namaḥ | ōṁ nīlāya namaḥ | ōṁ chāyāhr̥dayanandanāya namaḥ…

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