श्री गायत्री अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्

|| श्री गायत्री अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् || अस्य श्रीगायत्र्यष्टोत्तरशत दिव्यनामस्तोत्र मन्त्रस्य ब्रह्माविष्णुमहेश्वरा ऋषयः ऋग्यजुस्सामाथर्वाणि छन्दांसि परब्रह्मस्वरूपिणी गायत्री देवता ओं तद्बीजं भर्गः शक्तिः धियः कीलकं मम गायत्रीप्रसाद सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः । तरुणादित्यसङ्काशा सहस्रनयनोज्ज्वला । स्यन्दनोपरिसंस्थाना धीरा जीमूतनिस्स्वना ॥ १ ॥ मत्तमातङ्गगमना हिरण्यकमलासना । धीजनोद्धारनिरता योगिनी योगधारिणी ॥ २ ॥ नटनाट्यैकनिरता प्रणवाद्यक्षरात्मिका । घोराचारक्रियासक्ता दारिद्र्यच्छेदकारिणी ॥ ३ ॥…

ஶ்ரீ கா³யத்ர்யக்ஷரவல்லீ ஸ்தோத்ரம்

|| ஶ்ரீ கா³யத்ர்யக்ஷரவல்லீ ஸ்தோத்ரம் || தத்காரம் சம்பகம் பீதம் ப்³ரஹ்மவிஷ்ணுஶிவாத்மகம் । ஶாந்தம் பத்³மாஸநாரூட⁴ம் த்⁴யாயேத் ஸ்வஸ்தா²ந ஸம்ஸ்தி²தம் ॥ 1 ॥ ஸகாரம் சிந்தயேச்சா²ந்தம் அதஸீபுஷ்பஸந்நிப⁴ம் । பத்³மமத்⁴யஸ்தி²தம் காம்யமுபபாதகநாஶநம் ॥ 2 ॥ விகாரம் கபிலம் சிந்த்யம் கமலாஸநஸம்ஸ்தி²தம் । த்⁴யாயேச்சா²ந்தம் த்³விஜஶ்ரேஷ்டோ² மஹாபாதகநாஶநம் ॥ 3 ॥ துகாரம் சிந்தயேத்ப்ராஜ்ஞ இந்த்³ரநீலஸமப்ரப⁴ம் । நிர்த³ஹேத்ஸர்வது³꞉க²ஸ்து க்³ரஹரோக³ஸமுத்³ப⁴வம் ॥ 4 ॥ வகாரம் வஹ்நிதீ³ப்தாப⁴ம் சிந்தயித்வா விசக்ஷண꞉ । ப்⁴ரூணஹத்யாக்ருதம் பாபம் தக்ஷணாதே³வ…

आदित्य कवच पाठ

॥ आदित्य कवच पाठ विधि ॥ सर्वप्रथम नित्यकर्म आदि से निर्वत्त होकर एक लाल रंग का स्वच्छ आसान बिछायें। अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके पद्मासन में बैठ जायें अपने सामने भगवान सूर्यदेव का छायाचित्र अथवा मूर्ति स्थापित करें, दोनों में से कुछ भी उपलब्ध न होने की दशा में आकाश में पूर्व दिशा…

बृहस्पति कवच पाठ

॥ बृहस्पति कवच पाठ करने के लाभ ॥ बृहस्पति कवच का पाठ करने से जातक को बृहस्पति की महादशा तथा अन्तर्दशा में लाभ होता है। इस कवच के नियमित पाठ से विवाह सम्बन्धी समस्याओं का निवारण होता है। बृहस्पति कवच का दैनिक पाठ करने से घर में धन – धान्य की पूर्ति होती है। यदि…

কালী পূজার মন্ত্র পাঠ

।। কালী পূজার মন্ত্র পাঠ ।। শংকাপি জায়তে বৎস তব স্নেহাৎ প্রকাশিতম। ন বক্তব্যং ন দ্রষ্টব্যমতি গুহ্যতমং মহৎ।। কালিকা জগতাং মাতা শোকদুঃখাদি বিনাশিনী। বিশেষত কলি যুগে, মহাপাতকহারিণী।। কালী মে পুরুত: পাঠু পৃষ্ঠতশ্চ কপালিনী। কুল্বা মে দক্ষিনে পাতু করণৌ চগ্রোপ্রভামতা।। বদনং পাতু মে দীপ্তা নীলা চ চিবুকং সদা। ঘনা গ্রীবাং সদা পাতু বলাকা বাহুযুগ্মকম।। মাত্রা পাতু…

શ્રી ગજેન્દ્ર મોક્ષ માર્ગ

॥ શ્રી ગજેન્દ્ર મોક્ષ માર્ગ ॥ શ્રીશુક ઉવાચ એવં વ્યવસિતો બુદ્ધ્યા સમાધાય મનોહૃદિ . જજાપ પરમં જાપ્યં પ્રાગ્જન્મન્યનુશિક્ષિતમ્ .. ગજેન્દ્ર ઉવાચ નમો ભગવતે તસ્મૈ યત એતચ્ચિદાત્મકમ્ . પુરુષાયાદિબીજાય પરેશાયાભિધીમહિ .. યસ્મિન્નિદં યતશ્ચેદં યેનેદં ય ઇદં સ્વયમ્ . યોઽસ્માત્પરસ્માચ્ચ પરસ્તં પ્રપદ્યે સ્વયમ્ભુવમ્ .. યઃ સ્વાત્મનીદં નિજમાયયાર્પિતં ક્વચિદ્વિભાતં ક્વ ચ તત્તિરોહિતમ્ . અવિદ્ધદૃક્ સાક્ષ્યુભયં તદીક્ષતે સ આત્મમૂલોઽવતુ…

गजेंद्र मोक्ष पाठ

॥ गजेंद्र मोक्ष पाठ ॥ श्रीशुक उवाच एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनोहृदि । जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम् ॥ गजेन्द्र उवाच नमो भगवते तस्मै यत एतच्चिदात्मकम् । पुरुषायादिबीजाय परेशायाभिधीमहि ॥ यस्मिन्निदं यतश्चेदं येनेदं य इदं स्वयम् । योऽस्मात्परस्माच्च परस्तं प्रपद्ये स्वयम्भुवम् ॥ यः स्वात्मनीदं निजमाययार्पितं क्वचिद्विभातं क्व च तत्तिरोहितम् । अविद्धदृक् साक्ष्युभयं तदीक्षते स आत्ममूलोऽवतु मां…

Alabhya Shri Gayatri Kavacham ​

॥ Shri Gayatri Kavacham ॥ ॥ Viniyoga  ॥ ॐ Asya Shri Gayatri Kavachasya Brahma Vishnu Rudra Rishayah। Rig Yaju Sama Atharvani Chhandamsi। Parabrahma Swarupini Gayatri Devata। Bhuh Beejam। Bhuvah Shaktih। Svah Kilakam। Suvar Kilakam। Chaturvimsatyakshara Shri Gayatripreetyarthe Jape Viniyogah। ॥ Dhyaanm :॥ Vastraabhankundikam Hastam, Shuddha Nirmala Jyotishim। Sarvatattvamayim Vande, Gayatrim Vedamatarim॥ Mukta-vidruma-hemanila- Dhavalaischayaih ukhestreekshanaih। Yuktamindunibaddha-ratnamukutam…

Shri Aditya Kavach Path

‖ Aditya Kavach ‖ || Atha Shri Adityakavacham || ॐ Asya Shrimadadityakavachastotra Mahamantrasya Yajnavalkyo Maharshiḥ | Anushtup-Jagati-Chhandasi | Ghriniriti Bijam | Surya Iti Shaktih | Aditya Iti Kilakam | Shri Surya Narayanapreetyarthe Jape Viniyogah | || Dhyana || Udyachalamagatya Vedarupamanamayam | Tushtava Paraya Bhaktya Valakhilyadibhirvritam || Devasuressada Vandyam Grahaischa Pariveshtitam | Dhyayan Stuvan Pathan Naam…

Shri Brihaspati Kavach Stotra Path

‖ Kavach Stotra ‖ ‖ Om Shri Ganeshaya Namah ‖ Asya Shri Brihaspatikavacha Stotramantrasya Ishwara Rishiḥ, Anushtup Chhandah, Gurudevata, Gam Beejam, Shri Shaktih, Klim Kilkam, Gurupretyartham Jape Viniyogah. Abhishtaphaladam Devam Sarvajnam Surapujitam | Akshamaladharam Shantam Pranamami Brihaspatim || Brihaspatih Shirah Patu Lalatam Patu Me Guruḥ | Karnau Suraguruh Patu Netre Me’bhishtadayakah || Jihvam Patu Suracharyo…

कनकधारा स्त्रोत पाठ

॥ कनकधारा स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित ॥ अङ्ग हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम् । अङ्गीकृताखिलविभूतिरपाङ्गलीला माङ्गल्यदास्तु मम मङ्गलदेवतायाः ॥ अर्थ – जैसे भ्रमरी अधखिले कुसुमों से अलंकृत तमाल के पेड़ का आश्रय लेती है, उसी प्रकार जो श्रीहरि के रोमांच से सुशोभित श्रीअंगों पर निरंतर पड़ती रहती है तथा जिसमें सम्पूर्ण ऐश्वर्य का निवास है,…

श्री बजरंग बाण

|| दोहा || निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ || चौपाई || जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात…

Bajrang Baan

|| Doha || Nishchay prem pratiti te, Binay karain sanmaan. Tehi ke kaaraj sakal shubh, Siddh karain Hanuman॥ || Chaupai || Jay Hanumant sant hitkaari, Sun lijai prabhu araj hamaari॥ Jan ke kaaj bilamb na keejai, Aatur dauri maha sukh diijai॥ Jaise koodi sindhu mahipara, Sursa badan paithi bistara॥ Aage jaaye Lankini roka, Maarehu laat…

सुंदरकांड

श्लोक शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् । रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्।।1।। नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा। भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मे कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च।।2।। अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।3।। || सुंदरकांड || जामवंत के बचन सुहाए। सुनि हनुमंत हृदय अति भाए।।…