सनातन दर्शन की पृष्ठभूमि पुस्तक भारतीय सनातन धर्म और उसके गूढ़ दार्शनिक सिद्धांतों को सरल और सुव्यवस्थित रूप में प्रस्तुत करती है। इसके लेखक स्वामी सनातन श्री, भारतीय दर्शन, धर्म और वेदांत के प्रख्यात विद्वान हैं। इस ग्रंथ में सनातन धर्म के मूल सिद्धांत, इसकी ऐतिहासिक यात्रा, और आधुनिक युग में इसकी प्रासंगिकता को विस्तार से वर्णित किया गया है। यह ग्रंथ उन साधकों और पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी है, जो सनातन धर्म की गहराई और व्यापकता को समझना चाहते हैं।
सनातन दर्शन की पृष्ठभूमि पुस्तक की विशेषताएँ
- पुस्तक में सनातन धर्म के मूलभूत सिद्धांतों जैसे सत्य, धर्म, अहिंसा, और कर्म के महत्व का वर्णन किया गया है। यह बताती है कि सनातन धर्म केवल धार्मिक परंपराओं का समूह नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है।
- “सनातन दर्शन की पृष्ठभूमि” में भारतीय दर्शन के छह प्रमुख दर्शनों (सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा, वेदांत) और उनके आपसी संबंधों का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
- पुस्तक में वेदों और उपनिषदों की दार्शनिक और आध्यात्मिक महिमा को रेखांकित किया गया है। यह सनातन धर्म के मूल ग्रंथों की प्रासंगिकता और उनके आध्यात्मिक महत्व को स्पष्ट करती है।
- स्वामी सनातन श्री ने इस ग्रंथ में यह समझाने का प्रयास किया है कि सनातन धर्म के आदर्श और मूल्य आधुनिक जीवन में भी कितने प्रासंगिक और आवश्यक हैं।
- पुस्तक की भाषा सरल और प्रभावशाली है, जो जटिल दार्शनिक विषयों को भी समझने योग्य बनाती है। यह पाठकों को सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों को आत्मसात करने की प्रेरणा देती है।