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सोमवार व्रत एवं पूजा के लिए शक्तिशाली शिव मंत्र – अर्थ और लाभ सहित

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सोमवार का दिन भगवान शिव अर्थात हमारे भोले भण्डारी भोलेनाथ को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। सोमवार के दिन कुछ शिव मंत्रों का जाप करना बहुत फलदायी माना जाता है। सोमवार का दिन भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष महत्व रखता है। इस पावन दिन पर भगवान शिव की उपासना करने से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान मिलता है।

सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। व्रत के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें। भगवान शिव का विधि-विधान से पूजन करें। पूजा में जल, बिल्वपत्र, फल, फूल, दीप आदि अर्पित करें। शिव चालीसा, ॐ नमः शिवाय मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र आदि का जाप करें।

सोमवार के दिन जाप करने वाले मंत्र

सोमवार के दिन कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इन मंत्रों में ॐ नमः शिवाय, महामृत्युंजय मंत्र और अन्य कई मंत्र शामिल हैं। चलिए जानते हैं उन सभी शिव मंत्रों के बारे में सोमवार को जिनका जाप बहुत ही लाभदायी होता है।

शिव नमस्कार मंत्र

शिव पूजा की शुरुआत के लिए इस मंत्र से अच्छा कोई और मंत्र नहीं हो सकता, इस मंत्र का जाप पूजन से पहले करने से शिव प्रसन्न होते हैं

शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
अर्थ: कल्याण एवं सुख के मूल स्रोत भगवन शिव को नमस्कार है। कल्याण के विस्तार करने वाले तथा सुख के विस्तार करने वाले भगवन शिव को नमस्कार है। मङ्गलस्वरूप और मङ्गलमयता की सीमा भगवन शिव को नमस्कार है। जो सम्प्पोर्ण विद्याओं के ईस्वर, समस्त भूतों के अधीश्वर, ब्रह्म वेद के अधिपति, ब्रह्म-बल वीर्य के प्रतिपालक तथा साक्षात् ब्रह्मा और परमात्मा हैं, वे सच्चिदान्नदमय नित्य कल्याणरूप शिव मेरे बने रहें।

शिव नमस्कार मंत्र

पंचाक्षरी मंत्र

भगवान शिव का यह मूल मंत्र जाप सरल होने के साथ ही अत्यंत प्रभावशाली भी है। यदि आप इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करते हैं, तो आपके सारे संकट और कष्ट दूर हो जाएंगे। आपके रुके हुए काम भी पूरे होंगे। हो सके तो रुद्राक्ष की माला से 108 बार इस मंत्र का जाप करें।

ॐ नमः शिवाय
Om Namah Shivaya

महामृत्युंजय मंत्र: अकाल मृत्यु से मुक्ति का द्वार

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
Om Tryambakam Yajamahe, Sugandhim Pushti Vardhanam.
Urvarukamiva Bandhanan, Mrityor Mukshiya Maamritat.
महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है। इसका अर्थ है “मृत्यु को पराजित करने वाला मंत्र”। यह मंत्र जीवन और मृत्यु के बीच संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है।

महामृत्युंजय मंत्र के लाभ:

  • अकाल मृत्यु से मुक्ति
  • रोगों से बचाव
  • जीवन में सुख-समृद्धि
  • मन को शांति और एकाग्रता
  • भगवान शिव की कृपा प्राप्ति

“ॐ नमः शिवाय व्योमकेश्वराय”: आत्मिक विकास और सर्व-शक्तियों की कुंजी

“ॐ नमः शिवाय व्योमकेश्वराय”
“Om Namah Shivaya Vyomakeshvaraya”
यह शक्तिशाली शिव मंत्र आत्मिक उन्नति और असीम शक्तियों को पाने का मार्ग है। मंत्र के अर्थ और इसके अनुष्ठान से प्राप्त होने वाले लाभों पर एक नज़र:

मंत्र का अर्थ:

  • ॐ नमः शिवाय: भगवान शिव को प्रणाम, जो शुद्ध चेतना के अवतार हैं।
  • व्योमकेश्वराय: आकाश के स्वामी, जिसका अर्थ है ब्रह्मांड में व्याप्त अनंत शक्ति।

इस मंत्र के लाभ:

  • मानसिक और आत्मिक विकास: यह मंत्र हमारे मन को शांत करता है, भीतर की शुद्ध चेतना से जुड़ने में मदद करता है और आत्मिक उन्नति की राह पर ले चलता है।
  • सर्व-शक्ति का मार्ग: विशेष अनुष्ठानों के माध्यम से एक निश्चित संख्या में इस मंत्र का लगातार और समर्पित जाप एक साधक को असाधारण शक्तियों से संपन्न कर सकता है।
  • सुख-शान्ति और समृद्धि: इस मंत्र का जाप जीवन में खुशी, मन की शांति, और अटूट संपन्नता का आशीर्वाद लेकर आता है।

शिवमंत्र जिसके जाप से मिलती है हर प्रकार के भय से मुक्ति

“ॐ नमो भगवते रुद्राय”
“Om Namo Bhagavate Rudraya”
मंत्र का अर्थ:

  • ॐ: सर्वव्यापी ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक
  • नमो: विनम्रतापूर्वक समर्पण
  • भगवते: भगवान को
  • रुद्राय: भगवान शिव का रुद्र रूप, जो जगत-संहारक और विनाशकारी शक्ति का प्रतीक है

इस मंत्र के लाभ:

  • भय से मुक्ति: यह मंत्र व्यक्ति को हर प्रकार के भय, चाहे वह मानसिक हो, शारीरिक हो या सामाजिक, से मुक्ति प्रदान करता है।
  • अभय वरदान: इस मंत्र का जाप करने वाले को भगवान शिव का अभय वरदान प्राप्त होता है, जिसके फलस्वरूप उसे किसी भी प्रकार का भय नहीं सताता।
  • सुख और समृद्धि: इस मंत्र का जाप करने वाले को जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
  • इंद्र के समान ऐश्वर्य: इस मंत्र का जाप करने वाले को इंद्र के समान ऐश्वर्य और भोग-विलास प्राप्त होते हैं।

सौभाग्य और शक्ति की प्राप्ति के लिए शिव मंत्र

“ॐ हं हं सह:”
“Om Ham Ham Sah”
मंत्र का अर्थ:

  • ॐ: सर्वव्यापी ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक
  • हं: शक्ति और आत्मविश्वास का प्रतीक
  • सह: सफलता और समृद्धि का प्रतीक

इस मंत्र के लाभ:

  • सौभाग्य: यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और खुशियां लाता है।
  • शक्ति: इस मंत्र का जाप करने वाले को शक्ति और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।
  • प्रसिद्धि: इस मंत्र का जाप करने वाले को समाज में प्रसिद्धि और सम्मान प्राप्त होता है।
  • भगवान शिव की कृपा: इस मंत्र का जाप करने वाले को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

“ॐ नमः शिवाय गङ्गाधराय”: सुरक्षा, धैर्य और धन के लिए शिव मंत्र

“ॐ नमः शिवाय गङ्गाधराय”
“Om Namah Shivaya Gangadharaya”
मंत्र का अर्थ:

  • ॐ: पवित्र ध्वनि, सृष्टि का आदि नाद
  • नमः शिवाय: भगवान शिव को नमन
  • गङ्गाधराय: गंगा को धारण करने वाले (भगवान शिव, जिनके मस्तक पर गंगा विराजमान हैं)

इस मंत्र के लाभ

  • सर्वसुरक्षा: यह मंत्र भक्त के लिए सुरक्षा कवच बन जाता है। साधक हर तरह की विपत्तियों, नकारात्मक ऊर्जाओं और शत्रुओं से सुरक्षित रहता है।
  • धैर्य और सहनशीलता: भगवान शिव की शक्ति से जाप करने वाले के भीतर असीम धैर्य और सहनशक्ति का विकास होता है। वह जीवन की कठिन चुनौतियों का भी साहस के साथ सामना करता है।
  • धन-प्राप्ति: माना जाता है कि इस मंत्र का लगातार जाप करने से भक्त को धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

हर प्रकार की चिंता से मुक्ति और शांति प्राप्ति के लिए शिवमंत्र

“ॐ नमः शिवाय शान्ताय”
“Om Namah Shivaya Shantaya”
मंत्र का अर्थ:

  • ॐ: पवित्र ध्वनि, सृष्टि का आदि नाद
  • नमः शिवाय: भगवान शिव को नमन
  • शान्ताय: शांति प्रदान करने वाले

इस मंत्र के लाभ:

  • चिंता से मुक्ति: यह मंत्र भक्त को चिंता, तनाव, और भय से मुक्ति प्रदान करता है।
  • शांति प्राप्ति: जाप करने वाले को मन की शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
  • आत्मिक विकास: मंत्र आत्मिक ज्ञान और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देता है।
  • सकारात्मकता: नकारात्मक विचारों को दूर कर सकारात्मकता और आशावाद का भाव पैदा होता है।

शिव-कृपा प्राप्ति के लिए आसान और विशेष मंत्र

“ॐ शंकराय नमः”
“Om Shankaraya Namah”
मंत्र का अर्थ:

  • ॐ: पवित्र ध्वनि, सृष्टि का आदि नाद
  • शंकराय: भगवान शिव का एक नाम, ‘कल्याणकारी’
  • नमः: नमन

इस मंत्र के लाभ:

  • शिव-कृपा प्राप्ति: यह मंत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का सरलतम और त्वरित उपाय है।
  • सर्व अभीष्ट प्राप्ति: जाप करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • आध्यात्मिक उन्नति: मंत्र आत्मिक ज्ञान और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देता है।
  • भय से मुक्ति: नकारात्मक ऊर्जाओं, शत्रुओं और भय से मुक्ति प्राप्त होती है।
  • सकारात्मकता: मन में सकारात्मक विचारों और आशावाद का संचार होता है।

सभी बाधाओं से मुक्ति के लिए शिव मंत्र

“ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्”
“Om Ham Hanumate Rudratmakaya Hum Phat”
मंत्र का अर्थ:

  • ॐ: पवित्र ध्वनि, सृष्टि का आदि नाद
  • हं: शक्ति और आत्मविश्वास का प्रतीक
  • हनुमते: भगवान हनुमान का नाम
  • रुद्रात्मकाय: भगवान शिव के रुद्र रूप का प्रतीक
  • हुं: भक्ति और समर्पण का प्रतीक
  • फट्: शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक

इस मंत्र के लाभ:

  • सर्व-बाधा मुक्ति: यह मंत्र सभी प्रकार की बाधाओं, शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक, से मुक्ति प्रदान करता है।
  • दुःखों से मुक्ति: जाप करने वाले को जीवन के दुःखों, चिंताओं और भय से मुक्ति प्राप्त होती है।
  • शक्ति और आत्मविश्वास: मंत्र साधक को शक्ति, आत्मविश्वास और साहस प्रदान करता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र आध्यात्मिक ज्ञान और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देता है।
  • कलियुग में प्रभावशाली: माना जाता है कि यह मंत्र कलियुग में विशेष रूप से प्रभावशाली है।

मनोवांछित फल पाने के लिए अचूक शिव मंत्र

“ॐ पार्वतीपतये नमः”
“Om Parvatipataye Namah”
मंत्र का अर्थ:

  • ॐ: पवित्र ध्वनि, सृष्टि का आदि नाद
  • पार्वतीपतये: देवी पार्वती के पति, भगवान शिव
  • नमः: मैं नमन करता/करती हूं (भावपूर्ण समर्पण)

इस मंत्र के लाभ:

  • मनोवांछित फलप्राप्ति: माना जाता है कि भगवान शिव की भक्ति और देवी पार्वती के आशीर्वाद से इस मंत्र के जाप से साधक की इच्छाएं पूरी होती हैं।
  • शिव की कृपा: भगवान शिव की कृपा से जीवन में सौभाग्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: मंत्र आत्मिक शांति, ज्ञान और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देता है।
  • अंतर्ज्ञान शक्ति में वृद्धि: देवी पार्वती की शक्ति से साधक की अंतर्ज्ञान शक्ति का विकास होता है।
  • सौभाग्य में वृद्धि: इस मंत्र के प्रभाव से भक्त की किस्मत चमकती है और जीवन की सभी उलझनें दूर होती हैं।

शिव गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात
शिव गायत्री मंत्र के लाभ:

  • सुख-समृद्धि: भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मकता का आगमन होता है।
  • रुके हुए कार्य: मंत्र जाप से रूके हुए कार्य पूर्ण होते हैं और सफलता प्राप्त होती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: जाप करने वाले को आत्मिक ज्ञान, शांति और आत्म-जागरूकता प्राप्त होती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: मंत्र नकारात्मक ऊर्जा, भय और चिंता से मुक्ति प्रदान करता है।
  • रोगों से मुक्ति: माना जाता है कि यह मंत्र रोगों से मुक्ति प्रदान करने में भी सहायक होता है।

लघु महामृत्युंजय मंत्र

ॐ हौं जूं सः
मंत्र का अर्थ:

  • ॐ: पवित्र ध्वनि, सृष्टि का आदि नाद
  • हौं: भगवान शिव का बीज मंत्र
  • जूं: भगवान शिव का शक्ति मंत्र
  • सः: भगवान शिव का आत्मा मंत्र

इस मंत्र के लाभ:

  • असाध्य रोगों से मुक्ति: यह मंत्र असाध्य रोगों से मुक्ति प्रदान करने में सहायक होता है।
  • बाधाओं से मुक्ति: मंत्र जाप से जीवन में आने वाली बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं।
  • सकारात्मक ऊर्जा: यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  • आत्मविश्वास: मंत्र जाप से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र आत्मिक ज्ञान और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देता है।

श‍िव नामावली मंत्र

सोमवार को पूजा करते समय नामावली मंत्रों का जाप बहुत फलदायी माना जाता है।
।। श्री शिवाय नम:।।
।। श्री शंकराय नम:।।
।। श्री महेश्वराय नम:।।
।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
।। श्री रुद्राय नम:।।
।। ओम पार्वतीपतये नम:।।
।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।

भगवान रुद्र को प्रसन्न करने के श्लोक

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्

निराकारमोंकारमूलं तुरीयं
गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्
करालं महाकाल कालं कृपालं
गुणागार संसारपारं नतोऽहम्

तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं
मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम्
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा

चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं
प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्

कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी
चिदानन्द संदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी

न यावत् उमानाथ पादारविन्दं
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्
न तावत् सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम्

न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम्
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो

रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति

शिव की कृपा पाने के लिए सोमवार के दिन करें ये सरल उपाय

  1. शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करें:
  • सोमवार को शिव मंदिर में जाएं और शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करें।
  • ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
  • सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें।
  1. शहद की धारा अर्पित करें:
  • सोमवार की शाम शिवलिंग को शहद की धारा अर्पित करें।
  • नौकरी और व्यवसाय से जुड़ी परेशानी से छुटकारा पाएं।
  1. लाल या पीले चंदन का तिलक लगाएं:
  • सोमवार के दिन भोलेनाथ को लाल या पीले चंदन का तिलक लगाएं।
  • धन-दौलत की कमी दूर करें।
  1. अक्षत, फूल और नैवेद्य अर्पित करें:
  • सोमवार के दिन भोलेनाथ की आराधना करते समय अक्षत, फूल और नैवेद्य अर्पित करें।
  • शिवशंभू को प्रसन्न करें।
  1. शिव रक्षा स्त्रोत का पाठ करें:
  • सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा के समय शिव रक्षा स्त्रोत का पाठ करें।
  • धन की कमी दूर करें और भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करें।
  1. कच्चे चावल और काले तिल का दान करें:
  • सोमवार के दिन शाम के समय कच्चे चावल में काले तिल मिलाकर दान करें।
  • पितृ दोष का प्रभाव कम करें और आर्थिक तंगी दूर करें।

इन उपायों को करने से आपको भगवान शिव की कृपा प्राप्त होगी और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी।

सोमवार को ही शिव पूजा क्यों की जाती है?

कभी आपने सोचा है कि सभी लोग सोमवार को ही भोलेनाथ की पूजा क्यों करते हैं? चलिए आज हम बताएंगे कि सोमवार का दिन ही शिव पूजा के लिए क्यों महत्वपूर्ण बताया गया है।

सोमवार को शिव उपासना के लिए चुना गया है इसके पीछे कई पौराणिक कथाएँ हैं। एक कथा के अनुसार सोमवार के दिन ही चंद्र देव ने गंगा नदी के किनारे एक श्राप से मुक्ति पाने के लिए शिव शंकर यानि महादेव की आराधना की थी और महादेव ने प्रसन्न होकर चंद्र देव को क्षय रोग के श्राप से मुक्त कर दिया था।

वहीं दूसरी कथा के बारे में तो लगभग आप सभी ने सुन होगा, इस कथा के अनुसार मां पार्वती ने भोलेनाथ को पति रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी और लगातार 16 सोमवार का व्रत भी रखा था। इस तपस्या और सोमवार के व्रत से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मां पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया था और तभी से सोमवार व्रत और सोमवार को शिव पूजा के लिए विशेष मन गया है।

एक और मान्यता के अनुसार सोमवार नाम में ही एक बहुत महत्वपूर्ण राज छिपा है। जब हम सोमवार (S-om-var) का उच्चारण करते हैं तो उसमें ऊँ (Om) भी उच्चारित होता है। सोमवार में ऊँ भी समाया है और भोलेनाथ खुद ओंकार है तो यह दिन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

कृपया ध्यान दें कि किसी भी शक्तिशाली मंत्र का जाप शुरू करने से पहले किसी जानकार या अपने गुरु से परामर्श अवश्य लें अथवा इस मंत्रों के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

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