श्री खाटू श्याम चालीसा

|| दोहा || श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद। श्याम चालीसा बणत है, रच चौपाई छंद। श्याम-श्याम भजि बारंबारा। सहज ही हो भवसागर पारा। || चौपाई || इन सम देव न दूजा कोई। दिन दयालु न दाता होई।। भीम सुपुत्र अहिलावाती जाया। कही भीम का पौत्र कहलाया।। यह सब कथा कही कल्पांतर। तनिक न…