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विद्यारम्भम् 2025 – ज्ञान, सरस्वती पूजन और अक्षर-अभ्यास का शुभ मुहूर्त

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भारतीय संस्कृति में विद्यारम्भ संस्कार (Vidyarambha Samskara) का एक विशेष स्थान है। यह वह पवित्र क्षण है जब एक बच्चा औपचारिक रूप से ज्ञान की दुनिया में अपना पहला कदम रखता है। यह संस्कार सिर्फ पढ़ाई शुरू करने का एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह ज्ञान की देवी माँ सरस्वती (Goddess Saraswati) का आह्वान करने और बच्चे के जीवन में शिक्षा के महत्व को स्थापित करने का एक शुभ कार्य है। साल 2025 में, आपके लाडले या लाडली के लिए यह शुभ यात्रा कब शुरू होगी, आइए जानते हैं।

विद्यारम्भ संस्कार – क्या और क्यों?

विद्यारम्भ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है: ‘विद्या’ जिसका अर्थ है ज्ञान या शिक्षा, और ‘आरम्भ’ जिसका अर्थ है शुरुआत। ज्योतिष और धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस संस्कार को एक निश्चित आयु (आमतौर पर 3 से 5 वर्ष के बीच) और शुभ मुहूर्त (Auspicious Time) में किया जाना चाहिए ताकि बच्चे का मन पढ़ाई में लगे और उसे माँ सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त हो।

  • उद्देश्य – इस संस्कार का मुख्य उद्देश्य बच्चे को अक्षर-ज्ञान (Initial Learning of Alphabets) कराना, उसकी बौद्धिक क्षमताओं को विकसित करना और उसे जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित करना है।
  • महत्व – शुभ मुहूर्त में किया गया यह संस्कार बच्चे के भावी शैक्षणिक जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है और उसे एकाग्रता, बुद्धि और ज्ञान प्रदान करता है।

सरस्वती पूजन और अक्षर-अभ्यास का महत्व

विद्यारम्भ के दिन माँ सरस्वती का पूजन (Saraswati Pujan) किया जाता है। उन्हें ज्ञान, कला और संगीत की देवी माना जाता है।

  • सरस्वती पूजन – इस दिन बच्चे की किताबें, कॉपियाँ, पेन और संगीत वाद्य यंत्रों को माँ सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर के सामने रखा जाता है। यह प्रतीकात्मक रूप से यह दर्शाता है कि बच्चा अपनी शिक्षा की यात्रा देवी के चरणों में समर्पित कर रहा है।
  • अक्षर-अभ्यास – पूजन के बाद, गुरु या परिवार का कोई बड़ा सदस्य बच्चे की उंगली पकड़कर स्लेट या चावलों पर ‘ॐ’ (Om) या ‘श्री’ (Shree) जैसे पवित्र अक्षर लिखवाता है। इसे ही अक्षर-अभ्यास (Akshar-Abhyas) कहते हैं। यह अक्षर-अभ्यास बच्चे के मन में ज्ञान के प्रति एक गहरा सम्मान पैदा करता है।

विद्यारम्भम् 2025 के कुछ महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, पूरे वर्ष में कुछ तिथियां और समय विद्यारम्भ संस्कार के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

  • 02 फरवरी 2025 रविवार – प्रातः 09:14 AM से दोपहर 12:11 PM तक पंचमी तिथि, वसंत पंचमी (Basant Panchami)
  • 02 मई 2025 शुक्रवार – प्रातः 08:07 AM से 10:21 AM के मध्य आर्द्रा
  • 14 मई 2025 बुधवार – प्रातः 07:22 AM से 09:36 AM के मध्य अनुराधा
  • 05 जून 2025 गुरुवार – प्रातः 05:45 AM से 09:10 AM के मध्य हस्त
  • 23 सितंबर 2025 मंगलवार – दोपहर 12:39 PM से 01:15 PM के मध्य –
  • 02 अक्टूबर 2025 गुरुवार – प्रातः 09:13 AM से 03:18 PM तक विजयादशमी (Vijayadashami)
  • 05 दिसंबर 2025 शुक्रवार – प्रातः 09:00 AM से 10:30 AM के मध्य –

विद्यारम्भ संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री (Puja Samagri)

इस शुभ कार्य को विधि-पूर्वक करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • माँ सरस्वती की प्रतिमा या चित्र।
  • हल्दी, कुमकुम, अक्षत (चावल)।
  • फूल (विशेषकर पीले या सफेद), माला।
  • एक नई स्लेट या पाटी, खड़िया (Chalk) या कलम (Pen)।
  • बच्चे की पहली नई किताब/कॉपी।
  • मिठाई और फल (नैवेद्य)।
  • गंगाजल और शुद्ध जल, दीपक और धूप।

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