कालरात्रि माता व्रत कथा पूजा विधि

|| कालरात्रि माता व्रत कथा || जैसा कि नाम से अभिव्यक्त होता है कि मां दुर्गा की यह सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है अर्थात जिनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। नाम से ही जाहिर है कि इनका रूप भयानक है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं…

मेष संक्रांति व्रत कथा

|| मेष संक्रांति व्रत कथा || एक समय की बात है, एक बहुत ही गरीब ब्राह्मण था। वह बहुत ही धार्मिक और ईश्वर भक्त था। वह हर साल मेष संक्रान्ति के दिन व्रत रखता था और भगवान सूर्य की पूजा करता था। एक बार, मेष संक्रान्ति के दिन, ब्राह्मण ने व्रत रखा और भगवान सूर्य…

कात्यायनी माता व्रत कथा पूजा विधि

|| कात्यायनी माता कथा || कात्यायनी माता व्रत कथा का उल्लेख विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है। कात्यायनी माता, माँ दुर्गा का छठा स्वरूप हैं, जिनकी उपासना से भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत मुख्य रूप से कुंवारी कन्याओं द्वारा अपने इच्छित वर की प्राप्ति के…

चैत्र पूर्णिमा व्रत कथा

|| चैत्र पूर्णिमा व्रत कथा || प्राचीन काल में एक नगर में एक वैश्य रहता था। वह बहुत ही धार्मिक और सत्यवादी था। उसकी पत्नी भी पतिव्रता और सुशील थी। वैश्य और उसकी पत्नी दोनों ही भगवान विष्णु के परम भक्त थे और हर पूर्णिमा को व्रत रखते थे। एक बार, वैश्य ने अपनी पत्नी…

स्कंदमाता व्रत कथा और पूजा विधि

|| स्कंदमाता व्रत कथा || पहाड़ों पर रहकर सांसारिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करने वालीं स्कंदमाता। नवरात्रि में पांचवें दिन इस देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि इनकी कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से अभिहित किया गया है।…

ब्रह्मचारिणी माता व्रत कथा पूजा विधि

|| ब्रह्मचारिणी माता व्रत कथा || ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली। देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है। इस देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं। पूर्वजन्म में इस देवी ने हिमालय के घर…

कूष्माण्डा माता व्रत कथा पूजा विधि

|| कूष्माण्डा व्रत कथा || कूष्माण्डा देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए अष्टभुजा कहलाईं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है। इस देवी का वाहन सिंह है और इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है।…

महागौरी माता व्रत कथा पूजा विधि

|| महागौरी माता कथा || नवरात्रि में आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है। नाम से प्रकट है कि इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई है। इनके सभी आभूषण और…

शैलपुत्री माता व्रत कथा और पूजा विधि

|| शैलपुत्री माता व्रत कथा || मां दुर्गा को सर्वप्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजा जाता है। हिमालय के वहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनका नामकरण हुआ शैलपुत्री। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण…

गुरु प्रदोष व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि || सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें। अब भगवान शिव की धूप व आरती करें। भगवान शंकर को भोग लगाएं। फिर शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की आरती करें। || गुरु प्रदोष व्रत के लाभ ||…

राम नवमी व्रत कथा

|| राम नवमी व्रत कथा || भगवान श्री विष्णु ने अपने सातवें अवतार के रूप में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र के रूप में जन्म लेकर अनेक अद्भुत लीलाएं रचीं। अंततः उन्होंने अहंकारी रावण का संहार कर धर्म की विजय स्थापित की। श्री राम जी के जन्मोत्सव को राम नवमी के रूप में श्रद्धा और हर्षोल्लास…

वैशाख अमावस्या व्रत कथा

|| वैशाख अमावस्या व्रत कथा || वैशाख मास की अमावस्या को वैशाख अमावस्या कहा जाता है। यह हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का दूसरा माह होता है। शास्त्रों में इस दिन को धर्म-कर्म, स्नान-दान एवं पितरों के तर्पण के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। वैशाख अमावस्या को विशेष रूप से पितरों की मुक्ति के…

लक्ष्मी पंचमी (श्री पंचमी) व्रत कथा और पूजा विधि

|| लक्ष्मी पंचमी (श्री पंचमी) व्रत कथा || एक बार महाराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से प्रश्न किया – “भगवान! तीनों लोकों में लक्ष्मी दुर्लभ मानी जाती हैं, परंतु कौन-सा व्रत, होम, तप, जप, अथवा अन्य पुण्य कर्म करने से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति संभव होती है? आप सर्वज्ञ हैं, कृपा कर इसका वर्णन करें।” भगवान…

वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा)

|| वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा – विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा || एक बार पार्वती जी ने गणेशजी से पूछा कि वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की संकटा चतुर्थी का पूजन किस गणेश का और किस विधि से करना चाहिए, और उस दिन क्या भोजन करना चाहिए? गणेश जी ने उत्तर दिया –…

कल है मोहिनी (पापमोचनी) एकादशी, जाने व्रत कथा और पूजा विधि

॥ मोहिनी एकादशी पूजा विधि ॥ पापमोचनी एकादशी व्रत में भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है व्रत के दिन सूर्योदय के समय जगें और स्नान करना चाहिए भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने बैठकर एकादशी व्रत कथा का पाठ करना चाहिए दिन में भगवान विष्णु की पूजा के बाद रात्रि में…

गंगा दशहरा व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| गंगा दशहरा पूजा विधि || गंगा दशहरा का पर्व हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मनुष्य के शरीर, मन और वाणी से जुड़े दस प्रकार के पापों का नाश होता है। यदि गंगा नदी में…

संकटा माता व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| संकटा माता की पूजा विधि || पूजा सामग्री मिट्टी की 11 ढेरियाँ और गाय के गोबर की एक गौरी तैयार करें। पान के पत्ते। दो कलश (एक स्थापना के लिए और दूसरा पूजा के लिए)। दो घी के दीपक। फूल माला। सिंदूर और बिंदी। गुड़ और घी (अगियार के लिए)। इलाइची, लौंग और पान…

शीतला सप्तमी व्रत कथा

|| शीतला सप्तमी व्रत कथा || प्राचीन समय की बात है, एक वृद्धा और उसकी दो बहुओं ने श्रद्धा पूर्वक शीतला माता का व्रत रखा। लेकिन उनकी दोनों बहुएं सुबह उठकर ताजा भोजन बनाने लगीं, जबकि इस दिन बासी भोजन का भोग लगाने और ग्रहण करने की परंपरा होती है। जब वृद्धा को इस बात…

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा

|| Bhalachandra Sankashti Chaturthi Vrat Katha (भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा) || प्राचीन समय की बात है, जब राक्षसों के अत्याचार से देवता अत्यंत परेशान हो गए। सभी देवता मिलकर भगवान शिव के पास पहुंचे और अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने शिवजी से राक्षसों के आतंक से मुक्ति पाने का उपाय पूछा। उस समय भगवान शिव…

होलिका कथा एवं पूजा विधि

|| होलिका पूजा विधि || नारद पुराण के अनुसार होलिका दहन के अगले दिन (रंग वाली होली के दिन) प्रात: काल उठकर आवश्यक नित्यक्रिया से निवृत्त होकर पितरों और देवताओं के लिए तर्पण-पूजन करना चाहिए। साथ ही सभी दोषों की शांति के लिए होलिका की विभूति की वंदना कर उसे अपने शरीर में लगाना चाहिए।…

फाल्गुन पूर्णिमा व्रत कथा

|| फाल्गुन पूर्णिमा व्रत कथा (Falgun Purnima Vrat Katha) || हर वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा तिथि पर बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक स्वरूप होलिका दहन किया जाता है और होली का यह पावन पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन विष्णु एवं लक्ष्मी जी की पूजा, व्रत आदि का विशेष…

भौम प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

|| मंगल (भौम) प्रदोष व्रत कथा || एक नगर में एक वृद्धा निवास करती थी। उसके मंगलिया नामक एक पुत्र था। वृद्धा की हनुमान जी पर गहरी आस्था थी। वह प्रत्येक मंगलवार को नियमपूर्वक व्रत रखकर हनुमान जी की आराधना करती थी। उस दिन वह न तो घर लीपती थी और न ही मिट्टी खोदती…

आमलकी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ आमलकी एकादशी पूजा विधि ॥ आमलकी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें। आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु की तस्वीर एक चौकी पर स्थापित करें और उनकी विधिवत पूजा करें। श्री विष्णु को रोली, चंदन, अक्षत, फूल, धूप…

ఉండ్రాళ్ళ తద్దె

|| ఉండ్రాళ్ళ తద్దె – Undralla Taddi Katha || భాద్రపద బహుళ తదియ రోజున స్త్రీలు సద్గతులు పొందేందుకు ఆచరించే వ్రతమే ‘ఉండ్రాళ్ళ తద్ది’. భక్తి, విశ్వాసాలతో నిష్ఠగా ఆచరించిన వారికి సర్వాభీష్ట సిద్ధిని అందించే ఈ వ్రతానికి ‘మోదక తృతీయ’ అనే మరో పేరు కూడా ఉంది. ప్రత్యేకంగా ఉండ్రాళ్ళ నివేదనతో కూడిన వ్రతం కావడంతో, ‘తదియ’ అంటే మూడవ రోజు అని అర్థం, అందువల్ల ఇది ‘ఉండ్రాళ్ళ తద్ది’గా పిలువబడింది. ఈ వ్రతాన్ని…

माँ बगलामुखी पौराणिक कथा

|| माँ बगलामुखी पौराणिक कथा || एक बार सतयुग में महाविनाश उत्पन्न करने वाला ब्रह्मांडीय तूफान उत्पन्न हुआ, जिससे संपूर्ण विश्व नष्ट होने लगा इससे चारों ओर हाहाकार मच गया। संसार की रक्षा करना असंभव हो गया। यह तूफान सब कुछ नष्ट-भ्रष्ट करता हुआ आगे बढ़ता जा रहा था, जिसे देख कर भगवान विष्णु जी…

Shri Tulsi Vivah Vrat Katha And Vidhi

|| Tulsi Vivah Vidhi || First, decorate the mandap with sugarcane at the worship place. Adorn the Tulsi plant’s pot with vermilion and flowers. Start the Tulsi Vivah puja during the auspicious moment of the evening. Set up a clean wooden platform and spread a seat by sprinkling Ganga water on it during the worship….

गंगा सप्तमी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| गंगा सप्तमी पूजा विधि || गंगा सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठकर सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त हो जाएं। फिर गंगा नदी में स्नान करें और अगर नदी में संभव न हो तो गंगाजल (कहां करना चाहिए गंगाजल का इस्तेमाल) घर के पानी में मिलाएं। गंगा नदी में स्नान के समय सूर्य देव को…

बगलामुखी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| बगलामुखी व्रत पूजा विधि | | जातक सुबह नित्य कर्म और स्नान करने के बाद पूर्वमुखी होकर पीले रंग के वस्त्र धारण करें। माता को पीले आसान पर विराजमान करके, पूजा सामग्री एकत्रित करें। सामान्यजन इस दिन उपवास रखकर उन्हें पीले रंग के फूल, पीले रंग का चन्दन और पीले रंग के वस्त्र अर्पित…

સામા પાંચમ વ્રત કથા

|| સામા પાંચમ વ્રતની વિધિ || ઉપવાસ કરનારાએ સૂર્યોદય પહેલાં વહેલી સવારે ઉઠીને સ્નાન કરવું જોઈએ. સ્નાન પછી સ્વચ્છ વસ્ત્રો ધારણ કરવા. ઘરના પૂજા સ્થળને સારી રીતે સાફ કરવું. હળદરથી ચોરસ વર્તુળો બનાવી, તેના પર સાત ઋષિઓની પ્રતિષ્ઠા કરીને વ્રતનું સંકલ્પ કરવું. સાચા હૃદયથી સાત ઋષિઓની પૂજા કરવી. પૂજા સ્થળે માટીના વાસણની સ્થાપના કરવી. સપ્તર્ષિની…

श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा

|| श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा || एक बार ब्रह्मा जी के पास से वेदों को एक बहुत बड़े दैत्य हयग्रीव ने चुरा लिया। चारों ओर अज्ञानता का अंधकार फैल गया और पाप तथा अधर्म का बोल-बाला हो गया। तब भगवान ने धर्म की रक्षा के लिए मत्स्य रूप धारण करके उस दैत्य का…

मंगला गौरी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| मंगला गौरी व्रत पूजा विधि || श्रावण मास के मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें। नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा नए वस्त्र धारण कर व्रत करें। मां मंगला गौरी (पार्वती जी) का एक चित्र अथवा प्रतिमा लें। फिर निम्न मंत्र के साथ व्रत करने का संकल्प लें। ‘मम…

गणगौर तीज व्रत कथा और पूजा विधि

|| गणगौर पूजा विधि || गणगौर पूजा के दिन कन्याएं और विवाहित महिलाएं प्रातःकाल सुंदर परिधान धारण कर बाग-बगीचों से ताजा जल लोटों में भरकर लाती हैं। इस जल में हरी दूब और पुष्प सजाए जाते हैं, और महिलाएं गणगौर के पारंपरिक गीत गाते हुए घर लौटती हैं। इसके पश्चात शुद्ध मिट्टी से शिव स्वरूप…

दर्श अमावस्या व्रत कथा

|| दर्श अमावस्या व्रत कथा || हिन्दू कैलेंडर में नए चंद्रमा के दिन को अमावस्या कहा जाता है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि कई धार्मिक अनुष्ठान और कर्मकांड केवल अमावस्या तिथि पर ही संपन्न किए जाते हैं। जब अमावस्या सोमवार को आती है, तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता…

शिव पार्वती विवाह कथा

|| शिव पार्वती विवाह कथा || माता पार्वती ने राजा हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया। माता पार्वती भगवान शिव से विवाह करने की इच्छुक थीं। सभी देवता गण भी इसी मत के थे कि पर्वत राजकन्या पार्वती का विवाह शिव से होना चाहिए। देवताओं ने कन्दर्प को पार्वती की मद्द करने…

मकर संक्रांति धर्मराज की कहानी

|| मकर संक्रांति धर्मराज की कहानी || एक समय की बात है जब पृथ्वीलोक पर बबरुवाहन नामक एक राजा हुआ करता था। उनका राज्य बड़ा ही सुखद था, समृद्ध था एवं राजा भी बड़े दयालु थे। इसी राज्य में एक ब्राह्मण हरिदास भी निवास करता था। हरिदास एक तपस्वी था एवं उसका विवाह गुणवती से…

शिव पार्वती की अमरनाथ धाम कथा

|| शिव पार्वती की अमरनाथ धाम कथा || अमरनाथ धाम की कथा कुछ इस प्रकार से है की एक बार माता पार्वती ने महादेव से पूछा, ऐसा क्यों है कि आप अजर अमर हैं, लेकिन मुझे हर जन्म के बाद नए स्वरूप लेकर जीवन चक्र में आना पड़ता है, फिर बरसों तप करके आपको प्राप्त…

ಬೃಹಸ್ಪತಿ ವಾರ (ಗುರುವಾರ) ವ್ರತ ಕಥಾ

|| ಮಾರ್ಗಶಿರ ಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತ ಪೂಜಾ ಮತ್ತು ಕಥೆ ಸಹಿತ || ಇದು ಪ್ರಾಚೀನ ಕಾಲದ ವಿಷಯ. ದೊಡ್ಡ ಭವ್ಯ ಮತ್ತು ದಾನಶೀಲ ರಾಜನು ಒಂದು ರಾಜ್ಯವನ್ನು ಆಳುತ್ತಿದ್ದನು. ಪ್ರತಿ ಗುರುವಾರದಂದು ಉಪವಾಸವಿದ್ದು ದೀನದಲಿತರಿಗೆ ಸಹಾಯ ಮಾಡುತ್ತಾ ಪುಣ್ಯವನ್ನು ಪಡೆಯುತ್ತಿದ್ದನು, ಆದರೆ ಈ ವಿಷಯ ಅವನ ರಾಣಿಗೆ ಇಷ್ಟವಾಗಲಿಲ್ಲ. ಅವಳು ಉಪವಾಸ ಮಾಡಲಿಲ್ಲ ಅಥವಾ ರಾಜನಿಗೆ ದಾನ ಮಾಡಲು ಅವಕಾಶವನ್ನೂ ನೀಡಲಿಲ್ಲ. ಒಮ್ಮೆ ರಾಜ ಬೇಟೆಗೆ ಹೋಗಿದ್ದನು. ಆ ದಿನ, ಗುರು ಬೃಹಸ್ಪತಿ ದೇವನು ಸನ್ಯಾಸಿ ರೂಪದಲ್ಲಿ…

महाशिवरात्री व्रत कहाणी

॥ महाशिवरात्री व्रत कहाणी मराठी ॥ प्राचीन काळी एका जंगलात गुरुद्रुह नावाचा एक शिकारी राहत होता जो वन्य प्राण्यांची शिकार करून आपल्या कुटुंबाचा उदरनिर्वाह करत होता, शोध घेऊनही त्याला शिकार सापडली नाही, त्याची मुले, पत्नी आणि आई-वडील उपाशी राहतील, सूर्यास्ताच्या वेळी त्याला काळजी वाटू लागली. तो एका जलाशयाजवळ गेला आणि घाटाच्या कडेला एका झाडावर थोडं…

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

|| मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा || पूर्व काल में चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी। शिकारी…

महाशिवरात्रि व्रत की पौराणिक कथा

|| महाशिवरात्रि व्रत कथा || पूर्व काल में चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी। शिकारी ध्यानमग्न…

फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा

|| फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा || फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था, जिसमें पति-पत्नी और उनकी एक कन्या थी। उनका जीवन सामान्य रूप से चल रहा था। जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनकी बेटी बड़ी होने लगी और उसमें स्त्रियों के गुणों का विकास हुआ। वह सुंदर, सुशील और…

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ और श्रवण…

दशामाता व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| दशा माता व्रत पूजा विधि || – दशा माता के पूजन के लिए आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. सुबह स्नान आदि के बाद व्रत और पूजा का संकल्प लें. – दशा व्रत के दिन आपको पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का स्वरूप मानकर पूजा करनी चाहिए. आपको कच्चे सूत में 10…

बसौड़ा व्रत कथा (शीतला अष्टमी)

।। बसौड़ा (शीतला अष्टमी) व्रत कथा ।। एक बार शीतला माता ने सोचा कि चलो आज देखूं कि धरती पर मेरी पूजा कौन करता है, कौन मुझे मानता है। यही सोचकर शीतला माता धरती पर राजस्थान के डुंगरी गाँव में आईं और देखा कि इस गाँव में मेरा मंदिर नहीं है, और ना ही मेरी…

फुलेरा दूज व्रत कथा

|| फुलेरा दूज व्रत कथा || फाल्गुन मास में कई ऐसे त्यौहार आते हैं जो हमारी धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर को एक बार फिर से ताज़ा करते हैं। उन्हीं में से एक पावन पर्व है ‘फुलेरा दूज’। ये त्यौहार वसंत पंचमी और होली के बीच आता है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण…

टेसू झेंजी विवाह की पौराणिक कथा

।। टेसू झेंजी विवाह की पौराणिक कथा ।। एक वरदान के अनुसार, सबसे पहिले टेसू का विवाह होगा, फिर उसके बाद ही कोई विवाह उत्सव की प्रक्रिया प्रारंभ कर सकेगा। मान्यता के अनुसार, भीम के पुत्र घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक को महाभारत का युद्ध मे आते समय झेंजी से प्रेम हो गया। उन्होंने युद्ध से…

पंगुनी उथिराम कथा

।। पंगुनी उथिराम कथा ।। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब उथिराम नक्षत्र पूर्णिमा के साथ आता है, तो तमिल भाषी हिंदूओं द्वारा यह त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार इन क्षेत्रों में काफी महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान मुरुगन (सुब्रमण्यम) के साथ भगवान इंद्र की बेटी देवसेना या देवनाई…

कुंभ संक्रांति कथा एवं पूजा विधि

|| कुंभ संक्रांति की पूजा विधि || कुंभ संक्रांति एक पवित्र और शुभ अवसर है, जो सूर्य के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व होता है। पूजा विधि इस प्रकार है: कुंभ संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करें। स्नान…

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