सकट चौथ व्रत कथा और पूजा विधि

।। सकट चौथ व्रत पूजा विधि ।। सुबह स्नान ध्यान करके भगवान गणेश की पूजा करें। इसके बाद सूर्यास्त के बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। गणेश जी की मूर्ति के पास एक कलश में जल भर कर रखें। धूप-दीप, नैवेद्य, तिल, लड्डू, शकरकंद, अमरूद, गुड़ और घी अर्पित करें। तिलकूट का बकरा भी कहीं-कहीं…

लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा

|| लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा || सतयुग में हरिश्चंद्र नामक एक प्रतापी राजा थे, जो अत्यंत सरल और सत्यनिष्ठ स्वभाव के थे। उनके शासन काल में अधर्म का कोई अस्तित्व नहीं था। उनके राज्य में न कोई अपाहिज था, न दरिद्र, न ही दुखी। उसी राज्य में ऋषिशर्मा नामक एक तपस्वी ब्राह्मण रहते थे।…

दर्श अमावस्या व्रत कथा

|| दर्श अमावस्या व्रत कथा || हिन्दू कैलेंडर में नए चंद्रमा के दिन को अमावस्या कहा जाता है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि कई धार्मिक अनुष्ठान और कर्मकांड केवल अमावस्या तिथि पर ही संपन्न किए जाते हैं। जब अमावस्या सोमवार को आती है, तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता…

पौष अमावस्या व्रत कथा

|| पौष अमावस्या व्रत कथा || पौष अमावस्या से जुड़ी एक प्राचीन कथा है जो एक निर्धन ब्राह्मण परिवार की कहानी को दर्शाती है। इस परिवार में पति-पत्नी और उनकी एक सुंदर और गुणवान पुत्री रहती थी। समय के साथ बेटी बड़ी होने लगी और उसमें सभी अच्छे गुण विकसित हो गए। हालांकि, गरीबी के…

सोमवती अमावस्या व्रत कथा

|| सोमवती अमावस्या व्रत कथा || सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था जिसमें पति, पत्नी और उनकी एक पुत्री थी। उनकी पुत्री समय के साथ-साथ बड़ी होने लगी और उसमें सभी स्त्रियोचित सगुणों का विकास होने लगा। वह सुंदर, संस्कारी और गुणवान थी, लेकिन गरीबी के कारण उसका विवाह नहीं…

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

|| मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा || धार्मिक पौराणिक कथा के अनुसार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि…

शनि प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

।। शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि ।। प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े धारण करें। भगवान शंकर और माता पार्वती को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं। अब भगवान को बेल पत्र, गंध, अक्षत , फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग व इलायची अर्पित…

सफला एकादशी व्रत कथा एवं पूजा विधि

॥ सफला एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ सफला एकादशी व्रत के प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहन लें, संभव हो तो पीला कपड़ा पहनें। इसके बाद हाथ में जल लेकर सफला एकादशी व्रत, भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें। अब पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित…

श्री काल भैरव अष्टमी व्रत कथा

|| काल भैरव की पूजा विधि || इस दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठ कर नित्य-क्रिया आदि कर स्वच्छ हो जाएं। एक लकड़ी के पाट पर सबसे पहले शिव और पार्वतीजी के चित्र को स्थापित करें। फिर काल भैरव के चित्र को स्थापित करें। जल का छिड़काव करने के बाद सभी को गुलाब के फूलों का…

भानु सप्तमी व्रत कथा व पूजा विधि

।। भानु सप्तमी व्रत पूजा विधि ।। सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और उसके बाद तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें लाल चन्दन, चावल, लाल फूल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। जल चढ़ाते समय सूर्य के वरूण रूप को प्रणाम करते हुए ऊं रवये नम: मंत्र का जाप करें। अंत में…

संतोषी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। संतोषी माता व्रत कथा ।। एक बुढ़िया थी, उसके सात बेटे थे। 6 कमाने वाले थे जबकि एक निक्कमा था। बुढ़िया छहों बेटों की रसोई बनाती, भोजन कराती और उनसे जो कुछ जूठन बचती वह सातवें को दे देती। एक दिन वह पत्नी से बोला- देखो मेरी माँ को मुझ पर कितना प्रेम है।…

वैभव लक्ष्मी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| वैभव लक्ष्मी व्रत पूजा विधि || वैभव लक्ष्मी व्रत को शाम के समय करना अत्यंत शुभ और लाभकारी माना जाता है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें: शाम के समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मंदिर या घर की साफ-सुथरी जगह पर एक चौकी रखें और उस…

श्री बृहस्पतिदेव की कथा

॥ बृहस्पतिदेव की कथा॥ प्राचीन काल में एक ब्राह्‌मण रहता था, वह बहुत निर्धन था। उसके कोई सन्तान नहीं थी। उसकी स्त्री बहुत मलीनता के साथ रहती थी। वह स्नान न करती, किसी देवता का पूजन न करती, इससे ब्राह्‌मण देवता बड़े दुःखी थे। बेचारे बहुत कुछ कहते थे किन्तु उसका कुछ परिणाम न निकला।…

बुधवार व्रत कथा

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित किया गया है। ऐसी मान्यता है जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से विघ्नहर्ता गणपति जी की उपासना और उपवास करता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति आती है। इस व्रत…

हनुमान जी की व्रत कथा

|| मंगलवार व्रत विधि || सर्व प्रकार के सुख, रक्त विकार, राज्य में सम्मान और पुत्र प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत अत्यंत उत्तम माना गया है। इस व्रत में केवल गेहूं और गुड़ का ही भोजन करना चाहिए। भोजन दिन या रात में केवल एक बार ही ग्रहण करना उचित है। व्रत को 21…

अखुरठा संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा

|| अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा || संकष्टी चतुर्थी से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव और पार्वती ने चौसर खेलने का निर्णय लिया। हालांकि, खेल की निगरानी करने वाला कोई नहीं था, इसलिए भगवान शिव ने अपनी शक्तियों से एक छोटे लड़के को उत्पन्न किया और उसे रेफरी बनने के लिए कहा।…

अन्नपूर्णा माता व्रत कथा

|| अन्नपूर्णा माता व्रत कथा || एक समय की बात है, काशी निवासी धनंजय की पत्नी सुलक्षणा थी। उसे सभी सुख प्राप्त थे, केवल निर्धनता ही उसके दुःख का एकमात्र कारण थी। यह दुःख उसे हर समय सताता रहता था। एक दिन सुलक्षणा ने अपने पति से कहा, “स्वामी! आप कुछ उद्यम करो तो काम…

कुंभ संक्रांति कथा एवं पूजा विधि

|| कुंभ संक्रांति की पूजा विधि || कुंभ संक्रांति एक पवित्र और शुभ अवसर है, जो सूर्य के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व होता है। पूजा विधि इस प्रकार है: कुंभ संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करें। स्नान…

भगवान दत्तात्रेय जन्म कथा

|| भगवान दत्तात्रेय जन्म कथा || भगवान को जब अपने भक्तों का यश बढ़ाना होता है, तो वे नाना प्रकार की लीलाएँ करते हैं। श्री लक्ष्मी जी, माता सती और देवी सरस्वती जी को अपने पतिव्रत का बड़ा अभिमान था। तीनों देवियों के अभिमान को नष्ट करने तथा अपनी परम भक्तिनी पतिव्रता धर्मचारिणी अनसूया के…

श्री रोहिणी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| रोहिणी व्रत कथा || प्राचीन कथा के अनुसार चंपापुरी राज्य में राजा माधवा, और रानी लक्ष्मीपति का राज्य था। उनके सात बेटे और एक बेटी थी। एक बार राजा ने बेटी रोहिणी के बारे में ज्योतिषी से जानकारी ली तो उसने बताया कि रोहिणी का विवाह हस्तिनापुर के राजकुमार अशोक के साथ होगा। इस…

थाईपुसम पौराणिक कथा

|| थाईपुसम पौराणिक कथा || थाईपूसम एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे मुख्य रूप से तमिल समुदाय के लोग बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। यह त्योहार तमिल सौर मास थाई (जनवरी-फरवरी) में पूर्णिमा के दिन आता है। अन्य हिंदू कैलेंडर में इस माह को सौर मास मकर के नाम से जाना जाता…

भीष्म अष्टमी व्रत कथा

|| भीष्म अष्टमी व्रत कथा || भीष्म पितामह का वास्तविक नाम देवव्रत था। वे हस्तिनापुर के राजा शांतनु और उनकी पटरानी गंगा के पुत्र थे। एक बार राजा शांतनु शिकार करते हुए गंगा तट के पार चले गए। लौटते समय उनकी भेंट हरिदास केवट की पुत्री मत्स्यगंधा (सत्यवती) से हुई। सत्यवती असाधारण रूपवती थी, और…

रथ सप्तमी (अचला सप्तमी) व्रत कथा

|| रथ सप्तमी की व्रत कथा || रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव, जो आरोग्य के देवता हैं, की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र सांब ने दुर्वासा ऋषि के श्राप से मुक्ति पाने के लिए इस दिन सूर्य देव की आराधना की थी। इस पर्व को अचला…

कूर्म द्वादशी की पौराणिक कथा और पूजा विधि

|| कूर्म द्वादशी पौराणिक कथा || पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवराज इंद्र ने अहंकार में आकर दुर्वासा ऋषि द्वारा दी गई बहुमूल्य माला का अपमान कर दिया। इससे क्रोधित होकर दुर्वासा ऋषि ने इंद्र को श्राप दिया कि वे अपनी सारी शक्तियां और बल खो देंगे। इस श्राप का प्रभाव समस्त देवताओं पर…

सूर्य धनु संक्रांति की कथा (खरमास की कथा)

|| सूर्य धनु संक्रांति की कथा (खरमास की कथा) || ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्यदेव गुरु की राशि धनु या मीन में स्थित होते हैं, तो उस समय को खरमास कहा जाता है। “खर” का अर्थ गधा होता है, और इस समय सूर्यदेव की गति धीमी हो जाती है। आइए, इस संदर्भ में पौराणिक कथा…

मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत कथा

|| मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत कथा || पूर्णिमा व्रत कथा के अनुसार, द्वापर युग में माता यशोदा ने अपने पुत्र श्रीकृष्ण से कहा, “हे कृष्ण! तुम सृष्टि के रचयिता और पालनहार हो। कृपया मुझे ऐसा उपाय बताओ, जिससे स्त्रियों को सौभाग्य प्राप्त हो और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएं।” तब श्रीकृष्ण ने कहा, “हे माता!…

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ और श्रवण…

चंपा षष्ठी की पौराणिक कथा

|| चंपा षष्ठी की पौराणिक कथा || चंपा षष्ठी का पर्व भगवान शिव के कार्तिकेय (मुरुगन) स्वरूप को समर्पित है। यह पर्व मुख्य रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक और दक्षिण भारत के कुछ भागों में मनाया जाता है। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह पर्व आता है। इसे भगवान शिव और उनके…

विवाह पंचमी की कथा

|| विवाह पंचमी की कथा || विवाह पंचमी का पर्व हिन्दू धर्म में एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह पर्व मार्गशीर्ष (अगहन) मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विशेष रूप से मनाया जाता है। यह कथा त्रेतायुग की उस महत्वपूर्ण घटना…

श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा

।। श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा ।। एक बार ब्रह्मा जी के पास से वेदों को एक बहुत बड़े दैत्य हयग्रीव ने चुरा लिया। चारों ओर अज्ञानता का अंधकार फैल गया और पाप तथा अधर्म का बोल-बाला हो गया। तब भगवान ने धर्म की रक्षा के लिए मत्स्य रूप धारण करके उस दैत्य का…

शाकम्भरी देवी की कथा

|| शाकम्भरी देवी की कथा || प्राचीन काल में दुर्गम नाम का एक शक्तिशाली और अहंकारी दैत्य था। उसके पिता महादैत्य रूरू थे। एक दिन दुर्गम ने सोचा, “देवताओं की शक्ति और उनकी सत्ता वेदों में निहित है। यदि वेदों को नष्ट कर दिया जाए, तो देवताओं का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।” इस विचार के…

स्यमंतक मणि कथा

|| स्यमंतक मणि कथा || एक बार जरासंध के बार-बार आक्रमण से तंग आकर श्रीकृष्ण ने मथुरा छोड़ समुद्र के मध्य एक नई नगरी बसाई, जिसे द्वारिकापुरी के नाम से जाना जाता है। इसी नगरी में सत्राजित नामक व्यक्ति ने सूर्यनारायण की कठोर तपस्या की। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर भगवान सूर्य ने उन्हें स्यमन्तक…

फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा

|| फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा || फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था, जिसमें पति-पत्नी और उनकी एक कन्या थी। उनका जीवन सामान्य रूप से चल रहा था। जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनकी बेटी बड़ी होने लगी और उसमें स्त्रियों के गुणों का विकास हुआ। वह सुंदर, सुशील और…

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा

|| मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा || पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में असुर दंभ को महिषासुर नाम का एक पुत्र हुआ। महिषासुर में बचपन से ही अमर होने की प्रबल इच्छा थी। इस इच्छा को पूरा करने के लिए उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या शुरू की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी…

मोक्षदा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ मोक्षदा एकादशी पूजा विधि ॥ इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं। फिर मंदिर और घर को अच्छे से साफ करें। पूरे घर में गंगाजल छिड़क लें। स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें। विष्णु जी को गंगाजल से स्नान कराएं। फिर उन्हें रोली, चंदन, अक्षत आदि अर्पित करें। सबसे पहले भगवान गणेश की…

श्री महालक्ष्मी व्रताची कथा (मार्गशीर्ष गुरुवारची व्रत कथा)

गुरुवारची मार्गशीर्ष व्रत कथा (श्रीमहालक्ष्मी-व्रताची कथा) तेथे एक राजा राज्य करीत होता. त्याचे भद्रश्रवा. तो शूर होता, दयाळू होता प्रजादक्ष होता. चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे यांचे ज्ञान त्याला होते. अशा त्या राजाच्या राणीचे नाव होते सुरतचंद्रिका. राणी रूपाने सुंदर होती, सुलक्षणी होती आणि पतिनिष्ठ होती. त्यांना एकून आठ अपत्ये होती. सात पुत्र आणि…

मार्गशीर्ष महालक्ष्मी व्रत कथा व पूजा विधि (मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत कथा)

।। मार्गशीर्ष महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि ।। यह व्रत करने वाले स्त्री तथा पुरुष दोनों मन से स्वस्थ एवं आनंदमय होने चाहिये। इस व्रत को किसी भी महीने के प्रथम गुरुवार (बृहस्पति वार) से शुरु कर सकते हैं। विधि नियम अनुसार हर गुरुवार को महालक्ष्मी व्रत करे। श्री महालक्ष्मी की व्रतकथा को पढ़ें लगातार आठ…

गुरु प्रदोष व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि || सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें। अब भगवान शिव की धूप व आरती करें। भगवान शंकर को भोग लगाएं। फिर शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की आरती करें। || गुरु प्रदोष व्रत के लाभ ||…

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि ॥ ये व्रत दो प्रकार से रखा जाता है एक तो निर्जला दूसरा फल ग्रहण करके। व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु को अक्षत, दीपक, नैवेद्य आदि सोलह सामग्री से विधि विधान पूजा करें। एकादशी के दिन पीपल के…

मकर संक्रांति व्रत कथा व पूजा विधि

।। मकर संक्रांति पूजा विधि ।। मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य देव की पूजन का विशेष महत्व होता है। मकर संक्रांति के दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान के जल में तिल मिलाकर स्नान करें। तत्पश्चात लाल वस्त्र धरण करें तथा दाहिने हाथ में जल लेकर पूरे दिन बिना नमक खाए व्रत करने…

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी (मार्गशीर्ष संकष्टी गणेश चतुर्थी) व्रत कथा

|| मार्गशीर्ष (गणाधिप) संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || एक बार माता पार्वती ने भगवान गणेश से पूछा, “हे गणेश! मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकटा चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। उस दिन किस प्रकार से आपकी पूजा की जानी चाहिए?” भगवान गणेश ने कहा, “हे मां! मार्गशीर्ष माह की…

മാസിക കാർതിഗാഈ വ്രത കഥാ

|| കാർതിഗാഈ വ്രത കഥാ || കാർതിഗാഈ ദീപമ കാ ത്യോഹാര ദക്ഷിണ ഭാരത കേ തമിലനാഡു, കേരല ഔര ആന്ധ്ര പ്രദേശ രാജ്യോം മേം ബഡേ ധൂമധാമ സേ മനായാ ജാതാ ഹൈ. യഹ ത്യോഹാര ഭഗവാന ശിവ കീ പൂജാ കോ സമർപിത ഹൈ ഔര ദീപോം കേ പ്രജ്വലന ദ്വാരാ അന്ധകാര പര പ്രകാശ കീ വിജയ കാ പ്രതീക ഹൈ. കാർതിഗാഈ ദീപമ കീ കഥാ ഭഗവാന മുരുഗന (ജിൻഹേം കാർതികേയ…

మాసిక కార్తిగాఈ వ్రత కథా

|| కార్తిగాఈ వ్రత కథా || కార్తిగాఈ దీపమ కా త్యోహార దక్షిణ భారత కే తమిలనాడు, కేరల ఔర ఆంధ్ర ప్రదేశ రాజ్యోం మేం బడే ధూమధామ సే మనాయా జాతా హై. యహ త్యోహార భగవాన శివ కీ పూజా కో సమర్పిత హై ఔర దీపోం కే ప్రజ్వలన ద్వారా అంధకార పర ప్రకాశ కీ విజయ కా ప్రతీక హై. కార్తిగాఈ దీపమ కీ కథా భగవాన మురుగన (జిన్హేం కార్తికేయ…

மாஸிக கார்திகா³ஈ வ்ரத கதா²

|| கார்திகா³ஈ வ்ரத கதா² || கார்திகா³ஈ தீ³பம கா த்யோஹார த³க்ஷிண பா⁴ரத கே தமிலனாடு³, கேரல ஔர ஆந்த்⁴ர ப்ரதே³ஶ ராஜ்யோம்ʼ மேம்ʼ ப³ஃடே² தூ⁴மதா⁴ம ஸே மனாயா ஜாதா ஹை. யஹ த்யோஹார ப⁴க³வான ஶிவ கீ பூஜா கோ ஸமர்பித ஹை ஔர தீ³போம்ʼ கே ப்ரஜ்வலன த்³வாரா அந்த⁴கார பர ப்ரகாஶ கீ விஜய கா ப்ரதீக ஹை. கார்திகா³ஈ தீ³பம கீ கதா² ப⁴க³வான முருக³ன (ஜின்ஹேம்ʼ கார்திகேய…

मासिक कार्तिगाई व्रत कथा

|| कार्तिगाई व्रत कथा || कार्तिगाई दीपम का त्योहार दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव की पूजा को समर्पित है और दीपों के प्रज्वलन द्वारा अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। कार्तिगाई दीपम की कथा भगवान मुरुगन (जिन्हें कार्तिकेय…

विश्वेश्वर व्रत कथा और व्रत की पूजा विधि

विश्वेश्वर व्रत की पूजा विधि इस दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान आदि दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव के मंदिर जाएं और शिवलिंग पर जल, दूध, मिठाई और फल अर्पित करें। भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करें और पूरे दिन उपवास…

बैकुंठ चतुर्दशीच्या कथा

|| बैकुंठ चतुर्दशीच्या कथा || एकदा भगवान विष्णू काशीला भगवान शिवाची पूजा करण्यासाठी आले. त्यांनी मणिकर्णिका घाटावर स्नान केलं आणि 1000 सुवर्ण कमळाच्या फुलांनी भगवान विश्वनाथाची पूजा करण्याचं ठरवलं. अभिषेकानंतर पूजा सुरू केली, तेव्हा भगवान शिवांनी त्यांच्या भक्तीची परीक्षा घेण्यासाठी एक फूल कमी केलं. भगवान विष्णूला 1000 कमळाची फुलं अर्पण करायची होती. फुलं कमी असल्याचं…

वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रचलित पौराणिक कथा

।। वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रचलित पौराणिक कथा ।। पौराणिक मतानुसार एक बार भगवान विष्णु देवाधिदेव महादेव का पूजन करने के लिए काशी आए। वहाँ मणिकर्णिका घाट पर स्नान करके उन्होंने एक हजार कमल पुष्पों से भगवान विश्वनाथ के पूजन का संकल्प किया। अभिषेक के बाद जब वे पूजन करने लगे तो शिवजी ने उनकी भक्ति की…