शुक्रवारची जिवतीची कहाणी

|| शुक्रवारची जिवतीची कहाणी (Shukravarachi Jivtichi Kahani PDF) || ऐका, शुक्रवारा, तुमची कहाणी. आटपाट नगर होतं. तिथे एक राजा राज्य करत होता. त्याला मुलगा नव्हता. तेव्हा राणीने एका सुईणीला बोलावून आणलं आणि म्हणाली, “अगं, सुईणी, मला नाळेसहित एक मुलगा गुपचुप आणून दे. मी तुला खूप द्रव्य देईन!” सुईणीने ही गोष्ट मान्य केली आणि ती त्या…

शुक्र प्रदोष व्रत कथा

|| शुक्र प्रदोष व्रत कथा (Shukra Pradosh Vrat Katha PDF) || शुक्र प्रदोष व्रत की कथा इस प्रकार है, प्राचीन काल में एक नगर में तीन मित्र रहते थे – राजकुमार, ब्राह्मण कुमार और धनिक पुत्र। राजकुमार और ब्राह्मण कुमार विवाहित थे, जबकि धनिक पुत्र का विवाह हो चुका था, लेकिन गौना बाकी था। एक दिन…

रोहिणी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| रोहिणी व्रत कथा (Rohini Vrat Katha PDF) || प्राचीन कथा के अनुसार चंपापुरी राज्य में राजा माधवा, और रानी लक्ष्मीपति का राज्य था। उनके सात बेटे और एक बेटी थी। एक बार राजा ने बेटी रोहिणी के बारे में ज्योतिषी से जानकारी ली तो उसने बताया कि रोहिणी का विवाह हस्तिनापुर के राजकुमार अशोक…

मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत कथा

मार्गशीर्ष पूर्णिमा की कथा मुख्य रूप से महर्षि अत्रि और उनकी पत्नी माता अनुसूया के पावन चरित्र से जुड़ी है। माता अनुसूया के महान सतीत्व और तपस्या से प्रभावित होकर, एक बार ब्रह्मा, विष्णु और महेश (त्रिदेव) भिक्षुकों के रूप में उनके आश्रम पहुँचे। त्रिदेव ने अनुसूया से एक कठिन शर्त रखी कि वे उन्हें…

भौम प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

भौम प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा पाने के लिए रखा जाता है, जब प्रदोष तिथि मंगलवार को पड़ती है। ‘भौम’ का अर्थ है मंगल और ‘प्रदोष’ सूर्यास्त के बाद की तीन मुहूर्त और रात्रि के प्रारंभ की तीन मुहूर्त का समय होता है। यह व्रत विशेष रूप से ऋण मुक्ति, रोग निवारण और भूमि…

श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा

भगवान विष्णु के दस अवतारों में मत्स्य अवतार उनका प्रथम अवतार है। इसकी कथा महाप्रलय और वेदों की रक्षा से जुड़ी है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब हयग्रीव नामक दैत्य ने वेदों को चुराकर सागर में छिपा दिया, तब ज्ञान के अभाव में संसार में अधर्म फैलने लगा। उसी समय, पृथ्वी पर जल प्रलय का समय…

मोक्षदा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष (अगहन) मास के शुक्ल पक्ष में आती है और इसे वर्ष की सबसे पवित्र एकादशियों में से एक माना जाता है। ‘मोक्षदा’ का अर्थ है मोक्ष प्रदान करने वाली। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और उपवास करने से न केवल स्वयं के पापों का नाश होता है, बल्कि पितरों को भी…

विवाह पंचमी की कथा

विवाह पंचमी का पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान राम और माता सीता के विवाह की पवित्र तिथि के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसकी कथा त्रेतायुग से जुड़ी है, जब महाराजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के लिए शिव धनुष को तोड़ने की शर्त रखी…

नाग पंचमी कथा (राजा जनमेजय और नाग यज्ञ की कथा)

नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है और उन्हें दूध चढ़ाया जाता है। इस त्योहार से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं, जिनमें से एक प्रमुख कथा इस प्रकार है: नाग पंचमी की पौराणिक कथा (राजा जनमेजय और…

नाग पंचमी पौराणिक कथा

|| नाग पंचमी पौराणिक कथा (Nag Panchami Pauranik Katha PDF) || प्राचीन समय की बात है. एक सेठजी के सात बेटे थे और उन सभी की शादी हो चुकी थी. सबसे छोटे बेटे की पत्नी बहुत ही संस्कारी, पढ़ी-लिखी और नेक स्वभाव की थी, लेकिन उसका कोई भाई नहीं था. एक दिन, बड़ी बहू ने…

रविवार व्रत कथा एवं पूजा विधि

रविवार व्रत कथा सूर्य देव की महिमा बताती है। यह कथा एक गरीब बुढ़िया से शुरू होती है, जो नियमित रूप से रविवार का व्रत रखती थी और सूर्य देव की पूजा करती थी। व्रत के प्रभाव से उसके घर में सुख-शांति और धन-धान्य की वृद्धि होने लगी। एक बार, पड़ोसी ने ईर्ष्यावश उसकी गाय…

चंद्र दर्शन व्रत कथा – चंद्र दर्शन व्रत विधि – चंद्र दर्शन का महत्व

हिंदू धर्म में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। अमावस्या के बाद जब पहली बार चंद्रमा के दर्शन होते हैं, उसे ‘चंद्र दर्शन’ कहा जाता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा और व्रत करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। खासकर जो लोग अपनी कुंडली में चंद्रमा की कमजोर स्थिति से परेशान हैं, उनके…

हनुमान जी की व्रत कथा

हनुमान जी की व्रत कथा का विशेष महत्व है, जिसे मंगलवार या शनिवार के दिन श्रद्धापूर्वक सुना या पढ़ा जाता है। यह व्रत रामभक्त हनुमान जी को समर्पित है। कथा के अनुसार, एक ब्राह्मण महिला संतान प्राप्ति और सौभाग्य की कामना से यह व्रत रखती थी। व्रत के दौरान वह मंगलवार को उपवास करती और कथा…

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

प्राचीन कथा के अनुसार, चित्रभानु नामक एक शिकारी था, जो कर्जदार होने के कारण साहूकार द्वारा शिव मठ में बंदी बना लिया गया था। संयोग से, उस दिन शिवरात्रि थी और शिकारी ने अनजाने में ही व्रत का पालन किया। जंगल में शिकार की तलाश में वह एक बेल के पेड़ पर चढ़ा। रात को…

कृच्छ्र चतुर्थी व्रत की सम्पूर्ण कथा

कृच्छ्र चतुर्थी व्रत, जिसे संकष्टी चतुर्थी या माघी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत माघ (जनवरी-फरवरी) महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन के संकट (कष्ट) दूर होते…

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। यह वह महत्वपूर्ण दिन है जब एकादशी देवी का प्राकट्य हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी एकादशी ने मुर नामक भयंकर राक्षस का वध किया था, जिसने देवताओं को त्रस्त कर रखा था। इस दिन, भक्तजन भगवान विष्णु की विधिवत…

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी (मार्गशीर्ष संकष्टी गणेश चतुर्थी) व्रत कथा

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी, मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को मनाई जाती है। साल 2025 में यह पावन व्रत शनिवार, 8 नवंबर को पड़ेगा। इस दिन भगवान गणेश के गणाधिप स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह…

मार्गशीर्ष महालक्ष्मी व्रत कथा व पूजा विधि (मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत कथा)

मार्गशीर्ष (अगहन) महीने के गुरुवार को महालक्ष्मी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत की कथा में एक गरीब और धर्मपरायण स्त्री का वर्णन है, जो अत्यंत निर्धनता में जीवन जीती थी। एक दिन, स्वयं देवी महालक्ष्मी ने बूढ़ी स्त्री का रूप धारण करके उसे यह व्रत-विधि बताई। उस स्त्री ने पूर्ण श्रद्धा और भक्ति…

श्री महालक्ष्मी व्रताची कथा (मार्गशीर्ष गुरुवारची व्रत कथा)

श्री महालक्ष्मी व्रताची कथा मार्गशीर्ष महिन्यातील गुरुवारी सांगितली जाते. ही कथा देवी लक्ष्मीच्या कृपेचे महत्त्व सांगते. एका गरीब ब्राह्मणीने हे व्रत श्रद्धेने केले आणि तिला देवी महालक्ष्मीचा आशीर्वाद मिळाला. कथेनुसार, एकदा लक्ष्मी देवीने एका म्हाताऱ्या स्त्रीचे रूप घेऊन राजाच्या महालात प्रवेश करण्याचा प्रयत्न केला, पण राणीने तिचा अपमान केला. मात्र, राजकन्या शामबालेने म्हातारीला (जी प्रत्यक्ष…

मार्गशीर्ष अमावस्या व्रत कथा

मार्गशीर्ष अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इसे ‘अगहन अमावस्या’ के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन पितरों के तर्पण, स्नान और दान-धर्म के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजन करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। || मार्गशीर्ष अमावस्या…

कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा

कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र तिथि है। इस दिन व्रत और पूजा का विशेष महत्व है। लोग इस व्रत और कथा को पढ़ने के लिए अक्सर “कार्तिक पूर्णिमा व्रत PDF” की तलाश करते हैं। यह PDF सामग्री में व्रत की विधि, कथा और महत्व शामिल होते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में…

वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रचलित पौराणिक कथा

प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु ने एक हजार कमल के पुष्पों से भगवान शिव की पूजा का संकल्प लिया। पूजा के दौरान शिवजी ने विष्णु की भक्ति परखने के लिए एक कमल कम कर दिया। कमल कम देखकर, भगवान विष्णु ने अपने कमल-समान नेत्र को शिवजी को अर्पित करने का निश्चय…

विश्वेश्वर व्रत कथा और व्रत की पूजा विधि

विश्वेश्वर व्रत भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत पवित्र व्रत है। इसकी कथा प्राचीन काल के कुंडा राजा से जुड़ी है, जो बहुत बड़े शिव भक्त थे। एक बार एक ऋषि ने राजा के राज्य में पवित्र नदी और मंदिर की कमी बताई। इससे दुखी होकर राजा ने राजपाट त्याग दिया और गंगा किनारे जाकर…

सोम प्रदोष व्रत कथा

सोम प्रदोष व्रत की कथा एक विधवा ब्राह्मणी और उसके पुत्र से जुड़ी है। पति के देहांत के बाद वह भिक्षा मांगकर गुजारा करती थी। एक दिन, उन्हें घायल अवस्था में विदर्भ का राजकुमार मिला, जिसकी सेवा ब्राह्मणी ने दयापूर्वक की। ब्राह्मणी सोम प्रदोष व्रत पूरी श्रद्धा से रखती थी। इस व्रत के पुण्य प्रभाव…

जाग उठेगें श्री हरि! देवउठनी एकादशी की कथा और सम्पूर्ण पूजा विधि

देव प्रबोधिनी एकादशी

हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह एकादशी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं और चातुर्मास समाप्त होता है और मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने…

आंवला नवमी (अक्षय नवमी) की व्रत कथा व पूजा विधि

आंवला नवमी, जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। ‘अक्षय’ का अर्थ है जिसका कभी क्षरण न हो, इसलिए इस दिन किए गए पुण्य और दान का फल अक्षय होता है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि…

श्री गोपाष्टमी व्रत कथा एवं पूजा विधि

श्री गोपाष्टमी व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व गौ माता की पूजा और सेवा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने 6 वर्ष की आयु में पहली बार गौ चारण (गायों को चराना) शुरू किया था। इस दिन गाय और उनके बछड़े…

श्री तुलसी विवाह व्रत कथा एवं विवाह विधि

देखिए, श्री तुलसी विवाह व्रत कथा बड़ी पवित्र और महत्वपूर्ण है। ये कथा है वृंदा नाम की एक परम पतिव्रता स्त्री की, जिसके पति जालंधर को उसकी भक्ति के कारण कोई हरा नहीं सकता था। देवताओं की विनती पर, भगवान विष्णु ने छल से जालंधर का रूप धारण कर वृंदा का पतिव्रत धर्म भंग कर दिया,…

छठ पूजा व्रत कथा और पूजा विधि (छठ पूजा 2025 का कार्यक्रम)

|| छठ पूजा 2025 का कार्यक्रम || छठ पूजा 2025 की तारीखेंः नहाय खाय – 27 अक्टूबर 2025, सोमवार सूर्योदय: 06:39 AM सूर्यास्त: 05:41 PM खरना – 28 अक्टूबर 2025, मंगलवार सूर्योदय: 06:39 AM सूर्यास्त: 05:26 PM संध्या अर्घ्य – 29 अक्टूबर 2025, बुधवार सूर्यास्त: 05:29 PM उषा अर्घ्य – 30 अक्टूबर 2025, बृहस्पतिवार सूर्योदय:…

సత్యనారాయణ స్వామి కథ

|| శ్రీ సత్యనారాయణ స్వామి వ్రత కథ (Satyanarayana Swamy Katha Telugu PDF) || పూర్వము ఒకనాడు శ్రీకరంబైన నైమిశారణ్యమునందు పురాణాలను చెప్పుటలో విశేషప్రఙ్ఞకలవాడైన శ్రీసూతమహర్షిని, శౌనకాది మహామునులు కొందరు చేరి ఇట్లడిగిరి. ఓ పౌరాణిక బ్రహ్మా! సూతమహర్షి! మానవులు ఏవ్రతము చేసిన కోరిన కోరికలు ఫలించి ఇహ, పరలోకసిద్దిని పొందెదరో, ఏ తపస్సు చేసిన లబ్దిపొందెదరో మాకు సవివరముగా అంతయు విన్నవించండి. అని అడిగారు. అదివిన్న సూతుడు ఓ మునిశ్రేష్టులారా! పూర్వమొకప్పుడు దేవర్షియైన నారదుడు…

भैया दूज व्रत कथा एवं पूजा विधि

भैया दूज व्रत कथा एवं पूजा विधि PDF भाई-बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक, भैया दूज पर्व की कथा और पूजा विधि की जानकारी इस PDF में उपलब्ध होती है। इस पर्व को ‘यम द्वितीया’ भी कहते हैं, क्योंकि यह पौराणिक कथा यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ी है। कथा के अनुसार, इस दिन…

भैया दूज लोक कथा

“भैया दूज लोक कथा” (Bhaiya Dooj Folk Story) मुख्य रूप से भाई-बहन के अटूट प्रेम और एक-दूसरे की मंगल कामना को दर्शाती है। सबसे प्रचलित कथा यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ी है। पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज अपनी बहन यमुना के आग्रह पर उनके घर गए थे। यमुना…

यम द्वितीया की कथा (भाई दूज)

यम द्वितीया का पर्व, जिसे हम भाई दूज के नाम से भी जानते हैं, भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। यह दीपावली के दो दिन बाद, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व के पीछे एक पौराणिक कथा है जो भाई-बहन के इस अटूट रिश्ते की…

ನರಕ ಚತುರ್ದಶೀ ಕಥಾ

The “Narak Chaturdashi Katha Kannada PDF” refers to a digital document containing the traditional narrative associated with the festival of Narak Chaturdashi, transcribed in the Kannada language. This day, also known as Choti Diwali, marks the second day of the five-day Diwali festival. The ‘Katha’ (story) recounts how Lord Krishna, aided by his wife Satyabhama…

നരക ചതുർദശീ കഥാ

The “Narak Chaturdashi Katha” recounts the mythological story behind the second day of the five-day Diwali festival. This day commemorates the victory of Lord Krishna over the demon Narakasura, who had imprisoned thousands of maidens. Krishna, along with his wife Satyabhama, defeated the demon and freed the captives, signifying the triumph of good over evil….

நரக சதுர்த³ஶீ கதா²

The “Narak Chaturdashi Katha” details the Hindu legend associated with the festival, also known as Choti Diwali. It primarily narrates the story of Lord Krishna, along with his consort Satyabhama, vanquishing the demon Narakasura. This demon king of Pragjyotishapura had abducted 16,000 women and stolen the ear-rings of Aditi, the mother of the gods. The…

ନରକ ଚତୁର୍ଦଶୀ କଥା

The “Narak Chaturdashi Katha” refers to the traditional stories associated with the Hindu festival of Narak Chaturdashi, also known as Chhoti Diwali or Kali Chaudas. This festival is celebrated a day before Diwali. The most famous legend recounts Lord Krishna’s victory over the demon Narakasura, freeing sixteen thousand captive princesses. Another narrative focuses on the…

ਨਰਕ ਚਤੁਰ੍ਦਸ਼ੀ ਕਥਾ

The “Narak Chaturdashi Katha Punjabi PDF” refers to a downloadable document containing the sacred narrative (Katha) of Narak Chaturdashi, transcribed in the Punjabi language using the Gurmukhi script. Narak Chaturdashi, also known as Choti Diwali or Roop Chaudas, is the second day of the five-day Diwali festival. The story traditionally recounts the triumph of good…

నరక చతుర్దశీ కథా

The “Narak Chaturdashi Katha Telugu PDF” refers to a downloadable document that contains the traditional story (Katha) of Narak Chaturdashi, transcribed in the Telugu language and script. Narak Chaturdashi is the second day of the five-day Diwali festival. The story recounts the legend of Lord Krishna’s victory over the evil demon Narakasura, symbolizing the triumph…

નરક ચતુર્દશી કથા

“નરક ચતુર્દશી કથા PDF” એ હિંદુ તહેવાર નરક ચતુર્દશી (જેને ‘રૂપ ચૌદસ’ અથવા ‘નાની દિવાળી’ પણ કહેવાય છે) સાથે જોડાયેલી પૌરાણિક વાર્તાઓનો સંગ્રહ છે. આ PDF ફોર્મેટમાં રહેલી કથા, ગુજરાતી ભાષામાં ઉપલબ્ધ હોય છે, જે વાચકોને આ પવિત્ર દિવસના મહત્વ અને તેની ઉજવણી પાછળના ઇતિહાસ વિશે જણાવે છે. નરક ચતુર્દશી મુખ્યત્વે ભગવાન શ્રીકૃષ્ણ દ્વારા અસુરી…

नरक चतुर्दशी कथा

नरक चतुर्दशी कथा PDF आमतौर पर छोटी दिवाली के रूप में मनाए जाने वाले त्योहार, नरक चतुर्दशी से जुड़ी पौराणिक कहानियों का संग्रह है। कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाए जाने वाले इस पर्व की मुख्य कथा यह है कि भगवान श्रीकृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया था। नरकासुर ने सोलह…

নতেরস কী পৌরাণিক কথা

The “Dhanteras Katha Bengali PDF” refers to a downloadable document containing the traditional legends associated with the Hindu festival of Dhanteras, transcribed in the Bengali script. Dhanteras, also known as Dhanatrayodashi, marks the first day of the five-day Diwali celebrations. The stories typically include the popular legend of King Hima’s sixteen-year-old son, who was saved…

ધનતેરસ કી પૌરાણિક કથા

ધનતેરસ કી પૌરાણિક કથા PDF ગુજરાતીમાં ધનતેરસના તહેવાર સાથે જોડાયેલી પ્રાચીન વાર્તાઓનું સંકલન છે. ધનતેરસ, જેને ધનત્રયોદશી પણ કહેવાય છે, તે દિવાળીના પાંચ દિવસીય ઉત્સવનો પ્રથમ દિવસ છે. આ દિવસે બે મુખ્ય કથાઓ પ્રચલિત છે. પ્રથમ કથા સમુદ્ર મંથન સાથે સંકળાયેલી છે, જેમાં ભગવાન ધન્વંતરિ (આયુર્વેદના દેવતા) અમૃત કલશ લઈને પ્રગટ થયા હતા. તેથી આ…

धनत्रयोदशीची कहाणी

धनत्रयोदशीची कहाणी (Dhanatrayodashi Story) या PDF मध्ये प्रामुख्याने दोन कथांचा समावेश असतो. पहिली कथा समुद्रमंथनाशी संबंधित आहे, जिथे आरोग्याची देवता धन्वंतरी अमृत कलश घेऊन प्रकटले. म्हणून या दिवशी धन्वंतरीची पूजा केली जाते. दुसरी कथा हेम राजाचा पुत्र आणि त्याची पत्नी यांच्याबद्दल आहे. राजकुमाराला सोळाव्या वर्षी सर्पदंशाने मृत्यू होणार होता. त्याच्या पत्नीने, मृत्यूच्या रात्री, खोलीभर दिवे…

शनि प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहते हैं। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के साथ शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत की कथा में एक निर्धन ब्राह्मण और उसकी पत्नी को संतान सुख प्राप्त होने का वर्णन है, जो ऋषि शांडिल्य…

ధనతేరస కీ పౌరాణిక కథా

The “Dhanteras Katha” is the traditional narrative associated with the Hindu festival of Dhanteras, which marks the start of Diwali. One popular story is the legend of King Hima’s sixteen-year-old son, whose life was predicted to end by a snakebite. His clever wife saved him by lighting numerous lamps and piling up gold and silver…

ധനതേരസ കീ പൗരാണിക കഥാ

The “Dhanteras Katha Malayalam PDF” refers to a downloadable document containing the traditional legends associated with the Hindu festival of Dhanteras, transcribed in the Malayalam script. Dhanteras marks the beginning of Diwali and is celebrated on the thirteenth lunar day of the Krishna Paksha. The central stories often include the emergence of Lord Dhanvantari, the…

ಧನತೇರಸ ಕೀ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ

The “Dhanteras Katha Kannada PDF” refers to a digital document containing the traditional stories associated with the Hindu festival of Dhanteras, transcribed in the Kannada script. Dhanteras, or Dhantrayodashi, marks the beginning of the five-day Diwali festival. The accompanying katha (story) typically narrates the legend of Lord Dhanvantari, the physician of the gods, who emerged…

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