विजयादशमी की कथा (दशहरा व्रत कथा)

विजयादशमी, जिसे दशहरा भी कहते हैं, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसकी मुख्य कथा भगवान राम से जुड़ी है। रावण ने माता सीता का हरण किया, तब भगवान राम ने वानर सेना के साथ लंका पर चढ़ाई की। नौ दिनों तक चले युद्ध के बाद, विजयादशमी के दिन राम ने रावण का…

विजयादशमीची कथा (दसरा व्रत कथा)

विजयादशमी हा हिंदू संस्कृतीतील विजयाचा प्रतीक मानला जातो. या दिवशी भगवान श्रीरामांनी रावणाचा वध करून धर्माचा विजय साधला, अशी रामायणातील कथा प्रसिद्ध आहे. तसेच, देवी दुर्गेने महिषासुराचा संहार करून दैवी शक्तीचा जय केला. या दिवशी शस्त्रपूजा, वाहनपूजा आणि सीमोल्लंघन करण्याची परंपरा आहे. महाराष्ट्रात सोनं देणे-घेणे यालाही विशेष महत्त्व आहे. या उत्सवातून सत्प्रवृत्तीचा असत्यावर विजय, न्यायाचा…

ವಿಜಯಾದಶಮೀ ಕೀ ಕಥಾ (ದಶಹರಾ ವ್ರತ ಕಥಾ)

|| ವಿಜಯಾದಶಮೀ ಕೀ ಕಥಾ (ದಶಹರಾ ವ್ರತ ಕಥಾ) – Vijayadashmi Dussehra Katha Kannada PDF || ಆಶ್ವಿನ ಮಾಸ ಕೀ ಶುಕ್ಲ ಪಕ್ಷ ಕೀ ದಶಮೀ ತಿಥಿ ಕೋ ‘ವಿಜಯಾದಶಮೀ’ ಕಹಾ ಜಾತಾ ಹೈ, ಔರ ಇಸಕೇ ನಾಮ ಕೇ ಪೀಛೇ ಕಈ ಪೌರಾಣಿಕ ಔರ ಜ್ಯೋತಿಷೀಯ ಕಾರಣ ಬತಾಏ ಗಏ ಹೈಂ. ಇಸ ದಿನ ಕೋ ‘ವಿಜಯಾದಶಮೀ’ ಕಹೇ ಜಾನೇ ಕಾ ಏಕ ಪ್ರಮುಖ ಕಾರಣ ದೇವೀ ಭಗವತೀ ಕೇ ‘ವಿಜಯಾ’ ನಾಮ…

విజయాదశమీ కీ కథా (దశహరా వ్రత కథా)

|| విజయాదశమీ కీ కథా (దశహరా వ్రత కథా) – Vijayadashmi Dussehra Katha Telugu PDF || ఆశ్విన మాస కీ శుక్ల పక్ష కీ దశమీ తిథి కో ‘విజయాదశమీ’ కహా జాతా హై, ఔర ఇసకే నామ కే పీఛే కఈ పౌరాణిక ఔర జ్యోతిషీయ కారణ బతాఏ గఏ హైం. ఇస దిన కో ‘విజయాదశమీ’ కహే జానే కా ఏక ప్రముఖ కారణ దేవీ భగవతీ కే ‘విజయా’ నామ…

விஜயாத³ஶமீ கீ கதா² (த³ஶஹரா வ்ரத கதா²)

|| விஜயாத³ஶமீ கீ கதா² (த³ஶஹரா வ்ரத கதா²) – Vijayadashmi Dussehra Katha Tamil PDF || ஆஶ்வின மாஸ கீ ஶுக்ல பக்ஷ கீ த³ஶமீ திதி² கோ ‘விஜயாத³ஶமீ’ கஹா ஜாதா ஹை, ஔர இஸகே நாம கே பீசே² கஈ பௌராணிக ஔர ஜ்யோதிஷீய காரண ப³தாஏ க³ஏ ஹைம்ʼ. இஸ தி³ன கோ ‘விஜயாத³ஶமீ’ கஹே ஜானே கா ஏக ப்ரமுக² காரண தே³வீ ப⁴க³வதீ கே ‘விஜயா’ நாம…

कालरात्रि माता व्रत कथा पूजा विधि

कालरात्रि माता नवदुर्गा का सातवां स्वरूप हैं, जिन्हें अंधकार और नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। इनका रूप अत्यंत उग्र है, परंतु वे अपने भक्तों को निर्भय और निडर बनाती हैं। कालरात्रि माता की पूजा से जीवन में आने वाली बाधाएं, भय और शत्रु दूर होते हैं। शारदीय…

चंद्रघंटा माता व्रत कथा पूजा विधि

चंद्रघंटा माता नवदुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं, जिनकी पूजा नवरात्र के तीसरे दिन की जाती है। माता के मस्तक पर अर्धचंद्र के आकार की स्वर्णिम घंटी विराजमान है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। इनका रूप अति दिव्य और तेजस्वी है, जो साधक को अद्भुत शक्ति और साहस प्रदान करता है। चंद्रघंटा माता की…

कूष्माण्डा माता व्रत कथा पूजा विधि

कूष्माण्डा माता नवदुर्गा का चौथा स्वरूप मानी जाती हैं। इन्हें ब्रह्माण्ड की सृष्टि करने वाली आदिशक्ति कहा जाता है। मान्यता है कि अपनी मंद मुस्कान से इन्होंने ब्रह्माण्ड की रचना की, इसलिए इन्हें कूष्माण्डा कहा गया। इनके आठ हाथ होने के कारण इन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है। भक्त नौ दिन के नवरात्र व्रत…

सिद्धिदात्री माता व्रत कथा पूजा विधि

सिद्धिदात्री माता नवदुर्गा का नवम और अंतिम स्वरूप हैं, जो भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करती हैं। माता के दाएं हाथ में चक्र और गदा, बाएं हाथ में शंख और कमल सुशोभित होते हैं। वे कमल पुष्प पर विराजमान रहती हैं और चार भुजाओं से सभी साधकों को आशीर्वाद देती हैं। सिद्धिदात्री माता…

स्कंदमाता व्रत कथा और पूजा विधि

स्कंदमाता, नवदुर्गा का पाँचवां स्वरूप हैं जिन्हें भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता कहा जाता है। कथा के अनुसार, देवासुर संग्राम में जब असुर अत्यधिक बलवान हो गए, तब सभी देवताओं ने माँ पार्वती से प्रार्थना की। माता ने स्कंद कुमार को जन्म दिया जो देवताओं के सेनापति बने और असुरों का वध कर धर्म की…

ब्रह्मचारिणी माता व्रत कथा पूजा विधि

ब्रह्मचारिणी माता नवदुर्गा का दूसरा स्वरूप हैं, जो तप, संयम और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। कथा के अनुसार जब महादेव को पति रूप में प्राप्त करने की इच्छा पार्वती जी ने की, तब उन्होंने ब्रह्माचारिणी का रूप धारण कर कठोर तप किया। उन्होंने वर्षों तक केवल फल-फूल और अंत में केवल हवा…

महागौरी माता व्रत कथा पूजा विधि

महागौरी माता नवदुर्गा का आठवां स्वरूप हैं, जिनकी उपासना से भक्त के जीवन से अज्ञान और पाप नष्ट हो जाते हैं। कथा के अनुसार, भगवान शिव को पाने के लिए पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। वर्षों तक तप कर उनका शरीर काला पड़ गया, लेकिन शिव कृपा से गंगा जल से स्नान करने पर…

शैलपुत्री माता व्रत कथा और पूजा विधि

शैलपुत्री माता नवदुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं, जिन्हें पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण “शैलपुत्री” कहा जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन इनकी पूजा का विशेष महत्व है। माता शैलपुत्री का वाहन वृषभ है और उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाएं हाथ में कमल रहता है। यह देवी शक्ति, भक्ति और दृढ़ संकल्प…

नवरात्र व्रताची दुर्गा कथा

श्री दुर्गा नवरात्री व्रत कथा ही देवी भगवतीच्या महिमा आणि सामर्थ्याची गाथा आहे. या कथेनुसार, महिषासुरासारख्या शक्तिशाली राक्षसाने जेव्हा तिन्ही लोकांमध्ये हाहाकार माजवला, तेव्हा त्याला हरवण्यासाठी देवतांनी एकत्रितपणे शक्तीची निर्मिती केली. हेच दुर्गा देवीचे रूप. देवीने नऊ दिवस महिषासुराशी भीषण युद्ध केले आणि दहाव्या दिवशी त्याचा वध केला, ज्यामुळे वाईटावर चांगल्याचा विजय झाला. हेच उपवास,…

श्री दुर्गा नवरात्रि व्रत कथा

श्री दुर्गा नवरात्रि व्रत का महत्व सनातन धर्म में अत्यधिक है। इस व्रत में भक्त माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करते हैं। कथा के अनुसार, महिषासुर नामक राक्षस ने देवताओं को पराजित कर त्रिलोक में आतंक मचा दिया। तब देवी-देवताओं की संयुक्त शक्तियों से माँ दुर्गा का प्राकट्य हुआ। माँ ने नौ दिनों…

कात्यायनी माता व्रत कथा पूजा विधि

कात्यायनी माता नवदुर्गा का छठा स्वरूप मानी जाती हैं और विवाह, सौभाग्य एवं संतान सुख की प्राप्ति हेतु विशेष रूप से पूजी जाती हैं। कात्यायनी माता व्रत की पूजा विधि में प्रातः स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें और माता की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से शुद्ध कर पुष्प, रोली, अक्षत व धूप-दीप अर्पित…

अटला तड्डी व्रत कथा

अटला तड्डी व्रत, जिसे अहोई अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू व्रत है जो मुख्य रूप से उत्तरी भारत में मनाया जाता है। यह व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पड़ता है। इस दिन माताएं अपनी संतानों की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और सुरक्षा…

इंदिरा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

इंदिरा एकादशी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। इस व्रत को करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत…

भगवान श्री विश्वकर्मा की कथा

प्राचीन काल में देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा ने अपनी अद्भुत कला और वास्तुकला से देवताओं के लिए अनेक भवनों, महलों और अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण किया। उनकी सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है स्वर्ग लोक। उन्होंने लंका के सोने के किले का भी निर्माण किया, जिसे बाद में रावण ने छीन लिया था। इसके अलावा,…

रोहिणी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| रोहिणी व्रत कथा (Rohini Vrat Katha PDF) || प्राचीन कथा के अनुसार चंपापुरी राज्य में राजा माधवा, और रानी लक्ष्मीपति का राज्य था। उनके सात बेटे और एक बेटी थी। एक बार राजा ने बेटी रोहिणी के बारे में ज्योतिषी से जानकारी ली तो उसने बताया कि रोहिणी का विवाह हस्तिनापुर के राजकुमार अशोक…

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ और श्रवण…

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा एवं पूजा विधि

जीवित्पुत्रिका व्रत, जिसे जितिया व्रत भी कहते हैं, संतान की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए माताओं द्वारा रखा जाने वाला एक प्रमुख हिंदू पर्व है। यह व्रत अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत में माताएं 24 घंटे से अधिक समय तक निर्जला (बिना पानी और…

महालक्ष्मी व्रत कथा और पूजा विधि

भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है और यह व्रत पूरे सोलह दिनों तक चलता है। इस व्रत में माता लक्ष्मी के आठ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें अष्टलक्ष्मी कहा जाता है। यह कथा माता लक्ष्मी के एक भक्त की कहानी पर आधारित है, जिसे दरिद्रता…

मासिक कार्तिगाई व्रत कथा

हर महीने पड़ने वाली मासिक कार्तिगाई व्रत कथा का पाठ और श्रवण भक्तों को विशेष पुण्य प्रदान करता है। यह व्रत भगवान शिव और முருக/कार्तिकेय को समर्पित है, जो शांति, समृद्धि और विजय के प्रतीक हैं। इस व्रत को करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भक्त…

ಪಿತೃ ತರ್ಪಣ ವಿಧಾನ

|| ಪಿತೃ ತರ್ಪಣಮ್ (Pitru Tarpan Vidhi Kannada PDF) || ಶುಚಿಃ – ಅಪವಿತ್ರಃ ಪವಿತ್ರೋವಾ ಸರ್ವಾವಸ್ಥಾಂ ಗತೋಽಪಿ ವಾ । ಯಃ ಸ್ಮರೇತ್ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷಂ ಸ ಬಾಹ್ಯಾಭ್ಯನ್ತರಃ ಶುಚಿಃ ॥ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷ ॥ ಪ್ರಾರ್ಥನಾ – ಶುಕ್ಲಾಮ್ಬರಧರಂ ವಿಷ್ಣುಂ ಶಶಿವರ್ಣಂ ಚತುರ್ಭುಜಮ್ । ಪ್ರಸನ್ನವದನಂ ಧ್ಯಾಯೇತ್ ಸರ್ವ ವಿಘ್ನೋಪಶಾನ್ತಯೇ ॥ ವಕ್ರತುಣ್ಡ ಮಹಾಕಾಯ ಕೋಟಿಸೂರ್ಯಸಮಪ್ರಭ । ನಿರ್ವಿಘ್ನಂ ಕುರು ಮೇ ದೇವ ಸರ್ವಕಾರ್ಯೇಷು ಸರ್ವದಾ ॥ ಓಂ ಶ್ರೀ ಮಹಾಗಣಾಧಿಪತಯೇ ನಮಃ…

(विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी) आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

आश्विन मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को ‘विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी’ के नाम से जाना जाता है। यह पावन दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जो विघ्नहर्ता और बुद्धि के दाता माने जाते हैं। 2025 में यह व्रत भक्तों के लिए विशेष फलदायी होगा। इस दिन भक्त सूर्योदय से चंद्रोदय तक व्रत रखते हैं और भगवान…

सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा

|| सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा (Sarvapitri Amavasya Katha PDF) || श्राद्ध पक्ष में सर्वपितृ अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे पितरों को विदा करने की अंतिम तिथि माना जाता है। यदि किसी कारणवश व्यक्ति श्राद्ध की निर्धारित तिथि पर श्राद्ध नहीं कर पाया हो या उसे तिथि ज्ञात न हो, तो सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध…

अनंत चतुर्दशी व्रत कथा और पूजा विधि

|| अनंत चतुर्दशी पूजा विधि || इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें। इसके बाद कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगाएं। एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं, इसमें 14 गांठें लगी होनी चाहिए। इस सूत्रो भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें।…

परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

|| परिवर्तिनी एकादशी पूजा विधि || सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। भगवान की आरती करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान को भोग लगाएं। इस…

वामन अवतार कथा तथा पूजा विधि

|| वामन जयंती पूजा विधि || इस दिन भगवान विष्णु को उनके वामन रूप में पूजा जाता है। इस दिन उपासक को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। नित्यक्रिया के बाद स्नान और भगावन विष्णु का ध्यान कर दिन की शुरुआत करनी चाहिए। इसके बाद दिन की शुरुआत में आप वामन देव की सोने या फिर…

शुक्र प्रदोष व्रत कथा

|| शुक्र प्रदोष व्रत कथा (Shukra Pradosh Vrat Katha PDF) || शुक्र प्रदोष व्रत की कथा इस प्रकार है, प्राचीन काल में एक नगर में तीन मित्र रहते थे – राजकुमार, ब्राह्मण कुमार और धनिक पुत्र। राजकुमार और ब्राह्मण कुमार विवाहित थे, जबकि धनिक पुत्र का विवाह हो चुका था, लेकिन गौना बाकी था। एक दिन…

दूर्वा अष्टमी व्रत कथा

दूर्वा अष्टमी का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से संतान सुख, सौभाग्य और परिवार की वृद्धि के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश और दूर्वा घास का विशेष पूजन होता है। || दूर्वा अष्टमी व्रत कथा (Durva Ashtami Vrat Katha PDF)…

ललिता सप्तमी व्रत कथा

ललिता सप्तमी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन राधा रानी की प्रिय सखी देवी ललिता की पूजा की जाती है। यह व्रत मुख्य रूप से संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र व अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखा जाता है। इसे संतान सप्तमी के नाम…

स्कन्द षष्ठी व्रत कथा व पूजा विधि

|| स्कन्द षष्ठी व्रत पूजा विधि || सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और भगवान कार्तिकेय की बालस्वरूप प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें। ऐसा करने के बाद भगवान कार्तिकेय को चंदन, धूप, दीप, पुष्प, वस्त्र इत्यादि अर्पित करें। फिर उन्हें एक मिष्ठान का भोग लगाएं। आज के दिन माता…

श्री ऋषिपंचमीची कहाणी

|| श्री ऋषिपंचमीची कहाणी (Rishi Panchami Vrat Katha Marathi PDF) || ऐका ऋषीश्वरांनो तुमची कहाणी. एका आटपाट नगरात एक ब्राह्मण राहत होता. तो शेतीभाती करून सुखाने आपलं जीवन जगत होता. एके दिवशी त्याची बायको विटाळशी असतानाच घरात वावरली, विटाळाचे नियम पाळले नाहीत. या दोषाने काय झालं? तिचा नवरा पुढच्या जन्मी बैल झाला आणि त्या बाईला…

विनायक चतुर्थी व्रत कथा

|| विनायक चतुर्थी व्रत कथा (Vinayak Chaturthi Vrat Katha PDF) || विनायक चतुर्थी की व्रत कथा का वर्णन अनेक पुराणों में मिलता है, विशेषतः यह कथा भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी से जुड़ी हुई है। शिव-पार्वती का चौपड़ खेल और बालक का निर्णय एक बार भगवान शिव और माता पार्वती नर्मदा नदी के…

हरतालिका तीज व्रत कथा

हरतालिका तीज 2025 में मंगलवार, 26 अगस्त को मनाई जाएगी। यह पावन व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु और अविवाहित कन्याओं द्वारा मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। हरतालिका तीज व्रत कथा भगवान शिव और माता पार्वती के अटूट प्रेम की गाथा है। इस कथा का श्रवण और पठन करने…

अन्वाधान व्रत की कथा

|| अन्वाधान व्रत की कथा (Anvadhan Vrat Katha PDF) || प्राचीन समय की बात है। एक ब्राह्मण थे जो नित्य अग्निहोत्र, यज्ञ और देवताओं की पूजा करते थे। वे अत्यंत धर्मनिष्ठ, संयमी और सत्यवादी थे। उनकी पत्नी भी अत्यंत धार्मिक और पति के व्रतों में सहयोग करने वाली थी। एक दिन ब्राह्मण ने अन्वाधान व्रत…

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

|| मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा (Masik Shivratri Katha PDF) || पूर्व काल में चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस…

अजा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

अजा एकादशी व्रत कथा के अनुसार, प्राचीन काल में हरिश्चंद्र नाम के एक सत्यवादी राजा थे। कठिन परिस्थितियों के कारण उन्हें अपनी पत्नी, पुत्र और स्वयं को बेचना पड़ा। एक चांडाल के यहाँ काम करते हुए, उन्होंने अपनी दुर्दशा से मुक्ति पाने के लिए महर्षि गौतम से उपाय पूछा। महर्षि ने उन्हें अजा एकादशी व्रत…

कृष्णाच्या जन्माची कहाणी

॥ जन्माष्टमीचे व्रत कसे करावे ॥ जन्माष्टमीचे व्रत हे अष्टमीच्या दिवशी एकभुक्त राहून करावे. मध्यरात्री शुचिर्भूत होऊन संकल्प करावा. यानंतर बाळकृष्णाची मूर्ती किंवा प्रतिमा स्थापन करावी. यानंतर सपरिवार श्रीकृष्णाची षोडशोपचार पूजा करावी. धूप, दीप, नैवेद्य दाखवावा. श्रीकृष्णाची आरती करावी. पूजा करून पुरुषसूक्त, विष्णूसूक्ताचे स्तवन करावे. वाद्यांचा घोष, गीतांचे मंगल स्वर, पुराण, इतिहासातील निरनिराळ्या सत्कथा ऐकत…

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा 2025 भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की दिव्य लीलाओं और उनके अवतरण की महिमा को दर्शाती है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाते हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा PDF में व्रत की सम्पूर्ण कथा, पूजन विधि और…

मंगलवार व्रत कथा पूजा विधि

|| मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Katha PDF) || प्राचीन काल में एक नगर में एक ब्राह्मण दंपत्ति रहते थे। उनकी कोई संतान नहीं थी, जिससे वे अत्यंत दुखी रहते थे। ब्राह्मण प्रतिदिन की तरह इस बार भी वन में पूजा करने गए। पूजा के उपरांत उन्होंने हनुमान जी से पुत्र प्राप्ति की प्रार्थना की।…

बहुला चतुर्थी व्रत कथा

बहुला चतुर्थी का व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण, गणेश जी और गौ माता की पूजा का विधान है। बहुला चतुर्थी व्रत कथा (Bahula Chaturthi Vrat…

कजरी तीज व्रत कथा एवं पूजन विधि

कजरी तीज व्रत कथा का पठन सुहागिन स्त्रियों के लिए अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निराहार रहकर पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। कजरी तीज व्रत कथा PDF डाउनलोड…

हेरम्बा संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा

|| हेरम्बा संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा PDF || हेरम्बा संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, विशेष रूप से उनके हेरम्ब स्वरूप को। हेरम्ब गणेश के 32 स्वरूपों में से एक हैं, जिनके पांच मुख और दस हाथ होते हैं। इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के सभी…

सोळा सोमवाराची कहाणी

सोळा सोमवाराची कहाणी ही एक लोकप्रिय व्रत कथा आहे, जी विशेषतः विवाहित स्त्रिया आणि अविवाहित मुलींमध्ये प्रचलित आहे. हे व्रत १६ सोमवार पाळले जाते आणि प्रत्येक सोमवारी भगवान शिवाची पूजा केली जाते. या व्रतामध्ये संध्याकाळी कथा ऐकून किंवा वाचून उपवास सोडला जातो. या कथेनुसार, एकदा माता पार्वती आणि भगवान शिव पृथ्वीवर फिरत असताना एका सुंदर…

रक्षाबंधन की कथा

रक्षाबंधन की कथा 2025 भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है, जिसकी जड़ें पौराणिक कथाओं में गहराई से जुड़ी हैं। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बाँधकर उनकी लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती हैं, वहीं भाई जीवनभर रक्षा का वचन देते हैं। रक्षाबंधन की कहानी pdf में आपको रानी कर्णावती और…

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