प्रदोष व्रत कथा एवं पूजा विधि

प्रदोष का अर्थ है रात्रि का शुभ आरम्भ इस व्रत के पूजन का विधान इसी समय होता है। इसलिए इसे प्रदोष व्रत कहते हैं। यह व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को किया जाता हैं। इसका उदेशय संतान की कामना है। इस व्रत को स्त्री पुरुष दोनों ही कर सकते हैं। इस व्रत…

गंगा दशहरा कथा

|| गंगा दशहरा कथा (Ganga Dussehra Katha PDF) || भगवान् श्रीराम का जन्म अयोध्या के सूर्यवंश में हुआ था। चक्रवर्ती महाराज सगर उनके पूर्वज थे। उनकी केशिनी और सुमति नाम की दो रानियाँ थीं। केशिनी के पुत्रका नाम असमञ्जस था और सुमति के साठ हजार पुत्र थे। असमञ्जस के पुत्र का नाम अंशुमान् था। राजा…

సంపద శుక్రవరం కథ (Sampada Sukravaram Katha)

|| సంపద శుక్రవారం కథ || సంపద శుక్రవార వ్రతం ఒక బ్రాహ్మణుడికి ఏడుగురు కొడుకులు ఉన్నారు. వారందరికీ వివాహాలయి భార్యలు కాపురానికి రావడంతో వారంతా వేరే ఇళ్ళల్లో కాపురాలు పెట్టారు. ఒకనాడు ఉదయం శుక్రవారం మహాలక్ష్మీ సంచారం చేయుచూ ఆ బ్రాహ్మణుని కోడళ్ళ ఇళ్ళకు వెళ్లింది. ఒక కోడలు ఉదయాన్నే పిల్లలకు భోజనముపెట్టి తాను కూడా తినుచుండెను. ఇంకొక ఆమె పాచి వాకిలో పేడవేసుకొనుచుండెను. వేరొక కోడలు పాతగుడ్డలను కుట్టుచుండెను. మరొక కోడలు పాచి వాకిలిలో…

Shri Brihaspati/Guruvaar (Thursday) Vrat Katha

|| Brihaspati/Thursday/Guruvaar Vrat Katha in English PDF || For those who regularly engage in Brihaspati Puja (worship of Lord Brihaspati), the tales associated with the Brihaspati Vrat Katha hold profound importance. This sacred narrative essentially reveals the significance of observing the Brihaspati fast and performing Brihaspati Puja in one’s life. Presented below is the Brihaspati…

बृहस्पतिवार व्रत कथा – गुरुवार व्रत पूजन

|| बृहस्पतिवार व्रत कथा (Brihaspativar Vrat Katha PDF Hindi) || भारतवर्ष में एक प्रतापी और दानी राजा राज्य करता था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सहायता करता था। यह बात उसकी रानी को अच्छी नहीं लगती थी, वह न ही गरीबों को दान देती, न ही भगवान का पूजन करती थी और राजा को…

మర్కసీర మహాలక్ష్మి విరాట్ కథ

|| మర్కసీర మహాలక్ష్మి విరాట్ కథ (Margasira Mahalakshmi Vrat Katha PDF Telugu) || పూర్వ కాలమున ఒక పల్లెటూర్లో కన్నతల్లి లేని ఒక అమ్మాయి తన సవతి తల్లితో అనేక ఇబ్బందులు పడుతూ ఉండేది. ఈ బాధలు చూసిన ఇరుగుపొరుగు వారు జాలి పడేవారు. ఒకనాడు ఆ గ్రామ దేవాలయ పూజారి ఈ అమ్మాయిని పిలిచి “ఓ అమ్మాయి! నీవు లక్ష్మి పూజ చేయుట ప్రారంభించుము. మీకు కష్టనష్టములు తొలగును” అని చెప్పగా ఆనాటి…

भगवान परशुराम की कथा एवं पूजा विधि

|| भगवान परशुराम पूजा विधि || इस दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। गंगाजल से मंदिर को शुद्ध करें और पूजा की तैयारी करें। इसके पश्चात पूजा स्थल पर स्वच्छ वस्त्र बिछाकर भगवान परशुराम एवं भगवान विष्णु की प्रतिमा अथवा चित्र स्थापित करें। इसके…

ज्येष्ठ अमावस्या की व्रत कथा

|| ज्येष्ठ अमावस्या की व्रत कथा || नमस्ते! ज्येष्ठ अमावस्या की कोई एक विशिष्ट व्रत कथा प्रचलित नहीं है, बल्कि इस दिन से जुड़े कई धार्मिक महत्व और कथाएं हैं। मुख्य रूप से, ज्येष्ठ अमावस्या पितरों को समर्पित है और इस दिन किए गए कर्मों का विशेष महत्व होता है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में एक…

अक्षय तृतीया व्रत कथा

|| अक्षय तृतीया व्रत कथा || प्राचीन काल में धर्मदास नामक एक गरीब और धर्मात्मा वैश्य रहता था। वह हमेशा दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों में लगा रहता था। उसकी पत्नी बहुत कंजूस थी और उसे यह सब पसंद नहीं था। एक बार अक्षय तृतीया के दिन धर्मदास ने गंगा स्नान किया और विधिपूर्वक भगवान विष्णु…

अन्वाधान व्रत की कथा

|| अन्वाधान व्रत की कथा || प्राचीन समय की बात है। एक ब्राह्मण थे जो नित्य अग्निहोत्र, यज्ञ और देवताओं की पूजा करते थे। वे अत्यंत धर्मनिष्ठ, संयमी और सत्यवादी थे। उनकी पत्नी भी अत्यंत धार्मिक और पति के व्रतों में सहयोग करने वाली थी। एक दिन ब्राह्मण ने अन्वाधान व्रत करने का संकल्प लिया।…

शुक्र प्रदोष व्रत कथा

|| शुक्र प्रदोष व्रत कथा || शुक्र प्रदोष व्रत की कथा इस प्रकार है, प्राचीन काल में एक नगर में तीन मित्र रहते थे – राजकुमार, ब्राह्मण कुमार और धनिक पुत्र। राजकुमार और ब्राह्मण कुमार विवाहित थे, जबकि धनिक पुत्र का विवाह हो चुका था, लेकिन गौना बाकी था। एक दिन तीनों मित्र स्त्रियों की चर्चा…

विनायक चतुर्थी व्रत कथा

|| विनायक चतुर्थी व्रत कथा || विनायक चतुर्थी की व्रत कथा का वर्णन अनेक पुराणों में मिलता है, विशेषतः यह कथा भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी से जुड़ी हुई है। शिव-पार्वती का चौपड़ खेल और बालक का निर्णय एक बार भगवान शिव और माता पार्वती नर्मदा नदी के तट पर चौपड़ का खेल…

नरसिंह द्वादशी व्रत कथा

|| नरसिंह द्वादशी व्रत कथा PDF || प्राचीन काल में कश्यप नामक एक ऋषि थे। उनकी पत्नी का नाम दिति था। उनके दो पुत्र हुए – हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु। दोनों ही असुर स्वभाव के थे और उन्होंने चारों ओर हाहाकार मचा रखा था। पृथ्वी की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने वराह रूप धारण कर…

बुध त्रयोदशी व्रत कथा

|| बुध त्रयोदशी व्रत कथा || एक समय की बात है, नैमिषारण्य तीर्थ में अनेक ऋषियों ने सूत जी महाराज से निवेदन किया, “हे भगवन्! कृपया हमें प्रदोष व्रतों में श्रेष्ठ बुध प्रदोष व्रत के विषय में विस्तार से बताएं।” सूत जी बोले — “हे मुनिगण! आप सभी ध्यानपूर्वक सुनिए, मैं आपको बुध त्रयोदशी व्रत…

वरूथिनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

|| वरूथिनी एकादशी पूजा विधि (Varuthini Ekadashi Vrat Puja Vidhi) || सर्वप्रथम एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके निवृत्त हो जाएँ। इसके बाद साफ सुथरे कपड़े धारण कर लें। अब भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। तत्पश्चात एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु…

संतोषी माता व्रत कथा पूजा विधि

|| संतोषी माता व्रत कथा (Santoshi Mata Vrat Katha PDF) || एक बुढ़िया थी, उसके सात बेटे थे। 6 कमाने वाले थे जबकि एक निक्कमा था। बुढ़िया छहों बेटों की रसोई बनाती, भोजन कराती और उनसे जो कुछ जूठन बचती वह सातवें को दे देती। एक दिन वह पत्नी से बोला- देखो मेरी माँ को…

श्री राधा अष्टमी व्रत कथा

|| राधाष्टमी, श्री राधा रानी के प्राकट्य दिवस का महत्व एवं पूजन विधि || सनातन धर्म में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री राधाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों में यह तिथि श्री राधारानी के प्राकट्य दिवस के रूप में वर्णित है। श्री राधाजी वृषभानु महाराज की यज्ञभूमि से…

साईं बाबा की व्रत कथा

|| साईं बाबा व्रत कथा (Sai Baba Vrat Katha PDF) || किरन बहन और उनके पति किशन भाई एक शहर में रहते थे। वैसे तो दोनों का एक दूसरे के प्रति गहरा प्रेम भाव था। परन्तु किशन भाई का स्वरूप झगड़ालू था। अड़ोसी-पड़ोसी भी उनके स्वभाव से परेशान थे, लेकिन किरन बहन धार्मिक स्वभाव की…

सोमवार व्रत कथा पूजा विधि

|| सोमवार व्रत कथा (Somvar Vrat Katha PDF) || किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके घर में धन की कोई कमी नहीं थी लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी जिस वजह से वह बेहद दुखी था। पुत्र प्राप्ति के लिए वह भगवान शिव प्रत्येक सोमवार व्रत रखता था और पूरी श्रद्धा के साथ…

भानु सप्तमी व्रत कथा व पूजा विधि

|| भानु सप्तमी व्रत पूजा विधि || सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और उसके बाद तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें लाल चन्दन, चावल, लाल फूल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। जल चढ़ाते समय सूर्य के वरूण रूप को प्रणाम करते हुए ऊं रवये नम: मंत्र का जाप करें। अंत में…

वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा)

|| वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा – विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा || एक बार पार्वती जी ने गणेशजी से पूछा कि वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की संकटा चतुर्थी का पूजन किस गणेश का और किस विधि से करना चाहिए, और उस दिन क्या भोजन करना चाहिए? गणेश जी ने उत्तर दिया –…

मेष संक्रांति व्रत कथा

|| मेष संक्रांति व्रत कथा || एक समय की बात है, एक बहुत ही गरीब ब्राह्मण था। वह बहुत ही धार्मिक और ईश्वर भक्त था। वह हर साल मेष संक्रान्ति के दिन व्रत रखता था और भगवान सूर्य की पूजा करता था। एक बार, मेष संक्रान्ति के दिन, ब्राह्मण ने व्रत रखा और भगवान सूर्य…

સત્યનારાયણ ભગવાનની કથા

|| સત્યનારાયણ ભગવાનની કથા || એક સમયની વાત છે. નૈમીષારણ્ય તિર્થક્ષેત્રમા શૌનક વગેરે ઋષીઓ ભેગા થયા હતા. તે સમયે પુરાણો તથા મહાભારતના રચયીતા શ્રી વ્યાસ મુનીના પ્રધાન શિષ્ય સુતજી પણત્યા બિરાજમાન હતા.શૌનક વગેરે રૂષિઓએ શ્રી સુતજીને પછ્યુ કે હે મહામુની! વ્રત અથવા તપથી ક્યુ મનોવાંછીત ફળ પ્રાપ્ત છે થાય, આપ તે અમને સમજાવીને કહેવાની કૃપા…

सत्यनारायणाची व्रत कथा मराठी

|| सत्यनारायणाची व्रत कथा मराठी || प्रारंभ अध्याय पहिला अथ कथा: । श्रीगणेशाय नम: ॥ एकदा नैमिषारण्ये ऋषय: शौनकादय: ॥ पप्रच्छुर्मुनय: सर्वे सूतं पौराणिकं खलु ॥१॥ ऋषय ऊचु: ॥ व्रतेन तपसा किं वा प्राप्यते वांछितं फलम्। तत्सर्वं श्रोतुमिच्छाम: कथयस्व महामुने ॥२॥ सूत उवाच ॥ नरादेनैव संपृष्टो भगवान्कमलापति: ॥ सुरर्षये यथैवाह तच्छृणुध्वं समाहिता: ॥३॥ एकदा नारदो योगी…

श्री सत्यनारायण व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| श्री सत्य नारायण पूजन विधि || जो व्यक्ति भगवान् श्री सत्य नारायण की पूजा का संकल्प लेते हैं, उन्हें दिन भर व्रत रखना चाहिए। पूजन स्थल को गाय के गोबर से पवित्र करके वहाँ एक अल्पना बनाएँ और उस पर पूजा की चौकी रखना चाहिये। इस चौकी के चारों पायों के पास केले के…

वैभव लक्ष्मी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| वैभव लक्ष्मी व्रत पूजा विधि || वैभव लक्ष्मी व्रत को शाम के समय करना अत्यंत शुभ और लाभकारी माना जाता है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें: शाम के समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मंदिर या घर की साफ-सुथरी जगह पर एक चौकी रखें और उस…

वैभव लक्ष्मी व्रत कथा मराठी

|| वैभव लक्ष्मी व्रत कथा (Vaibhav Laxmi Vrat Katha Marathi) || एक काळ होता, जेव्हा आटपाट नगरात प्रेम, आपुलकी, नामस्मरण, कीर्तन, सेवा आणि परोपकार यांनी लोकांचे जीवन भरलेले होते. लोक गुण्यागोविंदाने राहत होते. पण काळाच्या बदलासोबत समाजात चोरी, दरोडे, जुगार, व्यभिचार, मद्यपान यांसारख्या दुर्गुणांनी पाय पसरले. तरीही काही चांगली, सज्जन माणसे त्या नगरात होती. त्यात…

चैत्र पूर्णिमा व्रत कथा

|| चैत्र पूर्णिमा व्रत कथा (Chaitra Purnima Vrat Katha PDF) || प्राचीन काल में एक नगर में एक वैश्य रहता था। वह बहुत ही धार्मिक और सत्यवादी था। उसकी पत्नी भी पतिव्रता और सुशील थी। वैश्य और उसकी पत्नी दोनों ही भगवान विष्णु के परम भक्त थे और हर पूर्णिमा को व्रत रखते थे। एक…

वटसावित्रीची कथा पूजा पद्धत

|| वटसावित्रीची कथा (Vat Savitri Vrat Katha Marathi PDF) || विवाहित स्त्रियांमध्ये अत्यंत लोकप्रिय असलेल्या ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्येच्या दिवशी येणाऱ्या सावित्री व्रताची कथा पुढीलप्रमाणे आहे: भद्रा देशात अश्वपती नावाचा एक राजा होता. भद्रा देशाचा राजा अश्वपती याला मूलबाळ नव्हते. बाळाच्या जन्मासाठी त्यांनी मंत्रोच्चारांसह दररोज एक लाखाचा नैवेद्य दिला. हा क्रम अठरा वर्षे चालू राहिला. यानंतर…

ବଟ ସାବିତ୍ରୀ ବ୍ରତ କଥା ଏବଂ ପୂଜା ବିଧି

|| ବଟ ସାବିତ୍ରୀ ପୂଜା ମୁହୂର୍ତ || ଅମାବାସ୍ୟା ତିଥି ଆରମ୍ଭ: 26 ମଇ 2025, ସୋମବାର, 12:12 PM | ଆମାଭାସୀ ତିଥି ଶେଷ: ମେ 27, 2025, ମଙ୍ଗଳବାର, 8:31 ପୂର୍ବାହ୍ନ | || ପୂଜା ବିଧି || ଇସ ପାବନ ଦିନ ସୁବହ ଜଲ୍ଦୀ ଉଠକର ସ୍ନାନ ଆଦି ସେ ନିବୃତ୍ତ ହୋ ଜାଏଂ। ଘର କେ ମନ୍ଦିର ମେଂ ଦୀପ ପ୍ରଜ୍ୱଲିତ କରେଂ। ଇସ ପାବନ ଦିନ ବଟ ବୃକ୍ଷ କୀ…

वट सावित्री व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| वट सावित्री पूजा मुहूर्त || अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 26 मई 2025, सोमवार, दोपहर 12:12 बजे अमावस्या तिथि समाप्त – 27 मई 2025, मंगलवार, सुबह 8:31 बजे || पूजा विधि || इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। इस पावन दिन वट…

हनुमान जी की व्रत कथा

|| मंगलवार व्रत विधि || सर्व प्रकार के सुख, रक्त विकार, राज्य में सम्मान और पुत्र प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत अत्यंत उत्तम माना गया है। इस व्रत में केवल गेहूं और गुड़ का ही भोजन करना चाहिए। भोजन दिन या रात में केवल एक बार ही ग्रहण करना उचित है। व्रत को 21…

सोलह (16) सोमवार व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| 16 सोमवार पूजा विधि || हाथ में अक्षत तथा फूल लेकर दोनों हाथ जोड़ लें और भगवान शिव का आह्वान करें। हाथ में लिये हुए फूल और अक्षत शिव भगवान को समर्पित करें। सबसे पहले भगवान शिव पर जल चढ़ाएं। जल के बाद सफेद वस्त्र अर्पित करें। सफेद चंदन से भगवान को तिलक लगाएं…

कामदा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

|| कामदा एकादशी पूजा विधि || इस दिन स्नान से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें और भगवान की पूजा करें। एकादशी व्रत के एक दिन पहले से ही नियमों का पालन शुरू कर देना चाहिए। एकादशी के एक दिन पहले यानी 11 अप्रैल, सोमवार को पूरे दिन और रात्रि में संयम पूर्वक व्यवहार करना…

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा

|| मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा || पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में असुर दंभ को महिषासुर नाम का एक पुत्र हुआ। महिषासुर में बचपन से ही अमर होने की प्रबल इच्छा थी। इस इच्छा को पूरा करने के लिए उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या शुरू की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी…

महागौरी माता व्रत कथा पूजा विधि

|| महागौरी माता कथा || नवरात्रि में आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है। नाम से प्रकट है कि इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई है। इनके सभी आभूषण और…

कालरात्रि माता व्रत कथा पूजा विधि

|| कालरात्रि माता व्रत कथा || जैसा कि नाम से अभिव्यक्त होता है कि मां दुर्गा की यह सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है अर्थात जिनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। नाम से ही जाहिर है कि इनका रूप भयानक है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं…

कात्यायनी माता व्रत कथा पूजा विधि

|| कात्यायनी माता कथा || कात्यायनी माता व्रत कथा का उल्लेख विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है। कात्यायनी माता, माँ दुर्गा का छठा स्वरूप हैं, जिनकी उपासना से भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत मुख्य रूप से कुंवारी कन्याओं द्वारा अपने इच्छित वर की प्राप्ति के…

स्कन्द षष्ठी व्रत कथा व पूजा विधि

|| स्कन्द षष्ठी व्रत पूजा विधि || सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और भगवान कार्तिकेय की बालस्वरूप प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें। ऐसा करने के बाद भगवान कार्तिकेय को चंदन, धूप, दीप, पुष्प, वस्त्र इत्यादि अर्पित करें। फिर उन्हें एक मिष्ठान का भोग लगाएं। आज के दिन माता…

रोहिणी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| रोहिणी व्रत कथा || प्राचीन कथा के अनुसार चंपापुरी राज्य में राजा माधवा, और रानी लक्ष्मीपति का राज्य था। उनके सात बेटे और एक बेटी थी। एक बार राजा ने बेटी रोहिणी के बारे में ज्योतिषी से जानकारी ली तो उसने बताया कि रोहिणी का विवाह हस्तिनापुर के राजकुमार अशोक के साथ होगा। इस…

आज है नवरात्री की 5वी देवी का व्रत पढ़े – स्कंदमाता व्रत कथा और पूजा विधि

|| स्कंदमाता व्रत कथा || पहाड़ों पर रहकर सांसारिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करने वालीं स्कंदमाता। नवरात्रि में पांचवें दिन इस देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि इनकी कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से अभिहित किया गया है।…

अक्षय तृतीया श्रीकृष्ण का मुंडन कथा

|| अक्षय तृतीया श्रीकृष्ण का मुंडन कथा || प्राचीन काल में व्रज के लोगों का मुख्य व्यवसाय गौ-चारण ही था इसलिए मुख्य व्यवसाय से सम्बंधित कुछ वर्जनाएं भी थी। अब इसे वर्जनाएं कहें या सामाजिक नियम बालक का जब तक मुंडन नहीं हो जाता तब तक उसे जंगल में गाय चराने नहीं जाने दिया जाता…

लक्ष्मी पंचमी (श्री पंचमी) व्रत कथा और पूजा विधि

|| लक्ष्मी पंचमी (श्री पंचमी) व्रत कथा || एक बार महाराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से प्रश्न किया – “भगवान! तीनों लोकों में लक्ष्मी दुर्लभ मानी जाती हैं, परंतु कौन-सा व्रत, होम, तप, जप, अथवा अन्य पुण्य कर्म करने से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति संभव होती है? आप सर्वज्ञ हैं, कृपा कर इसका वर्णन करें।” भगवान…

कुष्मांडा माता व्रत कथा और पूजा विधि

|| मां कुष्मांडा की पावन कथा || सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि त्रिदेवों ने चिरकाल में सृष्टि की रचना करने की कल्पना की। उस समय समस्त ब्रह्मांड में घोर अंधेरा छाया हुआ था। न राग, न ध्वनि, केवल सन्नाटा था। त्रिदेवों ने जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा से सहायता ली। मां दुर्गा के चौथे…

શીતલા માતાની વ્રત કથા

|| શીતલા માતાની વ્રત કથા || એક નાનું ગામ હતું. ગામમાં એક ડોશી તેમના બે દીકરા અને બંને વહુઓ સાથે રહેતા હતાં. દેરાણી-જેઠાણી તેની સાસુ સાથે રહેતી હતી. બન્ને બહુઓના ઘરે દેવના દીધેલા એક એક દીકરા હતા. મોટી વહુ ઈર્ષાળું કજિયાળી હતી, જ્યારે નાની બહુ ભલી, ભોળી અને પ્રેમાળ હતી. એક વખત શ્રાવણ માસમાં રાંઘણ…

मासिक कार्तिगाई व्रत कथा

|| कार्तिगाई व्रत कथा || कार्तिगाई दीपम का त्योहार दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव की पूजा को समर्पित है और दीपों के प्रज्वलन द्वारा अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। कार्तिगाई दीपम की कथा भगवान मुरुगन (जिन्हें कार्तिकेय…

चंद्रघंटा माता व्रत कथा पूजा विधि

|| चंद्रघंटा माता व्रत कथा || पुराणों में जिस कथा का जिक्र है उसके मुताबिक देव लोक में जब असुरों का आतंक अधिक बढ़ गया तब देवी दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का अवतार लिया। उस वक्त महिषासुर असुरों का स्वामी था। ये दुत्कारी महिष देवराज इंद्र का सिंहासन पाना चाहता था। स्वर्गलोक पर राज करने…

आज है ब्रह्मचारिणी माता व्रत कथा पूजा विधि जरुर सुने माता की कथा

|| ब्रह्मचारिणी माता व्रत कथा || ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली। देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है। इस देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं। पूर्वजन्म में इस देवी ने हिमालय के घर…

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