प्रदोष व्रत कथा एवं पूजा विधि
प्रदोष का अर्थ है रात्रि का शुभ आरम्भ इस व्रत के पूजन का विधान इसी समय होता है। इसलिए इसे प्रदोष व्रत कहते हैं। यह व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को किया जाता हैं। इसका उदेशय संतान की कामना है। इस व्रत को स्त्री पुरुष दोनों ही कर सकते हैं। इस व्रत…