कालयवन वध कथा

|| कालयवन वध कथा || कालयवन वध की कथा का वर्णन विष्णु पुराण के पंचम अंश के तेईसवें अध्याय मे किया गया है। कालयवन ऋषि शेशिरायण का पुत्र था। गर्ग गोत्र के ऋषि शेशिरायण त्रिगत राज्य के कुलगुरु थे। उन्होंने भगवान शिव की तपस्या की और एक अजेय पुत्र के लिए वार माँगा। भगवान शिव…

आशा दशमी पौराणिक व्रत कथा

|| आशा दशमी पौराणिक व्रत कथा || आशा दशमी की पौराणिक व्रत कथा, जो भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई थी, इस कथा के अनुसार प्राचीन काल में निषध देश में एक राजा राज्य करते थे, जिनका नाम नल था। उनके भाई पुष्कर ने युद्ध में जब उन्हें पराजित कर दिया, तब नल अपनी भार्या…

श्री रुक्मणी मंदिर प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| श्री रुक्मणी मंदिर प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || यदु वंशी श्रीकृष्ण दुर्वासा ऋषि को अपना कुलगुरु मानते थे। जब श्रीकृष्ण और रुक्मिणी का विवाह हुआ तो वे अशीर्वाद प्राप्ति के लिए दुर्वासा ऋषि से मिलने के लिए उनके आश्रम पधारे, जो द्वारका से दूरी पर स्थित था। श्री कृष्ण ने ऋषि दुर्वासा को महल आने…

मंगलवार व्रत कथा पूजा विधि

|| मंगलवार व्रत कथा || प्राचीन काल में एक नगर में एक ब्राह्मण दंपत्ति रहते थे। उनकी कोई संतान नहीं थी, जिससे वे अत्यंत दुखी रहते थे। ब्राह्मण प्रतिदिन की तरह इस बार भी वन में पूजा करने गए। पूजा के उपरांत उन्होंने हनुमान जी से पुत्र प्राप्ति की प्रार्थना की। उधर, उनकी पत्नी भी…

गुप्त नवरात्रि व्रत (माघ नवरात्रि) कथा एवं पूजा विधि

|| गुप्त नवरात्रि (माघ नवरात्रि) पूजा विधि || गुप्त नवरात्रि में माँ काली और भगवान महादेव की विशेष पूजा की जाती है। प्रातःकाल स्नानादि के पश्चात् शुद्ध स्थान पर कलश की स्थापना करें। कलश में गंगाजल, लौंग, सुपारी, इलायची, हल्दी, चन्दन, अक्षत, मौली, रोली और पुष्प डालें। आम, पीपल आदि के पत्तों से कलश को…

माघ अमावस्या व्रत कथा

|| माघ अमावस्या व्रत कथा || कांचीपुरी में एक ब्राह्मण देवस्वामी अपनी पत्नी धनवती, सात बेटों और बेटी गुणवती के साथ रहते थे। देवस्वामी के सातों बेटों की शादी हो चुकी थी, लेकिन गुणवती अब भी अविवाहित थी। उसने अपने बड़े बेटे को गुणवती के लिए वर खोजने का कार्य सौंपा। एक दिन एक पंडित…

षटतिला एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ षटतिला एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ षटतिला एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन तिल का प्रयोग 6 तरीकों से किया जाता है। तिल स्नान, तिल का उबटन, तिल का हवन, तिल का तर्पण, तिल का भोग और तिल का दान। पूजा के लिए इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में…

मेरु त्रयोदशी व्रत की कथा

|| मेरु त्रयोदशी व्रत की कथा || मेरु त्रयोदशी जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो पिंगल कुमार की याद में मनाया जाता है। यह पर्व पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को आता है। इस दिन जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव को निर्वाण भी प्राप्त हुआ था। जैन धर्म के प्राचीन…

बसंत पंचमी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| बसंत पंचमी पूजा विधि || बसंत पंचमी के दिन प्रातः स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ पीले या सफेद रंग का वस्त्र धारण करें। इसके बाद माता सरस्वती की पूजा का संकल्प लें। पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। सबसे पहले भगवान गणेश, जो प्रथम पूज्य हैं, की पूजा…

भक्त श्रीधर की कथा

|| भक्त श्रीधर की कथा || माता से जुड़ी एक पौराणिक कथा काफी प्रसिद्ध है जो माता के एक भक्त श्रीधर से जुड़ी है। इस कथा के अनुसार वर्तमान कटरा क़स्बे से 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित हंसाली गांव में मां वैष्णवी के परम भक्त श्रीधर रहते थे, जो कि नि:संतान थे। संतान ना होने का…

गजलक्ष्मी व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| गजलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि || यह व्रत शाम के समय किया जाता है। इसलिए, शाम को स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और घर के मंदिर में माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। पूजा की तैयारी केसर मिश्रित चंदन से अष्टदल बनाएं और उस पर चावल रखें। एक जल से भरा कलश अवश्य…

महानंदा नवमी व्रत कथा व पूजा विधि

।। महानंदा नवमी व्रत पूजा विधि ।। ब्रह्म मुहूर्त में उठें (सूर्योदय से पहले का समय)। घर का कूड़ा-कचरा इकट्ठा करके सूप में डालें और उसे घर से बाहर कर दें। यह क्रिया अलक्ष्मी (दरिद्रता) का विसर्जन मानी जाती है। नित्यकर्मों (शौच आदि) से निवृत्त होकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल…

श्री विट्ठल व्रत कथा व पूजा विधि

|| विट्ठल पूजा विधि || विट्ठल, जिन्हें विठोबा के नाम से भी जाना जाता है, महाराष्ट्र, कर्नाटक और अन्य क्षेत्रों में पूजे जाने वाले एक प्रमुख देवता हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से आषाढ़ी एकादशी और कार्तिक एकादशी के दिन बहुत धूमधाम से की जाती है। पूजा की तैयारी ब्रह्म मुहूर्त में उठना शुभ माना…

गाज माता व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| गाज माता पूजन || गाज माता पूजन, जिसे गाज बीज पूजन भी कहते हैं, भाद्रपद शुक्ल द्वितीया को किया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य कुल देवता की पूजा करना और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करना होता है। कुल देवता का पूजन दोपहर के समय किया जाता है। इस दिन कच्ची रसोई…

माघ महीना व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| माघ पूर्णिमा पूजा विधि || माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करना चाहिए। यदि गंगा स्नान संभव न हो तो पानी में गंगाजल मिलकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के उपरांत ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें। फिर तिलांजलि देने के लिए सूर्य की ओर मुख करके…

चातुर्मास व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| चर्तुमास पूजा विधि || चर्तुमास में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। सबसे पहले चर्तुमास के दिनों मे जल्दी उठें । उसके बाद नहाकर साफ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। चर्तुमास के दिनों में भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें। चर्तुमास में भगवान विष्णु के मंत्र जाप करने से…

संतान सप्तमी व्रत की कथा

|| संतान सप्तमी व्रत की कथा || संतान सप्तमी व्रत संतान सुख प्रदान करने वाला व्रत है। इस व्रत से संतान को आरोग्य और दीघायु की प्राप्ति होती है। भगवान श्रीकृष्ण ने एक बार पांडु पुत्र युधिष्ठिर को भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के महत्व को बताते हुए कहा था कि इस…

सकट चौथ व्रत कथा और पूजा विधि

।। सकट चौथ व्रत पूजा विधि ।। सुबह स्नान ध्यान करके भगवान गणेश की पूजा करें। इसके बाद सूर्यास्त के बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। गणेश जी की मूर्ति के पास एक कलश में जल भर कर रखें। धूप-दीप, नैवेद्य, तिल, लड्डू, शकरकंद, अमरूद, गुड़ और घी अर्पित करें। तिलकूट का बकरा भी कहीं-कहीं…

लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा

|| लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा || सतयुग में हरिश्चंद्र नामक एक प्रतापी राजा थे, जो अत्यंत सरल और सत्यनिष्ठ स्वभाव के थे। उनके शासन काल में अधर्म का कोई अस्तित्व नहीं था। उनके राज्य में न कोई अपाहिज था, न दरिद्र, न ही दुखी। उसी राज्य में ऋषिशर्मा नामक एक तपस्वी ब्राह्मण रहते थे।…

मकर संक्रांति व्रत कथा व पूजा विधि

।। मकर संक्रांति पूजा विधि ।। मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य देव की पूजन का विशेष महत्व होता है। मकर संक्रांति के दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान के जल में तिल मिलाकर स्नान करें। तत्पश्चात लाल वस्त्र धरण करें तथा दाहिने हाथ में जल लेकर पूरे दिन बिना नमक खाए व्रत करने…

शाकम्भरी देवी की कथा

|| शाकम्भरी देवी की कथा || प्राचीन काल में दुर्गम नाम का एक शक्तिशाली और अहंकारी दैत्य था। उसके पिता महादैत्य रूरू थे। एक दिन दुर्गम ने सोचा, “देवताओं की शक्ति और उनकी सत्ता वेदों में निहित है। यदि वेदों को नष्ट कर दिया जाए, तो देवताओं का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।” इस विचार के…

लोहड़ी की कहानी – पंजाबी लोक कथा

।। लोहड़ी की कहानी – पंजाबी लोक कथा ।। लोहड़ी का संबंध सुंदरी नामक एक कन्या तथा दुल्ला भट्टी नामक एक योद्धा से जोड़ा जाता है। इस संबंध में प्रचलित ऐतिहासिक कथा के अनुसार, गंजीबार क्षेत्र में एक ब्राह्मण रहता था जिसकी सुंदरी नामक एक कन्या थी जो अपने नाम की भांति बहुत सुंदर थी।…

श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा

|| बृहस्पतिवार व्रत का महत्व || बृहस्पतिवार का व्रत हिंदू धर्म में विशेष रूप से भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा के लिए किया जाता है। इसे गुरु वार व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत का पालन करने से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है और उनके जीवन…

సంపద శుక్రవరం కథ

|| సంపద శుక్రవారం కథ || సంపద శుక్రవార వ్రతం ఒక బ్రాహ్మణుడికి ఏడుగురు కొడుకులు ఉన్నారు. వారందరికీ వివాహాలయి భార్యలు కాపురానికి రావడంతో వారంతా వేరే ఇళ్ళల్లో కాపురాలు పెట్టారు. ఒకనాడు ఉదయం శుక్రవారం మహాలక్ష్మీ సంచారం చేయుచూ ఆ బ్రాహ్మణుని కోడళ్ళ ఇళ్ళకు వెళ్లింది. ఒక కోడలు ఉదయాన్నే పిల్లలకు భోజనముపెట్టి తాను కూడా తినుచుండెను. ఇంకొక ఆమె పాచి వాకిలో పేడవేసుకొనుచుండెను. వేరొక కోడలు పాతగుడ్డలను కుట్టుచుండెను. మరొక కోడలు పాచి వాకిలిలో…

चित्रगुप्त कथा व पूजा विधि

|| चित्रगुप्त पूजा कथा || एक बार युधिष्ठिरजी भीष्मजी से बोले- हे पितामह! आपकी कृपा से मैंने धर्मशास्त्र सुने, परन्तु यमद्वितीया का क्या पुण्य है, क्या फल है यह मैं सुनना चाहता हूँ। आप कृपा करके मुझे विस्तारपूर्वक कहिए। भीष्मजी बोले- तूने अच्छी बात पूछी। मैं उस उत्तम व्रत को विस्तारपूर्वक बताता हूँ। कार्तिक मास…

শ্রী লক্ষ্মী পাঁচালী

|| শ্রী লক্ষ্মী পাঁচালী || শ্রী শ্রী লক্ষ্মীর ধ্যান মন্ত্র ওঁ পাশাক্ষমালিকাম্ভোজ সৃণিভির্যাম্য সৌম্যয়োঃ পদ্মাসনাস্থাং ধায়েচ্চ শ্রীয়ং ত্রৈলোক্য মাতরং। গৌরবর্ণাং স্বরূপাঞ্চ সর্বালঙ্কার ভূষিতাম্, রৌক্নোপদ্মব্যগ্রকরাং বরদাং দক্ষিণেন তু। শ্রী শ্রী লক্ষ্মীর স্তব মন্ত্র ওঁ ত্রৈলোক্য-পূজিতে দেবী কমলে বিষ্ণুবল্লভে, যথা ত্বং সুস্থিরা কৃষ্ণে তথা ভব ময়ি স্থিরা। ঈশ্বরী কমলা লক্ষ্মীশ্চলা ভূতির্হরিপ্রিয়া, পদ্মা পদ্মালয়া সম্পৎপ্রদা শ্রী: পদ্মধারিণী। দ্বাদশৈতানি…

पुत्रदा एकादशी (वैकुण्ठ एकादशी) व्रत कथा और पूजा विधि

॥ पुत्रदा एकादशी (वैकुण्ठ एकादशी) व्रत पूजा विधि ॥ प्रातः काल पति – पत्नी संयुक्त रूप से विष्णु की उपासना करें। उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें। मंत्र जाप के बाद पति पत्नी संयुक्त रूप से प्रसाद ग्रहण करें। अगर इस दिन…

कूर्म द्वादशी की पौराणिक कथा और पूजा विधि

|| कूर्म द्वादशी पौराणिक कथा || पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवराज इंद्र ने अहंकार में आकर दुर्वासा ऋषि द्वारा दी गई बहुमूल्य माला का अपमान कर दिया। इससे क्रोधित होकर दुर्वासा ऋषि ने इंद्र को श्राप दिया कि वे अपनी सारी शक्तियां और बल खो देंगे। इस श्राप का प्रभाव समस्त देवताओं पर…

मकर संक्रांति व्रत कथा

|| मकर संक्रांति व्रत कथा || पौराणिक कथा के अनुसार, राजा सगर अपने परोपकार और पुण्य कर्मों के लिए तीनों लोकों में प्रसिद्ध हो गए थे। चारों ओर उनकी ही प्रशंसा हो रही थी। यह देख देवताओं के राजा इंद्र चिंतित हो गए कि कहीं राजा सगर स्वर्ग के राजा न बन जाएं। इसी दौरान…

पौष संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| पौष संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पौष मास में चतुर्थी का व्रत कर रहे व्रतधारियों को दोनों हाथों में पुष्प लेकर श्री गणेश जी का ध्यान तथा पूजन करने के पश्चात पौष गणेश चतुर्थी की यह कथा अवश्य ही पढ़ना अथवा सुनना चाहिए। संकष्टी गणेश चतुर्थी के दिन श्री गणेश के दर्शन और…

मौनी अमावस्या व्रत कथा और पूजा विधि

॥ मौनी अमावस्या पूजा विधि ॥ मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहुर्त में उठ कर और नित्य क्रियाओं से निवृत्त हो कर गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा विधि अनुसार करनी चाहिए। पूजा करते समय भगवान विष्णु को पीले फूल, केसर, घी, दिपक और…

सोम प्रदोष व्रत कथा

|| सोम प्रदोष व्रत कथा || जो प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ता है वह प्रदोष सोम प्रदोष व्रत कहलाता है। सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है अतः इस दिन प्रदोष व्रत होने से उसकी महत्ता और भी अधिक बढ जाती है। एक नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी। उसके पति का…

दर्श अमावस्या व्रत कथा

|| दर्श अमावस्या व्रत कथा || हिन्दू कैलेंडर में नए चंद्रमा के दिन को अमावस्या कहा जाता है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि कई धार्मिक अनुष्ठान और कर्मकांड केवल अमावस्या तिथि पर ही संपन्न किए जाते हैं। जब अमावस्या सोमवार को आती है, तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता…

पौष अमावस्या व्रत कथा

|| पौष अमावस्या व्रत कथा || पौष अमावस्या से जुड़ी एक प्राचीन कथा है जो एक निर्धन ब्राह्मण परिवार की कहानी को दर्शाती है। इस परिवार में पति-पत्नी और उनकी एक सुंदर और गुणवान पुत्री रहती थी। समय के साथ बेटी बड़ी होने लगी और उसमें सभी अच्छे गुण विकसित हो गए। हालांकि, गरीबी के…

सोमवती अमावस्या व्रत कथा

|| सोमवती अमावस्या व्रत कथा || सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था जिसमें पति, पत्नी और उनकी एक पुत्री थी। उनकी पुत्री समय के साथ-साथ बड़ी होने लगी और उसमें सभी स्त्रियोचित सगुणों का विकास होने लगा। वह सुंदर, संस्कारी और गुणवान थी, लेकिन गरीबी के कारण उसका विवाह नहीं…

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

|| मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा || धार्मिक पौराणिक कथा के अनुसार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि…

शनि प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

।। शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि ।। प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े धारण करें। भगवान शंकर और माता पार्वती को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं। अब भगवान को बेल पत्र, गंध, अक्षत , फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग व इलायची अर्पित…

सफला एकादशी व्रत कथा एवं पूजा विधि

॥ सफला एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ सफला एकादशी व्रत के प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहन लें, संभव हो तो पीला कपड़ा पहनें। इसके बाद हाथ में जल लेकर सफला एकादशी व्रत, भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें। अब पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित…

श्री काल भैरव अष्टमी व्रत कथा

|| काल भैरव की पूजा विधि || इस दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठ कर नित्य-क्रिया आदि कर स्वच्छ हो जाएं। एक लकड़ी के पाट पर सबसे पहले शिव और पार्वतीजी के चित्र को स्थापित करें। फिर काल भैरव के चित्र को स्थापित करें। जल का छिड़काव करने के बाद सभी को गुलाब के फूलों का…

भानु सप्तमी व्रत कथा व पूजा विधि

।। भानु सप्तमी व्रत पूजा विधि ।। सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और उसके बाद तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें लाल चन्दन, चावल, लाल फूल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। जल चढ़ाते समय सूर्य के वरूण रूप को प्रणाम करते हुए ऊं रवये नम: मंत्र का जाप करें। अंत में…

संतोषी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। संतोषी माता व्रत कथा ।। एक बुढ़िया थी, उसके सात बेटे थे। 6 कमाने वाले थे जबकि एक निक्कमा था। बुढ़िया छहों बेटों की रसोई बनाती, भोजन कराती और उनसे जो कुछ जूठन बचती वह सातवें को दे देती। एक दिन वह पत्नी से बोला- देखो मेरी माँ को मुझ पर कितना प्रेम है।…

वैभव लक्ष्मी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| वैभव लक्ष्मी व्रत पूजा विधि || वैभव लक्ष्मी व्रत को शाम के समय करना अत्यंत शुभ और लाभकारी माना जाता है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें: शाम के समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मंदिर या घर की साफ-सुथरी जगह पर एक चौकी रखें और उस…

श्री बृहस्पतिदेव की कथा

॥ बृहस्पतिदेव की कथा॥ प्राचीन काल में एक ब्राह्‌मण रहता था, वह बहुत निर्धन था। उसके कोई सन्तान नहीं थी। उसकी स्त्री बहुत मलीनता के साथ रहती थी। वह स्नान न करती, किसी देवता का पूजन न करती, इससे ब्राह्‌मण देवता बड़े दुःखी थे। बेचारे बहुत कुछ कहते थे किन्तु उसका कुछ परिणाम न निकला।…

बुधवार व्रत कथा

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित किया गया है। ऐसी मान्यता है जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से विघ्नहर्ता गणपति जी की उपासना और उपवास करता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति आती है। इस व्रत…

हनुमान जी की व्रत कथा

|| मंगलवार व्रत विधि || सर्व प्रकार के सुख, रक्त विकार, राज्य में सम्मान और पुत्र प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत अत्यंत उत्तम माना गया है। इस व्रत में केवल गेहूं और गुड़ का ही भोजन करना चाहिए। भोजन दिन या रात में केवल एक बार ही ग्रहण करना उचित है। व्रत को 21…

अखुरठा संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा

|| अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा || संकष्टी चतुर्थी से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव और पार्वती ने चौसर खेलने का निर्णय लिया। हालांकि, खेल की निगरानी करने वाला कोई नहीं था, इसलिए भगवान शिव ने अपनी शक्तियों से एक छोटे लड़के को उत्पन्न किया और उसे रेफरी बनने के लिए कहा।…

अन्नपूर्णा माता व्रत कथा

|| अन्नपूर्णा माता व्रत कथा || एक समय की बात है, काशी निवासी धनंजय की पत्नी सुलक्षणा थी। उसे सभी सुख प्राप्त थे, केवल निर्धनता ही उसके दुःख का एकमात्र कारण थी। यह दुःख उसे हर समय सताता रहता था। एक दिन सुलक्षणा ने अपने पति से कहा, “स्वामी! आप कुछ उद्यम करो तो काम…

कुंभ संक्रांति कथा एवं पूजा विधि

|| कुंभ संक्रांति की पूजा विधि || कुंभ संक्रांति एक पवित्र और शुभ अवसर है, जो सूर्य के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व होता है। पूजा विधि इस प्रकार है: कुंभ संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करें। स्नान…

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