मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

|| मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा || धार्मिक पौराणिक कथा के अनुसार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि…

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || एक समय राक्षसराज रावण कैलास पर्वत पर भक्तिभावपूर्वक भगवान शिव की आराधना कर रहा था। बहुत दिनों तक आराधना करने के बाद भी जब भगवान शिव उस पर प्रसन्न नहीं हुए, तब वह दूसरी विधि से तप-साधना करने लगा। उसने हिमालय पर्वत से दक्षिण की ओर सघन वृक्षों…

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || शिव पुराण के अनुसार, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का प्रथम ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना से सम्बंधित कथा इस प्रकार है: प्रजापति दक्ष ने अपनी सभी सत्ताइस पुत्रियों का विवाह चन्द्रमा के साथ कर दिया, जिससे वे बहुत प्रसन्न हुए। चन्द्रमा को पत्नी के रूप में दक्ष…

हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || द्वादश ज्योतिर्लिंगों के अतिरिक्त अनेक हिरण्यगर्भ शिवलिंग हैं, जिनका बड़ा अद्भुत महातम्य है। इनमें से कई शिवलिंग चमत्कारी हैं और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले हैं तथा सिद्धपीठों में स्थापित हैं। इन्हीं सिद्धपीठों में से एक है श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर, जहां स्वयंभू हिरण्यगर्भ दूधेश्वर…

भीमशंकर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| भीमशंकर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिवपुराण में मिलता है। शिवपुराण में कहा गया है कि पुराने समय में भीम नाम का एक राक्षस था। वह राक्षस कुंभकर्ण का पुत्र था, परंतु उसका जन्म ठीक उसके पिता की मृत्यु के बाद हुआ था। उसे अपने पिता की मृत्यु भगवान राम…

अन्नपूर्णा माता व्रत कथा

|| अन्नपूर्णा माता व्रत कथा || एक समय की बात है, काशी निवासी धनंजय की पत्नी सुलक्षणा थी। उसे सभी सुख प्राप्त थे, केवल निर्धनता ही उसके दुःख का एकमात्र कारण थी। यह दुःख उसे हर समय सताता रहता था। एक दिन सुलक्षणा ने अपने पति से कहा, “स्वामी! आप कुछ उद्यम करो तो काम…

आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पार्वती जी ने पूछा, “हे पुत्र! आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी को गणेश जी की पूजा कैसे करनी चाहिए? आषाढ़ मास के गणपति देवता का क्या नाम है? उनके पूजन का क्या विधान है? कृपया आप मुझे बताइए।” गणेश जी ने कहा, “आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी के दिन कृष्णपिङ्गल नामक…

ज्येष्ठ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| ज्येष्ठ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || सतयुग में एक पृथु नामक राजा हुए जिन्होंने सौ यज्ञ किए। उनके राज्य में दयादेव नामक एक विद्वान ब्राह्मण रहते थे, जिनके चार पुत्र थे। पिता ने वैदिक विधि से अपने पुत्रों का विवाह कर दिया। उन चार बहुओं में सबसे बड़ी बहू अपनी सास से कहने…

वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || एक बार पार्वती जी ने गणेशजी से पूछा कि वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की संकटा चतुर्थी का पूजन किस गणेश का और किस विधि से करना चाहिए, और उस दिन क्या भोजन करना चाहिए? गणेश जी ने उत्तर दिया – हे माता! वैशाख कृष्ण चतुर्थी के…

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा

|| श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा || दारूका एक प्रसिद्ध राक्षसी थी, जो देवी पार्वती से वरदान प्राप्त कर अहंकार में डूबी रहती थी। उसका पति दरुका महान बलशाली राक्षस था। उसने अनेक राक्षसों को अपने साथ मिलाकर समाज में आतंक फैला रखा था। वह यज्ञ और शुभ कर्मों को नष्ट करता और संत-महात्माओं…

गोपेश्वर महादेव की लीला कथा

|| गोपेश्वर महादेव की कथा || एक बार शरद पूर्णिमा की उज्ज्वल चाँदनी में वंशीवट यमुना के किनारे श्याम सुंदर मन्मथनाथ की वंशी बज उठी। श्रीकृष्ण ने छ: मास की एक रात बनाकर मन्मथ का मानमर्दन करने के लिए महारास किया था। जब महारास की गूंज सारी त्रिलोकी में फैल गई, तो हमारे भोले बाबा…

चैत्र संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| चैत्र संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || प्राचीन काल में सतयुग में मकरध्वज नामक एक राजा थे। वे प्रजा के पालन में बहुत प्रेमी थे। उनके राज्य में कोई निर्धन नहीं था। चारों वर्ण अपने-अपने धर्मों का पालन करते थे। प्रजा को चोर-डाकू आदि का भय नहीं था। सभी लोग स्वस्थ रहते थे। लोग…

राजा नल दमयंती कथा

|| राजा नल दमयंती कथा || महाभारत महाकाव्य में एक प्रसंग के अनुसार, नल और दमयन्ती की कथा महाराज युधिष्ठिर को सुनाई गई थी। युधिष्ठिर को जुए में सब कुछ हारने के बाद अपने भाइयों के साथ 12 वर्षों का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास सहना पड़ा। वनवास के दौरान, धर्मराज युधिष्ठिर के आग्रह…

शिव जी व्रत कथा एवं पूजा विधि

।। सोमवार व्रत पूजा विधि ।। गाय के शुद्ध कच्चे दूध को शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। यह करने से मनुष्य के तन-मन-धन से जुड़ी सारी परेशानियां खत्म हो जाती है। इसके बाद शिवलिंग पर शहद या गन्ने का रस चढ़ाए। फिर कपूर, इत्र, पुष्प-धतूरे और भस्म से शिवजी का अभिषेक कर शिव आरती करना…

कोकिला व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| कोकिला व्रत की पूजा विधि || इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे। साथ ही इस दिन अपने दिन की शुरुआत सूर्य को अर्घ देने के साथ करें। इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें। साथ ही शिवजी का दूध और गंगाजल के साथ अभिषेक…

चिरंजीव और आयुषमती की कथा

|| चिरंजीव और आयुषमती की कथा || चिरंजीव एक समय की बात है, एक ब्राह्मण के संतान नहीं थी। उसने महामाया की तपस्या की, और माता जी उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान देने को तैयार हो गईं। ब्राह्मण ने पुत्र प्राप्ति की इच्छा जताई। माता जी ने कहा, “मेरे पास दो प्रकार के…

भगवान दत्तात्रेय जन्म कथा

|| भगवान दत्तात्रेय जन्म कथा || भगवान को जब अपने भक्तों का यश बढ़ाना होता है, तो वे नाना प्रकार की लीलाएँ करते हैं। श्री लक्ष्मी जी, माता सती और देवी सरस्वती जी को अपने पतिव्रत का बड़ा अभिमान था। तीनों देवियों के अभिमान को नष्ट करने तथा अपनी परम भक्तिनी पतिव्रता धर्मचारिणी अनसूया के…

भैया दूज लोक कथा

|| भैया दूज लोक कथा || एक बुढ़िया माई थी, उसके सात बेटे और एक बेटी थी। बेटी की शादी हो चुकी थी। जब भी उसके बेटों की शादी होती, फेरों के समय एक नाग आता और उसके बेटे को डस लेता था। बेटे की वहीं मृत्यु हो जाती और बहू विधवा हो जाती। इस…

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा

|| पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा || पुराणों में अधिकमास, जिसे मलमास भी कहा जाता है, के पुरुषोत्तम मास बनने की एक बेहद रोचक कथा है। इस कथा के अनुसार बारह महीनों के अलग-अलग स्वामी हैं, लेकिन स्वामीविहीन होने के कारण अधिकमास को मलमास कहा जाने लगा, जिससे उसकी निंदा होने लगी। इस बात से दु:खी…

राजा मुचुकुन्द की कथा

|| राजा मुचुकुन्द की कथा || त्रेता युग में महाराजा मान्धाता के तीन पुत्र हुए: अमरीष, पुरू और मुचुकुन्द। युद्ध नीति में निपुण होने के कारण देवासुर संग्राम में इंद्र ने महाराज मुचुकुन्द को अपना सेनापति बनाया। युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद महाराज मुचुकुन्द ने विश्राम की इच्छा प्रकट की। देवताओं ने उन्हें…

पतिव्रता सती माता अनसूइया की कथा

|| पतिव्रता सती माता अनसूइया की कथा || भगवान को अपने भक्तों का यश बढ़ाना होता है और वे इसके लिए नाना प्रकार की लीलाएँ करते हैं। एक बार, श्री लक्ष्मी जी, माता सती और देवी सरस्वती जी को अपने पतिव्रत पर बहुत अभिमान हो गया। यह अभिमान भंग करने और अपनी परम भक्त, पतिव्रता…

मार्गशीर्ष संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| मार्गशीर्ष संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पार्वती जी ने गणेश जी से पूछा, “हे लम्बोदर! अगहन कृष्ण चतुर्थी को संकटा कहलाती है। उस दिन किस गणेश की पूजा किस रीति से करनी चाहिए?” गणेश जी ने उत्तर दिया, “हे हिमालयनंदनी! अगहन में पूर्वोक्त रीति से गजानन नामक गणेश की पूजा करनी चाहिए। पूजन…

फाल्गुन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| फाल्गुन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || प्रत्येक माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। यह व्रत माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश को समर्पित है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान श्री गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। फाल्गुन माह की संकष्टी चतुर्थी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के…

कार्तिक संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| कार्तिक संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पार्वती जी कहती हैं, “हे भाग्यशाली लम्बोदर! भाषणकर्ताओं में श्रेष्ठ! कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को किस नाम वाले गणेश जी की पूजा किस प्रकार करनी चाहिए?” श्रीकृष्ण जी ने कहा, “अपनी माता की बात सुनकर गणेश जी ने कहा कि कार्तिक कृष्ण चतुर्थी का नाम संकटा है। उस…

पौष संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| पौष संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पौष मास में चतुर्थी का व्रत कर रहे व्रतधारियों को दोनों हाथों में पुष्प लेकर श्री गणेश जी का ध्यान तथा पूजन करने के पश्चात पौष गणेश चतुर्थी की यह कथा अवश्य ही पढ़ना अथवा सुनना चाहिए। संकष्टी गणेश चतुर्थी के दिन श्री गणेश के दर्शन और…

बुध प्रदोष व्रत कथा

|| बुध प्रदोष व्रत कथा || बुध त्रयोदशी प्रदोष व्रत करने से सर्व कामनाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत में हरी वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। शंकर शिव जी की आराधना धूप, बेल पत्र आदि से करनी चाहिए। बुध प्रदोष व्रत की कथा के अनुसार एक पुरुष का नया-नया विवाह हुआ। विवाह के 2 दिनों…

सोम प्रदोष व्रत कथा

|| सोम प्रदोष व्रत कथा || जो प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ता है वह प्रदोष सोम प्रदोष व्रत कहलाता है। सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है अतः इस दिन प्रदोष व्रत होने से उसकी महत्ता और भी अधिक बढ जाती है। एक नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी। उसके पति का…

ಅಟಲಾ ತಡ್ಡೀ ವ್ರತ ಕಥಾ

|| ಅಟಲಾ ತಡ್ಡೀ ವ್ರತ ಕಥಾ || ಏಕ ರಾಜ್ಯ ಮೇಂ ಏಕ ರಾಜಕುಮಾರೀ ಥೀ ಜೋ ಅಟಲಾ ತಡ್ಡೀ ನೋಮು ವ್ರತ ಕಾ ಪಾಲನ ಕರ ರಹೀ ಥೀ. ಇಸ ವ್ರತ ಮೇಂ, ಉಸೇ ಪೂರೇ ದಿನ ಉಪವಾಸ ರಖನಾ ಹೋತಾ ಥಾ ಔರ ಕೇವಲ ಚಾಁದ ದಿಖನೇ ಕೇ ಬಾದ ಹೀ ಭೋಜನ ಕರನಾ ಹೋತಾ ಥಾ. ಕುಛ ಘಂಟೋಂ ಕೇ ಉಪವಾಸ ಕೇ ಬಾದ, ರಾಜಕುಮಾರೀ ಬೇಹೋಶ ಹೋ ಗಈ ಕ್ಯೋಂಕಿ ಉಸೇ…

महेश नवमी व्रत कथा

|| महेश नवमी व्रत कथा || एक समय की बात है जब राजा खडगलसेन शासन कर रहे थे। उनके पास कोई संतान नहीं थी। वे पुत्रकामेष्टी यज्ञ करने के बाद पुत्र की प्राप्ति के लिए उत्सुक थे, जिससे उन्हें एक पुत्र सुजान बच्चा हुआ। ऋषियों ने उन्हें चेतावनी दी कि उनके पुत्र को 20 वर्ष…

అటలా తడ్డీ వ్రత కథా

|| అటలా తడ్డీ వ్రత కథా || ఏక రాజ్య మేం ఏక రాజకుమారీ థీ జో అటలా తడ్డీ నోము వ్రత కా పాలన కర రహీ థీ. ఇస వ్రత మేం, ఉసే పూరే దిన ఉపవాస రఖనా హోతా థా ఔర కేవల చాఀద దిఖనే కే బాద హీ భోజన కరనా హోతా థా. కుఛ ఘంటోం కే ఉపవాస కే బాద, రాజకుమారీ బేహోశ హో గఈ క్యోంకి ఉసే…

अटला तड्डी व्रत कथा

|| अटला तड्डी व्रत कथा || एक राज्य में एक राजकुमारी थी जो अटला तड्डी नोमु व्रत का पालन कर रही थी। इस व्रत में, उसे पूरे दिन उपवास रखना होता था और केवल चाँद दिखने के बाद ही भोजन करना होता था। कुछ घंटों के उपवास के बाद, राजकुमारी बेहोश हो गई क्योंकि उसे…

सत्यनारायणाची कथा मराठी

|| सत्यनारायणाची कथा मराठी || प्रारंभ अध्याय पहिला अथ कथा: । श्रीगणेशाय नम: ॥ एकदा नैमिषारण्ये ऋषय: शौनकादय: ॥ पप्रच्छुर्मुनय: सर्वे सूतं पौराणिकं खलु ॥१॥ ऋषय ऊचु: ॥ व्रतेन तपसा किं वा प्राप्यते वांछितं फलम्। तत्सर्वं श्रोतुमिच्छाम: कथयस्व महामुने ॥२॥ सूत उवाच ॥ नरादेनैव संपृष्टो भगवान्कमलापति: ॥ सुरर्षये यथैवाह तच्छृणुध्वं समाहिता: ॥३॥ एकदा नारदो योगी परानुग्रहकांक्षया…

गुरु प्रदोष व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि || सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें। अब भगवान शिव की धूप व आरती करें। भगवान शंकर को भोग लगाएं। फिर शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की आरती करें। || गुरु प्रदोष व्रत के लाभ ||…

देवशयनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ देवशयनी एकादशी पूजा विधि ॥ सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग…

नरक चतुर्दशी कथा

|| नरक चतुर्दशी कथा || कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रूप चौदस, नरक चतुर्दशी कहते हैं। बंगाल में इस दिन को मां काली के जन्मदिन के रूप में काली चौदस के तौर पर मनाया जाता है। इसे छोटी दीपावली भी कहते हैं। इस दिन स्नानादि से निवृत्त होकर यमराज का तर्पण कर…

નરક ચતુર્દશી કથા

|| નરક ચતુર્દશી કથા || કાર્તિક મહીને મેં કૃષ્ણ પક્ષ કી ચતુર્દશી કો રૂપ ચૌદસ, નરક ચતુર્દશી કહતે હૈં. બંગાલ મેં ઇસ દિન કો માં કાલી કે જન્મદિન કે રૂપ મેં કાલી ચૌદસ કે તૌર પર મનાયા જાતા હૈ. ઇસે છોટી દીપાવલી ભી કહતે હૈં. ઇસ દિન સ્નાનાદિ સે નિવૃત્ત હોકર યમરાજ કા તર્પણ કર…

నరక చతుర్దశీ కథా

|| నరక చతుర్దశీ కథా || కార్తిక మహీనే మేం కృష్ణ పక్ష కీ చతుర్దశీ కో రూప చౌదస, నరక చతుర్దశీ కహతే హైం. బంగాల మేం ఇస దిన కో మాం కాలీ కే జన్మదిన కే రూప మేం కాలీ చౌదస కే తౌర పర మనాయా జాతా హై. ఇసే ఛోటీ దీపావలీ భీ కహతే హైం. ఇస దిన స్నానాది సే నివృత్త హోకర యమరాజ కా తర్పణ కర…

ನರಕ ಚತುರ್ದಶೀ ಕಥಾ

|| ನರಕ ಚತುರ್ದಶೀ ಕಥಾ || ಕಾರ್ತಿಕ ಮಹೀನೇ ಮೇಂ ಕೃಷ್ಣ ಪಕ್ಷ ಕೀ ಚತುರ್ದಶೀ ಕೋ ರೂಪ ಚೌದಸ, ನರಕ ಚತುರ್ದಶೀ ಕಹತೇ ಹೈಂ. ಬಂಗಾಲ ಮೇಂ ಇಸ ದಿನ ಕೋ ಮಾಂ ಕಾಲೀ ಕೇ ಜನ್ಮದಿನ ಕೇ ರೂಪ ಮೇಂ ಕಾಲೀ ಚೌದಸ ಕೇ ತೌರ ಪರ ಮನಾಯಾ ಜಾತಾ ಹೈ. ಇಸೇ ಛೋಟೀ ದೀಪಾವಲೀ ಭೀ ಕಹತೇ ಹೈಂ. ಇಸ ದಿನ ಸ್ನಾನಾದಿ ಸೇ ನಿವೃತ್ತ ಹೋಕರ ಯಮರಾಜ ಕಾ ತರ್ಪಣ ಕರ…

ନରକ ଚତୁର୍ଦଶୀ କଥା

|| ନରକ ଚତୁର୍ଦଶୀ କଥା || କାର୍ତିକ ମହୀନେ ମେଂ କୃଷ୍ଣ ପକ୍ଷ କୀ ଚତୁର୍ଦଶୀ କୋ ରୂପ ଚୌଦସ, ନରକ ଚତୁର୍ଦଶୀ କହତେ ହୈଂ। ବଙ୍ଗାଲ ମେଂ ଇସ ଦିନ କୋ ମାଂ କାଲୀ କେ ଜନ୍ମଦିନ କେ ରୂପ ମେଂ କାଲୀ ଚୌଦସ କେ ତୌର ପର ମନାୟା ଜାତା ହୈ। ଇସେ ଛୋଟୀ ଦୀପାବଲୀ ଭୀ କହତେ ହୈଂ। ଇସ ଦିନ ସ୍ନାନାଦି ସେ ନିବୃତ୍ତ ହୋକର ଯମରାଜ କା ତର୍ପଣ କର…

നരക ചതുർദശീ കഥാ

|| നരക ചതുർദശീ കഥാ || കാർതിക മഹീനേ മേം കൃഷ്ണ പക്ഷ കീ ചതുർദശീ കോ രൂപ ചൗദസ, നരക ചതുർദശീ കഹതേ ഹൈം. ബംഗാല മേം ഇസ ദിന കോ മാം കാലീ കേ ജന്മദിന കേ രൂപ മേം കാലീ ചൗദസ കേ തൗര പര മനായാ ജാതാ ഹൈ. ഇസേ ഛോടീ ദീപാവലീ ഭീ കഹതേ ഹൈം. ഇസ ദിന സ്നാനാദി സേ നിവൃത്ത ഹോകര യമരാജ കാ തർപണ കര…

நரக சதுர்த³ஶீ கதா²

|| நரக சதுர்த³ஶீ கதா² || கார்திக மஹீனே மேம்ʼ க்ருʼஷ்ண பக்ஷ கீ சதுர்த³ஶீ கோ ரூப சௌத³ஸ, நரக சதுர்த³ஶீ கஹதே ஹைம்ʼ. ப³ங்கா³ல மேம்ʼ இஸ தி³ன கோ மாம்ʼ காலீ கே ஜன்மதி³ன கே ரூப மேம்ʼ காலீ சௌத³ஸ கே தௌர பர மனாயா ஜாதா ஹை. இஸே சோ²டீ தீ³பாவலீ பீ⁴ கஹதே ஹைம்ʼ. இஸ தி³ன ஸ்னாநாதி³ ஸே நிவ்ருʼத்த ஹோகர யமராஜ கா தர்பண கர…

ਨਰਕ ਚਤੁਰ੍ਦਸ਼ੀ ਕਥਾ

|| ਨਰਕ ਚਤੁਰ੍ਦਸ਼ੀ ਕਥਾ || ਕਾਰ੍ਤਿਕ ਮਹੀਨੇ ਮੇਂ ਕ੍ਰੁਸ਼਼੍ਣ ਪਕ੍ਸ਼਼ ਕੀ ਚਤੁਰ੍ਦਸ਼ੀ ਕੋ ਰੂਪ ਚੌਦਸ, ਨਰਕ ਚਤੁਰ੍ਦਸ਼ੀ ਕਹਤੇ ਹੈਂ। ਬੰਗਾਲ ਮੇਂ ਇਸ ਦਿਨ ਕੋ ਮਾਂ ਕਾਲੀ ਕੇ ਜਨ੍ਮਦਿਨ ਕੇ ਰੂਪ ਮੇਂ ਕਾਲੀ ਚੌਦਸ ਕੇ ਤੌਰ ਪਰ ਮਨਾਯਾ ਜਾਤਾ ਹੈ। ਇਸੇ ਛੋਟੀ ਦੀਪਾਵਲੀ ਭੀ ਕਹਤੇ ਹੈਂ। ਇਸ ਦਿਨ ਸ੍ਨਾਨਾਦਿ ਸੇ ਨਿਵ੍ਰੁੱਤ ਹੋਕਰ ਯਮਰਾਜ ਕਾ ਤਰ੍ਪਣ ਕਰ…

જયા પાર્વતી વ્રત કથા

|| જયા પાર્વતી વ્રત કથા || જયા-પાર્વતી પર્વ પર માતા પાર્વતી કી પૂજા કે સમય ઇસ કથા કો સુનના અત્યંત મહત્વપૂર્ણ હૈ. ઇસ કથા કે શ્રવણ સે માતા પાર્વતી કા આશીર્વાદ પ્રાપ્ત હોતા હૈ. જયા પાર્વતી વ્રત માતા પાર્વતી કો સમર્પિત પર્વ હૈ, જિસે સુહાગિન સ્ત્રિયાં અપને સુહાગ કી લંબી આયુ ઔર અખંડતા કે લિએ…

जया पार्वती व्रत कथा

|| जया पार्वती व्रत कथा || जया-पार्वती पर्व पर माता पार्वती की पूजा के समय इस कथा को सुनना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस कथा के श्रवण से माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जया पार्वती व्रत माता पार्वती को समर्पित पर्व है, जिसे सुहागिन स्त्रियां अपने सुहाग की लंबी आयु और अखंडता के लिए…

रक्षाबंधन की कथा

|| राखी की कहानी || रक्षा बंधन की कथा हिंदू पौराणिक कथाओं में हैं। यह पीढ़ी दर पीढ़ी नीचे पारित की गई है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस त्योहार की शुरुआत भगवान कृष्ण द्वारा अपनी बहन सुभद्रा को दिए गए प्यार और सुरक्षा को मनाने के लिए की गई थी। सुभद्रा एक युवा लड़की…

संतोषी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। संतोषी माता व्रत कथा ।। एक बुढ़िया थी, उसके सात बेटे थे। 6 कमाने वाले थे जबकि एक निक्कमा था। बुढ़िया छहों बेटों की रसोई बनाती, भोजन कराती और उनसे जो कुछ जूठन बचती वह सातवें को दे देती। एक दिन वह पत्नी से बोला- देखो मेरी माँ को मुझ पर कितना प्रेम है।…

साईं बाबा की व्रत कथा

॥ साईं बाबा व्रत कथा ॥ किरन बहन और उनके पति किशन भाई एक शहर में रहते थे। वैसे तो दोनों का एक दूसरे के प्रति गहरा प्रेम भाव था। परन्तु किशन भाई का स्वरूप झगड़ालू था। अड़ोसी-पड़ोसी भी उनके स्वभाव से परेशान थे, लेकिन किरन बहन धार्मिक स्वभाव की थी, भगवान पर विश्वास रखती…

प्रदोष व्रत कथा एवं पूजा विधि

प्रदोष का अर्थ है रात्रि का शुभ आरम्भ इस व्रत के पूजन का विधान इसी समय होता है| इसलिए इसे प्रदोष व्रत कहते हैं| यह व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को किया जाता हैं| इसका उदेशय संतान की कामना है| इस व्रत को स्त्री पुरुष दोनों ही कर सकते हैं| इस व्रत…

सोमवार व्रत कथा पूजा विधि

।। सोमवार व्रत कथा ।। किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके घर में धन की कोई कमी नहीं थी लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी जिस वजह से वह बेहद दुखी था। पुत्र प्राप्ति के लिए वह भगवान शिव प्रत्येक सोमवार व्रत रखता था और पूरी श्रद्धा के साथ शिवालय में जाकर भगवान…

સોમનાથ બ્રતા કથા

|| સોમનાથ બ્રતા કથા || એક દિનકરે કૈળાસ શિખરરે ઈશ્વર પાર્બતીઙ્કુ સઙ્ગતે ઘેનિ આનન્દરે બિહાર કરુછન્તિ . સેઠારે તેતિશિ કોટિ દેબતા બસિછન્તિ . એમન્ત સમય઼રે પાર્બતી પચારિલે, હે સ્વામી ! કેઉઁ બ્રત કલે તુમ્ભ મનરે સન્તોષ હુઅઇ મોતે કહિબા હુઅન્તુ . મુઁ સે બ્રત કરિબિ . એહા શુણિ ઈશ્બર હસિ હસિ કહિલે, ભો દેબી પાર્બતી,…