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श्री सुपार्श्वनाथ आरती

Suparshwnath Aarti Hindi

MiscAarti (आरती संग्रह)हिन्दी
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।। आरती ।।

आओ सभी मिल आरती करके,
श्री सुपार्श्व गुणगान करें।
मुक्ति रमापति की आरती,
सब भव्यों का कल्याण करें।।

धनपति ने आ नगर बनारस,
में रत्नों की वर्षा की,
गर्भ बसे भादों सुदि षष्ठी,
पृथ्वीषेणा मां हरषीं,
गर्भकल्याणक की वह तिथि भी,
मंगलमय भगवान करें।

मुक्ति रमापति की आरती,
सब भव्यों का कल्याण करें।।

ज्येष्ठ सुदी बारस जिनवर का,
सुरगिरि पर अभिषेक हुआ,
उस ही तिथि दीक्षा ली प्रभु ने,
राज-पाट सब त्याग दिया,
फाल्गुन वदि षष्ठी शुभ तिथि में,
केवलज्ञान कल्याण करें।

मुक्ति रमापति की आरती,
सब भव्यों का कल्याण करें।।

फाल्गुन वदि सप्तमि को प्रभुवर,
श्री सम्मेदशिखर गिरि से,
मुक्तिरमा को वरने हेतु,
चले सिद्धिपति बन करके,
कर्मनाश शिव वरने वाले,
हमको सिद्धि प्रदान करें।

मुक्ति रमापति की आरती,
सब भव्यों का कल्याण करें।।

रत्नथाल में मणिमय दीपक,
को प्रज्वलित किया स्वामी,
मोहतिमिर के नाशन हेतु,
तव शरणा आते प्राणी,
इसी हेतु चंदनामती,
हम भी तेरी गुणगान करें।

मुक्ति रमापति की आरती,
सब भव्यों का कल्याण करें।।

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