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हॉलीवुड की ‘प्रीटी वुमन’ और कैंची धाम का जादू – कैसे नीम करौरी बाबा के आशीर्वाद ने जूलिया रॉबर्ट्स का जीवन बदल दिया?

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दुनिया की चकाचौंध से दूर, एक ऐसी आध्यात्मिक ऊर्जा है जो हॉलीवुड (Hollywood) के सितारों को भी अपनी ओर खींच लेती है। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के शांत ‘कैंची धाम’ (Kainchi Dham) और उनके पूज्य गुरु, बाबा नीम करौरी (नीम करोली बाबा) की।

हॉलीवुड की सबसे बड़ी अभिनेत्रियों में से एक, जूलिया रॉबर्ट्स (Julia Roberts), का बाबा के प्रति गहरा समर्पण सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि ‘आस्था’ (Faith) और ‘परिवर्तन’ (Transformation) का एक अद्भुत प्रमाण है। आइए, जानते हैं कि कैसे बाबा के एक आशीर्वाद ने उनका और अनगिनत विदेशी भक्तों का जीवन बदल दिया।

जूलिया रॉबर्ट्स – जब ‘आस्था’ ने बदल दिया ‘कॅरियर’ (Career) और ‘जीवन’ (Life)

जूलिया रॉबर्ट्स, जिन्हें दुनिया ‘प्रीटी वुमन’ (Pretty Woman) के नाम से जानती है, उनका भारतीय आध्यात्मिकता और विशेष रूप से नीम करौरी बाबा से जुड़ाव कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात हो सकती है।

जूलिया का ‘हिंदू धर्म’ (Hinduism) अपनाना

  • जूलिया रॉबर्ट्स ने स्वयं खुलासा किया कि उन्हें हिंदू धर्म में ‘शांति’ (Peace) और ‘स्थिरता’ (Stability) मिलती है। उन्होंने यह भी बताया कि वह और उनका परिवार नियमित रूप से पूजा-पाठ करते हैं और मंदिर जाते हैं।
  • जूलिया ने बताया कि उन्हें पहली बार बाबा नीम करौरी की एक तस्वीर ने आकर्षित किया था। यह तस्वीर उन्हें एक किताब में मिली थी। बाबा की आँखों में उन्हें एक ऐसी ‘गहराई’ (Depth) और ‘स्नेह’ (Affection) महसूस हुआ जिसने उन्हें तुरंत प्रभावित किया।
  • उन्होंने एक इंटरव्यू (Interview) में कहा था कि वह मानती हैं कि उनका नीम करौरी बाबा और हिंदू धर्म से कोई ‘पूर्व जन्म’ (Previous Life) का ‘कनेक्शन’ है, जो उन्हें इस ओर खींच लाया।
  • जूलिया रॉबर्ट्स और उनके पति डैनी मोडर (Danny Moder) ने अपने तीनों बच्चों को भी हिंदू संस्कृति से प्रेरित नाम दिए हैं – हैजल (Hazel), फिनायस (Phinnaeus) और हेनरी (Henry)।

जूलिया रॉबर्ट्स का यह ‘रूपांतरण’ (Conversion) बताता है कि बाबा की शक्ति केवल शारीरिक उपस्थिति तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी ऊर्जा आज भी लोगों को सही ‘मार्ग’ (Path) दिखाती है।

विदेशी भक्त और ‘कैंची धाम’ की ओर खिंचाव

यह केवल जूलिया रॉबर्ट्स की कहानी नहीं है। 60 के दशक के ‘हिप्पी मूवमेंट’ (Hippie Movement) के समय से ही, पश्चिमी दुनिया के लोग ‘सच्ची खुशी’ (True Happiness) की तलाश में भारत और नीम करौरी बाबा की शरण में आते रहे हैं।

राम दास – पश्चिम में बाबा के संदेशवाहक

  • हार्वर्ड विश्वविद्यालय (Harvard University) के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक (Psychologist) डॉ. रिचर्ड एल्पर्ट, बाबा के सबसे प्रसिद्ध पश्चिमी भक्तों में से एक हैं। भारत आने पर, बाबा ने उन्हें नया नाम दिया— राम दास (Ram Dass)।
  • राम दास ने बाबा की शिक्षाओं पर आधारित अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘बी हियर नाउ’ (Be Here Now) लिखी। यह किताब अमेरिका में लाखों की संख्या में बिकी और इसने पश्चिमी जगत को नीम करौरी बाबा के ‘ज्ञान’ (Wisdom) से परिचित कराया।
  • राम दास के माध्यम से, पश्चिमी भक्तों ने समझा कि जीवन की जटिलताओं का उत्तर ‘भौतिकवाद’ (Materialism) में नहीं, बल्कि ‘प्रेम’ (Love), ‘सेवा’ (Service) और ‘ध्यान’ (Meditation) में है।

अन्य प्रसिद्ध विदेशी भक्त

स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग के अलावा, कई अन्य ‘इन्फ़्लुएन्शियल’ (Influential) पश्चिमी हस्तियां बाबा को मानती हैं:

  • जेफरी डसन (Jeffrey Dasson): प्रसिद्ध अमेरिकी ‘फोटोग्राफर’ (Photographer)।
  • कृष्णा दास (Krishna Das): विश्व प्रसिद्ध ‘कीर्तन’ (Kirtan) गायक।

इन भक्तों का जुड़ाव यह साबित करता है कि बाबा की शिक्षाएं किसी देश या धर्म तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह पूरी ‘मानवता’ (Humanity) के लिए हैं।

बाबा की शिक्षाएं – जो हर ‘विदेशी’ को सुकून देती हैं

विदेशी भक्तों को कैंची धाम क्यों खींचता है? बाबा की शिक्षाओं में ऐसा क्या खास है जो उन्हें अपने ‘वेस्टर्न लाइफस्टाइल’ (Western Lifestyle) से दूर ले आता है?

चार स्तंभ – जीवन की कुंजी

बाबा नीम करौरी की शिक्षाएँ अत्यंत सरल थीं, लेकिन जीवन को गहराई से छूने वाली थीं:

  • प्रेम और करुणा (Love and Compassion) – बाबा का सबसे महत्वपूर्ण संदेश था कि सभी को बिना शर्त प्यार (Unconditional Love) करो। यह ‘भावनात्मक खालीपन’ (Emotional Vacuum) को भरने का सबसे बड़ा तरीका है जो अक्सर भौतिकवादी समाज में महसूस होता है।
  • ईमानदारी और सत्य (Honesty and Truth) – उन्होंने कहा था, “सब सत्य बोलो।” यह ‘मंत्र’ (Mantra) एक जटिल दुनिया में सरलता से जीने का मार्ग दिखाता है।
  • सेवा ही ‘धर्म’ (Service is Dharma) – बाबा ने कर्मकांडों के बजाय गरीबों और ज़रूरतमंदों की सेवा पर ज़ोर दिया। यह ‘परोपकार’ (Charity) की भावना पश्चिमी संस्कृति के कई लोगों को ‘आंतरिक संतोष’ (Inner Contentment) प्रदान करती है।
  • सब भगवान हैं (Everything is God) – हर व्यक्ति और हर वस्तु में ईश्वर को देखना। यह नज़रिया (Perspective) जीवन के प्रति कृतज्ञता (Gratitude) और स्वीकार्यता (Acceptance) पैदा करता है।

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