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वृश्चिक संक्रान्ति पर ज्योतिषीय प्रभाव – किन राशियों को मिलेगा लाभ और किन्हें करनी होगी सावधानी? (Astrological Impact of Vrishchik Sankranti)

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प्रत्येक वर्ष जब सूर्य देव अपनी राशि बदलते हैं, तो उसे ‘संक्रान्ति’ कहा जाता है। कार्तिक मास में जब सूर्य तुला राशि को छोड़कर मंगल की स्वामित्व वाली वृश्चिक राशि (Scorpio Zodiac) में प्रवेश करते हैं, तो यह अवधि वृश्चिक संक्रान्ति कहलाती है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, सूर्य का यह गोचर (Transit) अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि सूर्य आत्मा, पिता, सरकारी सेवा और मान-सम्मान के कारक हैं, और वृश्चिक राशि परिवर्तन, गहनता, रहस्य, और परिवर्तन को दर्शाती है।

वृश्चिक संक्रान्ति का प्रभाव न केवल देश-दुनिया पर बल्कि सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर भी पड़ता है। आइए जानते हैं कि यह संक्रान्ति किन राशियों के लिए लाभ और उन्नति के द्वार खोलेगी, और किन्हें कुछ विशेष सावधानियां (Precautions) बरतने की आवश्यकता होगी।

वृश्चिक संक्रान्ति – एक ज्योतिषीय अवलोकन

वृश्चिक राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं, जो ऊर्जा, साहस और पराक्रम के प्रतीक हैं। सूर्य और मंगल दोनों ही उग्र ग्रह (Fiery Planets) माने जाते हैं। जब सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं, तो यह संयोजन एक शक्तिशाली ऊर्जा को जन्म देता है, जो जीवन के गहरे और छिपे हुए पहलुओं को प्रभावित करती है। इस अवधि में व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास और आत्मबल (Self-confidence) में वृद्धि होती है, लेकिन साथ ही अत्यधिक महत्वाकांक्षा और जल्दबाजी में निर्णय लेने की प्रवृत्ति भी बढ़ सकती है।

इन 4 राशियों को मिलेगा विशेष लाभ और उन्नति

वृश्चिक संक्रान्ति के दौरान सूर्य का यह गोचर कुछ राशियों के लिए वरदान साबित हो सकता है। उन्हें विशेष रूप से कार्यक्षेत्र, आर्थिक स्थिति और सामाजिक प्रतिष्ठा में लाभ मिलने की संभावना है:

1. कर्क राशि (Cancer)

कर्क राशि वालों के लिए सूर्य का यह गोचर पंचम भाव (Fifth House) में होगा, जो शिक्षा, संतान और प्रेम संबंध का भाव है।

  • लाभ – आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, और निवेश से लाभ मिलेगा। नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति (Promotion) के अवसर मिल सकते हैं। लंबे समय से रुके हुए कार्य सफलतापूर्वक पूरे होंगे। छात्रों के लिए समय अनुकूल है।
  • टिप – अपने लव-लाइफ (Love Life) में अहंकार से बचें।

2. वृश्चिक राशि (Scorpio)

सूर्य का गोचर आपकी ही राशि, यानी लग्न भाव (First House) में हो रहा है। यह आपके व्यक्तित्व और स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करेगा।

  • लाभ – आपके सुख-समृद्धि भरे दिन शुरू होंगे। सेहत में सुधार होगा और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आपके कार्य से लोग प्रभावित होंगे, जिससे सम्मान मिलेगा। सरकारी कार्यों में कामयाबी मिलेगी।
  • टिप – क्रोध और अति-आत्मविश्वास (Overconfidence) पर नियंत्रण रखें।

3. कुंभ राशि (Aquarius)

कुंभ राशि के लिए सूर्य दशम भाव (Tenth House) में गोचर करेंगे, जिसे कर्म भाव और करियर का भाव भी कहते हैं।

  • लाभ – यह समय कुंभ राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ साबित हो सकता है। कार्यक्षेत्र में उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है और धन में वृद्धि होगी। जमीन या घर खरीदने की योजना सफल हो सकती है। पब्लिक-रिलेशन (Public-relation) से जुड़े लोगों को फायदा मिलेगा।
  • टिप – कार्यस्थल पर किसी भी तरह की राजनीति से दूर रहें।

4. मीन राशि (Pisces)

मीन राशि के लिए सूर्य भाग्य भाव (Ninth House) में प्रवेश करेंगे।

  • लाभ – भाग्य आपका पूरा साथ देगा। धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। नौकरी और व्यापार में लाभ के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। अधिकारियों से सहयोग मिलेगा, जिससे आपके कार्य सुगमता से पूरे होंगे। विदेश यात्रा का योग भी बन सकता है।
  • टिप – दान पुण्य और पिता की सेवा करना आपके लिए और भी अधिक शुभ रहेगा।

इन 4 राशियों को करनी होगी विशेष सावधानी

सूर्य का वृश्चिक में गोचर कुछ राशियों के लिए थोड़ी-बहुत चुनौतियां ला सकता है। उन्हें इस दौरान अतिरिक्त सावधानी (Vigilance) बरतने की जरूरत होगी:

1. मेष राशि (Aries)

मेष राशि के लिए सूर्य का गोचर अष्टम भाव (Eighth House) में होगा, जिसे आयु और अचानक परिवर्तनों का भाव माना जाता है।

  • सावधानी – स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें, खासकर नेत्र और पेट संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। गुप्त बातों के उजागर होने का डर रहेगा। धन-हानि (Financial Loss) से बचने के लिए निवेश में जल्दबाजी न करें।
  • उपाय – प्रतिदिन सूर्य देव को जल अर्पित करें।

2. वृषभ राशि (Taurus)

वृषभ राशि के लिए सूर्य सप्तम भाव (Seventh House) में गोचर करेंगे, जो वैवाहिक जीवन और साझेदारी (Partnership) का भाव है।

  • सावधानी – वैवाहिक जीवन में तनाव और आपसी मतभेद बढ़ सकते हैं। व्यापारिक साझेदारों के साथ ईगो क्लैश (Ego Clash) की स्थिति से बचें। सेहत के मामले में लापरवाही न बरतें।
  • उपाय – जीवनसाथी के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश करें और सूर्य मंत्र का जाप करें।

3. सिंह राशि (Leo)

सूर्य आपकी राशि के स्वामी हैं और यह गोचर चतुर्थ भाव (Fourth House) में हो रहा है, जो सुख और माता का भाव है।

  • सावधानी – माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है। पारिवारिक मामलों में तनाव और घर के सुख में कमी महसूस हो सकती है। संपत्ति संबंधी विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। मानसिक अशांति (Mental restlessness) से बचें।
  • उपाय – भगवान शिव की पूजा करें और अपनी माता का सम्मान करें।

4. तुला राशि (Libra)

तुला राशि के लिए सूर्य दूसरे भाव (Second House) में गोचर करेंगे, जिसे धन, वाणी और कुटुंब (Family) का भाव कहते हैं।

  • सावधानी – आपकी वाणी में थोड़ी कठोरता आ सकती है, जिससे पारिवारिक रिश्तों में खटास आ सकती है। धन के मामलों में सावधानी रखें, फिजूलखर्ची से बचें। आँख और दाँत संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  • उपाय – सोच-समझकर बोलें और ज़रूरतमंदों को गुड़ का दान करें।

वृश्चिक संक्रान्ति पर धार्मिक और ज्योतिषीय उपाय

संक्रान्ति का दिन दान-पुण्य और सूर्य उपासना के लिए विशेष फलदायी होता है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करके आप सूर्य के गोचर के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं और शुभ फल की प्राप्ति कर सकते हैं:

  • सूर्य उपासना – सूर्योदय से पूर्व उठकर पवित्र नदी में स्नान करें (या घर के पानी में गंगाजल मिलाकर)। इसके बाद सूर्य देव को तांबे के लोटे से अर्घ्य (Offering) दें। जल में लाल चंदन और लाल फूल डालें।
  • मंत्र जाप – ‘ॐ सूर्याय नमः’ या ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
  • दान – इस दिन गुड़, तिल, गेहूँ, लाल वस्त्र और तांबे के बर्तन का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे आरोग्य और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
  • पितृ तर्पण – वृश्चिक संक्रान्ति पर पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण करने का विशेष महत्व है। इससे पितृ दोष (Pitra Dosha) से मुक्ति मिलती है।

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