|| बालांबिका स्तोत्र ||
वेलातिलङ्घ्यकरुणे विबुधेन्द्रवन्द्ये
लीलाविनिर्मित- चराचरहृन्निवासे।
मालाकिरीट- मणिकुण्डल मण्डिताङ्गे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम्।
कञ्जासनादिमणि- मञ्जुकिरीटकोटि-
प्रत्युप्तरत्नरुचि- रञ्जितपादपद्मे।
मञ्जीरमञ्जुल- विनिर्जितहंसनादे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम्।
प्रालेयभानुकलि- काकलितातिरम्ये
पादाग्रजावलि- विनिर्जितमौक्तिकाभे।
प्राणेश्वरि प्रमथलोकपतेः प्रगल्भे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम्।
जङ्घादिभिर्विजित- चित्तजतूणिभागे
रम्भादिमार्दव- करीन्द्रकरोरुयुग्मे।
शम्पाशताधिक- समुज्वलचेललीले
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम्।
माणिक्यमौक्तिक- विनिर्मितमेखलाढ्ये
मायाविलग्न- विलसन्मणिपट्टबन्धे।
लोलम्बराजि- विलसन्नवरोमजाले
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम्।
न्यग्रोधपल्लव- तलोदरनिम्ननाभे
निर्धूतहारविलसत्- कुचचक्रवाके।
निष्कादिमञ्जुमणि- भूषणभूषिताङ्गे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम्।
कन्दर्पचापमदभङ्ग- कृतातिरम्ये
भ्रूवल्लरीविविध- चेष्टितरम्यमाने।
कन्दर्पसोदर- समाकृतिफालदेशे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम्।
मुक्तावलीविलस- दूर्जितकम्बुकण्ठे
मन्दस्मितानन- विनिर्जितचन्द्रबिम्बे।
भक्तेष्टदान- निरतामृतपूर्णदृष्टे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम्।
कर्णावलम्बिमणि- कुण्डलगण्डभागे
कर्णान्तदीर्घ- नवनीरजपत्रनेत्रे।
स्वर्णायकादिमणि- मौक्तिकशोभिनासे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम्।
लोलम्बराजि- ललितालकजालशोभे
मल्लीनवीनकलिका- नवकुन्दजाले।
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम्।
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