भर्तृहरि शतक एक प्रसिद्ध संस्कृत ग्रंथ है, जिसे महाकवि भर्तृहरि ने रचा है। यह ग्रंथ तीन प्रमुख शतकों (सौ श्लोकों के संग्रह) में विभाजित है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं। भर्तृहरि ने अपने अनुभवों, ज्ञान और दृष्टिकोण को अत्यंत सटीक और काव्यात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है। इस ग्रंथ के श्लोक जीवन की सच्चाइयों, मानवीय भावनाओं, और नैतिकता पर आधारित हैं।
भर्तृहरि शतक के तीन प्रमुख भाग
- नीति शतक में जीवन के व्यवहारिक पक्षों, नैतिकता, और धर्म के सिद्धांतों का वर्णन किया गया है। इसमें समाज और व्यक्ति के कर्तव्यों, आदर्शों और जीवन में सदाचार का महत्व बताया गया है। यह शतक व्यक्ति को उचित आचरण और जीवन में सफल होने के लिए मार्गदर्शन देता है। इसमें शिक्षा दी गई है कि किस प्रकार व्यक्ति को अपने जीवन में संतुलन बनाए रखना चाहिए।
- श्रृंगार शतक में प्रेम, सौंदर्य और जीवन के आनंदमयी पक्ष का वर्णन किया गया है। इसमें प्रेम और श्रृंगार के विभिन्न रूपों का अत्यंत सुंदर और काव्यात्मक वर्णन किया गया है। इस शतक के श्लोकों में मानवीय भावनाओं, प्रेम के सुख-दुख, और जीवन के रंगीन पहलुओं को उकेरा गया है। इसमें प्रेम के नाजुक और संवेदनशील पक्ष को उजागर किया गया है, जो व्यक्ति के जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है।
- वैराग्य शतक में संसार के मोह-माया से विमुक्त होने और वैराग्य धारण करने के महत्त्व को बताया गया है। यह शतक व्यक्ति को संसार की अस्थिरता, अनित्यता और मृगतृष्णा से मुक्त होकर आत्मज्ञान और मोक्ष की ओर प्रेरित करता है। इसमें संसारिक सुखों की क्षणभंगुरता और आत्मा की शाश्वतता पर विचार किया गया है।
भर्तृहरि शतक का महत्व
भर्तृहरि शतक जीवन के तीन प्रमुख आयामों – नीति, प्रेम, और वैराग्य – पर आधारित है। यह ग्रंथ व्यक्ति को जीवन के हर पहलू पर गहराई से सोचने और समझने का अवसर प्रदान करता है। नीति शतक में जहां जीवन के व्यवहारिक और नैतिक पक्ष को उभारा गया है, वहीं श्रृंगार शतक प्रेम और सौंदर्य का अद्भुत चित्रण करता है। वैराग्य शतक व्यक्ति को जीवन के अंतिम लक्ष्य की ओर, यानी मोक्ष और आत्मिक उन्नति की दिशा में ले जाता है।
भर्तृहरि के श्लोक अत्यंत सरल, प्रभावशाली और दार्शनिक हैं। उनका गूढ़ अर्थ व्यक्ति को जीवन के सत्य से रूबरू कराता है। इस ग्रंथ का अध्ययन व्यक्ति को जीवन में सही दिशा, संतुलन और विवेक प्रदान करता है। भर्तृहरि शतक की विशेषता यह है कि यह हर वर्ग और उम्र के व्यक्ति के लिए उपयोगी है, चाहे वह सांसारिक जीवन जी रहा हो या आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर हो।