॥ आरती ॥
जय चंद्रप्रभु देवा, स्वामी जय चंद्रप्रभु देवा ।
तुम हो विघ्न विनाशक स्वामी, तुम हो विघ्न विनाशक
पार करो देवा, स्वामी पार करो देवा॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
मात सुलक्षणा पिता तुम्हारे महासेन देवा २।
चन्द्र पूरी में जनम लियो हैं स्वामी देवों के देवा २॥
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
जन्मोत्सव पर प्रभु तिहारे, सुर नर हर्षाये २।
रूप तिहार महा मनोहर सब ही को भायें २॥
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
बाल्यकाल में ही प्रभु तुमने दीक्षा ली प्यारी २।
भेष दिगंबर धारा, महिमा हैं न्यारी २॥
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
फाल्गुन वदि सप्तमी को, प्रभु केवल ज्ञान हुआ २।
खुद जियो और जीने दो का सबको सन्देश दिया २॥
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
अलवर प्रान्त में नगर तिजारा, देहरे में प्रगटे २।
मूर्ति तिहारी अपने अपने नैनन, निरख निरख हर्षे २॥
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
हम प्रभु दास तिहारे, निश दिन गुण गावें २।
पाप तिमिर को दूर करो, प्रभु सुख शांति लावें २॥
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
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