शिव वास योग 2026 – इस साल सावन की शुरुआत शिव वास योग में क्यों है खास? जानें पूरा रहस्य

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वर्ष 2026 में ‘शिव वास योग’ आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से रुद्राभिषेक और विशेष अनुष्ठानों के लिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शिव वास का अर्थ है – तिथि के अनुसार भगवान शिव का वर्तमान निवास स्थान। सावन 2026 (30 जुलाई से 28 अगस्त) के दौरान शिव वास देखने की आवश्यकता नहीं…

Sawan 2026 – सावन में कैसे करें भगवान शिव की पूजा? जानें व्रत के नियम, क्या करें और क्या न करें

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सावन मास, भगवान शिव का प्रिय महीना, 2026 में 28 जुलाई से शुरू होकर 24 अगस्त तक चलेगा। इस पवित्र महीने में, भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं, व्रत रखते हैं, और कावड़ यात्रा निकालते हैं। सावन माह हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष…

हरियाली अमावस्या और श्रावण अमावस्या 2026 – जानिए शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और पौराणिक महत्व

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वर्ष 2026 में हरियाली अमावस्या, जिसे श्रावण अमावस्या भी कहा जाता है, 12 अगस्त (बुधवार) को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की इस तिथि का विशेष धार्मिक और प्राकृतिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन की…

Kokila Vrat 2026 – कोकिला व्रत क्या है? पार्वती जी ने कैसे पाया शिव जी को? जानिए विधि, महत्व और कथा

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कोकिला व्रत मुख्य रूप से उत्तर और दक्षिण भारत की महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक अत्यंत फलदायी व्रत है। वर्ष 2026 में यह व्रत 29 जुलाई (बुधवार) को आषाढ़ पूर्णिमा के दिन मनाया जाएगा। कोकिला व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं और अविवाहित लड़कियों द्वारा किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है। यह…

श्रावण शिवरात्रि 2026 – अभिषेक से लेकर आरती तक, पूरी विधि

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श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को श्रावण शिवरात्रि मनाई जाती है। वर्ष 2026 में यह पवित्र पर्व 11 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा। भगवान शिव को समर्पित सावन का महीना भक्ति और उपासना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने और उपवास रखने से भक्तों…

Sawan 2026 – शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने के नियम और संख्या – क्या कहते हैं शास्त्र?

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वर्ष 2026 में सावन (श्रावण) का महीना बेहद खास होने वाला है। उत्तर भारत के राज्यों (जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार) में सावन 30 जुलाई 2026 से शुरू होकर 28 अगस्त 2026 को समाप्त होगा। इस दौरान कुल 4 सोमवार पड़ेंगे, जो महादेव की भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। सावन 2026 में…

सावन सोमवार 2026 – भोलेनाथ के प्रिय भोग क्या हैं? शिव जी के मंत्र और पूजा विधि से करें मनोकामना पूर्ण

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वर्ष 2026 में सावन का महीना शिव भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक महत्व लेकर आएगा। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सावन की शुरुआत 28 जुलाई 2026 से होने की संभावना है। सावन के सोमवार भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं, और इस दौरान कांवड़ यात्रा की धूम पूरे उत्तर भारत में देखने को मिलती है।…

Woman Kawad Yatra 2026 – क्या महिलाएं कर सकती हैं कांवड़ यात्रा? जानें नियम, सावधानियां और समाधान

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वर्ष 2026 में कांवड़ यात्रा का उत्साह चरम पर रहेगा, जिसमें महिला कांवड़ियों की भागीदारी एक नया अध्याय लिखेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कांवड़ यात्रा के लिए शास्त्रों में महिलाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं है। 2026 में यह यात्रा 30 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त (सावन शिवरात्रि) तक चलेगी। आज के समय में महिलाएं…

सावन 2026 चमत्कारी उपाय – जानें कौन-सा शिव मंत्र आपकी राशि के लिए है शुभ और फलदायक

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वर्ष 2026 में सावन का महीना शिव भक्तों के लिए विशेष उत्साह लेकर आएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन या श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस दौरान प्रकृति अपनी पूर्ण सुंदरता के साथ खिल उठती है और चारों ओर हरियाली छा जाती है। क्या आप सावन 2026 में भगवान…

Sawan 2026 – कब से शुरू होगा सावन महीना? जानें पूरा पूजा क्रम तिथि, महत्व और संपूर्ण व्रत नियम

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वर्ष 2026 में सावन (श्रावण) का पवित्र महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए अत्यंत विशेष होने वाला है। उत्तर भारत के पंचांग के अनुसार, सावन का प्रारंभ 30 जुलाई 2026 (गुरुवार) से होगा और इसका समापन 28 अगस्त 2026 (शुक्रवार) को रक्षाबंधन के दिन होगा। सावन मास हिन्दू पंचांग का पाँचवाँ माह है, जिसे…

Sawan Month 2026 – जानिए भगवान शिव के अनजाने नाम और उनका महत्व

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वर्ष 2026 में सावन (श्रावण) का पवित्र महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक महत्व लेकर आएगा। उत्तर भारत के राज्यों (जैसे यूपी, बिहार, राजस्थान) में सावन 30 जुलाई 2026 से शुरू होकर 28 अगस्त 2026 (रक्षाबंधन) तक चलेगा। इस दौरान कुल 4 सावन सोमवार पड़ेंगे, जो क्रमशः 3, 10, 17 और 24…

कांवड़ यात्रा 2026 कब शुरू होगी? जानें कांवड़ यात्रा 2026 की आरंभ तिथियाँ, यात्रा का इतिहास और आध्यात्मिक महत्व

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कांवड़ यात्रा 2026 भगवान शिव के भक्तों के लिए आस्था और अटूट विश्वास का महापर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2026 में कांवड़ यात्रा की शुरुआत 30 जुलाई, गुरुवार से होगी। इस पावन यात्रा का समापन 11 अगस्त 2026 को सावन शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक के साथ होगा। सावन का पावन महीना आते ही, भगवान…

Pashupatinath Vrat 2026 – क्या आप कर रहे हैं पशुपतिनाथ व्रत सही विधि से? जानें पूजा सामग्री, नियम और मंत्र

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पशुपतिनाथ व्रत 2026 भगवान शिव की आराधना का एक अत्यंत प्रभावशाली अनुष्ठान है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत किसी भी महीने के शुक्ल या कृष्ण पक्ष के सोमवार से प्रारंभ किया जा सकता है। वर्ष 2026 में भक्त अपनी सुविधानुसार किसी भी शुभ सोमवार से इसकी शुरुआत कर सकते हैं। पशुपतिनाथ व्रत भगवान शिव…

Mahesh Navami 2026 – जानिए शिव-पार्वती की आराधना का विशेष दिन, महेश नवमी का रहस्य और इसकी महिमा

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महेश नवमी 2026 का पावन पर्व 23 जून 2026, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आता है। यह विशेष रूप से माहेश्वरी समाज का सबसे बड़ा उत्सव है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान शिव (महेश) और माता पार्वती की…

रंगभरी एकादशी 2026 – भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित त्योहार, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और व्रत पारण का समय

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वर्ष 2026 में रंगभरी एकादशी 27 फरवरी, शुक्रवार को मनाई जाएगी। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की इस तिथि को ‘आमलकी एकादशी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह साल की एकमात्र एकादशी है जिसका संबंध भगवान विष्णु के साथ-साथ महादेव से भी है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव माता पार्वती का…

Maha Shivratri 2026 – क्या है रुद्राभिषेक? जानें इसकी विधि, महत्व और लाभ

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महा शिवरात्रि 2026 का पर्व शिव भक्तों के लिए अत्यंत शुभ होता है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। रुद्राभिषेक के लिए सबसे पहले भगवान शिव का जल से स्नान कराएं, फिर दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें। उसके बाद बेलपत्र, धतूरा, भांग और अक्षत…

Mahashivratri 2026 – महाशिवरात्रि पर करें शिव पंचाक्षरी, भस्म और रुद्राक्ष के दर्शन, जीवन में आएगी शुभता

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सनातन धर्म में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्त्व है। भस्म, पंचाक्षरी मंत्र और रुद्राक्ष – ये तीनों शिव-भक्ति के मुख्य स्तंभ माने जाते हैं। इनका प्रतिदिन दर्शन करने एवं उपयोग करने से व्यक्ति के जीवन में शुभता, शांति एवं आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। भगवान शिव की भक्ति में भस्म, शिव पंचाक्षरी…

Mahashivratri 2026 – महाशिवरात्रि के अवसर पर कौन सी शिव स्तुति का पाठ करना चाहिए और इसका महत्व क्या है? जानें सम्पूर्ण जानकारी

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महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है। यह दिन शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन शिवभक्त उपवास रखते हैं और पूरी श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, महाशिवरात्रि की रात शिव की कृपा…

मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है? यहाँ समझें इस पावन तिथि का असली रहस्य

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हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए कई विशेष दिन बताए गए हैं, लेकिन ‘शिवरात्रि’ का महत्व सबसे ऊपर है। अक्सर लोग दुविधा में रहते हैं कि हर महीने आने वाली शिवरात्रि और साल में एक बार आने वाली महाशिवरात्रि में क्या अंतर है? क्या दोनों का फल एक समान है? आज के…

क्या आपकी हर मनोकामना अधूरी रह जाती है? इस मासिक शिवरात्रि पर आजमाएं शिव पूजन की यह प्राचीन विधि

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अक्सर हमारे जीवन में एक ऐसा दौर आता है जब हमें लगता है कि हमारी मेहनत और प्रार्थनाएं बेकार जा रही हैं। हम मंदिरों के चक्कर लगाते हैं, उपवास रखते हैं, फिर भी मनचाहा फल नहीं मिलता। शास्त्रों में कहा गया है कि महादेव तो ‘भोले’ हैं, वे बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। लेकिन क्या…

हर महीने आने वाली मासिक शिवरात्रि का क्या है महत्व? जानें व्रत कथा और संपूर्ण पूजन सामग्री की लिस्ट

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भगवान शिव की भक्ति के लिए साल की महाशिवरात्रि तो प्रसिद्ध है ही, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर महीने पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि का भी उतना ही आध्यात्मिक महत्व है? हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। यह दिन भगवान भोलेनाथ को…

काशी विश्वनाथ मंदिर – 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वोच्च स्थान, सम्पूर्ण दर्शन विधि और महत्व।

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भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी, वाराणसी (काशी) को ‘मोक्ष की नगरी’ कहा जाता है। यह वह भूमि है, जहाँ स्वयं भगवान शिव ‘विश्वनाथ’ या ‘विश्वेश्वर’ के रूप में विराजमान हैं, जिसका अर्थ है ‘समस्त ब्रह्मांड के शासक’। द्वादश (12) ज्योतिर्लिंगों में, काशी विश्वनाथ का स्थान न केवल महत्त्वपूर्ण है, बल्कि कई पौराणिक कथाओं के…

काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास घूमने लायक 5 ऐतिहासिक जगहें और उनका इतिहास।

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वाराणसी, जिसे काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है, केवल एक शहर नहीं, बल्कि जीवित इतिहास है। यहाँ की हर गली, हर घाट और हर मंदिर हज़ारों साल पुरानी कहानियाँ सुनाता है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर इस धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र बिंदु है, लेकिन इसके आसपास कई ऐसे ऐतिहासिक और…

काशी विश्वनाथ का 350 साल पुराना इतिहास – औरंगजेब के आक्रमण से लेकर भव्य कॉरिडोर तक की गाथा।

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भारत की आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी (काशी) में स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति के अक्षय धैर्य और पुनरुत्थान का जीवंत प्रमाण है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसे ‘विश्वेश्वर’ यानी ‘समस्त ब्रह्मांड का शासक’ कहा जाता है। इसका इतिहास हजारों वर्ष पुराना है, लेकिन पिछले 350…

काशी विश्वनाथ मंदिर के गुप्त तहखाने और अष्टधातु की मूर्ति का अनसुना इतिहास।

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काशी विश्वनाथ मंदिर, जिसे ‘विश्वेश्वर’ यानी ‘विश्व का ईश्वर’ कहा जाता है, वह सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि भारतीय अध्यात्म और इतिहास का जीता-जागता प्रतीक है। सदियों से इस पवित्र भूमि ने अनगिनत विनाश देखे हैं और हर बार यह अपनी पूरी आभा के साथ फिर से खड़ा हुआ है। लेकिन इस गौरवशाली इतिहास…

(16) सोलह सोमवार व्रत कथा एवं पूजा विधि

सोलह सोमवार व्रत कथा (16 Solah Somvar Vrat Katha PDF) भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक अत्यंत प्रभावशाली उपाय है। इस व्रत को विशेष रूप से अविवाहित कन्याएं उत्तम वर की प्राप्ति के लिए करती हैं, वहीं विवाहित स्त्रियाँ सुखमय वैवाहिक जीवन हेतु इसका पालन करती हैं। सोलह सोमवार व्रत कथा (16 Solah…

Monday Fast – सोमवार व्रत एवं पूजा के लिए शक्तिशाली शिव मंत्र – अर्थ और लाभ सहित

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सोमवार का व्रत भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन मंत्र जाप का विशेष महत्व है। भक्तों को “महामृत्युंजय मंत्र” ( ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥ ) जपने की सलाह दी जाती है। यह मंत्र आरोग्य, दीर्घायु और भय से मुक्ति प्रदान करता है। इसके अलावा, पंचक्षरी मंत्र “ॐ नमः…

सोमवार व्रत कथा, पूजा विधि, उद्यापन विधि

|| सोमवार व्रत कथा (Somvar Vrat Katha PDF) || किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके घर में धन की कोई कमी नहीं थी लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी जिस वजह से वह बेहद दुखी था। पुत्र प्राप्ति के लिए वह भगवान शिव प्रत्येक सोमवार व्रत रखता था और पूरी श्रद्धा के साथ…

शुक्रवार प्रदोष व्रत 2025 – जब शिव-लक्ष्मी दोनों करते हैं कृपा, जानें शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व और चमत्कार

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नमस्कार दोस्तों! हमारे सनातन धर्म में हर व्रत और त्यौहार का अपना एक विशेष महत्व होता है। इनमें से कुछ व्रत ऐसे होते हैं, जो हमें न केवल आध्यात्मिक शांति देते हैं, बल्कि हमारे जीवन की भौतिक परेशानियों को भी दूर करते हैं। ऐसा ही एक अद्भुत और शक्तिशाली व्रत है ‘शुक्र प्रदोष व्रत’। यह…

भौम प्रदोष व्रत – 100 जन्मों तक नहीं होगी दरिद्रता, इस विधि से शिव पूजा कर पाएं मंगल देव का आशीर्वाद

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प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि (Trayodashi Tithi) को आने वाला प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के समय की गई शिव पूजा (Lord Shiva Worship) अक्षय फल देती है। जब यह शुभ तिथि मंगलवार (Tuesday) को पड़ती है, तब इसे “भौम प्रदोष व्रत” कहा जाता…

भौम प्रदोष व्रत 2025 – इस दुर्लभ योग में करें शिव-शक्ति की आराधना, धन, सुख और संतान प्राप्ति का वरदान

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सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। जब यह पावन तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) कहा जाता है। ‘भौम’ मंगल ग्रह का पर्याय है, और इस दिन शिव-शक्ति की पूजा के साथ-साथ मंगल…

भोलेनाथ और मंगल देव को प्रसन्न करने का चमत्कारी ‘भौम प्रदोष व्रत’ – इन 5 चीज़ों से करें अभिषेक, हर इच्छा होगी पूरी

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हिंदू धर्म में, भगवान शिव की आराधना के लिए प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का विशेष महत्व है। यह हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है और मान्यता है कि इस दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के लगभग 45 मिनट पहले और 45 मिनट बाद का समय) में कैलाशपति भगवान शिव प्रसन्न मुद्रा में होते…

कर्ज़ से मुक्ति दिलाएगा भौम प्रदोष व्रत – जानें अचूक पूजा विधि, व्रत कथा और शुभ मुहूर्त, मंगल दोष होगा शांत

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क्या आप कर्ज़ के बोझ से परेशान हैं? क्या मंगल दोष आपके जीवन में बाधाएं उत्पन्न कर रहा है? (Are you worried about debts?) तो यह लेख आपके लिए एक वरदान साबित हो सकता है! त्रयोदशी तिथि पर आने वाला भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) भगवान शिव और हनुमान जी की कृपा से आपको…

आज है भौम प्रदोष व्रत – प्रदोष काल में ऐसे करें रुद्राभिषेक, मनोकामना पूर्ति के लिए जपें ये प्रभावशाली मंत्र

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हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, और जब यह मंगलवार (Tuesday) के दिन पड़ता है, तो इसे ‘भौम प्रदोष व्रत’ कहा जाता है। यह दिन न केवल देवों के देव महादेव (Lord Shiva) को समर्पित है, बल्कि मंगल देव और पवनपुत्र हनुमान जी की कृपा पाने का भी अत्यंत शुभ अवसर होता…

11 Mysteries of Lord Shiva – भगवान शिव के 11 रहस्य जो हर भक्त को जानने चाहिए

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भगवान शिव, जिन्हें महादेव, शंकर और भोलेनाथ के नाम से जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। शिव केवल संहार के देवता ही नहीं, बल्कि सृष्टि, पालन और मोक्ष के भी प्रतीक हैं। उनके रहस्यमयी स्वरूप में कई गूढ़ अर्थ छिपे हुए हैं। इस लेख में हम भगवान शिव के…

पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा पाशुपतिनाथ व्रत की संपूर्ण विधि – पाशुपतिनाथ व्रत के अद्भुत लाभ

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पशुपतिनाथ व्रत भगवान शिव को समर्पित एक शक्तिशाली और पवित्र व्रत है। यह व्रत भक्तों को भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है। पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने इस व्रत की महिमा और विधि को सरल और सुलभ तरीके से समझाया है। पाशुपतिनाथ व्रत भगवान शिव की आराधना का एक…

भूलकर भी न करें शिव चालीसा पाठ की ये 5 गलतियाँ! (होगा भारी नुकसान)

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भगवान शिव की महिमा अपरंपार है और उनकी स्तुति में गाई जाने वाली शिव चालीसा भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है। शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से मन को शांति मिलती है, भय दूर होता है और महादेव की कृपा प्राप्त होती है। लेकिन, कई बार अनजाने में ही सही, भक्त कुछ…

सिर्फ 10 मिनट में पाएं शिव कृपा – शिव तांडव स्तोत्र के अद्भुत लाभ, विधि और नियम

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शिव तांडव स्तोत्र एक प्राचीन और शक्तिशाली स्तोत्र है जिसे भगवान शिव की स्तुति में रावण ने रचा था। यह स्तोत्र भगवान शिव के तांडव नृत्य और उनकी महिमा का वर्णन करता है। इसे गाने या सुनने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति, शक्ति और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। शिव तांडव स्तोत्र भगवान…

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

प्राचीन कथा के अनुसार, चित्रभानु नामक एक शिकारी था, जो कर्जदार होने के कारण साहूकार द्वारा शिव मठ में बंदी बना लिया गया था। संयोग से, उस दिन शिवरात्रि थी और शिकारी ने अनजाने में ही व्रत का पालन किया। जंगल में शिकार की तलाश में वह एक बेल के पेड़ पर चढ़ा। रात को…

कालभैरव सहस्रनामावली

कालभैरव सहस्रनामावली भगवान कालभैरव के 1000 पवित्र और दिव्य नामों का संग्रह है। कालभैरव को समय के अधिपति, मृत्यु के रक्षक और शिव के अंशावतार के रूप में पूजा जाता है। उनकी शक्ति और भयानक रूप बुराई और नकारात्मकता को समाप्त करते हैं। कालभैरव सहस्रनामावली में उनके अद्वितीय नामों के माध्यम से उनकी महिमा, शक्ति…

महादेव की कृपा – घर में शिवलिंग की रोजाना पूजा विधि और अभिषेक के 5 अचूक मंत्र। (Mahadev’s Grace)

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क्या आप जानते हैं कि आपके घर का मंदिर आपके लिए कैलाश बन सकता है? जी हाँ! अगर आपके घर में शिवलिंग (Shivlinga) स्थापित है, तो आप हर दिन भगवान शिव (Lord Shiva) के सबसे करीब होते हैं। शिवलिंग की नियमित पूजा और अभिषेक (Abhisheka) से जीवन के सभी दुख, रोग और कष्ट दूर हो…

कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा

कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र तिथि है। इस दिन व्रत और पूजा का विशेष महत्व है। लोग इस व्रत और कथा को पढ़ने के लिए अक्सर “कार्तिक पूर्णिमा व्रत PDF” की तलाश करते हैं। यह PDF सामग्री में व्रत की विधि, कथा और महत्व शामिल होते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में…

घर में सिर्फ 1 शिवलिंग क्यों? जानें वास्तु के अनुसार शिवलिंग रखने के वो नियम जो कोई नहीं बताता।

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हर भारतीय घर (Indian Household) में पूजा-पाठ का एक विशेष स्थान होता है, जहाँ देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और चित्र स्थापित होते हैं। इन सबमें, भोलेनाथ का प्रतीक ‘शिवलिंग’ (Shivling) कई घरों की शोभा बढ़ाता है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि, वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, घर में हमेशा केवल एक ही शिवलिंग…

Bholenath Blessings – शिवलिंग स्थापित करने की सही दिशा और अंगूठे जितने शिवलिंग का महत्व।

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हर-हर महादेव! हमारे भारतीय घरों में पूजा-पाठ का एक विशेष स्थान होता है, और जब बात महादेव (Lord Shiva) की आती है, तो उनके प्रतीक ‘शिवलिंग’ (Shivling) की स्थापना एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र कार्य बन जाता है। एक शिवलिंग केवल एक मूर्ति नहीं है, यह ब्रह्मांडीय ऊर्जा (Cosmic Energy) का केंद्र है। इसे सही…

क्या घर में बड़ा शिवलिंग रखना चाहिए? शिवलिंग का सही आकार और प्राण-प्रतिष्ठा की जानकारी।

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ॐ नमः शिवाय! भोलेनाथ की पूजा हर भक्त के जीवन में सुख और शांति लाती है। शिवलिंग (Shivling) को घर में स्थापित करना एक बहुत ही शुभ कार्य माना जाता है, लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि “क्या घर में बड़ा शिवलिंग रखना चाहिए?” और “शिवलिंग का सही आकार क्या…

जीवन का अंतिम स्नान (मणिकर्णिका स्नान का रहस्य) – काशी विश्वनाथ दर्शन से पहले मणिकर्णिका स्नान क्यों है अनिवार्य? जानिए रहस्य

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काशी, जिसे वाराणसी या बनारस भी कहा जाता है, एक ऐसी नगरी है जो काल से भी पुरानी है। यह सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक जीवंत दर्शन है – जीवन और मृत्यु का अद्भुत संगम। इस पवित्र भूमि का कण-कण महादेव शिव (Lord Shiva) का वास माना जाता है। यहाँ गंगा के 84 घाटों…

वैकुण्ठ चतुर्दशी 2025 सम्पूर्ण गाइड – शुभ मुहूर्त, व्रत कथा, पूजा विधि और सरल उपाय

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वैकुण्ठ चतुर्दशी 2025 हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान विष्णु और भगवान शिव की उपासना के लिए जाना जाता है। यह दिन विशेष रूप से भक्तों के लिए परम मोक्ष प्राप्ति का समय माना जाता है। वैकुण्ठ, भगवान विष्णु का निवास स्थान है, और यह दिन उन्हीं की कृपा से मोक्ष की…

विश्वेश्वर व्रत कैसे करें? जानें शिव कृपा पाने के उपाय और रहस्य – विश्वेश्वर व्रत 2025 शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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हरि ओम! देवों के देव महादेव की कृपा प्राप्त करने के लिए सनातन धर्म में कई व्रत और अनुष्ठान (Rituals) बताए गए हैं। इन्हीं में से एक अत्यंत पवित्र और फलदायी व्रत है विश्वेश्वर व्रत। यह व्रत भगवान शिव के ही एक स्वरूप “विश्वेश्वर” को समर्पित है, जिसका अर्थ है ‘विश्व के ईश्वर’ (Lord of…

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