हरियाली और श्रावणी अमावस्या 2025 – जानें तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

hariyali amavsya

हरियाली अमावस्या, जिसे श्रावण अमावस्या भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार आमतौर पर श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह त्योहार 24 जुलाई, 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है।…

जानिए भगवान शिव के अनजाने नाम और उनका महत्व – सावन मास 2025

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सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस महीने में भक्त भगवान शिव की पूजा, व्रत और ध्यान करते हैं। भगवान शिव को “शिव”, “महादेव”, “त्रिनेत्र”, “नीलकंठ” आदि अनेक नामों से जाना जाता है। सावन मास हिन्दू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। यह समय भगवान शिव…

सोमवार को क्या करें और क्या न करें? भगवान शिव की पूजा विधि, व्रत नियम

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सावन मास, भगवान शिव का प्रिय महीना, 2025 में 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगा। इस पवित्र महीने में, भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं, व्रत रखते हैं, और कावड़ यात्रा निकालते हैं। सावन माह हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की…

जानें: आपकी राशि के अनुसार भगवान शिव का शुभ मंत्र!

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भगवान शिव को हम देवों के देव महादेव भी कहते हैं। अगर आप भगवान बोले नाथ की कृपा पाने के लिए आपको सोमवार और सोलह सोमवार को अपनी राशि के अनुसार मंत्र का जाप करना होगा। इसके लिए आपको ॐ नम: शिवाय के जाप के साथ एक बिल्व पत्र चढ़ाकर उन्हें खुश किया जा सकता…

वैकुण्ठ चतुर्दशी 2025 शुभ मुहूर्त – जानिए व्रत कथा, पूजा विधि और आसान उपाय

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वैकुण्ठ चतुर्दशी 2025 हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान विष्णु और भगवान शिव की उपासना के लिए जाना जाता है। यह दिन विशेष रूप से भक्तों के लिए परम मोक्ष प्राप्ति का समय माना जाता है। वैकुण्ठ, भगवान विष्णु का निवास स्थान है, और यह दिन उन्हीं की कृपा से मोक्ष की…

पशुपति व्रत का महत्व, विधि, नियम, कथा, पूजन सामग्री, मंत्र, उद्यापन, और इसके लाभ

pashupati vrat

पशुपति व्रत भगवान शिव, जिन्हें भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है, को समर्पित एक विशेष व्रत है। यह व्रत उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है जो जीवन में अनेक कठिनाइयों और परेशानियों से जूझ रहे हैं। जब आप निराश और हताश महसूस कर रहे हों, जब आपको अपनी समस्याओं का…

शिव जी स्तुति

॥ शिव स्तुति ॥ आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा ॥ निर्विकार ओमकार अविनाशी, तुम्ही देवाधि देव, जगत सर्जक प्रलय करता, शिवम सत्यम सुंदरा ॥ आशुतोष शशाँक शेखर… निरंकार स्वरूप कालेश्वर, महा योगीश्वरा, दयानिधि दानिश्वर जय, जटाधार अभयंकरा ॥ आशुतोष शशाँक शेखर… शूल पानी त्रिशूल धारी, औगड़ी बाघम्बरी,…

2025 में महाशिवरात्रि कब मनाई जाएगी? व्रत और पूजा का सही समय जानें

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महाशिवरात्रि, भगवान शिव के भक्तों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है। यह फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में महाशिवरात्रि बुधवार, 26 फरवरी को मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि, भगवान शिव की आराधना का सबसे पावन पर्व है। साल 2025 में महाशिवरात्रि का पर्व कब मनाया जाएगा, शुभ मुहूर्त…

भूतनाथ अष्टकम्

|| भूतनाथ अष्टकम् || शिव शिव शक्तिनाथं संहारं शं स्वरूपम् नव नव नित्यनृत्यं ताण्डवं तं तन्नादम् घन घन घूर्णिमेघं घंघोरं घंन्निनादम् भज भज भस्मलेपं भजामि भूतनाथम् ||1|| कळकळकाळरूपं कल्लोळंकंकराळम् डम डम डमनादं डम्बुरुं डंकनादम् सम सम शक्तग्रिवं सर्वभूतं सुरेशम् भज भज भस्मलेपं भजामि भूतनाथम् ||2|| रम रम रामभक्तं रमेशं रां रारावम् मम मम मुक्तहस्तं महेशं…

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्रम्

॥ दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्रम् ॥ विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणाय कर्णामृताय शशिशेखर धारणाय । कर्पूरकांति धवलाय जटाधराय दारिद्र्यदुःख दहनाय नमश्शिवाय ॥ गौरीप्रियाय रजनीश कलाधराय कालांतकाय भुजगाधिप कंकणाय । गंगाधराय गजराज विमर्धनाय दारिद्र्यदुःख दहनाय नमश्शिवाय ॥ भक्तप्रियाय भवरोग भयापहाय उग्राय दुःख भवसागर तारणाय । ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय दारिद्र्यदुःख दहनाय नमश्शिवाय ॥ चर्मांबराय शवभस्म विलेपनाय फालेक्षणाय मणिकुंडल मंडिताय…

भैरवरूप शिव स्तुति

॥ भैरवरूप शिव स्तुति ॥ देव, भीषणाकार, भैरव, भयंकर, भूत-प्रेत-प्रमथाधिपति, विपति-हर्ता । मोह-मूषक-मार्जार, संसार-भय-हरण, तारण-तरण, अभय कर्ता ॥ अतुल बल, विपुलविस्तार, विग्रहगौर, अमल अति धवल धरणीधराभं । शिरसि संकुलित-कल-जूट पिंगलजटा, पटल शत-कोटि-विद्युच्छटाभं ॥ भ्राज विबुधापगा आप पावन परम, मौलि-मालेव शोभा विचित्रं । ललित लल्लाटपर राज रजनीशकल, कलाधर, नौमि हर धनद-मित्रं ॥ इंदु-पावक-भानु-भानुनयन, मर्दन-मयन, गुण-अयन, ज्ञान-विज्ञान-रूपं…

शिव स्तुती मराठीत

॥ शिव स्तुती मराठीत ॥ कैलासराणा शिवचंद्रमौळी । फणींद्र माथां मुकुटी झळाळी । कारुण्यसिंधू भवदुःखहारी । तुजवीण शंभो मज कोण तारी ॥ रवींदु दावानल पूर्ण भाळी । स्वतेज नेत्रीं तिमिरौघ जाळी । ब्रह्मांडधीशा मदनांतकारी । तुजवीण शंभो मज कोण तारी ॥ जटा विभूति उटि चंदनाची । कपालमाला प्रित गौतमीची । पंचानना विश्वनिवांतकारी । तुजवीण शंभो…

शिव – शंकराची आरती

॥ शिव – शंकराची आरती ॥ जय जय शिव हर शंकर जय गिरिजारमणा ॥ पंचवदन जय त्र्यंबक त्रिपुरासुरदहना ॥ भवभयभंजन सुंदर स्मरहर सुखसदना ॥ अविकल ब्रह्म निरामय जय जगदुद्धरणा ॥ १ ॥ जय जय शिव हर शंकर … जय देव जय देव जय शंकर सांबा ॥ ओंवाळित निजभावें, नमितों मी सद्भावें वर सहजगदंबा ॥ ध्रु०…

श्री शंकराची आरती

॥ श्री शंकराची आरती ॥ लवथवती विक्राळा ब्रह्माण्डी माळा। वीषे कण्ठ काळा त्रिनेत्री ज्वाळा। लावण्य सुन्दर मस्तकी बाळा। तेथुनिया जळ निर्मळ वाहे झुळझुळा॥ जय देव जय देव जय श्रीशंकरा। आरती ओवाळू तुज कर्पुरगौरा॥ कर्पुर्गौरा भोळा नयनी विशाळा। अर्धांगी पार्वती सुमनांच्या माळा। विभुतीचे उधळण शितिकण्ठ नीळा। ऐसा शंकर शोभे उमावेल्हाळा॥ जय देव जय देव जय श्रीशंकरा।…

शिव स्वर्णमाला स्तुति

॥शिव स्वर्णमाला स्तुति॥ साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥ ईशगिरीश नरेश परेश महेश बिलेशय भूषण भो। साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥ उमया दिव्य सुमङ्गल विग्रह यालिङ्गित वामाङ्ग विभो। साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥ ऊरी कुरु मामज्ञमनाथं दूरी कुरु मे दुरितं भो। साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे…

Shri Bhairavaroop Shiv Stuti

|| Bhairavarup Shiv Stuti || Dev, Bhishanakar, Bhairav, Bhayankar, Bhoot-Pret-Pramathadhipati, Vipati-Harta। Moh-Mushak-Marjar, Sansar-Bhay-Haran, Taran-Taran, Abhaya Karta॥ Atul Bal, Vipul Vistara, Vigraha Gaur, Amal Ati Dhaval Dharanidharabham। Shirasi Sankulita- Kal-Joota Pingaljata, Patal Shat-Koti- Vidyuchchataabham॥ Bhraj Vibhudapaga Aap Pavana Param, Maule-Maaleva Shobha Vichitram। Lalit Lallatapar Raj Rajanishakala, Kaladhar, Naumi Hara Dhanada-Mitram॥ Indu-Pavak-Bhanu- Bhanunayan, Mardan-Mayan, Gun-Ayan, Gyan- Vigyan-Rupam।…

Shiv Swarnamala Stuti

|| Shiv Swarnamala Stuti || Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥ Ishagirisha Naresh Paresh Mahesha Bileshaya Bhushana Bho। Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥ Umaaya Divya Sumangala Vigraha Yalingita Vamanga Vibho। Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥ Oori Kuru Maamajnya Manaatham Doori Kuru Me Duritam Bho। Samba Sadashiva Shambho…

Shri Amogh Shiv Kavach

‖ Amogh Shiv Kavach ‖ ‖ Atha Viniyogah ‖ Asya Shri Shivakavachastotramantrasya, Brahma Rishiḥ, Vrishabha Rishiḥ, Anushtup Chhandah, Shri Sadashivarudro Devata, Hreem Shaktih, Vam Kilakam, Shreem Hreem Kleem Beejam, Shri Sadashivapretyarthe Shivakavachastotrajape Viniyogah. ‖ Karanyas ‖ Om Namo Bhagavate Jvalajvalamaline Om Hram Sarvashaktidhamne Ishanatmane Angushthabhyam Namah | Om Namo Bhagavate Jvalajvalamaline Om Nam Rim Nityatriptidhamne…

Shiv Chalisa

|| Shiv Chalisa || ॥ Doha ॥ Jai Ganesh Girija Suvan Mangal Mul Sujan। Kahat Ayodhya Das Tum Dev Abhaya Varadan ॥ ॥ Chaupai ॥ Jai Girija Pati Dinadayala। Sada Karat Santan Pratipala ॥ Bhala Chandrama Sohat Nike Kanan Kundal Nagaphani Ke ॥ Anga Gaur Shira Ganga Bahaye। Mundamala Tan Chhara Lagaye ॥ Vastra Khala…

Shiv Mangalashtakam

॥ Shiv Mangalashtakam ॥ Bhavaya Chandrachudaya Nirgunaya Gunatmane । Kalkalaya Rudraya Nilgrivaya Mangalam ॥ Vrisharudhaya Bhimaya Vyagracharmambraya Ch । Pashunam Pataye Tubhyam Gaurikantaya Mangalam ॥ Bhasmoddhulitadehaya Vyalayajnopavitine । Rudrakshamalabhushaya Vyomkeshaya Mangalam ॥ Suryachandraginnitreya Namah Kailasbasine । Sachchidanandarupay Pramatheshaya Mangalam ॥ Mrityunjaya Sambayi Srishtasthayantikarine । Tryambakaya Sushantaya Trilokeshaya Mangalam ॥ Gangadharaya Somaya Namo Hariharatmne । Ugraya…

Shiv ji Stuti

॥ Shiv Stuti ॥ Ashutosh Shashank Shekhar, Chandra Mauli Chidambara, Koti Koti Pranam Shambhu, Koti Naman Digambara ॥ Nirvikar Omkar Avinashi, Tumhi Devadhi Dev, Jagat Sarjak Pralay Karta, Shivam Satyam Sundara ॥ Ashutosh Shashank Shekhar… Nirankar Swaroop Kaleshwar, Maha Yogeeshwar, Dayanidhi Danishwar Jay, Jatadhar Abhayankara ॥ Ashutosh Shashank Shekhar… Shool Pani Trishul Dhari, Augadi Baghambari,…

Shiv ji Aarti

॥ Shiv ji Aarti ॥ Om Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara। Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara॥ Om Jai Shiv Omkara… Ekanan Chaturanan Panchanan Raajey। Hansanan Garurasan Vrishvaahan Saajey॥ Om Jai Shiv Omkara… Do Bhuj Chaar Chaturbhuj Das Bhuj Te Sohey। Teeno Roop Nirakhta Tribhuvan Jan Mohey॥ Om Jai Shiv Omkara…. Akshmala Banmala Mundmala…

सोमवती अमावस्या व्रत कथा

|| सोमवती अमावस्या व्रत कथा || सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था जिसमें पति, पत्नी और उनकी एक पुत्री थी। उनकी पुत्री समय के साथ-साथ बड़ी होने लगी और उसमें सभी स्त्रियोचित सगुणों का विकास होने लगा। वह सुंदर, संस्कारी और गुणवान थी, लेकिन गरीबी के कारण उसका विवाह नहीं…

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

|| मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा || धार्मिक पौराणिक कथा के अनुसार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि…

श्री त्रिपुरारि स्तोत्रम्

॥ श्रीत्रिपुरारिस्तोत्रम् ॥ नमामोऽसुरारेस्सुरारेर्गणाग्र्यं नमामोऽन्धकारिं मखारिं निजारेः । शिरो गाङ्गवारिप्रचारक्षमोऽस्य नमामः पुरारिम् मुरारेः प्रियं तम् ॥ मुखैः पञ्चभिः पञ्चभिः पञ्चषष्ठं त्रयीसाङ्ख्ययोगाङ्गमारण्यकानि । जगौ भक्तिकाण्डं हरेस्सौख्यभाण्डं नमामः पुरारिं मुरारेः प्रियं तम् ॥ हरेरङ्घ्रितो गाङ्गवारि प्रसूतं कपर्दे कपर्दे कपर्द्दीचकार । अखर्वं च गर्वं हरन् जह्नुजाया नमामः पुरारिं मुरारेः प्रियं तम् ॥ गुरूणां गुरुर्यो मतो नारदेन उपज्ञोऽपि शिष्यः…

सम्पूर्ण प्रदोष व्रत कैलेंडर 2025 – जानें व्रत पूजा विधि और लाभ

Om Namah Shivay

प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर आता है और हर महीने दो बार मनाया जाता है – एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और उनके पूरे परिवार का विधिपूर्वक पूजन किया जाता है। इस दिन शनि देव की भी पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक…

रुद्रयामल भगवान शिव सहस्रनामावली

रुद्रयामल तंत्र भगवान शिव की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन करने वाला एक अद्वितीय ग्रंथ है। इस ग्रंथ में शिव सहस्रनामावली भगवान शिव के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनके विभिन्न स्वरूपों, शक्तियों और गुणों को प्रकट करते हैं। यह सहस्रनामावली शिव की अनंत कृपा, उनकी भौतिक और आध्यात्मिक महिमा को व्यक्त करती…

श्री दक्षिणामूर्ति सहस्रनामावलि

श्री दक्षिणामूर्ति सहस्रनामावलि भगवान शिव के दक्षिणामूर्ति स्वरूप को समर्पित है। दक्षिणामूर्ति भगवान शिव का वह रूप है, जिसमें वे ज्ञान, शिक्षा और आत्मबोध के अधिष्ठाता माने जाते हैं। यह सहस्रनामावलि उनके 1000 दिव्य और पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी महिमा और अनंत शक्ति का वर्णन करती है। श्री दक्षिणामूर्ति को गुरु रूप…

कालभैरव सहस्रनामावली

कालभैरव सहस्रनामावली भगवान कालभैरव के 1000 पवित्र और दिव्य नामों का संग्रह है। कालभैरव को समय के अधिपति, मृत्यु के रक्षक और शिव के अंशावतार के रूप में पूजा जाता है। उनकी शक्ति और भयानक रूप बुराई और नकारात्मकता को समाप्त करते हैं। कालभैरव सहस्रनामावली में उनके अद्वितीय नामों के माध्यम से उनकी महिमा, शक्ति…

महाकाल सहस्रनामावली

श्री महाकाल भगवान शिव का वह स्वरूप हैं जो समय, मृत्यु और सृष्टि के नियंता माने जाते हैं। उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को इनका निवास स्थान माना जाता है। श्री महाकाल सहस्रनामावली भगवान महाकाल के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी शक्ति, करुणा और महिमा का वर्णन करते हैं। यह सहस्रनामावली…

श्री शिव सहस्रनामावली

श्री शिव सहस्रनामावली भगवान शिव के हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी अनंत शक्तियों, दिव्य स्वरूपों और महिमा का वर्णन करता है। भगवान शिव, जिन्हें महादेव, भोलेनाथ और आदियोगी के नाम से भी जाना जाता है, सृष्टि के संहारक और पुनर्निर्माण के देवता हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ करने से भगवान शिव की…

श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली

श्री अर्धनारीश्वर सहस्रनामावली भगवान शिव और माता पार्वती के अर्धनारीश्वर स्वरूप को समर्पित है। अर्धनारीश्वर का स्वरूप शिव और शक्ति का अद्वितीय संगम है, जो सृष्टि की संतुलित रचना और समस्त ब्रह्मांड की ऊर्जा के मूल रूप को दर्शाता है। सहस्रनामावली में अर्धनारीश्वर के हजार नामों का उल्लेख किया गया है, जो उनके विभिन्न गुणों…

अर्ध नारीश्वर स्तोत्रम्

॥ अर्ध नारीश्वर स्तोत्रम् ॥ चांपेयगौरार्धशरीरकायै कर्पूरगौरार्धशरीरकाय । धम्मिल्लकायै च जटाधराय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ कस्तूरिकाकुंकुमचर्चितायै चितारजःपुंज विचर्चिताय । कृतस्मरायै विकृतस्मराय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ झणत्क्वणत्कंकणनूपुरायै पादाब्जराजत्फणिनूपुराय । हेमांगदायै भुजगांगदाय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ विशालनीलोत्पललोचनायै विकासिपंकेरुहलोचनाय । समेक्षणायै विषमेक्षणाय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ मंदारमालाकलितालकायै कपालमालांकितकंधराय । दिव्यांबरायै…

श्री रुद्राष्टकम्

॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥ नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् । करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् । स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥ चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्…

लिङ्गाष्टकम्

॥ लिङ्गाष्टकम् ॥ ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् । रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥ सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् । सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥ कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् । दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥ कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् । सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥ देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् । दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥ अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं…

श्री शिवमङ्गलाष्टकम्

॥ शिवमङ्गलाष्टकम् ॥ भवाय चन्द्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने । कालकालाय रुद्राय नीलग्रीवाय मङ्गलम् ॥ वृषारूढाय भीमाय व्याघ्रचर्माम्बराय च । पशूनां पतये तुभ्यं गौरीकान्ताय मङ्गलम् ॥ भस्मोद्धूलितदेहाय व्यालयज्ञोपवीतिने । रुद्राक्षमालाभूषाय व्योमकेशाय मङ्गलम् ॥ सूर्यचन्द्राग्निनेत्राय नमः कैलासवासिने । सच्चिदानन्दरूपाय प्रमथेशाय मङ्गलम् ॥ मृत्युंजयाय सांबाय सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे । त्र्यंबकाय सुशान्ताय त्रिलोकेशाय मङ्गलम् ॥ गंगाधराय सोमाय नमो हरिहरात्मने । उग्राय त्रिपुरघ्नाय…

पशुपतिनाथ व्रत कैसे करें? जानें पूजा सामग्री, मंत्र, नियम और उद्यापन विधि

Pashupatinath

पशुपतिनाथ व्रत भगवान शिव को समर्पित एक विशेष व्रत है। यह व्रत 5 सोमवार को किया जाता है और माना जाता है कि इससे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पशुपतिनाथ व्रत को रखने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। भगवान शिव का एक विशेष रूप पशुपतिनाथ के…

क्या है रुद्राभिषेक? जानें इसकी विधि, महत्व और लाभ

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अभिषेक शब्द का अर्थ है “स्नान कराना”। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र, यानी भगवान शिव का अभिषेक करना। यह पवित्र स्नान शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के साथ किया जाता है। रुद्राभिषेक एक शक्तिशाली अनुष्ठान है जो भगवान शिव को प्रसन्न करने और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करने का एक उत्तम तरीका है। रुद्राभिषेक…

श्री कालभैरवाष्टक स्तोत्रम् अर्थ सहित

॥ कालभैरवाष्टकम् स्तोत्र पाठ विधि ॥ प्रात: काल सबसे पहले स्नान आदि करके शिवलिंग का दूध और जल से अभिषेक करें। इसके बाद भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें। पूजा समाप्त होने के बाद कालभैरवाष्टकम् स्तोत्र का जाप करें। ॥ कालभैरवाष्टकम् पाठ से लाभ ॥ प्रतिदिन कालभैरवाष्टकम् का जाप करने से जीवन का ज्ञान मिलता…

विश्वेश्वर व्रत कथा और व्रत की पूजा विधि

विश्वेश्वर व्रत की पूजा विधि इस दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान आदि दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव के मंदिर जाएं और शिवलिंग पर जल, दूध, मिठाई और फल अर्पित करें। भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करें और पूरे दिन उपवास…

नागेश्वर मंदिर का इतिहास और तीर्थ स्थल – श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की पौराणिक कथा

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भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग दसवें स्थान पर स्थित है और यह गुजरात राज्य के द्वारका जिले के गोमती नदी के किनारे स्थित है। यह अत्यंत पवित्र और प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जहाँ भगवान शिव का दिव्य रूप ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित है। इसे लेकर कुछ मत भिन्नताएँ हैं, जहाँ कुछ…

मल्लिकार्जुन मंदिर की सम्पूर्ण जानकारी – श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की अद्भुत कथा और मुख्य तीर्थ

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मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले में स्थित है। यह पवित्र ज्योतिर्लिंग “दक्षिण के कैलाश” के रूप में प्रसिद्ध है, और श्रीशैल पर्वत पर स्थित है, जिसे श्रद्धालु अत्यधिक पूजनीय मानते हैं। श्रीशैलम की यह भूमि सिर्फ भगवान शिव ही नहीं,…

श्री काशी विश्वनाथ मंगल स्तोत्रम्

।। काशी विश्वनाथ मंगल स्तोत्र ।। ।। अथ श्रीविश्वनाथमङ्गलस्तोत्रम् ।। गङ्गाधरं शशिकिशोरधरं त्रिलोकी- रक्षाधरं निटिलचन्द्रधरं त्रिधारम् । भस्मावधूलनधरं गिरिराजकन्या- दिव्यावलोकनधरं वरदं प्रपद्ये ॥ अर्थ :- गंगा एवं बाल चन्द्र को धारण करने वाले, त्रिलोक की रक्षा करने वाले,मस्तक पर चन्द्रमा एवं त्रिधार (गंगा) -को धारण करने वाले, भस्म का उद्धूलन करने वाले तथा पार्वती को…

रामेश्वरम मंदिर के अनसुने रहस्य – श्री रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कथा और प्रमुख तीर्थ स्थल

Rameshwaram Jyotirlinga

रामेश्वर ज्योतिर्लिंग, भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग है, जो तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। इसे केवल एक तीर्थस्थान के रूप में नहीं, बल्कि चार पवित्र धामों में से एक के रूप में भी अत्यधिक पूजनीय माना गया है। इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना की कथा पौराणिक है, जो भगवान…

मंशा महादेव व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| पूजन विधि || भगवान शिव का यह व्रत चार वर्ष का रहता है। हर वर्ष यह व्रत सिर्फ चार महीने ही करना रहता है। इस व्रत को करने से भगवान शिव बड़ी से बड़ी मन की इच्छा की पूर्ति करते है। श्रावण से कार्तिक माह तक के हर सोमवार को शिवलिंग की पूजा करें।…

દિવાસો વ્રત કથા

|| દિવાસો વ્રત કથા || એવરત-જીવરતનું વ્રત અષાઢ વદ તેરસથી અમાસ સુધી ત્રણ દિવસ કરવાનું વિધાન છે. વ્રતકર્તાએ મીઠા વિનાનું ભોજન લઈ એકટાણું કરવુું. જાગરણ કરી માતાજીના ગરબા ગાવા અને માતાજી સમક્ષ અખંડ દીવો પ્રગટાવેલો રાખવો. એવરત-જીવરતની કથા આ મુજબ છે. એક જમાનો એવો હતો કે જો સ્ત્રી નિઃસંતાન હોય તો કોઈ તેનું મોઢું ન…

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || एक समय राक्षसराज रावण कैलास पर्वत पर भक्तिभावपूर्वक भगवान शिव की आराधना कर रहा था। बहुत दिनों तक आराधना करने के बाद भी जब भगवान शिव उस पर प्रसन्न नहीं हुए, तब वह दूसरी विधि से तप-साधना करने लगा। उसने हिमालय पर्वत से दक्षिण की ओर सघन वृक्षों…

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || शिव पुराण के अनुसार, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का प्रथम ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना से सम्बंधित कथा इस प्रकार है: प्रजापति दक्ष ने अपनी सभी सत्ताइस पुत्रियों का विवाह चन्द्रमा के साथ कर दिया, जिससे वे बहुत प्रसन्न हुए। चन्द्रमा को पत्नी के रूप में दक्ष…

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