जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को – भजन PDF

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Shri RamBhajan (भजन संग्रह)हिन्दी

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को, मिल जाये तरुवर की छाया, ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया || मेरे राम || सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया|| भटका...

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जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को – भजन
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