Misc

Kalsarp Yog Upay – कालसर्प योग, क्या यह जीवन में संकट लाता है? जानिए सटीक समाधान

MiscHindu Gyan (हिन्दू ज्ञान)हिन्दी
Share This

Join HinduNidhi WhatsApp Channel

Stay updated with the latest Hindu Text, updates, and exclusive content. Join our WhatsApp channel now!

Join Now

कालसर्प योग भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली योग माना जाता है। इसे व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयों, बाधाओं और संघर्षों का कारण माना जाता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कालसर्प योग क्या होता है (what is kalsarp yog), इसके प्रकार, लक्षण, प्रभाव, और इससे मुक्ति पाने के उपाय।

कालसर्प योग को लेकर अनेक भ्रांतियाँ हैं, लेकिन उचित उपायों और ईश्वरीय आराधना से इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में लगातार संघर्षों का सामना कर रहा है, तो उसे किसी अनुभवी ज्योतिषी से कुंडली विश्लेषण करवाना चाहिए।

कालसर्प योग क्या है (What is kalsarp yog dosh)?

कालसर्प योग तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। यह योग जीवन में विभिन्न प्रकार की परेशानियाँ और संघर्ष ला सकता है।

कालसर्प योग के प्रकार

कालसर्प योग के कुल 12 प्रकार होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  1. अनंत कालसर्प योग – जीवन में अनिश्चितता और संघर्ष बढ़ता है।
  2. कुलिक कालसर्प योग – स्वास्थ्य समस्याएँ और दुर्घटनाएँ होती हैं।
  3. वासुकी कालसर्प योग – आर्थिक तंगी और कर्ज की समस्या रहती है।
  4. शंखपाल कालसर्प योग – शिक्षा और करियर में बाधाएँ आती हैं।
  5. पद्म कालसर्प योग – धन और संपत्ति की हानि होती है।
  6. महापद्म कालसर्प योग – पारिवारिक कलह और मानसिक तनाव बढ़ता है।
  7. तक्षक कालसर्प योग – नौकरी और व्यवसाय में अस्थिरता आती है।
  8. कर्कोटक कालसर्प योग – कानूनी विवाद और शत्रुओं से परेशानी होती है।
  9. शंखचूड़ कालसर्प योग – दाम्पत्य जीवन में समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
  10. गंड कालसर्प योग – अकाल मृत्यु और मानसिक पीड़ा का योग बनता है।
  11. विषधर कालसर्प योग – भावनात्मक और मानसिक तनाव बढ़ता है।
  12. शेषनाग कालसर्प योग – सफलता में देरी और संघर्ष बना रहता है।

कालसर्प योग के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प योग हो, तो निम्नलिखित लक्षण प्रकट हो सकते हैं:

  • बार-बार असफलता मिलना।
  • मानसिक तनाव और भय बना रहना।
  • अचानक धन हानि या आर्थिक तंगी।
  • विवाह में विलंब या वैवाहिक जीवन में समस्याएँ।
  • नौकरी और व्यवसाय में अस्थिरता।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ, विशेषकर त्वचा और स्नायु तंत्र से जुड़ी।
  • सपनों में सर्प दिखाई देना।

कालसर्प योग से मुक्ति के उपाय

कालसर्प योग के प्रभावों को कम करने के लिए कई ज्योतिषीय उपाय अपनाए जा सकते हैं:

भगवान शिव की आराधना

  • प्रतिदिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • सोमवार के दिन शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएँ।

नाग देवता की पूजा

  • नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करें।
  • नाग मंदिर में चांदी का नाग-नागिन अर्पित करें।

राहु-केतु ग्रह शांति उपाय

  • राहु-केतु के मंत्रों का जाप करें।
  • राहु और केतु के लिए हवन करवाएँ।

अन्य उपाय

  • कालसर्प योग निवारण पूजन करवाएँ।
  • गंगा स्नान करें और शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • प्रतिदिन गो-सेवा करें और पक्षियों को दाना डालें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या कालसर्प योग हमेशा अशुभ होता है?

नहीं, यह योग कुछ लोगों के लिए सकारात्मक परिणाम भी ला सकता है, विशेषकर यदि व्यक्ति सही उपाय अपनाए।

कालसर्प योग के निवारण के लिए कौन सा मंत्र सबसे प्रभावी है?

“ॐ नमः शिवाय” और “ॐ राहवे नमः” का जाप विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है।

क्या कालसर्प योग जीवनभर रहता है?

नहीं, कालसर्प योग के प्रभाव को उचित उपायों से कम किया जा सकता है।

कालसर्प दोष निवारण पूजा कहाँ करानी चाहिए?

त्र्यंबकेश्वर (नासिक), उज्जैन, और कालहस्ती मंदिर (आंध्र प्रदेश) में यह पूजा विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है।

क्या हनुमान चालीसा पढ़ने से कालसर्प योग का प्रभाव कम होता है?

हाँ, हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं।

Found a Mistake or Error? Report it Now

Join WhatsApp Channel Download App