Durga Ji

कुष्मांडा माता व्रत कथा और पूजा विधि

Kushmanda Mata Vrat Katha Puja Vidhi

Durga JiVrat Katha (व्रत कथा संग्रह)हिन्दी
Share This

Join HinduNidhi WhatsApp Channel

Stay updated with the latest Hindu Text, updates, and exclusive content. Join our WhatsApp channel now!

Join Now

|| मां कुष्मांडा की पावन कथा ||

सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि त्रिदेवों ने चिरकाल में सृष्टि की रचना करने की कल्पना की। उस समय समस्त ब्रह्मांड में घोर अंधेरा छाया हुआ था। न राग, न ध्वनि, केवल सन्नाटा था। त्रिदेवों ने जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा से सहायता ली।

मां दुर्गा के चौथे स्वरूप, मां कुष्मांडा ने तत्क्षण अपनी मंद मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की। उनके मुखमंडल से निकले प्रकाश ने समस्त ब्रह्मांड को प्रकाशमान कर दिया। इसी कारण उन्हें मां कुष्मांडा कहा जाता है।

मां का निवास सूर्य लोक में है। शास्त्रों में कहा जाता है कि मां कुष्मांडा के मुखमंडल से निकला तेज ही सूर्य को प्रकाशमान करता है। वे सूर्य लोक के अंदर और बाहर, सभी जगह निवास कर सकती हैं।

मां के मुख पर तेजोमय आभा प्रकट होती है, जो समस्त जगत का कल्याण करती है। उनका तेज सूर्य के समान कांतिमय है, और इसे धारण करने की क्षमता केवल जगत जननी आदिशक्ति मां कुष्मांडा में ही है।

मां कुष्मांडा का आह्वान

शास्त्रों में निहित मंत्र के जाप से मां कुष्मांडा प्रसन्न होती हैं, और उनकी कृपा से साधक के सभी रोग-शोक दूर हो जाते हैं, और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के चौथे दिन, विधि विधान से मां कुष्मांडा की पूजा करें, और उन्हें भोग में मालपुए अर्पित करें।

मां कुष्मांडा का मंत्र

“या देवी सर्वभूतेषु माँ कुष्मांडा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”

मां कुष्मांडा की महिमा

मां कुष्मांडा की महिमा अद्भुत है। वे सृष्टि की रचना करने वाली, जगत जननी आदिशक्ति हैं। उनकी पूजा करने से साधक को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे:

  • रोग-शोक का नाश मनोवांछित फल की प्राप्ति आत्मिक उन्नति मोक्ष की प्राप्ति
  • नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा:
  • नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा विधि विधान से करें। मां को भोग में मालपुए अर्पित करें।

पूजा विधि

  • प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान को साफ करके चौकी लगाएं।
  • कलश स्थापित करें और उसमें जल भरें।
  • दीप प्रज्वलित करें और धूप जलाएं।
  • मां कुष्मांडा की प्रतिमा स्थापित करें।
  • मां को आह्वान करें।
  • षोडशोपचार पूजन करें।
  • मां को भोग में मालपुए अर्पित करें।
  • आरती करें।
  • मां से प्रार्थना करें।

Read in More Languages:

Found a Mistake or Error? Report it Now

Download HinduNidhi App
कुष्मांडा माता व्रत कथा और पूजा विधि PDF

Download कुष्मांडा माता व्रत कथा और पूजा विधि PDF

कुष्मांडा माता व्रत कथा और पूजा विधि PDF

Leave a Comment

Join WhatsApp Channel Download App