मंगलवार व्रत की आरती PDF PDF हिन्दी
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Hanuman Ji ✦ Aarti (आरती संग्रह) ✦ हिन्दी
मंगलवार व्रत की आरती PDF हिन्दी Lyrics
मंगलवार व्रत की आरती (Mangalwar Vrat Ki Aarti) मुख्य रूप से भगवान हनुमान को समर्पित है। मंगलवार का दिन हनुमान जी का माना जाता है, और भक्त व्रत रखकर उनकी पूजा करते हैं। व्रत की समाप्ति पर यह आरती गाई जाती है। सबसे प्रसिद्ध आरती है “आरती कीजै हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला की”। यह आरती हनुमान जी के बल, वीरता और राम-काज संवारने वाले गुणों का बखान करती है। इसे गाने से भक्त अपने सभी कष्टों, रोगों और बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।
यह माना जाता है कि आरती करने से व्रत का पूर्ण फल मिलता है और हनुमान जी की कृपा बनी रहती है। मंगलवार व्रत की आरती PDF एक डिजिटल दस्तावेज़ है जिसमें हनुमान जी को समर्पित प्रसिद्ध आरती के पवित्र बोल शामिल होते हैं। मंगलवार का दिन हनुमान जी की उपासना और व्रत के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत रखने वाले श्रद्धालु अपनी पूजा का समापन इसी आरती के गायन से करते हैं। PDF प्रारूप में उपलब्ध यह आरती भक्तों को किसी भी स्थान पर सरलता से पढ़ने और गाने की सुविधा प्रदान करती है।
|| मंगलवार व्रत की आरती (Mangalwar Vrat ki Aarti PDF) ||
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।।
जाके बल से गिरिवर कांपै ।
रोग-दोष जाके निकट न झांपै ।।
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ।।
दे बीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ।।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ।।
लंका जारि असुर सब मारे ।
सियाराम जी के काज संवारे ।।
लक्ष्मण मूर्च्छित पड़े सकारे ।
लाय संजीवन प्राण उबारे ।।
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ।।
बाईं भुजा असुर संहारे ।
दाईं भुजा संत जन तारे ।।
सुर नर मुनि आरती उतारें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ।।
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरति करत अंजना माई ।।
जो हनुमान जी की आरती गावे ।
बसि बैकुण्ठ परमपद पावे ।।
लंक विध्वंस किए रघुराई ।
तुलसिदास प्रभु कीरति गाई ।।
|| इति श्री हनुमान जी की आरती ||
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