|| आरती ||
ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी, प्रभु जय मुनिसुव्रत स्वामी
भक्ति भाव से प्रणमूँ तुमको, जय अंतरयामी||
ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी…
राजगृही में जन्म लिया प्रभु, आनंद भयो भारी
सुर-नर-मुनि गुण गायें तिहारी, आरती कर थारी||
ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी…
पिता तुम्हारे सुमित्र राजा, श्यामा के जाया
श्यामवर्ण मूरत है तेरी, पैठन में अतिशय दर्शाया||
ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी…
जो ध्यावे सुख पावे सब ही, सब संकट दूर करें
मनवांछित फल पावें सब ही, जो प्रभु चरण धरें||
ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी…
जन्म-मरण दुःख हरो प्रभु, सब पाप मिटे मेरे
ऐसी कृपा करो प्रभु हम पर, दास रहें तेरे||
ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी…
निज-गुण ज्ञान का दीपक, ले आरती करूँ थारी
सम्यक ज्ञान दो सबको, जय त्रिभुवन के स्वामी||
ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी…
ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी, प्रभु जय मुनिसुव्रत स्वामी
भक्ति भाव से प्रणमूँ, जय अंतरयामी||
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