॥ नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि – श्लोक ॥
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि
नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो
न शोषयति मारुतः॥
हिंदी अर्थ: यह श्लोक श्रीमद्भगवद्गीता से लिया गया है, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि आत्मा को न तो कोई शस्त्र काट सकता है, न ही अग्नि जला सकती है। इसे पानी गीला नहीं कर सकता और न ही वायु इसे सुखा सकती है। इस श्लोक में आत्मा की अमरता और अचलता को बताया गया है, यह दर्शाता है कि आत्मा किसी भी भौतिक वस्तु से प्रभावित नहीं होती है, वह नाशरहित और स्थिर है।
Nainam chhindanti shastrani
nainam dahati pavakah,
Na chainam kledayantyapo
na shoṣhayati marutah.
English Meaning: “Weapons cannot cut the soul, fire cannot burn it, water cannot wet it, and the wind cannot dry it.” This verse emphasizes the immortality and indestructibility of the soul, which remains unaffected by physical elements like weapons, fire, water, or wind.
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