Misc

श्री नवनाग स्तोत्रम् अर्थ सहित

Navnag Stotram Arth Sahit Hindi Lyrics

MiscStotram (स्तोत्र संग्रह)हिन्दी
Share This

Join HinduNidhi WhatsApp Channel

Stay updated with the latest Hindu Text, updates, and exclusive content. Join our WhatsApp channel now!

Join Now

॥ श्री नवनाग स्तोत्र पाठ विधि ॥

  • श्री नवनाग स्तोत्र का पाठ शुरू करने से पहले प्रातः नित्य कर्मों से निवृत्त होकर भगवान शंकर का ध्यान करें।
  • इस दौरान कालसर्प दोष यंत्र का भी पूजन कर सकते हैं।
  • सबसे पहले दूध से कालसर्प दोष यंत्र का अभिषेक करें और फिर इसे गंगाजल से स्नान कराएं।
  • इसके पश्चात सफेद पुष्प, धूप और दीप से यंत्र का पूजन करें।
  • इसके बाद पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ श्री नवनाग स्तोत्र का पाठ आरंभ करें।
  • इस पाठ से कालसर्प दोष का निवारण होता है।
  • मनुष्य को अपने सभी कार्यक्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है।
  • पाठ के प्रभाव से जातक अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।

॥ श्री नवनाग स्तोत्र एवं अर्थ ॥

श्री गणेशाय नमः।

अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्खपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥

अर्थ: अनंत, वासुकी, शेषनाग, पद्मनाभ, कंबल, शंखपाल, धृतराष्ट्र और तक्षक यह नाग देवता के प्रमुख नौ नाम माने गये हैं।

एतानि नवनामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः ॥

अर्थ: जो लोग नित्य ही सायंकाल और विशेष रूप से प्रातःकाल इन नामों का उच्चारण करते हैं।

तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत् ॥

अर्थ: उन्हें सर्प और विष से कोई भय नहीं रहता तथा उनकी सब जगह विजय होती है, अर्थात सफलता मिलती हैं।

॥ इति श्री नवनाग नाम स्तोत्रम् सम्पूर्णम्॥

Found a Mistake or Error? Report it Now

Download HinduNidhi App
श्री नवनाग स्तोत्रम् अर्थ सहित PDF

Download श्री नवनाग स्तोत्रम् अर्थ सहित PDF

श्री नवनाग स्तोत्रम् अर्थ सहित PDF

Leave a Comment

Join WhatsApp Channel Download App