नवरात्रि के पावन अवसर पर, माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने हेतु हवन करना एक अत्यंत महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। हवन के लिए दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का प्रयोग किया जाता है, जैसे कि ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ या अन्य देवी मंत्र।
हवन की विधि में सबसे पहले हवन कुंड को स्थापित कर अग्नि प्रज्वलित की जाती है। इसके बाद संकल्प लेकर मंत्रों के उच्चारण के साथ आहुति दी जाती है।आवश्यक सामग्री में हवन सामग्री (जौ, तिल, चावल, गुग्गल, शक्कर, घी), आम की लकड़ियाँ, कपूर, नारियल, फल और मिठाई शामिल हैं। हवन के अंत में पूर्ण आहुति और आरती की जाती है, जिससे वातावरण शुद्ध होता है और सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
नवरात्रि 2025 के शुभ अवसर पर हवन करना देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है। हवन अग्नि में आहुति देने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और वातावरण पवित्र बनता है। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि शुभता, स्वास्थ्य एवं समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी किया जाता है।
नवरात्रि हवन देवी शक्ति की कृपा पाने का एक पवित्र साधन है। उचित विधि से हवन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। भक्तिभाव से किए गए हवन से माता रानी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
2025 नवरात्रि हवन मंत्र
- ॐ आग्नेय नमः स्वाहा।
- ॐ गणेशाय नमः स्वाहा।
- ॐ गौरियाय नमः स्वाहा।
- ॐ नवग्रहाय नमः स्वाहा।
- ॐ दुर्गाय नमः स्वाहा।
- ॐ महाकालिकाय नमः स्वाहा।
- ॐ हनुमते नमः स्वाहा।
- ॐ भैरवाय नमः स्वाहा।
- ॐ कुल देवताय नमः स्वाहा।
- ॐ स्थान देवताय नमः स्वाहा।
- ॐ ब्रह्माय नमः स्वाहा।
- ॐ विष्णवे नमः स्वाहा।
- ॐ शिवाय नमः स्वाहा।
- ॐ जयंती मंगलाकाली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा।
- ॐ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानुः शशि भूमिसुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा।
- ॐ गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः स्वाहा।
- ॐ शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्वसार्तिहरे देवि नारायणी नमस्तुते।
2025 नवरात्रि हवन सामग्री सूची
- सूखा नारियल या गोला
- लाल कपड़ा या कलावा
- हवन कुंड और सूखी लकड़ियां
- आम की लकड़ी, तना और पत्ते
- अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़
- चंदन की लकड़ी, बेल, नीम, पीपल का तना और छाल
- गूलर की छाल और पलाश
- काला तिल
- कपूर
- चावल
- गाय का घी
- लौंग
- लोभान
- इलायची
- गुग्गुल
- जौ
- शक्कर
नवरात्रि हवन की प्रक्रिया
- आरती के पश्चात हवन सामग्री तैयार करें।
- कपूर जलाकर आम की सूखी लकड़ियों से अग्नि प्रज्ज्वलित करें।
- अग्नि जलने के बाद हवन सामग्री की आहुति देना प्रारंभ करें।
- अंत में एक सूखे नारियल पर लाल वस्त्र या कलावा बांधें।
- नारियल के ऊपर पान, सुपारी, लौंग, बतासा, पूरी, खीर आदि रखें।
- इसे हवन कुंड के मध्य स्थापित करें।
- शेष हवन सामग्री को निम्न मंत्र के साथ आहुति दें: “ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते, पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते स्वाहा।”
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