श्रीदुर्गासप्तशत्याम (Shridurgasaptshatyam)

श्रीदुर्गासप्तशत्याम (Shridurgasaptshatyam)

श्रीदुर्गासप्तशती, जिसे चंडी पाठ भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है। यह ग्रंथ देवी दुर्गा की महिमा और उनकी शक्तियों का वर्णन करता है। श्रीदुर्गासप्तशती मुख्य रूप से 700 श्लोकों का संग्रह है, जो मार्कंडेय पुराण का एक हिस्सा है। यह ग्रंथ न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग दिखाता…

मानवता अंक (Manavta Ank)

मानवता अंक (Manavta Ank)

मानवता अंक एक अद्भुत और प्रेरणादायक पुस्तक है, जिसे महान आध्यात्मिक गुरु और लेखक पंडित श्री रामनारायणदत्त जी शास्त्री द्वारा रचित किया गया है। यह ग्रंथ न केवल मानव जीवन के उद्देश्यों को समझने में मदद करता है, बल्कि इसमें जीवन की नैतिकता, आध्यात्मिकता और सामाजिक सेवा की भावना को भी गहराई से वर्णित किया…

ब्रजविलास (Brajvilas)

ब्रजविलास (Brajvilas)

ब्रजविलास एक प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ है, जो भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं और ब्रजभूमि की महिमा का विस्तार से वर्णन करता है। यह ग्रंथ भक्तों के लिए न केवल आध्यात्मिक ज्ञान का स्रोत है, बल्कि ब्रज क्षेत्र की संस्कृति, परंपरा और धार्मिक महत्व को भी समझने का एक अनूठा माध्यम है। ब्रजविलास ग्रंथ के रचयिता…

राम लक्ष्मण के संग जानकी – भजन

|| राम लक्ष्मण के संग जानकी || राम लक्ष्मण के संग जानकी, जय बोलो हनुमान की, राम लक्ष्मण के संग जानकी, जय बोलो हनुमान की || बल बुद्धि हमे ज्ञान दो, नित पापो से हम सब टले, बल बुद्धि हमे ज्ञान दो, नित पापो से हम सब टले, बैठ कर तेरे द्वारे पे हम, तेरे…

तलवकारोपनिषद् (Talvakaropanishada)

तलवकारोपनिषद् (Talvakaropanishada)

तलवकारोपनिषद्, जिसे केनोपनिषद् के नाम से भी जाना जाता है, प्राचीन भारतीय वैदिक साहित्य का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह उपनिषद् सामवेद के अंतर्गत आता है और इसमें गहन दार्शनिक विषयों को सरल और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इस उपनिषद् का मुख्य उद्देश्य ब्रह्म (सर्वोच्च सत्य) और आत्मा के स्वरूप को समझाना…

फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा

|| फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा || फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था, जिसमें पति-पत्नी और उनकी एक कन्या थी। उनका जीवन सामान्य रूप से चल रहा था। जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनकी बेटी बड़ी होने लगी और उसमें स्त्रियों के गुणों का विकास हुआ। वह सुंदर, सुशील और…

भौम प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

|| मंगल (भौम) प्रदोष व्रत कथा || एक नगर में एक वृद्धा निवास करती थी। उसके मंगलिया नामक एक पुत्र था। वृद्धा की हनुमान जी पर गहरी आस्था थी। वह प्रत्येक मंगलवार को नियमपूर्वक व्रत रखकर हनुमान जी की आराधना करती थी। उस दिन वह न तो घर लीपती थी और न ही मिट्टी खोदती…

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ और श्रवण…

Shri Matangi Kavacham

|| Matangi Mata Kavacham || || Shri Parvatyuvacha || Devadeva Mahadeva Srishtisamharakaraka। Matangyaha Kavacham Bruhi Yadi Sneho’sti Te Mayi॥ || Shiva Uvacha || Atyantagopanam Guhyam Kavacham Sarvakamadam। Tava Pretya Mayakhyatam Nanyeshu Kathyate Shubhe॥ Shapatham Kuru Me Devi Yadi Kinchitprakashase। Anaya Sadrishi Vidya Na Bhoota Na Bhavishyati॥ Shavasanam Raktavastram Yuvatim Sarvasiddhidam। Evam Dhyatva Mahadevim Pathet Kavachamuttamam॥…

Bajra Mahakali Puja Book

Bajra Mahakali Puja Book

ଏକ ଗବ୍ୟଅନ୍ତରେ ସାଧବ ଘର ଥିଲା । ତାହାର ଅନେକ ସମ୍ପର୍ଷ । ସାଧବାଣୀ ସାତ ପୁଅ ସାତ ବୋହୂ ଘେନ ଘର କରୁଥାଏ । କେତେ ଦିନ ଉତ୍ତାରୁ ଅଗ୍ନି ନମାସ ଅମବାସୀ। ହେଲ । ସାଧବାଣୀ ବୋହୂମାନଙ୍କୁ କହିଲ ଅନ ଥର । ଅମାବସ୍ୟା, ବ? ମହାକାଳୀଙ୍କ ବ୍ରତ, ଘର ଦାର ଲପେ ସ୍ଥା କବି ଝୋଟି ତଥ୍ୟ । ଏହା ଶୁଣି ବୋହୂମାନେ ଲସା ପୋସ୍ଟ କଲେ, ଝୋଟି ଦେଲେ, ଗୁଜ୍ଜ୍ବଳ ଗହମ…

শ্ৰীশ্ৰীসত্যনাৰায়ণ পাঁচালী (Satyanarayan Panchali)

satyanarayan panchali Bengali

শ্ৰীশ্ৰীসত্যনাৰায়ণ পাঁচালী শ্ৰীশ্ৰীসত্যনাৰায়ণ নমঃ ধ্যানঃ-ধ্যায়েত্ সত্যং গুণাতীতং, গুণত্ৰয়সয়ন্বিতম্ লোকনাথং ত্ৰিলোককেশং পীতাম্বৰ ধৰং হৰিম। ইন্দীবৰদলশ্যামং শংখচক্ৰগদাধৰম। নাৰায়ণং চৰ্তুব্বাহুং শ্ৰীবত্সপদভূষিতম। গোবিন্দং গোকুলানন্দং জগতঃ পিতৰং গুৰুম্।। পদ প্ৰণামোহো নাৰায়ণ দেৱ ভগৱান। যাহা হন্তে দুঃখীজনে পায় পৰিত্ৰাণ।। শিৰ নত কৰি বন্দো নাৰায়ণ প্ৰতি। তান দুই ভাৰ্য্যা বন্দো নাৰয়ণ প্ৰতি। তান দুই ভাৰ্যা বন্দো লক্ষ্মী-সৰস্বতী।। শ্ৰীৰাম-ৰক্ষণ বন্দো ৰাৱণ নিধন। হাতযোৰে…

শ্ৰীশ্ৰী সৰস্বতী দেৱীৰ পাঁচালী

শ্ৰীশ্ৰী সৰস্বতী দেৱীৰ পাঁচালী

সৰস্বতী বন্দনা যা কুন্দেন্দু তুষাৰহাৰা ধবলা যা শ্বেত পদ্মাসনা।যা বীণা বৰদণ্ডমণ্ডিত কৰা যা শুভ্ৰবস্ত্ৰাবৃতা।।যা ব্ৰহ্মাচ্যুত-শঙ্কৰ প্ৰভৃতিভিদেৱৈঃ সদা বন্দিতা।সামাং পাতু সৰস্বতী ভগৱতী নিঃশেষজাড্যাপহা।। সৰস্বতী স্তোত্ৰ শ্বেতপদ্মাসনা দেৱী শ্বেতপুষ্পোপশোভিতা।শ্বেতাম্বৰাধৰা নিত্যা শ্বেতগন্ধানুলেপনা।।শ্বেতাক্ষ সূত্ৰহস্তা চ শ্বেত চন্দন চৰ্চ্চিতা।শ্বেতবীণাধৰা শুভ্ৰা শ্বেতালঙ্কাৰ ভূষিতা।।বন্দিতা সিদ্ধগন্ধৱৈৰৰ্চ্চিতা সুৰদানবৈঃ।পূজিতা মুনিভিঃ সৰ্বৈঋষিভিঃ স্তুয়তে সদা।।স্তোত্ৰেণানেন তাং দেৱীং জগদ্ধাত্ৰীং সৰস্বতীম্।যে স্মৰন্তি ত্ৰিসন্ধ্যায়াং সৰ্ব্বধাং বিদ্যাং লভন্তি তে।।(ইতি পদ্মপুৰাণে সৰস্বতী…

Saraswati Panchali

Saraswati Panchali

सरस्वती वंदना या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥ या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता। सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥ शुक्लाम् ब्रह्मविचार सार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम्। वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥ हस्ते स्फटिकमालिकाम् विदधतीम् पद्मासने संस्थिताम्। वन्दे ताम् परमेश्वरीम् भगवतीम् बुद्धिप्रदाम् शारदाम्॥2॥ सरस्वती उपासना मंत्र सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी, विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा। पूजा मंत्र या…

হনুমান পাঁচালী

হনুমান পাঁচালী

হনুমান পাঁচালী শ্ৰীশ্ৰী ৰামচন্দ্ৰৰ ধ্যানকোমলাঙ্গং বিশালাক্ষমিন্দ্ৰনীলসমপ্ৰভম্।পিতাম্বৰধৰং ধ্যায়েৎ ৰামং সীতাসমন্বিতম্॥দক্ষিণাংশে দশৰথং পুত্ৰাবেক্ষণতৎপৰম্।পৃষ্ঠতো লক্ষ্মণং দেৱং সচ্ছত্ৰং কনকপ্ৰভম্॥পাৰ্শ্বে ভৰত-শত্ৰুঘ্নৌ তালবৃন্তকৰাবুভৌ।অগ্ৰে ব্যগ্ৰং হনুমন্তং ৰামানুগহকাঙিক্ষণম্॥ প্ৰণামৰামায় ৰামচন্দ্ৰায় ৰামভদ্ৰায় বেধসে।ৰঘুনাথায় নাথায় সীতায়া পতয়ে নমঃ॥দক্ষিণে লক্ষণো ধন্বী বামতো জানকী শুভা।পুৰতো মাৰুতিৰ্যস্য ত্বং নমামি ৰঘুত্তম॥ ৰামস্তুতিহে ৰাম পুৰোষোত্তম জানকীৰ পতি।হে কেশৱ নৰহৰি অযোধ্যাৰ পতি॥গোবিন্দ গৰুৰধ্ভজ হে দিনবন্ধু।গুণনিধি দামোদৰ কৰুণাৰ সিন্ধু॥মাধৱ শ্ৰীধৰ হৃষিকেশ জগন্নাথ।হে…

শ্ৰীশ্ৰী শনিদেৱৰ পাঁচালী

শ্ৰীশ্ৰী শনিদেৱৰ পাঁচালী

|| শনিৰ পাঁচালী || ।।গণেশ বন্দনা।। প্ৰণামো চৰণে প্ৰভু দেৱ গজানন। তোমাৰ স্মৰণে হয় বিঘ্নবিনাশন।। একদন্ত গজানন চতুৰ্ভূজ ধাৰী। খৰ্বকায় স্থুলতণু লম্বোদৰধাৰী।। দিব্য দেহে শোভা পায় নানা আভৰণ। দিব্যমালা কণ্ঠে তুমি কৰিছা ধাৰণ।। ৰক্তবৰ্ণ দেহ তোমাৰ মুষিক বাহণ। সৰ্ব দেৱ-দেৱী আগে তোমাৰ পুজন।। বিৰাজিত তুমি দেৱ ৰত্ন সিংহাসনে। বাৰে বাৰে প্ৰাণাম কৰো দুখানি চৰণে।। ।।সৰ্ব…

শ্ৰীশ্ৰী লক্ষ্মীদেৱীৰ চৰিত আৰু পাঁচালী

শ্ৰীশ্ৰী লক্ষ্মীদেৱীৰ চৰিত আৰু পাঁচালী

শ্ৰীশ্ৰী লক্ষ্মীদেৱীৰ চৰিত্ৰ পাঁচালী আৰু অষ্টোত্তৰ শতনাম বিষ্ণুৰ প্রিয় পত্নী শ্ৰীশ্ৰী লক্ষ্মীদেৱী বিষয়ে জানিবলৈ চান? এই পিডিএফ ফাইলটো ডাউনলোড কৰক। লক্ষ্মীদেৱী কোনে কিমান মাত্ৰ বলিয়েই নহয়, জানিব পাৰিব। লক্ষ্মীদেৱীৰ পূজা শ্ৰীশ্ৰী কৃষ্ণায় নমঃনাৰায়ণং নমঃস্কৃত্যং নৰষ্ণৈৱ নৰোত্তমম্দেৱীং সৰস্বতীষ্ণৈৱ ততো জয়মুদীয়ৰেৎবন্দে বিষ্ণুপ্ৰিয়াং দেৱীং দাৰিদ্ৰ্য দুঃখনাশিনীম্ক্ষীৰোদলপুত্ৰীং কেশৱকান্তাং বিষ্ণোৰ্বক্ষবিলাষিণীম্‌॥ লক্ষ্মীদেৱীৰ ধ্যান ও মন্ত্র শ্ৰীশ্ৰীলক্ষ্মীদেৱীৰ ধ্যানওঁ নমো পাশাক্ষমালিকাম্ভোজ সৃনিভিৰ্য্যাম্য সৌম্যয়োঃ।পদ্মাসনস্থাং…

தெய்வத்தின் குரல் பாகம் 2

தெய்வத்தின் குரல் பாகம் 2

தெய்வம் பேசுமா? பேசும். பேசியது…பேசிக்கொண்டிருக்கிறது – இன்னும் பலருக்கு சூக்ஷ்ம வடிவில். காஞ்சி மஹாஸ்வாமிகள் என்னும் அந்த ஒரு நடமாடும் தெய்வம் நமக்காகவே வாழ்ந்து நம் துயர் களைவதற்காகவே வாழ்ந்தது. இவர் நமக்கு ஆச்சார்யராக வந்தது அவரது கருணையே தவிர நாமோ நம் முன்னோர்களோ செய்த புண்ணியம் அல்ல. சிவனை நாம் பார்த்தது இல்லை; அம்பாளை பார்த்தது இல்லை; நாராயணனைப் பார்த்தது இல்லை – தேவை இல்லை; நாம் நம் குருவைப் பார்த்து விட்டோம். ஆச்சார்ய சுவாமிகளின்…

தெய்வத்தின் குரல் பாகம் 1

தெய்வத்தின் குரல் பாகம் 1

குடும்பத்தில் ஏதாவது பிரச்னைகள் எழுமானால் குடும் பத் தலைவன் முயன்று அந்தக் குடும்பத்தில் நிம்மதி நிலவச் செய்வதைப் பார்க்கிறோம். நாட்டில் அரசியல் பிரச்னை களோ கொந்தளிப்போ எழுமானால் நாட்டுத் தலைவர்களும் அரசாங்கமும் தலையிட்டு அதனை அடக்குவதைக் காண்கி றோம். யுகதர்மம் சீர்குலைந்து உலகத்துக்கே உபாதை ஏற்ப டின் யார் தீர்த்து வைக்க முடியும்? தெய்வத்தினால் மட்டுமே அது இயலும். தெய்வம்தான் மனித வடிவமெடுத்து நாயன்மாராகி உலகத் துன்பங்களைத் தீர்க்க முடியும். இன்று அவதார புருஷராக- நாயன்மாராக- உலக…

श्री शालिग्राम आरती

।। आरती ।। शालिग्राम सुनो विनती मेरी । यह बरदान दयाकर पाऊं ।। प्रात: समय उठी मंजन करके । प्रेम सहित सनान कराऊँ ।। शालिग्राम सुनो विनती मेरी… चन्दन धुप दीप तुलसीदल । वरन -बरन के पुष्प चढ़ाऊँ ।। शालिग्राम सुनो विनती मेरी… तुम्हरे सामने नृत्य करूँ नित । प्रभु घंटा शंख मृदंग बजाऊं ।।…

दशामाता व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| दशा माता व्रत पूजा विधि || – दशा माता के पूजन के लिए आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. सुबह स्नान आदि के बाद व्रत और पूजा का संकल्प लें. – दशा व्रत के दिन आपको पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का स्वरूप मानकर पूजा करनी चाहिए. आपको कच्चे सूत में 10…

Shri Dakshinamurthy Ashtakam

॥ Shri Dakshinamurthy Ashtakam ॥ Viswam darpana drusyamana nagari, Thulyam nijantargatham, Pasyannathmani mayaya bahirivoth, Bhutham yatha nidraya, Ya sakshath kuruthe prabodha samaye, Swathmanameva dwayam, Thasmai sri guru murthaye nama idham, Sree Dakshinamurthaye. Beejasyanthari vankuro jagadhidham, Prang nirvikalpam puna, Mayakalpitha desa kala kalanaa, Vaichithrya chithrikrutham, Mayaveeva vijrumbhayathyapi maha, Yogeeva yah swechaya, Thasmai sri guru murthaye nama…

श्री विश्वकर्मा आरती

|| श्री विश्वकर्मा आरती || प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवोप्रभु विश्वकर्मा। सुदामा की विनय सुनी और कंचन महल बनाए। सकल पदारथ देकर प्रभु जी दुखियों के दुख टारे॥ प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवोप्रभु विश्वकर्मा। विनय करी भगवान कृष्ण ने द्वारकापुरी बनाओ। ग्वाल बालों की रक्षा की प्रभु की लाज बचाओ॥ प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवोप्रभु…

श्री होलिका चालीसा (होली)

|| दोहा || याद करें प्रहलाद को, भले भलाई प्रीत। तजें बुराई मानवी, यही होलिका रीत ।। || चौपाई || हे शिव सुत गौरी के नंदन। करूँ आपका नित अभिनंदन।। मातु शारदे वंदन गाता। भाव गीत कविता में आता।। भारत है अति देश विशाला। विविध धर्म संस्कृतियों वाला।। नित मनते त्यौहार अनोखे। मेल मिलाप,रिवाजें चोखे।।…

अम्बे गौरी की आरती

|| अम्बे गौरी की आरती || जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ ओम जय अम्बे गौरी॥ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ ओम जय अम्बे गौरी॥ माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को, मैया टीको मृगमद को। उज्जवल से दो‌उ नैना, चन्द्रवदन…

भाई दूज आरती

|| भाई दूज आरती || ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता, जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा, जो जन शरण से कर दिया निस्तारा ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे, यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे…

धर्मराज आरती

|| धर्मराज आरती || धर्मराज कर सिद्ध काज, प्रभु मैं शरणागत हूँ तेरी । पड़ी नाव मझदार भंवर में, पार करो, न करो देरी ॥ ॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥ धर्मलोक के तुम स्वामी, श्री यमराज कहलाते हो । जों जों प्राणी कर्म करत हैं, तुम सब लिखते जाते हो ॥ अंत समय में सब…

श्री गोदावरी आरती

।। गोदावरी आरती ।। श्री आरती गोदावरी । उगमस्थ ब्रह्मगिरी । कुशावर्त गंगाद्वारी । माता श्री त्र्यंबकेश्वरी ।। जय पतित पावनी । निवृत्ति नाथाचरणी । गौतम श्री जटाधारी । वरदात्री गोदावरी ।। जय अमृत वाहिनी । वरदा माता अंजनी । वंदन श्री रामभूमी । कुंभपात्री गोदावरी ।। जय जीवन दायिनी । गोवर्धन जनस्थानी । नाथसागरा…

माँ ताप्ती की आरती

|| आरती || ॐ जय ताप्ती माता, मैया जय ताप्ती माता। तीनो लोक निस दिन ध्यावत, नारद गुण गाता।। || ॐ जय ताप्ती माता , मैया जय ताप्ती माता।। सूर्य देव है पिता तिहारे, छाया संज्ञा माता। सावित्री यमुना भगिनी तिहारी, यम शनि भ्राता।। || ॐ जय ताप्ती माता , मैया जय ताप्ती माता।। सूर्य…

Yashoda Jayanti 2025 – श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़ा यह पावन पर्व, जानें शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और पूजन प्रक्रिया

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यशोदा जयन्ती हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण की पालक मां यशोदा के प्रति श्रद्धा और समर्पण के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को स्मरण करते हुए मां यशोदा के स्नेह और उनकी भक्ति का गुणगान किया जाता है। यशोदा जयन्ती का पावन पर्व…

श्री पांडुरंगा अष्टकम

|| पांडुरंगा अष्टकम || महायोगपीठे तटे भीमरथ्या वरं पुंडरीकाय दातुं मुनीद्रैः । समागत्य तिष्टंतमानंदकदं परब्रह्मलिंगं भजे पांडुरंगं ॥ तडिद्वाससं नीलमेघावभासं रमामंदिरं सुंदरं चित्प्रकाशम् । वरं त्विष्टिकायां समन्यस्तपादं परब्रह्मलिंगं भजे पांडुरंगं ॥ प्रमाणं भवाब्धेरिदं मामकानां नितंबः कराभ्यां धृतो येन तस्मात् । विधातुर्वसत्यै धृतो नाभिकोशः परब्रह्मलिंगं भजे पांडुरंगं ॥ स्फुरत्कौस्तुभालंकृतं कंठदेशे श्रिया जुष्टकेयूरकं श्रीनिवासम् । शिवं शान्तमीड्यं…

श्री त्रैलोक्य मोहन काली कवचम्

॥ श्री त्रैलोक्य मोहन काली कवचम् ॥ ॥ श्री देव्युवाच ॥ देवदेवमहादेव संसारप्रीतिकारकः । सर्वविद्येश्वरीं विद्यां कालिकां कथयाद्भुताम् ॥ ॥ श्री शिव उवाच ॥ श्रृणुदेवि महाविद्यां सर्वविद्योत्तमोत्तमाम् । सर्वेश्वरीं महाविद्यां सर्वदेवप्रपूजिताम् ॥ यस्याः कटाक्षमात्रेण त्रैलोक्यविजयीहरः । बभूवकमलानाथो विभुब्रह्मा प्रजापति ॥ शचीस्वामीदेवनाथो यमोपिधर्मनायकः । त्रैलोक्यपावनी गङ्गा कमला श्रीर्हरिप्रिया ॥ दिनस्वामिरविश्चन्द्रो निशापतिर्ग्रहेश्वरः । जलाधिपतिर्वरुणः कुबेरोपिधनेश्वरः ॥ अव्याहतगतिर्वायुर्गजास्योविघ्ननायकः…

श्री शिव रामाष्टकम

॥ श्री शिव रामाष्टकम् ॥ शिवहरे शिवराम सखे प्रभो, त्रिविधताप-निवारण हे विभो। अज जनेश्वर यादव पाहि मां, शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ कमल लोचन राम दयानिधे, हर गुरो गजरक्षक गोपते। शिवतनो भव शङ्कर पाहिमां, शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ स्वजनरञ्जन मङ्गलमन्दिर, भजति तं पुरुषं परं पदम्। भवति तस्य सुखं परमाद्भुतं, शिवहरे विजयं कुरू…

श्री गौरीशाष्टकम

॥ श्री गौरीशाष्टकम ॥ भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते। जलभवदुस्तरजलधिसुतरणंध्येयं चित्ते शिवहरचरणम्। अन्योपायं न हि न हि सत्यंगेयं शङ्कर शङ्कर नित्यम्। भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते॥ दारापत्यं क्षेत्रं वित्तंदेहं गेहं सर्वमनित्यम्। इति परिभावय सर्वमसारंगर्भविकृत्या स्वप्नविचारम्। भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते॥ मलवैचित्ये पुनरावृत्ति:पुनरपि जननीजठरोत्पत्ति:। पुनरप्याशाकुलितं जठरं किंनहि मुञ्चसि कथयेश्चित्तम्। भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं…

कष्ट हरण अष्टक

|| कष्ट हरण अष्टक || जय गुरुदेव अलख अभेव अतल अखेव सुखधाम। अज्ञा दुखहारी नित सुखकारी मंगलकारी तव नाम। कष्ट कटीजे दुःख हरीजे सभ सुख कीजे अभिरामा। हे सर्वेश्वर हे परमेश्वर हे जगदीश्वर सत कामा। भो भगवंता सर्व नियंता मेतहुं चिंता भयभरी। रखऊं शरणा अपने चरणा जनमहि मरणा कट जरी। दीजे सुमति हरिए कुमति निर्मल…

आ मां आ तुझे दिल ने पुकारा

|| आ मां आ तुझे दिल ने पुकारा || आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा । दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ ॥ शेरांवाली, जोतांवाली, मेहरांवाली माँ । आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा ॥ प्रेम से बोलो, जय माता दी । सारे बोलो, जय माता दी । मिल के बोलो,…

जाने सुंदरकांड पाठ की विधि, मिलने वाले लाभ और विशेष महत्व

sundarkand path

सुंदरकांड रामायण का एक महत्वपूर्ण कांड है, जिसमें भगवान हनुमान की अद्भुत और चमत्कारी लीलाओं का वर्णन किया गया है। गोस्वामी तुलसीदास ने इन लीलाओं के कारण ही इसे ‘सुंदर कांड’ का नाम दिया है। इस कांड में राजनीति, ज्ञान, कर्म और भक्ति का सुंदर दर्शन है। हिन्दू धर्म में, शुभ कार्यों में गोस्वामी तुलसीदास…

श्री राधे गोविंदा मन भज ले हरि का प्यारा नाम है

|| श्री राधे गोविंदा मन भज ले हरि का प्यारा नाम है || श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है । गोपाला हरी का प्यारा नाम है, नंदलाला हरी का प्यारा नाम है ॥ मोर मुकुट सर गल बन माला, केसर तिलक लगाए, वृन्दावन में कुञ्ज गलिन में सब को नाच…

रामजी की निकली सवारी रामजी की लीला है न्यारी

|| रामजी की निकली सवारी रामजी की लीला है न्यारी || सर पे मुकुट सजे मुख पे उजाला हाथ धनुष गले में पुष्प माला हम दास इनके ये सबके स्वामी अंजान हम ये अंतरयामी शीश झुकाओ राम गुण गाओ बोलो जय विष्णु के अवतारी रामजी की निकली सवारी, रामजी की लीला है, एक तरफ लक्ष्मण…

श्रीमान नारायण नाम संकीर्तन

|| श्रीमान नारायण नाम संकीर्तन || श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ।टेक। लक्ष्मीनारायण नारायण नारायण नारायण बद्रीनारायण नारायण नारायण नारायण मुक्तिनारायण नारायण नारायण नारायण सत्यनारायण नारायण नारायण नारायण गोदानारायण नारायण नारायण नारायण वेंकटनारायण नारायण नारायण नारायण श्रीविष्णुपुराण भागवत गीता (स्वमी), वाल्मीकिजीकी रामायण । श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥ चारिहूँ वेद पुराण अष्टादश, वेदव्यासजी की पारायण ।…

पकड़ लो हाथ बनवारी

|| पकड़ लो हाथ बनवारी || पकड़ लो हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे, हमारा कुछ ना बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जाएगी, पकड़ लों हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे ॥ धरी है पाप की गठरी, हमारे सर पे ये भारी, वजन पापो का है भारी, इसे कैसे उठाऐंगे, पकड़ लों हाथ बनवारी, नहीं तो डूब…

श्री देवी काली कवचम्

॥ श्री देवी काली कवचम् ॥ ॥ भैरव् उवाच ॥ कालिका या महाविद्या कथिता भुवि दुर्लभा । तथापि हृदये शल्यमस्ति देवि कृपां कुरु ॥ कवचन्तु महादेवि कथयस्वानुकम्पया । यदि नो कथ्यते मातर्व्विमुञ्चामि तदा तनुं ॥ ॥ श्री देव्युवाच ॥ शङ्कापि जायते वत्स तव स्नेहात् प्रकाशितं । न वक्तव्यं न द्रष्टव्यमतिगुह्यतरं महत् ॥ कालिका जगतां माता…

हमारे साथ श्री रघुनाथ

|| हमारे साथ श्री रघुनाथ || हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता । शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता । किया करते हो तुम दिन रात क्यों बिन बात की चिंता । किया करते हो तुम दिन रात क्यों बिन बात की चिंता । तेरे स्वामी, तेरे…

ओढ़ के चुनरिया लाल मैया जी मेरे घर आना

|| ओढ़ के चुनरिया लाल मैया जी मेरे घर आना || ओढ़ के चुनरिया लाल, मैया जी मेरे घर आना, मैया जी मेरे घर आना, मैया जी मेरे घर आना, ओढ़ के चुनरियाँ लाल, मैया जी मेरे घर आना ॥ आप भी आना, गणपतिजी को लाना, आप भी आना, गणपतिजी को लाना, रिद्धि सिद्धि होंगे…

जय श्री श्याम जपो जय श्री श्याम

|| जय श्री श्याम जपो जय श्री श्याम || जय श्री श्याम जपो, जय श्री श्याम, पल में बनेंगे तेरे, बिगड़े काम, रोग शोक मिटे सब यहाँ, है चमत्कारी यह खाटू धाम, जय श्री श्याम जपों, जय श्री श्याम, पल में बनेंगे तेरे, बिगड़े काम ॥ जाने तेरी महिमा ये संसार, खाटू वाले शक्ति तेरी…

मैया का चोला है रंगला

|| मैया का चोला है रंगला || लाली मेरी मात की, जित देखु तीत लाल, लाली देखन मै गया, मै भी हो गया लाल ॥ मैया का चोला है रंगला, शेरोवाली का चोला है रंगला, मेहरोवाली का चोला है रंगला, जोतावाली का चोला है रंगला, अंबे रानी का चोला है रंगला, माँ वैष्णो का चोला…

जाने दशमहाविद्या माता बगलामुखी की उपासना विधि, मंत्र, कथा और मुख्य तथ्या

durga mata

माता बगलामुखी, दस महाविद्याओं में आठवीं शक्ति, भगवती पार्वती का उग्र रूप हैं। इन्हें माता पीताम्बरा भी कहा जाता है। भोग और मोक्ष दोनों की प्रदानकर्ता, माता बगलामुखी की पूजा हरिद्रा गणपती की पूजा के बाद ही करनी चाहिए, अन्यथा पूजा का फल पूर्ण नहीं मिलता। संपूर्ण ब्रह्माण्ड की शक्ति, माता बगलामुखी का कोई मुकाबला…

श्री दशमहाविद्या कवचम्

॥ श्री दशमहाविद्या कवचम् ॥ ॥ विनियोगः ॥ ॐ अस्य श्रीमहाविद्याकवचस्य श्रीसदाशिव ऋषिः उष्णिक् छन्दः श्रीमहाविद्या देवता सर्वसिद्धीप्राप्त्यर्थे पाठे विनियोगः । ॥ ऋष्यादि न्यासः ॥ श्रीसदाशिवऋषये नमः शिरसी उष्णिक् छन्दसे नमः मुखे श्रीमहाविद्यादेवतायै नमः हृदि सर्वसिद्धिप्राप्त्यर्थे पाठे विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे । ॥ मानसपुजनम् ॥ ॐ पृथ्वीतत्त्वात्मकं गन्धं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे समर्पयामि नमः । ॐ हं आकाशतत्त्वात्मकं पुष्पं…

श्री हनुमान साठिका

|| श्री हनुमान साठिका || जय जय जय हनुमान अडंगी । महावीर विक्रम बजरंगी ॥ जय कपीश जय पवन कुमारा । जय जगबन्दन सील अगारा ॥ जय आदित्य अमर अबिकारी । अरि मरदन जय-जय गिरधारी ॥ अंजनि उदर जन्म तुम लीन्हा । जय-जयकार देवतन कीन्हा ॥ बाजे दुन्दुभि गगन गम्भीरा । सुर मन हर्ष असुर…

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