श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम्

|| श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम् || अग्रे कुरूणामथ पाण्डवानांदुःशासनेनाहृतवस्त्रकेशा। कृष्णा तदाक्रोशदनन्यनाथागोविन्द दामोदर माधवेति॥1॥ श्रीकृष्ण विष्णो मधुकैटभारेभक्तानुकम्पिन् भगवन् मुरारे। त्रायस्व मां केशव लोकनाथगोविन्द दामोदर माधवेति॥2॥ विक्रेतुकामाखिलगोपकन्यामुरारिपादार्पितचित्तवृत्तिः। दध्यादिकं मोहवशादवोचद्गोविन्द दामोदर माधवेति॥3॥ उलूखले सम्भृततण्डुलांश्चसंघट्टयन्त्यो मुसलैः प्रमुग्धाः। गायन्ति गोप्यो जनितानुरागागोविन्द दामोदर माधवेति॥4॥ काचित्कराम्भोजपुटे निषण्णंक्रीडाशुकं किंशुकरक्ततुण्डम्। अध्यापयामास सरोरुहाक्षीगोविन्द दामोदर माधवेति॥5॥ गृहे गृहे गोपवधूसमूहःप्रतिक्षणं पिञ्जरसारिकाणाम्। स्खलद्गिरं वाचयितुं प्रवृत्तोगोविन्द दामोदर माधवेति॥6॥ पर्य्यङ्किकाभाजमलं…

श्री अहोई अष्टमी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि || प्रातः जल्दी स्नान किया जाता हैं। इसमें दिन भर का निर्जला व्रत किया जाता हैं। शाम में सूरज ढलने के बाद अहोई अष्टमी की पूजा की जाती हैं। इसमें अहोई अष्टमी माता का चित्र बनाया जाता हैं और विधि विधान से उनका पूजन किया जाता हैं। चौक बनाया…

ऋग्वेदोक्त देवीसूक्त

|| ऋग्वेदोक्त देवीसूक्त || ‘ॐ अहम्’ इस आठ ऋचाओंवाले सूक्तके वागाम्भूणि ऋषि हैं, सच्चित्सुखात्मक सर्वगत परमात्मा देवता हैं, दूसरी ऋचाके जगती, शिष्टोंमें त्रिष्टुप् छन्द हैं, देवीमाहात्म्यके पाठमें इसका विनियोग किया जाता है। यह पढ़कर हाथका जल दुर्गाजी के सान्निध्यमें रख दें। ॥ ध्यान ॥ जो सिंहकी पीठपर विराजमान हैं, जिनके मस्तकपर चन्द्रमाका मुकुट है, जो…

Durga Saptashati Rigvedoktam Devi Suktam

|| Durga Saptashati Rigvedoktam Devi Suktam || Om Ahamityashtarchasya Suktasya Vagambhrini Rishih, Sachchitsukhatmakah Sarvagatah Paramatma Devata, Dvitiyaya Richo Jagati, Shishtanam Trishtup Chhandah, Devimahatmyapathe Viniyogah।* ॥ Dhyanam ॥ Om Sinhastha Shashishekhara Marakataprakhyaishchaturbhirbhujaih Shankham Chakradhanuhsharanshcha Dadhati Netraistribhih Shobhita। Amuktangadaharakankanaranatkanchiranannupura Durga Durgatiharini Bhavatu No Ratnollasatkundala॥* ॥ Devisuktam* ॥ Om Aham Rudrebhirvasubhishcharamyahamadityairuta Vishvadevaih। Aham Mitravarunobha Bibharmyahamindragni Ahamashvinobha॥1॥ Aham Somamahanasam…

Atha Tantroktam Ratrisuktam

|| Atha Tantroktam Ratrisuktam || Om Vishveshvarim Jagaddhatrim Sthitisanharakarinim। Nidram Bhagavatim Vishnoratulam Tejasah Prabhuh॥1॥ Brahmovacha Tvam Svaha Tvam Svadha Tvam Hi Vashatkarah Svaratmika। Sudha Tvamakshare Nitye Tridha Matratmika Sthita॥2॥ Ardhamatrasthita Nitya Yanuchcharya Visheshatah। Tvameva Sandhya Savitri Tvam Devi Janani Para॥3॥ Tvayaitaddharyate Vishvam Tvayaitatsrijyate Jagat। Tvayaitatpalyate Devi Tvamatsyante Cha Sarvada॥4॥ Visrishtau Srishtirupa Tvam Sthitirupa Cha Palane।…

अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम्

|| अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम् || ॐ विश्वेश्वरीं जगद्धात्रीं स्थितिसंहारकारिणीम्। निद्रां भगवतीं विष्णोरतुलां तेजसः प्रभुः॥1॥ ब्रह्मोवाच त्वं स्वाहा त्वं स्वधा त्वं हि वषट्कारः स्वरात्मिका। सुधा त्वमक्षरे नित्ये त्रिधा मात्रात्मिका स्थिता॥2॥ अर्धमात्रास्थिता नित्या यानुच्चार्या विशेषतः। त्वमेव सन्ध्या सावित्री त्वं देवि जननी परा॥3॥ त्वयैतद्धार्यते विश्वं त्वयैतत्सृज्यते जगत्। त्वयैतत्पाल्यते देवि त्वमत्स्यन्ते च सर्वदा॥4॥ विसृष्टौ सृष्टिरुपा त्वं स्थितिरूपा च पालने।…

अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम्

|| अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम् || जो इस विश्व की अधीश्वरी, जगत को धारण करने वाली, संसार का पालन और संहार करने वाली तथा तेजःस्वरुप भगवान विष्णु की अनुपम शक्ति हैं, उन्हीं भगवती निद्रा देवी की भगवान ब्रह्मा स्तुति करने लगे ब्रह्मा जी ने कहा – देवि! तुम्हीं स्वाहा, तुम्ही स्वधा और तुम्ही वषट्कार हो। स्वर…

हिंदू व्रत-त्यौहारों की पूरी सूची 2024, जानिए हिंदू व्रत-त्यौहार मासिक कैलेंडर

hindu festivals

हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व है। ये धार्मिक अनुष्ठान व्यक्ति को ईश्वर के करीब लाने और आध्यात्मिक विकास में सहायक होते हैं। 2024 में भी कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। 2024 में हिंदू व्रत-त्यौहारों की पूरी सूची और मासिक कैलेंडर आपके लिए प्रस्तुत है। यह कैलेंडर आपको वर्षभर के…

Durga Saptashati Tantroktam Ratri Suktam

|| Durga Saptashati Tantroktam Ratri Suktam || Om Vishveshvarim Jagaddhatrim Sthitisanharakarinim। Nidram Bhagavatim Vishnoratulam Tejasah Prabhuh॥1॥ Brahmovacha Tvam Svaha Tvam Svadha Tvam Hi Vashatkarah Svaratmika। Sudha Tvamakshare Nitye Tridha Matratmika Sthita॥2॥ Ardhamatrasthita Nitya Yanuchcharya Visheshatah। Tvameva Sandhya Savitri Tvam Devi Janani Para॥3॥ Tvayaitaddharyate Vishvam Tvayaitatsrijyate Jagat। Tvayaitatpalyate Devi Tvamatsyante Cha Sarvada॥4॥ Visrishtau Srishtirupa Tvam Sthitirupa…

Durga Saptashati Vedoktam Ratri Suktam

|| Durga Saptashati Vedoktam Ratri Suktam || Om Ratrityadyashtarchasya SuktasyaKushikah Saubharo Ratrirva Bharadvajo Rishih, Ratrirdevata,Gayatri Chhandah, Devimahatmyapathe Viniyogah। Om Ratri Vyakhyadayati Purutra Devyakshabhih। Vishva Adhi Shriyoadhita॥1॥ Orvapra Amartyanivato Devyudvatah। Jyotisha Badhate Tamah॥2॥ Niru Svasaramaskritoshasam Devyayati। Apedu Hasate Tamah॥3॥ Sa No Adya Yasya Vayam Ni Te Yamannavikshmahi। Vrikshe Na Vasatim Vayah॥4॥ Ni Gramaso Avikshata Ni Padvanto…

अथ वेदोक्तं रात्रिसूक्तम्

|| अथ वेदोक्तं रात्रिसूक्तम् || ॐ रात्रीत्याद्यष्टर्चस्य सूक्तस्यकुशिकः सौभरो रात्रिर्वा भारद्वाजो ऋषिः, रात्रिर्देवता,गायत्री छन्दः, देवीमाहात्म्यपाठे विनियोगः। ॐ रात्री व्यख्यदायती पुरुत्रा देव्यक्षभिः। विश्वा अधि श्रियोऽधित॥1॥ ओर्वप्रा अमर्त्यानिवतो देव्युद्वतः। ज्योतिषा बाधते तमः॥2॥ निरु स्वसारमस्कृतोषसं देव्यायती। अपेदु हासते तमः॥3॥ सा नो अद्य यस्या वयं नि ते यामन्नविक्ष्महि। वृक्षे न वसतिं वयः॥4॥ नि ग्रामासो अविक्षत नि पद्वन्तो नि पक्षिणः।…

अथ वेदोक्तं रात्रिसूक्तम्

|| अथ वेदोक्तं रात्रिसूक्तम् || ॐ रात्रीत्याद्यष्टर्चस्य सूक्तस्यकुशिकः सौभरो रात्रिर्वा भारद्वाजो ऋषिः, रात्रिर्देवता,गायत्री छन्दः, देवीमाहात्म्यपाठे विनियोगः। ॐ रात्री व्यख्यदायती पुरुत्रा देव्यक्षभिः। विश्वा अधि श्रियोऽधित॥1॥ ओर्वप्रा अमर्त्यानिवतो देव्युद्वतः। ज्योतिषा बाधते तमः॥2॥ निरु स्वसारमस्कृतोषसं देव्यायती। अपेदु हासते तमः॥3॥ सा नो अद्य यस्या वयं नि ते यामन्नविक्ष्महि। वृक्षे न वसतिं वयः॥4॥ नि ग्रामासो अविक्षत नि पद्वन्तो नि पक्षिणः।…

Durga Saptashati Argala Stotram

|| Durga Saptashati Argala Stotram || Om Asya Shri Argalastotramantrasya Vishnurrishih,Anushtup Chhandah, Shri Mahalakshmirdevata, Shri JagadambapritayeSaptashatipathangatvena Jape Viniyogah॥ Om Namashchandikayai॥ Markandeya Uvacha Om Jayanti Mangala Kali Bhadrakali Kapalini। Durga Kshama Shiva Dhatri Swaha Swadha Namoastu Te॥1॥ Jai Tvam Devi Chamunde Jai Bhutartiharini। Jai Sarvagate Devi Kalaratri Namoastu Te॥2॥ Madhukaitabhavidravividhatrivarade Namah। Rupam Dehi Jayam Dehi Yasho…

Mahishasura Mardini Stotram

|| Mahishasura Mardini Stotram || Ayi Girinandini Nanditamedini Vishvavinodini Nandinute Girivaravindhyashiro’dhinivasini Vishnuvilasini Jishnunute। Bhagavati He Shitikanthakutumbini Bhurikutumbini Bhurikrite Jaya Jaya He Mahishasuramardini Ramyakapardini Shailasute॥1॥ Suravaravarshini Durdharadharshini Durmukhamarshini Harsharate Tribhuvanaposhini Shankaratoshini Kilbishamoshini Ghosharate Danujaniroshini Ditisutaroshini Durmadashoshini Sindhusute Jaya Jaya He Mahishasuramardini Ramyakapardini Shailasute॥2॥ Ayi Jagadamba Madamba Kadamba Vanapriyavasini Hasarate Shikhari Shiromani Tungahimalaya Shringanijalaya Madhyagate। Madhumadhure Madhukaitabhaganjini…

महिषासुर मर्दिनि स्तोत्रम्

|| महिषासुर मर्दिनि स्तोत्रम् || अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते। भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥1॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥2॥ अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रियवासिनि हासरते शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमलय शृङ्गनिजालय मध्यगते। मधुमधुरे मधुकैटभगञ्जिनि…

अहोई माता आरती

॥ अहोई माता आरती ॥ जय अहोई माता, जय अहोई माता । तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता ॥ ॐ जय अहोई माता ॥ ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला, तू ही है जगमाता । सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय अहोई माता ॥ माता रूप निरंजन, सुख-सम्पत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्यावत, नित मंगल…

वर्ष 2024 में आने वाली सभी कालाष्टमी व्रत की सूची, महत्व और पूजा विधि

kalashatmi

कालाष्टमी एक पवित्र हिंदू त्योहार है जो काल भैरव को समर्पित है। कालाष्टमी के दिन भगवान शिव की भैरव रूप में पूजा की जाती है। वह समय के स्वामी हैं और समय को महत्व देने वाले को आशीर्वाद देते हैं। भगवान शिव (भोलेनाथ) के भैरव रूप के स्मरण से सभी प्रकार के पाप और कष्ट…

राधाकुण्ड और अहोई अष्टमी से जुड़ी कथा

|| अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा || बहुत समय पहले झाँसी के निकट एक नगर में चन्द्रभान नामक एक साहूकार रहता था। उसकी पत्नी चन्द्रिका अत्यंत सुंदर, सर्वगुण सम्पन्न, सती-साध्वी, शीलवान और बुद्धिमान थी। उनके कई पुत्र-पुत्रियाँ थीं, लेकिन वे सभी वयस्क होने से पहले ही परलोक सिधार गए थे। संतान की मृत्यु…

Ahoi Mata Aarti

॥ Ahoi Mata Aarti ॥ Jai Ahoi Mata, Jai Ahoi Mata । Tumko Nisdin Dhyavat Hari Vishnu Vidhata ॥ ॥ Jai Ahoi Mata..॥ Brahamni Rudrani Kamla Tu He Hai Jag Mata । Surya Chandrama Dhyavat Narad Rishi Gata ॥ ॥ Jai Ahoi Mata..॥ Mata Roop Niranjan Sukh Sampatti Data । Jo Koi Tumko Dhyavat Nit…

नवदुर्गा स्तोत्रम्

|| नवदुर्गा स्तोत्रम् || ॥ देवी शैलपुत्री ॥ वन्दे वाञ्छितलाभायचन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढाम् शूलधरांशैलपुत्री यशस्विनीम्॥1॥ ॥ देवी ब्रह्मचारिणी ॥ दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयिब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥2॥ ॥ देवी चन्द्रघण्टा ॥ पिण्डजप्रवरारूढाचन्दकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यम्चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥3॥ ॥ देवी कूष्माण्डा ॥ सुरासम्पूर्णकलशम्रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्याम्कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥4॥ ॥ देवी स्कन्दमाता ॥ सिंहासनगता नित्यम्पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवीस्कन्दमाता यशस्विनी॥5॥ ॥ देवी कात्यायनी…

Shri Navadurga Stotram

|| Shri Navadurga Stotram || ॥ Devi Shailaputri ॥ Vande VanchhitalabhayaChandrardhakritashekharam। Vrisharudham ShuladharamShailaputri Yashasvinim॥1॥ ॥ Devi Brahmacharini ॥ Dadhana KarapadmabhyamAkshamala Kamandalu। Devi Prasidatu MayiBrahmacharinyanuttama॥2॥ ॥ Devi Chandraghanta ॥ PindajapravararudhaChandrakopastrakairyuta। Prasadam Tanute MahyamChandraghanteti Vishruta॥3॥ ॥ Devi Kushmanda ॥ SurasampurnakalashamRudhiraplutameva Cha। Dadhana HastapadmabhyamKushmanda Shubhadastu Me॥4॥ ॥ Devi Skandamata ॥ Simhasanagata NityamPadmashritakaradvaya। Shubhadastu Sada DeviSkandamata Yashasvini॥5॥ ॥ Devi…

श्री राधाकुण्डाष्टकम्

|| श्री राधाकुण्डाष्टकम् || वृषभदनुजनाशान्नर्मधर्मोक्तिरङ्गै- र्निखिलनिजसखीभिर्यत्स्वहस्तेन पूर्णम् । प्रकटितमपि वृन्दारण्यराज्ञा प्रमोदै- स्तदतिसुरभि राधाकुण्डमेवाश्रयो मे ॥ व्रजभुवि मुरशत्रोः प्रेयसीनां निकामै- रसुलभमपि तूर्णं प्रेमकल्पद्रुमं तम् । जनयति हृदि भूमौ स्नातुरुच्चैर्प्रियं य- त्तदतिसुरभि राधाकुण्डमेवाश्रयो मे ॥ अघरिपुरपि यत्नादत्र देव्याः प्रसाद- प्रसरकृतकताक्षप्राप्तिकामः प्रकामम् । अनुसरति यदुचाइः स्नानसेवानुबन्धै- स्तदतिसुरभि राधाकुण्डमेवाश्रयो मे ॥ व्रजभुवनसुधांशोः प्रेमभूमिर्निकामं व्रजमधुरकिशोरीमौलिरत्नप्रियेव । परिचितमपि नाम्ना या च…

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

|| कृष्णा जन्माष्टमी व्रत कथा || द्वापर युग में जब पृथ्वी पाप तथा अत्याचारों से तपने लगी| तब वह गाय का रूप बनाकर सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी के पास गई| ब्रह्मा जी ने जब सभी देवताओं के साथ पृथ्वी जी की दुख भरी कथा सुनी तब सभी देवताओं ने ब्रह्मा जी से कहा यह तो अत्यंत…

श्री अहोई माता की आरती

|| श्री अहोई माता की आरती || जय अहोई माता, जय अहोई माता । तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता ॥ ॐ जय अहोई माता ॥ ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला, तू ही है जगमाता । सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय अहोई माता ॥ माता रूप निरंजन, सुख-सम्पत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्यावत,…

Shri Ahoi Mata Ji Ki Aarti

|| Shri Ahoi Mata Ji Ki Aarti || Jai Ahoi Mata, Jai Ahoi Mata । Tumko Nisdin Dhyavat Hari Vishnu Vidhata ॥ ॥ Jai Ahoi Mata..॥ Brahamni Rudrani Kamla Tu He Hai Jag Mata । Surya Chandrama Dhyavat Narad Rishi Gata ॥ ॥ Jai Ahoi Mata..॥ Mata Roop Niranjan Sukh Sampatti Data । Jo Koi…

श्री राधाकुण्ड अष्टकम

॥ श्री राधाकुण्ड अष्टकम ॥ वृषभदनुजनाशात् नर्मधर्मोक्तिरङ्गैः, निखिलनिजतनूभिर्यत्स्वहस्तेन पूर्णम् । प्रकटितमपि वृन्दारण्यराज्ञा प्रमोदैः, तदतिसुरभि राधाकुण्डमेवाश्रयो मे ॥ व्रजभुवि मुरशत्रोः प्रेयसीनां निकामैः, असुलभमपि तूर्णं प्रेमकल्पद्रुमं तम् । जनयति हृदि भूमौ स्नातुरुच्चैः प्रियं यत्, तदतिसुरभि राधाकुण्डमेवाश्रयो मे ॥ अघरिपुरपि यत्नादत्र देव्याः प्रसाद-, प्रसरकृतकटाक्षप्राप्तिकामः प्रकामम् । अनुसरति यदुच्चैः स्नानसेवानुबन्धैः, तदतिसुरभि राधाकुण्डमेवाश्रयो मे ॥ व्रजभुवनसुधांशोः प्रेमभूमिर्निकामं, व्रजमधुरकिशोरीमौलिरत्नप्रियेव । परिचितमपि…

Shiva Panchakshara Stotram

|| Shiva Panchakshara Stotram || Nagendraharaya TrilochanayaBhasmangaragaya Maheshvaraya। Nityaya Shuddhaya DigambarayaTasmai Na karaya Namah Shivaya॥1॥ Mandakinisalila-chandanacharchitayaNandishvara-pramathanatha-mahesvaraya। Mandarapushpa-bahupushpa-supujitayaTasmai Ma Karaya Namah Shivaya॥2॥ Shivaya GaurivadanabjavrindaSuryaya Dakshadhvaranashakaya। Shrinilakanthaya VrishabhvajayaTasmai Shi Karaya Namah Shivaya॥3॥ Vasishtha-kumbhodbhava-gautamaryaMunindradevarchita-shekharaya। Chandrarka-vaishvanara-lochanayaTasmai Va Karaya Namah Shivaya॥4॥ Yakshasvarupaya JatadharayaPinakahastaya Sanatanaya। Divyaya Devaya DigambarayaTasmai Ya Karaya Namah Shivaya॥5॥ Panchaksharamidam Punyam Yah Pathechchhivasannidhau। Shivalokamavapnoti Shivena Saha Modate॥6॥ ॥…

Shri Ganapatyatharvashirsham Stotram

Shri Ganapatyatharvashirsham Stotram Om Bhadram Karnebhih ShrinuyamaDevamh Bhadram Pashyemakshabhiryajatrah। Sthirairangaistushtuvam SastanubhihVyashema Devahita Yadayuh॥ Svasti Na Indro VriddhashravahSvasti Nah Pusha Vishvavedah। Svasti Nastarkshryo AristtanemihSvasti No Brahaspatirdadhatu॥ Om Shantih! Shantih! Shantih!!! Hari Om Namaste Ganapataye।Tvameva Pratyaksham Tattvamasi। Tvameva Kevalam Kartasi।Tvameva Kevalam Dhartasi। Tvameva Kevalam Hartasi।Tvameva Sarvam Khalvidam Brahmasi। Tvam Sakshadatmasi Nityam॥1॥ Ritam Vachmi। Satyam Vachmi॥2॥ Ava Tvam…

श्री गणपत्यथर्वशीर्षम् स्तोत्रम्

|| श्री गणपत्यथर्वशीर्षम् स्तोत्रम् || ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयामदेवाः भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः। स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवाꣳ सस्तनूभिःव्यशेम देवहितं यदायुः॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाःस्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः। स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिःस्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥ ॐ शान्तिः! शान्तिः!! शान्तिः!!! हरिः ॐ नमस्ते गणपतये।त्वमेव प्रत्यक्षं तत्त्वमसि। त्वमेव केवलं कर्तासि।त्वमेव केवलं धर्तासि। त्वमेव केवलं हर्तासि।त्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्मासि। त्वं साक्षादात्मासि नित्यम्॥1॥ ऋतं वच्मि। सत्यं वच्मि॥2॥…

Shri Ganapati Atharvashirsha Stotram

|| Shri Ganapati Atharvashirsha Stotram || Om Bhadram Karnebhih ShrinuyamaDevamh Bhadram Pashyemakshabhiryajatrah। Sthirairangaistushtuvam SastanubhihVyashema Devahita Yadayuh॥ Svasti Na Indro VriddhashravahSvasti Nah Pusha Vishvavedah। Svasti Nastarkshryo AristtanemihSvasti No Brahaspatirdadhatu॥ Om Shantih! Shantih! Shantih!!! Hari Om Namaste Ganapataye।Tvameva Pratyaksham Tattvamasi। Tvameva Kevalam Kartasi।Tvameva Kevalam Dhartasi। Tvameva Kevalam Hartasi।Tvameva Sarvam Khalvidam Brahmasi। Tvam Sakshadatmasi Nityam॥1॥ Ritam Vachmi। Satyam…

Shri Sankatanashana Ganesha Stotram

|| Shri Sankatanashana Ganesha Stotram || Narada Uvacha Pranamya Shirasa DevamGauriputram Vinayakam। Bhaktavasam SmeranityamayhKamarthasiddhaye॥1॥ Prathamam Vakratundam ChaEkadantam Dvitiyakam। Tritiyam KrishnapingakshamGajavaktram Chaturthakam॥2॥ Lambodaram Panchamam ChaShashtham Vikatameva Cha। Saptamam Vighnarajam ChaDhumravarnam Tathashtakam॥3॥ Navamam BhalchandramCha Dashamam Tu Vinayakama। Ekadasham GanapatimDvadasham Tu Gajananama॥4॥ Dvadashaitani NamaniTrisandhyam Yah Pathennarah। Na Cha Vighnabhayam TasyaSarvasiddhikaram Prabho॥5॥ Vidyarthi Labhate VidyamDhanarthi Labhate Dhanam। Putrarthi LabhatePutranmoksharthi…

श्री सङ्कटनाशन गणेश स्तोत्रम्

|| श्री सङ्कटनाशन गणेश स्तोत्रम् || नारद उवाच प्रणम्य शिरसा देवंगौरीपुत्रं विनायकम्। भक्तावासं स्मेरनित्यमाय्ःकामार्थसिद्धये॥1॥ प्रथमं वक्रतुण्डं चएकदन्तं द्वितीयकम्। तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षंगजवक्त्रं चतुर्थकम्॥2॥ लम्बोदरं पञ्चमं चषष्ठं विकटमेव च। सप्तमं विघ्नराजं चधूम्रवर्णं तथाष्टकम्॥3॥ नवमं भालचन्द्रं चदशमं तु विनायकम। एकादशं गणपतिंद्वादशं तु गजाननम॥4॥ द्वादशैतानि नामानित्रिसन्ध्यं य: पठेन्नर:। न च विघ्नभयं तस्यसर्वासिद्धिकरं प्रभो॥5॥ विद्यार्थी लभते विद्यांधनार्थी लभते धनम्। पुत्रार्थी लभतेपुत्रान्मोक्षार्थी…

Shri Rinharta Ganesha Stotram

|| Shri Rinharta Ganesha Stotram || Kailashaparvate Ramye Shambhum Chandrardhashekharam। Shadanmayasamayuktam Paprachchha Nagakanyaka॥ ॥ Parvatyuvacha ॥ Devasha Parameshana Sarvashastrarthaparaga। Upayamrinanashasya Kripaya Vada Sampratam॥ ॥ Shiva Uvacha ॥ Samyak Prishtam Tvaya Bhadre Lokanam Hikamyaya। Tatsarvam Sampravakshyami Savadhanavadharaya॥ ॥ Viniyoga ॥ Om Asya Shririnaharanakartri-ganapatiStotramantrasya Sadashiva Rishih Anushtup Chhandah Shririnaharana-kartri-ganapatir Devata Glaum Bijam Gah Shaktih Gom KilakamMama Sakalarinanashane…

ऋणहर्ता श्री गणेश स्तोत्रम्

|| ऋणहर्ता श्री गणेश स्तोत्रम् || कैलाशपर्वते रम्ये शम्भुं चन्द्रार्धशेखरम्। षडाम्नायसमायुक्तं पप्रच्छ नगकन्यका॥ ॥ पार्वत्युवाच ॥ देवश परमेशान सर्वशास्त्रार्थपारग। उपायमृणनाशस्य कृपया वद साम्प्रतम्॥ ॥ शिव उवाच ॥ सम्यक् पृष्टं त्वया भद्रे लोकानां हिकाम्यया। तत्सर्वं सम्प्रवक्ष्यामि सावधानावधारय॥ ॥ विनियोग ॥ ॐ अस्य श्रीऋणहरणकर्तृगणपतिस्तोत्रमन्त्रस्य सदाशिव ऋषिः अनुष्टुप् छन्दः श्रीऋणहरणकर्तृगणपतिर्देवता ग्लौं बीजम् गः शक्तिः गों कीलकम्मम सकलऋणनाशने जपे…

Gorakha Chalisa

|| Gorakha Chalisa || ॥ Doha ॥ Ganapati Giraja Putra Ko, Sumiru Barambara। Hatha Joda Binati Kau, Sharada Nama Adhara॥ ॥ Chaupai ॥ Jai Jai Gorakha Natha Avinashi। Kripa Karo Guru Deva Prakashi॥ Jai Jai Jai Gorakha Guna Gyani। Ichha Rupa Yogi Varadani॥ Alakha Niranjana Tumharo Nama। Sada Karo Bhaktana Hita Kama॥ Nama Tumharo Jo…

ತ್ರಿಪುರಾ ಭಾರತೀ ಸ್ತೋತ್ರ

|| ತ್ರಿಪುರಾ ಭಾರತೀ ಸ್ತೋತ್ರ || ಐಂದ್ರಸ್ಯೇವ ಶರಾಸನಸ್ಯ ದಧತೀ ಮಧ್ಯೇ ಲಲಾಟಂ ಪ್ರಭಾಂ ಶೌಕ್ಲೀಂ ಕಾಂತಿಮನುಷ್ಣಗೋರಿವ ಶಿರಸ್ಯಾತನ್ವತೀ ಸರ್ವತಃ . ಏಷಾಽಸೌ ತ್ರಿಪುರಾ ಹೃದಿ ದ್ಯುತಿರಿವೋಷ್ಣಾಂಶೋಃ ಸದಾಹಃಸ್ಥಿತಾ ಛಿಂದ್ಯಾನ್ನಃ ಸಹಸಾ ಪದೈಸ್ತ್ರಿಭಿರಘಂ ಜ್ಯೋತಿರ್ಮಯೀ ವಾಙ್ಮಯೀ .. ಯಾ ಮಾತ್ರಾ ತ್ರಪುಸೀಲತಾತನುಲಸತ್ತಂತೂತ್ಥಿತಿಸ್ಪರ್ದ್ಧಿನೀ ವಾಗ್ಬೀಜೇ ಪ್ರಥಮೇ ಸ್ಥಿತಾ ತವ ಸದಾ ತಾಂ ಮನ್ಮಹೇ ತೇ ವಯಂ . ಶಕ್ತಿಃ ಕುಂಡಲಿನೀತಿ ವಿಶ್ವಜನನವ್ಯಾಪಾರಬದ್ಧೋದ್ಯಮಾ ಜ್ಞಾತ್ವೇತ್ಥಂ ನ ಪುನಃ ಸ್ಪೃಶಂತಿ ಜನನೀಗರ್ಭೇಽರ್ಭಕತ್ವಂ ನರಾಃ .. ದೃಷ್ಟ್ವಾ ಸಂಭ್ರಮಕಾರಿ ವಸ್ತು ಸಹಸಾ ಐ…

త్రిపురా భారతీ స్తోత్రం

|| త్రిపురా భారతీ స్తోత్రం || ఐంద్రస్యేవ శరాసనస్య దధతీ మధ్యే లలాటం ప్రభాం శౌక్లీం కాంతిమనుష్ణగోరివ శిరస్యాతన్వతీ సర్వతః . ఏషాఽసౌ త్రిపురా హృది ద్యుతిరివోష్ణాంశోః సదాహఃస్థితా ఛింద్యాన్నః సహసా పదైస్త్రిభిరఘం జ్యోతిర్మయీ వాఙ్మయీ .. యా మాత్రా త్రపుసీలతాతనులసత్తంతూత్థితిస్పర్ద్ధినీ వాగ్బీజే ప్రథమే స్థితా తవ సదా తాం మన్మహే తే వయం . శక్తిః కుండలినీతి విశ్వజననవ్యాపారబద్ధోద్యమా జ్ఞాత్వేత్థం న పునః స్పృశంతి జననీగర్భేఽర్భకత్వం నరాః .. దృష్ట్వా సంభ్రమకారి వస్తు సహసా ఐ…

ത്രിപുരാ ഭാരതീ സ്തോത്രം

|| ത്രിപുരാ ഭാരതീ സ്തോത്രം || ഐന്ദ്രസ്യേവ ശരാസനസ്യ ദധതീ മധ്യേ ലലാടം പ്രഭാം ശൗക്ലീം കാന്തിമനുഷ്ണഗോരിവ ശിരസ്യാതന്വതീ സർവതഃ . ഏഷാഽസൗ ത്രിപുരാ ഹൃദി ദ്യുതിരിവോഷ്ണാംശോഃ സദാഹഃസ്ഥിതാ ഛിന്ദ്യാന്നഃ സഹസാ പദൈസ്ത്രിഭിരഘം ജ്യോതിർമയീ വാങ്മയീ .. യാ മാത്രാ ത്രപുസീലതാതനുലസത്തന്തൂത്ഥിതിസ്പർദ്ധിനീ വാഗ്ബീജേ പ്രഥമേ സ്ഥിതാ തവ സദാ താം മന്മഹേ തേ വയം . ശക്തിഃ കുണ്ഡലിനീതി വിശ്വജനനവ്യാപാരബദ്ധോദ്യമാ ജ്ഞാത്വേത്ഥം ന പുനഃ സ്പൃശന്തി ജനനീഗർഭേഽർഭകത്വം നരാഃ .. ദൃഷ്ട്വാ സംഭ്രമകാരി വസ്തു സഹസാ ഐ…

திரிபுரா பாரதி ஸ்தோத்திரம்

|| திரிபுரா பாரதி ஸ்தோத்திரம் || ஐந்த்ரஸ்யேவ ஶராஸனஸ்ய தததீ மத்யே லலாடம்ʼ ப்ரபாம்ʼ ஶௌக்லீம்ʼ காந்திமனுஷ்ணகோரிவ ஶிரஸ்யாதன்வதீ ஸர்வத꞉ . ஏஷா(அ)ஸௌ த்ரிபுரா ஹ்ருʼதி த்யுதிரிவோஷ்ணாம்ʼஶோ꞉ ஸதாஹ꞉ஸ்திதா சிந்த்யான்ன꞉ ஸஹஸா பதைஸ்த்ரிபிரகம்ʼ ஜ்யோதிர்மயீ வாங்மயீ .. யா மாத்ரா த்ரபுஸீலதாதனுலஸத்தந்தூத்திதிஸ்பர்த்தினீ வாக்பீஜே ப்ரதமே ஸ்திதா தவ ஸதா தாம்ʼ மன்மஹே தே வயம் . ஶக்தி꞉ குண்டலிநீதி விஶ்வஜனநவ்யாபாரபத்தோத்யமா ஜ்ஞாத்வேத்தம்ʼ ந புன꞉ ஸ்ப்ருʼஶந்தி ஜனனீகர்பே(அ)ர்பகத்வம்ʼ நரா꞉ .. த்ருʼஷ்ட்வா ஸம்ப்ரமகாரி வஸ்து ஸஹஸா ஐ…

त्रिपुरा भारती स्तोत्र

|| त्रिपुरा भारती स्तोत्र || ऐन्द्रस्येव शरासनस्य दधती मध्ये ललाटं प्रभां शौक्लीं कान्तिमनुष्णगोरिव शिरस्यातन्वती सर्वतः । एषाऽसौ त्रिपुरा हृदि द्युतिरिवोष्णांशोः सदाहःस्थिता छिन्द्यान्नः सहसा पदैस्त्रिभिरघं ज्योतिर्मयी वाङ्मयी ॥ या मात्रा त्रपुसीलतातनुलसत्तन्तूत्थितिस्पर्द्धिनी वाग्बीजे प्रथमे स्थिता तव सदा तां मन्महे ते वयम् । शक्तिः कुण्डलिनीति विश्वजननव्यापारबद्धोद्यमा ज्ञात्वेत्थं न पुनः स्पृशन्ति जननीगर्भेऽर्भकत्वं नराः ॥ दृष्ट्वा सम्भ्रमकारि वस्तु सहसा ऐ…

श्री रोहिणी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| रोहिणी व्रत कथा || प्राचीन कथा के अनुसार चंपापुरी राज्य में राजा माधवा, और रानी लक्ष्मीपति का राज्य था। उनके सात बेटे और एक बेटी थी। एक बार राजा ने बेटी रोहिणी के बारे में ज्योतिषी से जानकारी ली तो उसने बताया कि रोहिणी का विवाह हस्तिनापुर के राजकुमार अशोक के साथ होगा। इस…

ஶ்ரீ த³த்தாத்ரேய கவசம்

|| ஶ்ரீ த³த்தாத்ரேய கவசம் || ஶ்ரீபாத³꞉ பாது மே பாதௌ³ ஊரூ ஸித்³தா⁴ஸநஸ்தி²த꞉ । பாயாத்³தி³க³ம்ப³ரோ கு³ஹ்யம் ந்ருஹரி꞉ பாது மே கடிம் ॥ 1 ॥ நாபி⁴ம் பாது ஜக³த்ஸ்ரஷ்டோத³ரம் பாது த³ளோத³ர꞉ । க்ருபாலு꞉ பாது ஹ்ருத³யம் ஷட்³பு⁴ஜ꞉ பாது மே பு⁴ஜௌ ॥ 2 ॥ ஸ்ரக்குண்டீ³ ஶூலட³மருஶங்க²சக்ரத⁴ர꞉ கரான் । பாது கண்ட²ம் கம்பு³கண்ட²꞉ ஸுமுக²꞉ பாது மே முக²ம் ॥ 3 ॥ ஜிஹ்வாம் மே வேத³வாக்பாது நேத்ரம்…

ಶ್ರೀ ದತ್ತಾತ್ರೇಯ ಕವಚಂ

|| ಶ್ರೀ ದತ್ತಾತ್ರೇಯ ಕವಚಂ || ಶ್ರೀಪಾದಃ ಪಾತು ಮೇ ಪಾದೌ ಊರೂ ಸಿದ್ಧಾಸನಸ್ಥಿತಃ | ಪಾಯಾದ್ದಿಗಂಬರೋ ಗುಹ್ಯಂ ನೃಹರಿಃ ಪಾತು ಮೇ ಕಟಿಮ್ || ೧ || ನಾಭಿಂ ಪಾತು ಜಗತ್ಸ್ರಷ್ಟೋದರಂ ಪಾತು ದಲೋದರಃ | ಕೃಪಾಳುಃ ಪಾತು ಹೃದಯಂ ಷಡ್ಭುಜಃ ಪಾತು ಮೇ ಭುಜೌ || ೨ || ಸ್ರಕ್ಕುಂಡೀ ಶೂಲಡಮರುಶಂಖಚಕ್ರಧರಃ ಕರಾನ್ | ಪಾತು ಕಂಠಂ ಕಂಬುಕಂಠಃ ಸುಮುಖಃ ಪಾತು ಮೇ ಮುಖಮ್ || ೩ || ಜಿಹ್ವಾಂ ಮೇ ವೇದವಾಕ್ಪಾತು ನೇತ್ರಂ…

శ్రీ దత్తాత్రేయ కవచం

|| శ్రీ దత్తాత్రేయ కవచం || శ్రీపాదః పాతు మే పాదౌ ఊరూ సిద్ధాసనస్థితః | పాయాద్దిగంబరో గుహ్యం నృహరిః పాతు మే కటిమ్ || ౧ || నాభిం పాతు జగత్స్రష్టోదరం పాతు దలోదరః | కృపాళుః పాతు హృదయం షడ్భుజః పాతు మే భుజౌ || ౨ || స్రక్కుండీ శూలడమరుశంఖచక్రధరః కరాన్ | పాతు కంఠం కంబుకంఠః సుముఖః పాతు మే ముఖమ్ || ౩ || జిహ్వాం మే వేదవాక్పాతు నేత్రం…

श्री दत्तात्रेय कवचम्

|| श्री दत्तात्रेय कवचम् || श्रीपादः पातु मे पादौ ऊरू सिद्धासनस्थितः । पायाद्दिगम्बरो गुह्यं नृहरिः पातु मे कटिम् ॥ १ ॥ नाभिं पातु जगत्स्रष्टोदरं पातु दलोदरः । कृपालुः पातु हृदयं षड्भुजः पातु मे भुजौ ॥ २ ॥ स्रक्कुण्डी शूलडमरुशङ्खचक्रधरः करान् । पातु कण्ठं कम्बुकण्ठः सुमुखः पातु मे मुखम् ॥ ३ ॥ जिह्वां मे वेदवाक्पातु नेत्रं…

ஶ்ரீ த³த்தாத்ரேயாஷ்டோத்தரஶதநாமாவளீ – 1

|| ஶ்ரீ த³த்தாத்ரேயாஷ்டோத்தரஶதநாமாவளீ – 1 || ஓம் அநஸூயாஸுதாய நம꞉ । ஓம் த³த்தாய நம꞉ । ஓம் அத்ரிபுத்ராய நம꞉ । ஓம் மஹாமுநயே நம꞉ । ஓம் யோகீ³ந்த்³ராய நம꞉ । ஓம் புண்யபுருஷாய நம꞉ । ஓம் தே³வேஶாய நம꞉ । ஓம் ஜக³தீ³ஶ்வராய நம꞉ । ஓம் பரமாத்மநே நம꞉ । 9 ஓம் பரஸ்மை ப்³ரஹ்மணே நம꞉ । ஓம் ஸதா³நந்தா³ய நம꞉ । ஓம் ஜக³த்³கு³ரவே நம꞉…

ಶ್ರೀ ದತ್ತಾತ್ರೇಯಾಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ 1

|| ಶ್ರೀ ದತ್ತಾತ್ರೇಯಾಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ 1 || ಓಂ ಅನಸೂಯಾಸುತಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ದತ್ತಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಅತ್ರಿಪುತ್ರಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಮಹಾಮುನಯೇ ನಮಃ | ಓಂ ಯೋಗೀಂದ್ರಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಪುಣ್ಯಪುರುಷಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ದೇವೇಶಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಜಗದೀಶ್ವರಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಪರಮಾತ್ಮನೇ ನಮಃ | ೯ ಓಂ ಪರಸ್ಮೈ ಬ್ರಹ್ಮಣೇ ನಮಃ | ಓಂ ಸದಾನಂದಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಜಗದ್ಗುರವೇ ನಮಃ |…

శ్రీ దత్తాత్రేయాష్టోత్తరశతనామావళిః 1

|| శ్రీ దత్తాత్రేయాష్టోత్తరశతనామావళిః 1 || ఓం అనసూయాసుతాయ నమః | ఓం దత్తాయ నమః | ఓం అత్రిపుత్రాయ నమః | ఓం మహామునయే నమః | ఓం యోగీంద్రాయ నమః | ఓం పుణ్యపురుషాయ నమః | ఓం దేవేశాయ నమః | ఓం జగదీశ్వరాయ నమః | ఓం పరమాత్మనే నమః | ౯ ఓం పరస్మై బ్రహ్మణే నమః | ఓం సదానందాయ నమః | ఓం జగద్గురవే నమః |…

श्री दत्तात्रेयाष्टोत्तरशतनामावली १

|| श्री दत्तात्रेयाष्टोत्तरशतनामावली १ || ओं अनसूयासुताय नमः । ओं दत्ताय नमः । ओं अत्रिपुत्राय नमः । ओं महामुनये नमः । ओं योगीन्द्राय नमः । ओं पुण्यपुरुषाय नमः । ओं देवेशाय नमः । ओं जगदीश्वराय नमः । ओं परमात्मने नमः । ९ ओं परस्मै ब्रह्मणे नमः । ओं सदानन्दाय नमः । ओं जगद्गुरवे नमः ।…

Karwa Chauth Vrat Katha and Pooja Vidhi

।। Karwa Chauth Vrat Katha ।। There lived a woman who was raised and pampered by her seven brothers. After she attained marriageable age, her siblings got her married to a King. And as expected, she was treated like a queen at her marital home. Subsequently, on her first Karwa Chauth day, the woman visited…

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