भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत में पुष्कर का स्थान अद्वितीय है। राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित यह पवित्र नगर, भगवान ब्रह्मा के एकमात्र मंदिर और पवित्र पुष्कर सरोवर के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ विशाल पुष्कर मेला (Pushkar Fair) और महास्नान (Holy Bath) का आयोजन होता है, जिसे ‘पुष्कर स्नान’ के नाम से जाना जाता है।
मान्यता है कि इस दौरान पुष्कर सरोवर में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप भी 2025 में इस अलौकिक अनुभव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए गाइड (Guide) का काम करेगा।
पुष्कर स्नान 2025 – कब है शुभ मुहूर्त? (Shubh Muhurat)
पुष्कर स्नान मुख्यतः कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को होता है, जो पाँच दिवसीय पुष्कर मेले का समापन दिवस होता है।
- 2025 कार्तिक पूर्णिमा / पुष्कर स्नान – 5 नवंबर 2025
- पुष्कर मेला 2025 का आयोजन – 30 अक्टूबर 2025 से 5 नवंबर 2025 तक होगा।
विशेष – स्नान का सर्वाधिक शुभ समय (Auspicious Time) कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त से लेकर पूर्णिमा तिथि की समाप्ति तक रहेगा। तीर्थयात्री 30 अक्टूबर (देवउठनी एकादशी) से लेकर 5 नवंबर (कार्तिक पूर्णिमा) तक स्नान करते हैं, लेकिन पूर्णिमा का स्नान सबसे महत्वपूर्ण (Most Significant) माना जाता है।
पुष्कर स्नान का धार्मिक महत्व (Religious Significance)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, पुष्कर सरोवर का निर्माण स्वयं भगवान ब्रह्मा ने किया था। इस स्थान पर ही उन्होंने यज्ञ (Yagya) किया था। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन सभी देवी-देवता पुष्कर सरोवर में वास करते हैं।
- ब्रह्मा जी का आशीर्वाद – इस दिन स्नान करने से भगवान ब्रह्मा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो जीवन में शांति और समृद्धि (Peace and Prosperity) लाता है।
- पापमुक्ति – माना जाता है कि पुष्कर सरोवर में डुबकी लगाने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।
- तीर्थों का राजा – पुष्कर को “तीर्थों का राजा” (King of Pilgrimages) कहा जाता है। एक बार पुष्कर स्नान का पुण्य अन्य कई तीर्थों की यात्रा के समान माना जाता है।
- पुण्य लाभ – इस अवधि में दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।
पुष्कर स्नान की सही विधि (The Right Method of Bathing)
पवित्र सरोवर में स्नान करने से पहले, आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- सरोवर के पास पहुँचकर सबसे पहले हाथ में जल लेकर स्नान का संकल्प करें। भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का स्मरण करें।
- सरोवर के 52 घाटों में से किसी भी घाट पर श्रद्धापूर्वक पवित्र डुबकी लगाएं। स्नान के समय सूर्य देव को नमस्कार करें और मन में ईश्वर (God) का नाम लें।
- स्नान के बाद, स्वच्छ वस्त्र (Clean Clothes) धारण करें। सूर्य देव को जल अर्पित करें (अर्घ्य दें)।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान का विशेष महत्व है। पुष्कर सरोवर के घाट पर दीपक जलाकर प्रवाहित करें। यह आपके जीवन में सकारात्मकता (Positivity) और प्रकाश लाता है।
- स्नान के उपरांत जगतपिता ब्रह्मा जी के एकमात्र मंदिर के दर्शन अवश्य करें। इसके अलावा, रंगनाथ मंदिर और वराह मंदिर में भी दर्शन करना शुभ माना जाता है।
- अपनी क्षमतानुसार गरीब और जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। गौ-दान (Cow Donation) का भी इस दिन विशेष महत्व है।
पुष्कर मेले का आकर्षण (Attraction of Pushkar Fair)
पुष्कर स्नान, पुष्कर मेले के दौरान होता है, जो दुनिया के सबसे बड़े ऊंट और पशु मेलों में से एक है। धार्मिक आस्था के साथ यह मेला सांस्कृतिक पर्यटन (Cultural Tourism) का केंद्र भी होता है।
- पशु मेला – यहाँ हज़ारों ऊंटों, घोड़ों और मवेशियों का व्यापार होता है। ऊंटों को सजाकर परेड (Parade) कराई जाती है।
- रंगारंग कार्यक्रम – राजस्थानी लोक नृत्य, संगीत, मटका दौड़ और ऊंट की सवारी जैसी गतिविधियाँ पर्यटकों (Tourists) का मन मोह लेती हैं।
- हस्तशिल्प – मेले में राजस्थानी हस्तशिल्प, कपड़े और गहनों की खरीदारी का एक बेहतरीन अवसर मिलता है।
कैसे पहुँचें पुष्कर? (How to Reach Pushkar?)
पुष्कर भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
- वायु मार्ग (By Air) – सबसे निकटतम हवाई अड्डा (Nearest Airport) जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (Jaipur International Airport) है, जो यहाँ से लगभग 145 किमी दूर है।
- रेल मार्ग (By Train) – पुष्कर का अपना रेलवे स्टेशन है, लेकिन अजमेर रेलवे स्टेशन (लगभग 15 किमी दूर) एक प्रमुख जंक्शन है, जहाँ देश के हर कोने से ट्रेनें आती हैं।
- सड़क मार्ग (By Road) – अजमेर से पुष्कर के लिए नियमित बसें और टैक्सी सेवाएं (Taxi Services) उपलब्ध हैं।
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