रामायण आवाहन दोहे PDF

रामायण आवाहन दोहे PDF

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Shri RamBhajan (भजन संग्रह)संस्कृत

रामायण आवाहन दोहे बिनु सतसंग बिबेक न होई, राम कृपा बिनु सुलभ न सोई, सतसंगत मुद मंगल मूला, सोइ फल सिधि सब साधन फूला || मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी || आत्माधारं स्वतन्त्रं च सर्वशक्तिं विचिन्त्य च, चिन्तयेच्चेतसा नित्यं श्रीरामःशरणं मम || एक अनीह अरूप अनामा, अज सच्चिदानंद पर धामा, ब्यापक...

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रामायण आवाहन दोहे
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