|| सांझी माता की आरती ||
आरता री आरता,
सांझी माई आरता,
आरता के मूर्ख,
चमेली का डोरा,
डोरा री डोरा,
सांझी का भैया गोरा,
गोरी बावड़िया,
चमके चुड़ला,
अस्सी तेरे पान,
पिचासी तेरे ……
नो नोर्ते देवी के,
सोलह कनागत पितरो के,
उठ मेरी देवी खोल किवाड़,
पूजन आये तेरे दरबार,
पूजा-पाठ के क्या मांगे,
भाई भतीजे सब परिवार,
टोकरी में अड़िया बढ़िया,
सांझी का मुँह पन्नो बढ़िया,
दे री दे, सीता राम की अटरिया,
मैने बोयी थी कचरिया,
कच्ची कचरिया कड़वा तेल,
दुधो मैय्या पूतो तेल,
जग सांझी जग, तेरे माथे लगे भाग
तुझे दिल्ली शहर से बुलाने आये,
भेर पत्यारी गहना लाये,
क्या मेरी सांझी पहनेगी,
क्या मेरी समझेगी ओड़ेहेगी,
शाल धुशाला ओडेहेगी,
सोना चांदी पहनेगी,
मेरी सांझी के अयस्क
धोरे हरि भारी चोलै,
मैं तेरे से पूछो
सांझी मिया केइक तेरे भाई,
मात्र पंच पचा
भतीजे नो दास भाई,
मेरे नो दसो का अनडन
सांसारिक, सातो की सगाई,
कचेरी में बैठान वाले
पंच मेरे भाई.
|| बोलो सांझी मिया की जय..||
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