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संकटमोचन हनुमान – कलियुग में सबसे तेज़ फल देने वाली पूजा विधि! (Sankatmochan Hanuman, The Fastest Worship Method in Kaliyuga!)

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जय श्री राम! दोस्तों, हम सब जानते हैं कि यह कलियुग (Kaliyuga) है, जहाँ जीवन में पग-पग पर चुनौतियाँ और संकट खड़े रहते हैं। इस भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में, हमें एक ऐसे संबल की ज़रूरत होती है, जो हमारी हर मुश्किल को चुटकियों में हर ले। और इस युग में, साक्षात जागृत देव और सबसे तेज़ फल देने वाले देवता हैं – संकटमोचन हनुमान जी!

उन्हें ‘चिरंजीवी’ होने का वरदान प्राप्त है, जिसका मतलब है कि वह आज भी सशरीर पृथ्वी पर मौजूद हैं। इसलिए, उनकी पूजा का फल इतना शीघ्र (instant) और प्रभावशाली होता है।

क्यों है हनुमान जी की पूजा सबसे तेज़? (Why is Hanuman’s Puja Fastest?)

हनुमान जी को ‘संकटमोचन’ कहा जाता है। वह भगवान राम के परम भक्त हैं, जो हर पल अपने भक्तों की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं।

  • चिरंजीवी – वह इस युग में भी हमारे बीच हैं, इसलिए हमारी प्रार्थना सीधे उन तक पहुँचती है।
  • शक्ति और समर्पण – उनकी भक्ति में अपार शक्ति है। वह मंगल और शनि जैसे क्रूर ग्रहों के दोषों को भी शांत कर देते हैं।
  • राम नाम का बल – उनकी पूजा में ‘राम नाम’ का जाप शामिल होता है, जो अपने आप में एक महामंत्र है।

संकटमोचन हनुमान पूजा की विशेष विधि (The Special Puja Method)

अगर आप जीवन में किसी बड़े संकट (Major Problem) से घिरे हैं या किसी मनोकामना को जल्द पूरा करना चाहते हैं, तो मंगलवार या शनिवार के दिन नीचे बताई गई विधि से पूजा करें।

  • ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय से पहले स्नान कर स्वच्छ (clean) लाल या पीले वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करें। हनुमान जी की मूर्ति/तस्वीर को चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें।
  • दाहिने हाथ में जल, अक्षत (चावल) और फूल लेकर अपनी मनोकामना (wish) बोलें और कहें कि आप यह पूजा हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कर रहे हैं। फिर उस जल को ज़मीन पर छोड़ दें।
  • हनुमान जी को केसर मिश्रित चंदन और चमेली के तेल में मिला हुआ सिन्दूर (चोला) अर्पित करें। लाल रंग के फूल, जैसे गुलाब या गुड़हल, और तुलसी दल (पत्ते) अर्पित करें।
  • हनुमान जी को गुड़-चना, बूंदी के लड्डू या शुद्ध घी के बने बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। तुलसी दल (Tulsi leaves) भोग पर रखना न भूलें। उन्हें पान का बीड़ा (Banarasi Paan) अर्पित करना भी शुभ माना जाता है।
  • शुद्ध घी या चमेली के तेल का दीपक जलाएं। रुद्राक्ष की माला से कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप करें: “ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।” या “ॐ श्री हनुमंते नमः।”
  • हनुमान चालीसा का 11 या 21 बार पाठ करें। अगर समय हो, तो सुंदरकांड (Sunderkand) का पाठ करें। सुंदरकांड का पाठ तो साक्षात समस्याओं का अंत करने वाला माना गया है।
  • हनुमान चालीसा के बाद हाथ जोड़कर इस चौपाई का पाठ करें: “संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।”
  • अंत में, हनुमान जी की आरती करें और भोग सभी में प्रसाद के रूप में वितरित (distribute) करें। हाथ जोड़कर अपनी गलतियों और पूजा में हुई त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें।

कलियुग में तुरंत फल के लिए अचूक उपाय (Ultimate Tips for Instant Results)

पूजा विधि के साथ ये कुछ उपाय आपके जीवन को बदल सकते हैं:

  • बजरंग बाण का पाठ – यदि शत्रु या कोर्ट-कचहरी से संबंधित कोई बड़ी समस्या है, तो 41 दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ करें।
  • राम नाम लेखन – एक कागज़ पर 108 बार राम नाम लिखें और उसे मोड़कर हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर दें। यह कार्य आपके हर बिगड़े काम को बना देगा।
  • हनुमान जी का दर्शन – प्रतिदिन या मंगलवार/शनिवार को हनुमान मंदिर जाकर उनके दर्शन करें और 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • स्वच्छता – हनुमान जी की पूजा में स्वच्छता (cleanliness) और मन की पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। पूजा के दौरान मन में किसी के प्रति बुरा विचार न लाएं।

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