|| आरती ||
जय शारदे माता
मईया जय शारदे माता,
तेरा करूँ मैं वंदन
पार हो भव बाधा
जय शारदे माता
तूं विद्या की दात्री,
बुद्धि प्रखर कर दे…..मईया
स्वर कोकिल सा कर दे
राग रंग भर दे।
……ऊँ जय शारदे माता।।
पद्मासन पे विराजे
श्वेत वस्त्र धारे…..मईया
मुख पर तेज तिहारे
हस्त विणा राजे।
…….ऊँ जय शारदे माता।।
आदिशक्ति तूं माता
दुर्गा सीया काली…. मईया
ज्ञान की ज्योति जला माँ
करती रखवाली।
………ऊँ जय शारदे माता।।
साहस शील तुम्ही से
बल विक्रम देती….मईया
स्वर रूपी गंग बहाकर
सब दुख हर लेती।
………ऊँ जय शारदे माता।।
संयम सत्य की देवी
स्नेह दया भर दे….मईया
बल पौरुष तूं भर दे
ज्ञान प्रखर कर दे।
……..ऊँ जय शारदे माता।।
तुम बीन कौन सहायक
अभ्यर्थी का माता…मईया
बीन तेरी कृपा कैसे
ज्ञान भक्ति पाता।
……..ऊँ जय शारदे माता।।
श्री शारदे जी की आरती
जो कोई नर गावै…मईया
इस जग में सम्मानित
सुख सम्पत्ति पावै।
……..ऊँ जय शारदे माता।।
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