|| आरती ||
जै शीतला माता मैया जै शीतला माता ।
दुख निवारण वाली सुख की वरदाता ।।
ॐ जय शीतला माता…।
गर्दभ तुमरा वाहन शांत सदा रहता ।।
दुख दरिद्रता हरता कष्ट सभी सहता ।।
ॐ जय शीतला माता…।
चामुंडा कहलाईं अद्भुत रूप धरा ।।
नग्न रूप में रहतीं जल हथ कलश भरा ।।
ॐ जय शीतला माता…।
रोम रोम में प्रगटो विस्फोटक शक्ति ।।
निर्भय होकर रहतीं मुक्त करो हंसती ।।
ॐ जय शीतला माता…।
जब तक तुमरा पहरा स्वच्छ रहे आन ।।
नीम की पत्ती भावे झाड़ू मन भावन ।।
ॐ जय शीतला माता…।
तीखा रस नहीं भावे बासी स्वाद लगे ।।
कच्चे दूध की लस्सी सेवा भाव जगे ।।
ॐ जय शीतला माता…।
ऋषि मुनि जन तुमरी महिमा गाई ।।
धन्वंतरी ने ध्याया चामुंडा माई ।।
ॐ जय शीतला माता…।
चैत्र में मेला लगता हर मंदिर भारी ।।
सोमवार की पूजा करते नर नारी ।।
ॐ जय शीतला माता…।
तेरे तालाब की माटी अंग लगाए जो ।।
“ओम” कभी जीवन में कष्ट ना पाए वो।।
ॐ जय शीतला माता…।
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