“सिद्धशारदास्तुतिः” एक संस्कृत स्तोत्र है जो विद्या और ज्ञान की देवी माँ शारदा (सरस्वती) की स्तुति में रचा गया है। यह स्तुति साधकों द्वारा माँ सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से पढ़ी जाती है ताकि वे ज्ञान, बुद्धि और कला के क्षेत्र में सिद्धि प्राप्त कर सकें।
इसका नाम ‘सिद्धशारदा’ इंगित करता है कि यह स्तुति स्वयं में सिद्ध है और इसे पढ़ने वाले को देवी की कृपा से वांछित सफलता प्राप्त होती है। “PDF” प्रारूप में इसका हिंदी अनुवाद अक्सर संस्कृत पाठ के साथ उपलब्ध होता है, जिससे हिंदी भाषी पाठकों के लिए इसे पढ़ना और समझना आसान हो जाता है, और वे भक्तिभाव से इसका पाठ कर पाते हैं।
|| सिद्ध शारदा स्तुति (Siddha Sharada Stuti PDF) ||
सरस्वतीं शारदां च कौमारीं ब्रह्मचारिणीम् ।
वागीश्वरीं बुद्धिदात्रीं भारतीं भुवनेश्वरीम् ॥ १॥
चन्द्रघण्टां मरालस्थां जगन्मातरमुत्तमाम् ।
वरदायिनीं सदा वन्दे चतुर्वर्गफलप्रदाम् ॥ २॥
द्वादशैतानि नामानि सततं ध्यानसंयुतः ।
यः पठेत् तस्य जिह्वाग्रे नूनं वसति शारदा ॥ ३॥
इति श्री “द्विजेन्द्र”कविकृता सिद्धशारदास्तुतिः समाप्ता ।
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