|| सुब्रह्मण्य अपराध क्षमापण स्तोत्रम् ||
नमस्ते नमस्ते गुह तारकारे
नमस्ते नमस्ते गुह शक्तिपाणे ।
नमस्ते नमस्ते गुह दिव्यमूर्ते
क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 1 ॥
नमस्ते नमस्ते गुह दानवारे
नमस्ते नमस्ते गुह चारुमूर्ते ।
नमस्ते नमस्ते गुह पुण्यमूर्ते
क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 2 ॥
नमस्ते नमस्ते महेशात्मपुत्र
नमस्ते नमस्ते मयूरासनस्थ ।
नमस्ते नमस्ते सरोर्भूत देव
क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 3 ॥
नमस्ते नमस्ते स्वयं ज्योतिरूप
नमस्ते नमस्ते परं ज्योतिरूप ।
नमस्ते नमस्ते जगं ज्योतिरूप
क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 4 ॥
नमस्ते नमस्ते गुह मंजुगात्र
नमस्ते नमस्ते गुह सच्चरित्र ।
नमस्ते नमस्ते गुह भक्तमित्र
क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 5 ॥
नमस्ते नमस्ते गुह लोकपाल
नमस्ते नमस्ते गुह धर्मपाल ।
नमस्ते नमस्ते गुह सत्यपाल
क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 6 ॥
नमस्ते नमस्ते गुह लोकदीप
नमस्ते नमस्ते गुह बोधरूप ।
नमस्ते नमस्ते गुह गानलोल
क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 7 ॥
नमस्ते नमस्ते महादेवसूनो
नमस्ते नमस्ते महामोहहारिन् ।
नमस्ते नमस्ते महारोगहारिन्
क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 8 ॥
इति श्री सुब्रह्मण्य अपराधक्षमापण स्तोत्रम् ॥
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