माता वैष्णो देवी चालीसा
॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धाम | काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम || ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो वरदानी, कलि काल मे शुभ कल्याणी। मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी, पिंडी रूप में हो अवतारी॥ देवी देवता अंश दियो है, रत्नाकर घर जन्म लियो है। करी तपस्या राम को पाऊं, त्रेता…