दर्श अमावस्या हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह दिन पितृ तर्पण, श्राद्ध और आध्यात्मिक शुद्धि के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्रमा पूरी तरह से अदृश्य होता है और हमारे पूर्वज (पितृ) पृथ्वी के सबसे करीब होते हैं।
जहां इस दिन कुछ खास उपाय करने से सुख-समृद्धि मिलती है, वहीं अनजाने में की गई कुछ गलतियां भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं। आइए जानते हैं वे 10 काम जो आपको दर्श अमावस्या के दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए।
दर्श अमावस्या पर न करें ये 10 गलतियां
1. घर में कलह और विवाद
अमावस्या के दिन घर का वातावरण शांत और पवित्र होना चाहिए। इस दिन किया गया झगड़ा न केवल आपके पितरों को दुखी करता है, बल्कि घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास भी बढ़ा देता है। कोशिश करें कि इस दिन क्रोध पर नियंत्रण रखें।
2. मांस और मदिरा का सेवन
यह दिन सात्विकता का प्रतीक है। दर्श अमावस्या पर तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली या शराब का सेवन करना वर्जित है। ऐसा करने से कुंडली में पितृ दोष बढ़ सकता है और आपके कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं।
3. बाल और नाखून काटना
शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के दिन शरीर की सफाई के नाम पर बाल कटवाना, दाढ़ी बनाना या नाखून काटना शुभ नहीं माना जाता। इसे आर्थिक तंगी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण माना गया है।
4. सुनसान रास्तों पर जाने से बचें
माना जाता है कि अमावस्या की रात को नकारात्मक शक्तियां सबसे अधिक सक्रिय होती हैं। इसलिए, रात के समय किसी श्मशान घाट, कब्रिस्तान या सुनसान चौराहे के पास जाने से बचना चाहिए।
5. ब्रह्मचर्य का उल्लंघन
धार्मिक दृष्टि से दर्श अमावस्या एक साधना का दिन है। इस दिन पति-पत्नी को संयम रखना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। गरुड़ पुराण के अनुसार, इस दिन के नियमों का उल्लंघन संतान और सौभाग्य के लिए शुभ नहीं होता।
6. दूसरों की बुराई या झूठ बोलना
अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें। अमावस्या के दिन किसी की पीठ पीछे बुराई करना या झूठ बोलना आपके पुण्यों को क्षीण कर देता है। इस दिन केवल सत्य और मधुर वचन बोलने चाहिए।
7. तुलसी के पत्ते तोड़ना
अमावस्या तिथि पर तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित है। तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है और अमावस्या पर इन्हें तोड़ना अशुभ माना जाता है। यदि पूजा के लिए पत्ते चाहिए हों, तो एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।
8. देर तक सोना
अमावस्या की सुबह को आलस्य में नहीं बिताना चाहिए। सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना और पितरों का ध्यान करना श्रेष्ठ होता है। देर तक सोने से शरीर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और सौभाग्य दूर भागता है।
9. दान का अपमान न करें
अगर इस दिन कोई जरूरतमंद या भिखारी आपके द्वार पर आए, तो उसे खाली हाथ न भेजें। अपनी क्षमता अनुसार अनाज या धन का दान करें। किसी गरीब का अपमान करना पितरों को रुष्ट कर सकता है।
10. नए कार्यों की शुरुआत
दर्श अमावस्या को किसी नए व्यवसाय, गृह प्रवेश या बड़े निवेश के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता। चूँकि इस दिन चंद्रमा का बल न्यूनतम होता है, इसलिए मानसिक एकाग्रता की कमी रह सकती है। महत्वपूर्ण कार्यों को एक-दो दिन के लिए टालना ही बेहतर है।
दर्श अमावस्या का विशेष महत्व
इस दिन का मुख्य उद्देश्य अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है। यदि आप ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखते हैं और श्रद्धापूर्वक पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाते हैं, तो आपके जीवन के कष्ट कम हो सकते हैं।
याद रखें – अमावस्या केवल डरने का दिन नहीं, बल्कि आत्म-चिंतन और पूर्वजों का आशीर्वाद लेने का एक पावन अवसर है।
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