|| वैदिक मंत्र PDF ||
वैदिक मंत्र हिन्दू धर्म की आध्यात्मिक विरासत के मूल स्तंभ हैं, जो ऊर्जा, शुद्धि और दिव्यता का संचार करते हैं। पूर्णाहुति मंत्र यज्ञ की पूर्णता का प्रतीक होता है, जो देवताओं को अंतिम आहुति समर्पित करते समय बोला जाता है। यह मंत्र ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ने का माध्यम है। पवमान मंत्र, जिसे ‘सोम मंत्र’ भी कहा जाता है, आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक जागरण में सहायक है। इसका पाठ मानसिक दोषों को दूर कर दिव्य चेतना प्रदान करता है। शिव षडाक्षरी मंत्र – “ॐ नमः शिवाय”, शिव की स्तुति का अत्यंत प्रभावशाली और पवित्र मंत्र है, जो मोक्ष और आंतरिक शांति की प्राप्ति कराता है। वहीं स्वस्तिक मंत्र शुभता, समृद्धि और मंगलकामना का प्रतीक है। इन वैदिक मंत्रों का नियमित जाप जीवन में संतुलन, सकारात्मकता और आध्यात्मिक उन्नति लाता है।
पूर्णाहुति मंत्र
ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
पवमान मंत्र
ॐ असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मा अमृतं गमय।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
शिव षडाक्षरी मंत्र
ॐ नम शिवाय
स्वस्तिक मंत्र
ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
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